Class IX, Hindi Vallari, Third Language, Karnataka Board, KSEEB, Chapter Sadak Ki Raksha, Sankalit, सड़क की रक्षा – सबकी सुरक्षा (कहानी) संकलित

अच्छे नागरिक होने के नाते हर एक को अपने कर्तव्यों का ध्यान रखना चाहिए जिससे दूसरों को हमारे कारण कोई कष्ट न उठाना पड़े। इस पाठ में सड़क की सुरक्षा, सफाई आदि पर प्रकाश डालते हुए नागरिक के प्रमुख कर्तव्य के प्रति छात्रों को सचेत किया गया है।

सड़क की रक्षा – सबकी सुरक्षा

विभु नौवीं कक्षा में पढ़ रहा था। उसे साढ़े नौ बजे तक स्कूल पहुँचना था। उसकी साइकिल खराब हो गयी थी। इसलिए वह सड़क पर जल्दी-जल्दी दौड़ता हुआ जा रहा था। सड़क पर किसी ने केले का छिलका फेंक दिया था। हमेशा सबको सफाई का ध्यान रखना चाहिए, मगर कुछ लोग ऐसा नहीं करते। कभी-कभी वे अपने नागरिक के कर्तव्य को भूल जाते हैं। विभु का पाँव छिलके पर पड़ते ही वह फिसलकर गिर पड़ा। चोट लगी, कपड़े गंदे हो गये तो वह उदास हो गया।

‘उठो बेटा, उदास मत होओ’ – कहीं से आवाज़ आयी। उसने आगे-पीछे देखा। आस-पास कोई दिखाई नहीं दिया। दूर-दूर तक कोई नहीं था। विभु चौंक गया। इतने में सड़क फिर से बोली – “बेटा, मैं सड़क बोल रही हूँ। चोट तुम्हें ही नहीं, मुझे भी लगी है। मुझे तो हमेशा चोट लगती रहती है। आदमी, ताँगे, जानवर, मोटर गाड़ियाँ चौबीसों घंटे मेरे ऊपर चलते रहते हैं। लोग ढेर- सारा कूड़ा-कचरा डालते रहते हैं। वे बड़ी निर्ममता से मुझे काट भी देते हैं और महीनों-महीनों मेरे घाव नहीं भरते।” सड़क जब यह सब बोल रही थी तब रो रही थी।

विभु को जैसे साँप सूँघ गया। इधर-उधर देखा। दो-तीन जगहों में सड़क को आर-पार काटा गया था। मोड़ पर बड़े-बड़े पत्थर गिराये गये थे। ‘जल पूर्ति विभाग’ ने और नये-नये मकान बनानेवालों ने सड़क को काटने का काम किया था। ‘सार्वजनिक कार्य विभाग’ के निर्माण कार्य के कारण सड़क के एक-तिहाई भाग पर पत्थर गिरे थे, बीच-बीच में विभु ने कई गड्ढे भी देखे। उसने सोचा कि सड़क को सरकारी विभागों की सुरक्षा चाहिए। नगरपालिका से सफाई एवं देखरेख भी चाहिए।

विभु सड़क की व्यथा को अनुभव कर दुखी हो गया। उसको लगा कि सड़क कितना सहती है, फिर भी सबको जोड़ने की उदारता दिखाती है। कहीं कच्ची है, कहीं डामरवाली है तो कहीं कंक्रीट की बनी हुई है। सड़क को कभी अपने रूप की चिंता नहीं बल्कि लोगों की सुविधा की चिंता है। मगर लोगों को सड़क की ज़रा सी भी परवाह नहीं।

विभु ने सड़क को सांत्वना देते हुए कहा “मत रो माँ! तुम्हारी खुशी के लिए हम क्या कर सकते हैं? कोई उपाय बताओ।” सड़क वात्सल्य भाव से बोली- “बेटा, मैं चाहती हूँ कि लोगों में सड़क की सुरक्षा का भाव हो। मेरी सूरत न बिगाड़ें। सफाई का ध्यान रखें तथा यातायात के नियमों का पालन करें।

