आज के युग में नवीकरणीय योग्य ऊर्जा की अत्यधिक आवश्यकता है। सौर ऊर्जा भी नवीकरणीय योग्य ऊर्जा है। इस पाठ के द्वारा ऊर्जा की महत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त किया जा सकता है।
सौर ऊर्जा
हजारों सालों से हम सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करते आ रहे हैं; लेकिन हाँ! बिजली बनाने के लिए उसका उपयोग हाल ही में शुरू हुआ है। सूर्य पृथ्वी से है लगभग 15 करोड़ कि.मी. की दूरी पर, किन्तु बाप रे! है कितना शक्तिशाली। उसकी ऊर्जा के एक हिस्से मात्र से हमारी ऊर्जा संबंधी सारी आवश्यकताएँ पूर्ण हो सकती हैं।
सौर ऊर्जा का अर्थ है ‘सूर्य-शक्ति’। इसे अंग्रेज़ी में ‘Solar Energy कहते हैं। क्या खूब! आजकल इसी ऊर्जा का उपयोग बिजली के उत्पादन में होता है। सूर्य से हमें ताप भी मिलता है, प्रकाश भी। जैसे-जैसे बिजली का उपयोग तथा माँग बढ़ने लगी, वैसे-वैसे बिजली उत्पादन के अलग-अलग स्रोतों को मनुष्य ढूँढ़ने लगा। तब प्रारंभ हुआ सूर्य से नवीकरणीय योग्य ऊर्जा का उत्पादन। नवीकरणीय योग्य ऊर्जा का उत्पादन मुख्यतः जल, वायु तथा सूर्य इन तीन तत्त्वों से हो सकता है। इसे जल ऊर्जा, वायु ऊर्जा और सौर ऊर्जा कहा जाता है।
वाह! क्या बात है। पिछले कुछ वर्षों से ‘सौर ऊर्जा’ उत्पादन की तकनीक में तेजी से वृद्धि हुई है। सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के प्रमुख रूप से दो तकनीकें उपलब्ध हैं। एक है ‘फोटोवोल्टाइक’ और दूसरा है ‘कॉन्सेंट्रेटिंग’।
जी हाँ! इन दोनों तकनीकों में सौर ऊर्जा को सीधे बिजली में बदला जा सकता है।
सौर ऊर्जा का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है, आइए देखें।
- सौर ऊर्जा : यह विद्युत ऊर्जा के बदले में उपयुक्त होती है। यह ऊर्जा सीधे सूर्य से प्राप्त होती है। क्या खूब! इससे घरों में बिजली मिलती है। पानी भी गरमाया जा सकता है।
- सोलार कुकर : खाना पकाने के लिए ईंधन के बदले सौर ऊर्जा का (सौर चूल्हा पाचक) उपयोग होता है। जी हाँ! सोलार कुकर को बाहर रखकर खाना पकाया जा सकता है।
- सौर लालटेन : यह हल्का होता है। अरे! इसे जलाने के लिए मिट्टी का तेल, पेट्रोल या गैस की जरूरत ही नहीं पड़ती।
- सौर पथ- दीप : वाह! सौर पथ-दीप से होती है बिजली की बचत। जहाँ विद्युत लाइन नहीं लगा सकते, ऐसे प्रदेशों में यह अधिक उपयोगी है।
इसी प्रकार कृषि क्षेत्र में सिंचाई में जल निकालने के लिए सौर पंप का उपयोग किया जाता है। यातायात के क्षेत्र में सौर ऊर्जा के कारण ईंधन की बचत हो रही है। औद्योगिक क्षेत्र में भी यह अधिक-से-अधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है। सौर ऊर्जा द्वारा पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सकता है। यह बिजली से ज़्यादा सुरक्षित है। निस्संशय सौर ऊर्जा अत्यन्त उपयोगी है।
शब्दार्थ :
ऊर्जा – संचालन की क्षमता देनेवाली शक्ति
हाल ही में – वर्तमान में, at present
हिस्सा- अंश, भाग
ताप – गरमी, उष्णता, heat
स्रोत – किसी वस्तु या तत्त्व का उत्पत्ति स्थान
तकनीक – प्रविधि, किसी विशेष कला का ज्ञान
नवीकरणीय – अवधि समाप्त होने पर पुनः उपयोग में लाया जानेवाला, Renewable
ईंधन – वाहनों आदि में उपयुक्त डीज़ल, पेट्रोल आदि पदार्थ, Fuel
सिंचाई – किसी जलस्रोत से खेत में जल पहुँचाना
हल्का – कम वजनवाला, भार में कम
यातायात – आवागमन, Transportation
औद्योगिक – उद्योग संबंधी, Industrial.
विशेष सूचना :-
* कोची (Cochin) हवाई अड्डे में सौ प्रतिशत सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है।
* सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के दो तकनीक –
- फोटोवोल्टाइक – Photovoltaic
- कॉन्सेंट्रेटिंग Concentrating
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :-
- सूर्य पृथ्वी से लगभग कितने कि.मी की दूरी पर है?
उत्तर – सूर्य पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ कि.मी. की दूरी पर है।
- सौर ऊर्जा का अर्थ क्या है?
उत्तर – सौर ऊर्जा का अर्थ है – सूर्य शक्ति।
- सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के मुख्यतः कितनी तकनीकें हैं?
उत्तर – सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के मुख्यतः ‘फोटोवोल्टाइक’ और ‘कॉन्सेंट्रेटिंग’ नामक दो तकनीकें हैं।
- घरों में सौर ऊर्जा का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
उत्तर – घरों में सौर ऊर्जा का उपयोग पानी गरम करने, आलोक फैलाने और खाना बनाने में किया जा सकता है।
- सोलार कुकर को हिंदी में क्या कहते हैं?
उत्तर – सोलार कुकर को हिंदी में ‘सौर चूल्हा पाचक’ कहते हैं।
- सौर पथ – दीप से किसकी बचत होती है?
उत्तर – सौर पथ-दीप से बिजली की बचत होती है।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :-
- सूर्य कितना शक्तिशाली है? उससे बिजली बनाने का काम कबसे शुरू हुआ है?
उत्तर – सूर्य बहुत शक्तिशाली है। इसकी ऊर्जा के एक हिस्से मात्र से हमारी ऊर्जा संबंधी सारी आवश्यकताएँ पूर्ण हो सकती हैं। मनुष्यों के जीवन में जैसे-जैसे बिजली की माँग बढ़ने लगी, वैसे-वैसे बिजली उत्पादन के लिए मनुष्यों ने सौर ऊर्जा का सहारा लेना शुरू किया।
- सूर्य से हमें क्या-क्या मिलता है?
उत्तर – सूर्य से हमें जीवन, ताप और प्रकाश मिलता है। मनुष्यों की वैज्ञानिक प्रगति के साथ-साथ सूर्य की किरणों से बिजली उत्पादन के अलग-अलग स्रोतों को ढूँढ़ लिए गए हैं और तब से सूर्य से नवीकरणीय योग्य ऊर्जा का उत्पादन प्रारंभ हुआ।
- नवीकरणीय योग्य ऊर्जा का उत्पादन मुख्यतः किन तत्त्वों से हो सकता है?
उत्तर – नवीकरणीय योग्य ऊर्जा का उत्पादन मुख्यतः जल, वायु तथा सूर्य इन तीन तत्त्वों से हो सकता है। इसे जल ऊर्जा, वायु ऊर्जा और सौर ऊर्जा कहा जाता है।
- तीन ऊर्जाओं के नाम लिखिए।
उत्तर – तीन ऊर्जाओं के नाम हैं – जल ऊर्जा, वायु ऊर्जा और सौर ऊर्जा।
- सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के लिए उपलब्ध तकनीकें कौन-सी हैं?