विभु को लगा कि लोगों के अत्याचार से सड़क को मुक्ति दिलानी चाहिए। सड़क की सुरक्षा, सफाई एवं देखभाल के प्रति लोगों में जागृति लानी चाहिए। सड़क के साथ अन्याय करनेवालों पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि वे अपने नागरिक कर्तव्य के प्रति सचेत रहे। लोगों को यह सोचने के लिए मजबूर करना चाहिए कि सड़क की सुरक्षा में सरकारी विभागों के साथ उनका भी सहयोग रहे। इसके साथ-साथ सड़क को तोड़ने, काटने तथा गंदा करनेवालों को एहसास दिलाना चाहिए कि उनके कारण सड़क को कितना कष्ट होता है।

विभु ने तय किया कि वह अपने साथियों से चर्चा करके, अपने अध्यापक के मार्गदर्शन में इस दिशा में कुछ प्रयास अवश्य करेगा। इस प्रकार सोचते-सोचते वह स्कूल की ओर चल पड़ा, भले ही चलने में उसे थोड़ी-सी देर हो गयी थी।

शब्दार्थ :

चोट – घाव, जख्म

उदास – खिन्न, दुखी

चौंकना – चकित होना

कूड़ा- कचरा, रद्दी

गड्ढा – गहरी ज़मीन, गर्त

देखरेख – परवाह, रख रखाव

कच्ची – अपरिपक्व, अपूर्ण, कमज़ोर

डामर – तारकोल, Tar

कंक्रीट – Concrete, रेत + चूना + कंकड़ का मिश्रण, (कंकड़ पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े)

सुविधा – आराम

परवाह – चिंता, फिक्र,

सांत्वना – तसल्ली, आश्वासन

सूरत – मुख, रूप

देखभाल – देखरेख

कार्रवाई – कार्य, विधि सम्मत कार्य, Action

सचेत – जागृत, सजग

मजबूर – विवश, असहाय

एहसास – अनुभूति, महसूस

तय करना – निश्चय करना, निर्णय करना

प्रयास – प्रयत्न, कोशिश

सूरत बिगाड़ना – कुरूप बनाना।

मुहावरे :-

  1. घाव भरना – गड्ढों को भरना, शरीर पर हुआ घाव ठीक होना
  2. साँप सूँघ जाना – निष्क्रिय हो जाना, बेदम हो जाना

विशेष सूचना :-

  1. जल पूर्ति विभाग – Water Supply Department
  2. सार्वजनिक कार्य विभाग – PWD – Public Works Department

I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :-

  1. विभु कौन – सी कक्षा में पढ़ रहा था?

उत्तर – विभु नौवीं कक्षा में पढ़ रहा था।

  1. सड़क पर किसी ने क्या फेंक दिया था?

उत्तर – सड़क पर किसी ने केले का छिलका फेंक दिया था।

  1. सड़क के बीच-बीच में विभु ने क्या देखा?

उत्तर – सड़क के बीच-बीच में विभु ने बहुत सारे गड्ढे देखे।

  1. सड़क को किसकी चिंता नहीं है?

उत्तर – सड़क को कभी अपने रूप या आकृति की चिंता नहीं है।

  1. सड़क के साथ अन्याय करनेवालों पर क्या होनी चाहिए?

उत्तर – सड़क के साथ अन्याय करनेवालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

  1. विभु ने किसके मार्गदर्शन में प्रयास करने की बात सोची?

उत्तर – विभु ने अपने अध्यापक के मार्गदर्शन में प्रयास करने की बात सोची।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :-

  1. विभु क्यों दौड़ता हुआ स्कूल जा रहा था?

उत्तर – नौवीं कक्षा के छात्र विभु को अपने स्कूल सुबह 09.30 बजे पहुँचना था परंतु उसकी साइकिल खराब हो गई थी। वह स्कूल समय से पहुँच सके इसलिए वह दौड़ता हुआ स्कूल जा रहा था।

  1. विभु क्यों चौंक गया?