उत्तर – सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के प्रमुख रूप से दो तकनीकें उपलब्ध हैं। एक है ‘फोटोवोल्टाइक’ और दूसरा है ‘कॉन्सेंट्रेटिंग’।
- सौर लालटेन के बारे में लिखिए।
उत्तर – सौर लालटेन हल्का होता है। इसे जलाने के लिए मिट्टी का तेल, पेट्रोल या गैस की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसके अंदर लगे उपकरण सूर्य की ताप की वजह से सक्रिय हो जाते हैं और सौर ऊर्जा को बिजली में बदल कर प्रकाश देते हैं।
III. रिक्त स्थान भरिए :-
- सूर्य पृथ्वी से है बहुत दूर, किन्तु है बहुत __________ ।
उत्तर – शक्तिशाली
- सौर ऊर्जा उत्पादन की तकनीक में __________ से वृद्धि हुई है।
उत्तर – तेज़ी
- सौर ऊर्जा को सीधे __________ में बदला जा सकता है।
उत्तर – बिजली
- कृषि क्षेत्र में जल निकालने के लिए __________ का उपयोग किया जाता है।
उत्तर – सौर पंप
IV.जोड़कर लिखिए :-
- यातायात के क्षेत्र में – सौर चूल्हा पाचक।
- औद्योगिक क्षेत्र में – पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता।
- सौर ऊर्जा से – बिजली से ज्यादा सुरक्षित है।
- सौर ऊर्जा – अधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है।
- सोलार कुकर – ईंधन की बचत होती है।
उत्तर –
- यातायात के क्षेत्र में – ईंधन की बचत होती है।
- औद्योगिक क्षेत्र में – अधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है।
- सौर ऊर्जा से – पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता।
- सौर ऊर्जा – बिजली से ज्यादा सुरक्षित है।
- सोलार कुकर – सौर चूल्हा पाचक।
V.विलोम शब्द लिखिए :-
- पूर्ण x अपूर्ण
- प्रकाश x अंधकार
- बढ़ना x घटना
- प्रमुख x गौण
- गरम x ठंडा
- हल्का X भारी
- अधिक X कम
- लाभ X हानि
- उपयोगी X अनुपयोगी
- सुरक्षित x असुरक्षित
VI. कर्नाटक में जल ऊर्जा से बिजली उत्पन्न करने के कई क्षेत्र हैं। उनका परिचय प्राप्त कीजिए :-
उदा : 1. गेरुसोप्पे जलप्रपात लिंगनमक्की बाँध शिवमोग्गा जिला
- गगनचुक्की – भरचुक्की जलप्रपात महात्मागांधी विद्युत उत्पादन – मंड्या जिला केंद्र
उत्तर – कर्नाटक भारत के उन राज्यों में से एक है जहाँ जल ऊर्जा (हाइड्रोपावर) से बड़े पैमाने पर बिजली उत्पन्न की जाती है। यहाँ कई जलविद्युत परियोजनाएँ हैं जो राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नीचे कर्नाटक में प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं का परिचय दिया गया है :
- शरावती जलविद्युत परियोजना
स्थान : शिवमोग्गा जिला
क्षमता : लगभग 1,035 मेगावाट
विवरण : यह कर्नाटक की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है और इसमें मुख्य रूप से लिंगानमक्की बांध का उपयोग किया जाता है।
- कालिनदी जलविद्युत परियोजना
स्थान : उत्तर कन्नड़ जिला
क्षमता : लगभग 810 मेगावाट
विवरण : इस परियोजना में काली नदी के जल का उपयोग किया जाता है और इसे कर्नाटक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (KPCL) संचालित करता है।
- भद्रावती (भद्रा) जलविद्युत परियोजना
स्थान : चिक्कमगलूर जिला
क्षमता : लगभग 39.2 मेगावाट