उत्तर – सड़क पर विभु का पाँव केले के छिलके पर पड़ते ही वह फिसलकर गिर पड़ा। उसे चोट लगी, कपड़े गंदे हो गए तो वह उदास हो गया। इस पर कहीं से आवाज़ आई “उठो बेटा, उदास मत होओ”। उसने इस आवाज का स्रोत जानने के लिए अपने आस-पास, आगे-पीछे देखा परंतु दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दिया इसलिए विभु चौंक गया।

  1. लोग सड़क के प्रति अपनी निर्ममता कैसे प्रकट करते हैं?

उत्तर – आदमी, ताँगे, जानवर, मोटर गाड़ियाँ चौबीसों घंटे सड़क पर चलते रहते हैं। लोग ढेर सारा कूड़ा-कचरा सड़क पर डालते रहते हैं। वे बड़ी निर्दयता से सड़क को काट भी देते हैं। इस तरह से लोग सड़क के प्रति अपनी निर्ममता प्रकट करते हैं।

  1. सड़क को काटने का काम किसने किया था?

उत्तर – सड़क को तीन जगहों से आर-पार काटा गया था। सड़क को काटने का काम ‘जल पूर्ति विभाग’ ने और नए-नए मकान बनानेवाले ‘सार्वजनिक कार्य विभाग’ ने किया था।

  1. विभु ने सड़क को सांत्वना देते हुए क्या कहा?

उत्तर – विभु ने सड़क को सांत्वना देते हुए कहा, “मत रो माँ! तुम्हारी खुशी के लिए हम क्या कर सकते हैं? कोई उपाय बताओ।”

  1. विभु ने अंत में क्या तय किया?

उत्तर – विभु ने अंत में यह तय किया कि सड़क की मरम्मत तथा सड़क नियम पालन के संदर्भ में वह अपने साथियों से चर्चा करेगा और अपने अध्यापक के मार्गदर्शन में इस दिशा में कुछ प्रयास अवश्य करेगा।

III. रिक्त स्थान भरिए :-

  1. विभु को ___________ बजे तक स्कूल पहुँचना था।

उत्तर – साढ़े नौ

  1. वह ___________ पर दौड़ता हुआ जा रहा था।

उत्तर – सड़क पर जल्दी-जल्दी

  1. सड़क को तो हमेशा ___________ लगती रहती है।

उत्तर – चोट

  1. लोग महीनों – महीनों सड़क के ___________ नहीं भरते।

उत्तर – घाव

  1. लोगों में सड़क की ___________ का भाव हो।

उत्तर – सुरक्षा

  1. लोग ___________ का ध्यान रखें।

उत्तर – सफ़ाई

IV.अन्य वचन रूप लिखिए :-

उदा: 1. केला केले – 1. लोग – लोग 1. आवाज़ आवाजें

  1. छिलका – छिलके
  2. पाँव – पाँव
  3. सड़क – सड़कें
  4. ताँगा – ताँगे
  5. जानवर – जानवर
  6. चोट – चोटें
  7. महीना – महीने
  8. घाव – घाव
  9. सूरत – सूरतें
  10. घंटा – घंटे
  11. उपाय – उपाय
  12. जगह – जगहें

V.यातायात साधनों के नाम लिखिए :-

सड़क पर चलनेवाले – बस, ट्रक, ऑटो-रिक्शा, मोटर साइकिल, मोटर कार

पटरी पर – रेलगाड़ी

पानी पर – जहाज, बोट, स्टीमर 

आसमान में – हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर, लड़ाकू विमान 

 VI.दो-दो पर्यायवाची शब्द ढूँढ़कर लिखिए :-

(रास्ता, शुद्ध, मानव, नीर, संतोष, चेहरा, दोस्त, विद्यालय, मित्र, मुख, पाठशाला, आनंद, जल, मनुष्य, स्वच्छ, राह)

जैसे : सड़क – रास्ता, राह

  1. साफ – शुद्ध, स्वच्छ
  2. खुशी – संतोष, आनंद,
  3. स्कूल – विद्यालय, पाठशाला,
  4. साथी – दोस्त, मित्र,
  5. सूरत – चेहरा, मुख,
  6. आदमी – मानव, मनुष्य,
  7. पानी – नीर, जल,

VII. किन-किन फलों को छिलके के साथ खा सकते हैं? किनको नहीं? एक सूची बनाइए :-

छिलके के साथ छिलका निकालकर

जैसे :

  1. सेब 1. केला
  2. अमरूद 2. संतरा
  3. अंगूर 3. आम
  4. बेर 4. अनार
  5. जामुन 5. पपीता

निर्देश : छिलका निकालने के बाद छिलके को कूड़ेदानी में ही डाले।

VIII. सार्थक वाक्य बनाइए :-

  1. पहुँचना था उसे तक बजे साढ़े नौ स्कूल।

उत्तर – उसे साढ़े नौ बजे तक स्कूल पहुँचना था।

  1. जाते नागरिक कर्तव्य हैं अपने भूल वे।

उत्तर – वे अपने नागरिक के कर्तव्य को भूल जाते हैं।

  1. बड़े – बड़े गिराये पत्थर पर गये मोड़ थे।

उत्तर – मोड़ पर बड़े-बड़े पत्थर गिराये गये थे।

  1. परवाह मगर की सड़क ज़रा सी भी नहीं को लोगों।

उत्तर – मगर लोगों को सड़क की ज़रा सी भी परवाह नहीं।

  1. बोली भाव सड़क वात्सल्य से।

उत्तर – सड़क वात्सल्य भाव से बोली।

IX. पाठ में से दवित्व शब्दों को चुनकर लिखिए :-

जैसे: 1. जल्दी – जल्दी

  1. कभी – कभी
  2. जल्दी-जल्दी
  3. कभी-कभी
  4. आस-पास
  5. दूर-दूर
  6. महीनों-महीनों
  7. बड़े-बड़े
  8. साथ-साथ
  9. सोचते-सोचते

X.वर्ग पहेली से यातायात के साधनों के नाम चुनकर लिखिए :-

  1. रेलगाड़ी
  2. बस
  3. स्कूटर
  4. ट्रक
  5. जहाज
  6. विमान
  7. ऑटो
  8. कार
  9. रोकेट

 

XI. सड़क ने अपने बारे में विभु को बताया। अब आप आपने बारे में लिखिए :-

  1. आपका नाम क्या है?

उत्तर – मेरा नाम अभिनव कर्णाड है।

  1. आपकी उम्र कितनी है?

उत्तर – मेरी उम्र 14 साल है।

  1. कौन – सी कक्षा में पढ़ते हैं?

उत्तर – मैं कक्षा नवीं में पढ़ता हूँ।

  1. स्कूल का नाम क्या है?

उत्तर – मेरे स्कूल का नाम हरिहर उच्च प्राथमिक विद्यालय है।

  1. आपको स्कूल कितने बजे पहुँचना है?

उत्तर – मुझे स्कूल में सुबह 09:30 बजे पहुँचना होता है।

  1. आपके कितने मित्र हैं?

उत्तर – मेरे तीन मित्र हैं।

  1. क्या वे कभी आपकी सहायता करते हैं?

उत्तर – हाँ, मेरे मित्र मेरी मदद करते हैं।

  1. अपने किसी एक मित्र का नाम लिखिए।

उत्तर – ‘मणि’ मेरे मित्र का नाम है।

XI. सड़क ने अपने बारे में विभु को बताया। अब आप आपने बारे में लिखिए :-

  1. आपका नाम क्या है?

उत्तर – मेरा नाम अभिनव कर्णाड है।

  1. आपकी उम्र कितनी है?

उत्तर – मेरी उम्र 14 साल है।

  1. कौन – सी कक्षा में पढ़ते हैं?

उत्तर – मैं कक्षा नवीं में पढ़ता हूँ।

  1. स्कूल का नाम क्या है?

उत्तर – मेरे स्कूल का नाम हरिहर उच्च प्राथमिक विद्यालय है।

  1. आपको स्कूल कितने बजे पहुँचना है?