विवरण : यह परियोजना भद्रा नदी पर स्थित है और यह सिंचाई एवं बिजली उत्पादन दोनों में सहायक है।
- अलमट्टी जलविद्युत परियोजना
स्थान : बगलकोट जिला
क्षमता : लगभग 290 मेगावाट
विवरण : यह कृष्णा नदी पर निर्मित है और इसमें अलमट्टी बांध का उपयोग किया जाता है।
- गेरुसोप्पा जलविद्युत परियोजना
स्थान : उत्तर कन्नड़ जिला
क्षमता : लगभग 240 मेगावाट
विवरण : यह जोग फॉल्स के निकट स्थित है और काली नदी पर निर्मित है।
- सुपा जलविद्युत परियोजना
स्थान : उत्तर कन्नड़ जिला
क्षमता : लगभग 100 मेगावाट
विवरण : यह परियोजना काली नदी पर स्थित है और उत्तरी कर्नाटक के लिए महत्त्वपूर्ण है।
- लिंगानमक्की जलविद्युत परियोजना
स्थान : शिवमोग्गा जिला
क्षमता : लगभग 55 मेगावाट
विवरण : यह शरावती नदी पर स्थित है और शरावती जलविद्युत प्रणाली का एक प्रमुख भाग है।
निष्कर्ष –
कर्नाटक में जलविद्युत उत्पादन की पर्याप्त संभावनाएँ हैं और इन परियोजनाओं से बड़ी मात्रा में बिजली उत्पन्न की जाती है। जलविद्युत राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है और यह पर्यावरण के लिए भी अपेक्षाकृत अनुकूल मानी जाती है।
VII. कल, आज और कल (सौर ऊर्जा तक की सफर) :-
कल : मिट्टी तेल का उपयोग – लालटेन वगैरह से रोशनी
आज : जल ऊर्जा से बिजली – बल्ब, ट्यूबलाईट वगैरह से रोशनी
आज : वायु ऊर्जा से बिजली – प्रमुख रूप से कृषि क्षेत्रों में
आज – और सौर ऊर्जा का उपयोग – हर किसी क्षेत्र में
अब आप इसी प्रकार कल और आज का अंतर स्पष्ट कीजिए :-
कल आज
जैसे : 1. पैदल यात्रा – विभिन्न सवारी
- चिट्ठी भेजना – व्हाट्सेप, ई-मेल व अन्य माध्यम
- ब्लैकबोर्ड – स्मार्ट बोर्ड
- टाइपराइटर – कंप्यूटर
- इंसानी मजदूर – रोबोट
VIII. कुछ ऐसे प्रचलित अंग्रेज़ी शब्द हैं जो अपनी भाषा में घुल-मिल गये हैं। इनके लिए अपनी भाषा में शब्द हैं, फिर भी हम उनका प्रयोग सीधा-सीधा वैसे ही करते हैं।
उदाहरण : 1. Solar सोलार सौर (अपनी भाषा में)
- Doctor डॉक्टर चिकित्सक, वैद्य
- Jail जेल बंदीखाना
- Police Station पुलिस स्टेशन आरक्षक थाना
- Internet इंटरनेट अंतर्जाल
ऐसे शब्दों का प्रयोग आप भी करते होंगे। कोई 10 शब्दों की सूची बनाइए।
- School – स्कूल- विद्यालय
- College – कॉलेज – महाविद्यालय
- University – युनिवेर्सिटी – विश्वविद्यालय
- Iron – आयरन – तापक
- Refrigerator – रेफ्रीजेरेटर – प्रशीतक
- Wallet – वोलेट – बटुआ
- Bike – बाइक – दुपहिया वाहन
- Fan – फैन – पंखा
- Train – ट्रेन – रेलगाड़ी
- Movie – मूवी – चलचित्र
IX. कन्नड में अनुवाद कीजिए :-
- ‘सौर ऊर्जा’ का अर्थ है “सौर शक्ति”।
उत्तर – ‘ಸೌರ انرژی’ ಅರ್ಥ ‘ಸೌರ ಶಕ್ತಿ’.
- सूर्य से हमें ताप भी मिलता है, प्रकाश भी।
उत्तर – ಸೂರ್ಯನಿಂದ ನಮಗೆ ಉಷ್ಣವೂ ಸಿಗುತ್ತದೆ, ಬೆಳಕೂ ಕೂಡ.
- सौर ऊर्जा से पानी भी गरमाया जा सकता है।
उत्तर – ಸೌರ ऊರ್ಜೆಯಿಂದ ನೀರನ್ನೂ ಉಷ್ಣಗೊಳಿಸಬಹುದು.
- वाह! सौर पथ-दीप से होती है बिजली की बचत।
उत्तर – ವಾಹ್! ಸೌರ ಮಾರ್ಗದೀಪದಿಂದ ವಿದ್ಯುತ್ ಉಳಿಯುತ್ತದೆ.
- सौर ऊर्जा बिजली से ज्यादा सुरक्षित है।
उत्तर – ಸೌರ ऊर्जा ವಿದ್ಯುತ್ತಿಗಿಂತ ಹೆಚ್ಚು ಸುರಕ್ಷಿತವಾಗಿದೆ.