उत्तर – मुझे स्कूल में सुबह 09:30 बजे पहुँचना होता है।

  1. आपके कितने मित्र हैं?

उत्तर – मेरे तीन मित्र हैं।

  1. क्या वे कभी आपकी सहायता करते हैं?

उत्तर – हाँ, मेरे मित्र मेरी मदद करते हैं।

  1. अपने किसी एक मित्र का नाम लिखिए।

उत्तर – ‘मणि’ मेरे मित्र का नाम है।

XII. अंकों को हिंदी शब्दों में लिखिए :-

 उदाहरण : एक तिहाई

एक चौथाई

आधा

तीन चौथाई

डेढ़

पौने दो

अढ़ाई

XIII. अनुरूपता :

  1. साइकिल : दो पहिया :: कार: चार पहिये
  2. कभी-कभी : द्विरुक्ति :: आर-पार : युग्म शब्द
  3. रेलगाड़ी : पटरी :: साइकिल : सड़क
  4. निर्ममता : रेफ शब्द :: प्रकार : नीचे पदेन

भाषा ज्ञान

वाक्य तथा वाक्य के प्रकार

पूर्ण भाव प्रकट करनेवाला शब्द समूह ‘वाक्य’ कहलाता है। प्रत्येक वाक्य में कम से कम दो शब्दों का होना अनिवार्य है। जैसे – 1. सूरज निकला। 2. वह आया।

वाक्य के दो अंग – उद्देश्य, विधेय

उद्देश्य – कर्ता से संबंधित होता है।

उदाहरण : कविता गाती है।

उद्देश्य – कविता

विधेय – गाती है

विधेय – कर्म और क्रिया से संबंधित होता है।

 

संरचना के अनुसार

वाक्य के प्रकार –

  1. संरचना के अनुसार :
  2. साधारण वाक्य / सरल वाक्य
  3. मिश्र वाक्य
  4. संयुक्त वाक्य
  5. अर्थ के अनुसार –
  6. विधानार्थक वाक्य
  7. प्रश्नार्थक वाक्य
  8. निषेधार्थक वाक्य
  9. आज्ञार्थक वाक्य
  10. इच्छार्थक वाक्य
  11. संदेहार्थक वाक्य
  12. संकेतार्थक वाक्य
  13. विस्मयादिबोधक वाक्य
  14. संरचना के अनुसार :-

साधारण वाक्य / सरल वाक्य : जिस वाक्य में केवल एक उद्देश्य और एक ही विधेय होता है उसे सरल वाक्य कहते हैं। यह एक ही क्रिया के साथ बननेवाला स्वतंत्र वाक्य होता है।

उदाहरण : सलमान स्कूल जाता है।

  1. मिश्र वाक्य : जिस वाक्य में एक प्रधान वाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित वाक्य होते हैं।

उदाहरण : सड़क ने कहा कि लोगों में सड़क की सुरक्षा का भाव हो।

सड़क ने कहा प्रधान वाक्य है। लोगों में सड़क की सुरक्षा का भाव हो आश्रित वाक्य है।

विशेष सूचना : आश्रित वाक्य से पूर्व कि, जो, क्योंकि, जब, यद्यपि आदि संयोजक आते हैं।

  1. संयुक्त वाक्य : जिस वाक्य में दो या दो से अधिक साधारण वाक्य अथवा मिश्रवाक्य होते हैं, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।

उदाहरण : लोग बड़ी निर्ममता से मुझे काट देते हैं और वे महीनों-महीनों मेरे घाव नहीं भरते।

लोग बड़ी निर्ममता से मुझे काट देते हैं। साधारण वाक्य (1)

वे महीनों महीनों मेरे घाव नहीं भरते। साधारण वाक्य (2)

विशेष सूचना : और, तथा, बल्कि, अथवा, नहीं तो, इसलिए आदि संयोजकों का प्रयोग सामान्यतः संयुक्त वाक्यों में होता है।

  1. अर्थ के अनुसार :
  2. विधानार्थक वाक्य (कोई भी कथन) :

उदा : 1. विभु को साढ़े नौ बजे तक स्कूल पहुँचना था।

  1. आंदोलन में नारियाँ भी पीछे नहीं रहीं।
  2. प्रश्नार्थक वाक्य

उदा : तुम्हारी खुशी के लिए हम क्या कर सकते हैं?