X. वर्ग पहेली में बिजली से चलनेवाली कुछ चीज़ों के नाम हैं।
उन्हें चुनकर लिखिए :-
उदाहरण : बल्ब
- प्रशीतक
- मेट्रोरेल
- ढुलाई यंत्र
- पंखा
- संगणक
- दूरदर्शन
- रेडियो
- तापक
- ओवन
किन-किन जगहों में सौर ऊर्जा का उपयोग हो रहा है।
उत्तर – पानी गरम करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग हो रहा है।
खाना पकाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग हो रहा है।
कृषि कार्य में पानी ज़मीन से निकालने के लिए सौर पंप का उपयोग हो रहा है।
पथ-दीप के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग हो रहा है।
सौर लालटेन के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग हो रहा है।
XII. अनुरूपता :
- रात : चाँद :: दिन : सूरज
- चाँद : चाँदनी :: सूर्य : सौर
- अशक्त : उपसर्ग शब्द :: शक्तिहीन : प्रत्यय शब्द
- जलशक्ति : जलऊर्जा :: सूर्यशक्ति : सौर ऊर्जा
भाषा ज्ञान
विस्मयादिबोधक अव्यय = ‘विस्मय + आदि+ बोधक’
वाक्य में जो अव्यय विस्मय, हर्ष, घृणा, शोक, भय, क्रोध आदि मनोभावों को प्रकट करते हैं, वे ‘विस्मयादिबोधक अव्यय’ कहलाते हैं। लेकिन इन अव्ययों का संबंध वाक्य में किसी भी शब्द से नहीं होता।
जैसे : हाय! अब वह नहीं रहा।
वाह! इशा कितनी सुंदर लड़की है।
वाक्य में निम्नलिखित प्रकार के विस्मयादिबोधकों का प्रयोग किया जाता है।
- विस्मय / आश्चर्य बोधक – अरे!, ओहो!, ओह!, बाप रे! आदि
- शोकसूचक – आह!, ओह!, ऊह!, हाय!, हे भगवान! आदि
- हर्षबोधक – आह!, वाह!, धन्य धन्य!, क्या खूब!, बहुत अच्छा! आदि
- प्रोत्साहन सूचक – शाबाश!, साधु-साधु!, धन्य! आदि
- भयसूचक – बचाओ!, बाप रे!, अरे रे! आदि
- क्रोधसूचक- अबे!, धत्!, चुप! आदि
- घृणासूचक – धिक्!, धिक्कार!, हट!, छिः छिः! आदि
- अनुमोदक – ठीक!, हाँ-हाँ!, जी हाँ!, अच्छा! आदि
- संबोधनसूचक – रे!, अरी!, हे! आदि
- चेतावनी होशियार!, खबरदार! आदि
I. इस पाठ में प्रयुक्त विस्मयादिबोधक शब्दों को पहचानिए। उनका प्रयोग करते हुए एक-एक वाक्य लिखिए।
उत्तर – लेकिन हाँ! हमें मानवता कभी भी नहीं भुलनी चाहिए।
बाप रे! इतना बड़ा साँप।
क्या खूब! बहुत अच्छा भाषण दिया आपने।
वाह! खीर खाकर मज़ा आ गया।
जी हाँ! आपने बिलकुल सही कहा।
अरे! तुम यहाँ और इस वक्त।
II. विस्मयादिबोधक का चिह्न है ‘!’। यह विराम चिह्नों में से एक है। निम्नलिखित चिह्नों को पहचानकर रिक्त स्थान भरिए : (पूर्ण विराम, अर्धविराम, अल्पविराम, विवरण चिह्न, प्रश्न सूचक, योजक, उद्धरण चिह्न, कोष्ठक)
- “ “ – उद्धरण चिह्न
- । पूर्ण विराम
- , अल्पविराम
- : विवरण चिह्न
- ? प्रश्न सूचक
- () कोष्ठक
- ; अर्धविराम
- – योजक
जल ऊर्जा से बिजली उत्पादन करनेवाले केंद्रों में जाकर उसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करें।
उत्तर – जल ऊर्जा से बिजली उत्पादन जलविद्युत संयंत्रों में होता है। पानी के प्रवाह से टरबाइन घूमती है, जो जनरेटर को चलाकर बिजली उत्पन्न करती है।