  1. निषेधार्थक वाक्य :

उदा : 1. मत रो माँ।

  1. मुझसे यह काम नहीं हो सकता।
  2. आज्ञार्थक वाक्य :

उदा : 1. जाओ, पानी ले आओ।

  1. यह काम पूरा करो।
  2. इच्छार्थक वाक्य :

उदा : 1. समाज में भाई-चारे की भावना होनी चाहिए।

  1. मुझे सौ रुपये चाहिए।
  2. संदेहार्थक वाक्य :

उदा : 1. कल शायद छुट्टी होगी।

  1. हो सकता है पानी बरसे।
  2. संकेतार्थक वाक्य :

उदा : 1. यदि परिश्रम करोगे तो फल पाओगे।

  1. यदि बिजली कटेगी तो पढ़ना मुश्किल है।
  2. विस्मयादिबोधक वाक्य :

उदा : 1. अच्छा! तुम जल्दी आ गये!

  1. वाह! कितना सुंदर फूल है!

 

  1. सरल, मिश्र और संयुक्त वाक्यों को पहचानिए-
  2. विभु नौवीं कक्षा में पढ़ रहा था।

उत्तर – सरल

  1. नगरपालिका से सफाई एवं देखरेख भी चाहिए।

उत्तर – संयुक्त

  1. सड़क को कभी अपने रूप की चिंता नहीं बल्कि लोगों की सुविधा की चिंता है।

उत्तर – मिश्रित

  1. सड़क जब यह सब बोल रही थी तब रो रही थी।

उत्तर – मिश्रित

  1. विभु ने सड़क के बीच-बीच में कई गड्ढे भी देखे।

उत्तर – सरल

  1. विभु दुखी हो गया।

उत्तर – सरल

  1. विभु ने सोचा और सड़क को सांत्वना दी।

उत्तर – संयुक्त

अध्यापन संकेत :-

सड़क की सुरक्षा हर नागरिक का कर्तव्य है। इसी प्रकार के अन्य नागरिक-कर्तव्यों की एक सूची छात्रों से बनवाएँ और उनमें जागृति पैदा करें।

उत्तर – भारतीय संविधान में नागरिकों के कुछ मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) निर्धारित किए गए हैं, जिनका पालन करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है। ये कर्तव्य नागरिकों को देश और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का बोध कराते हैं।

संविधान द्वारा निर्धारित मौलिक कर्तव्य (Article 51A, Part IV-A)

संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रीय गान का सम्मान करना।

भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे मजबूत बनाना।

देश की रक्षा करना और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र सेवा के लिए तत्पर रहना।

सभी नागरिकों में समानता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना, तथा धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय भेदभाव को समाप्त करना।

हमारे समृद्ध विरासत और संस्कृति की रक्षा करना और उसका सम्मान करना।

प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहना।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और सुधार की भावना को अपनाना।

सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा से दूर रहना।

व्यक्तिगत और सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास करना, जिससे राष्ट्र प्रगति कर सके।

बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराना – 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा देना माता-पिता और अभिभावकों का कर्तव्य है।

अन्य सामाजिक एवं नैतिक कर्तव्य –

नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना और कानून का पालन करना।

करों का समय पर भुगतान करना ताकि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो।

मतदान करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना।

सामाजिक बुराइयों (भ्रष्टाचार, दहेज प्रथा, जातिवाद आदि) के खिलाफ खड़े होना।

स्वच्छता और स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग देना।

निष्कर्ष –

नागरिकों के ये कर्तव्य देश की प्रगति और लोकतंत्र की मजबूती के लिए अनिवार्य हैं। जब प्रत्येक नागरिक अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेगा, तो समाज और राष्ट्र दोनों उन्नति करेंगे।

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