आकाशवाणी

aakshwani par ek hindi nibandh

संकेत बिंदु-(1) रेडियो विज्ञान की लोकप्रिय देन (2) स्वाधीनता के बाद से आकशवाणी का विस्तार (3) आकाशवाणी से प्रसारित कार्यक्रम (4) मनोरंजन ज्ञानवर्धन और मनोरंजन का साधन (5) उपसंहार।

रेडियो विज्ञान की लोकप्रिय देन है। विद्युत् चुंबकीय तरंगों का क्रांतिकारी चमत्कार है। मनोरंजन और ज्ञानवर्धन का श्रेष्ठ साधन है। वर्तमान समाज की आवश्यकता पूर्ति का माध्यम है।

आधुनिक काल में रेडियो के आविष्कार का श्रेय इटली निवासी श्री मारकोनी को है। इन्हीं दिनों इस दिशा में भारत के महान् वैज्ञानिक श्री जगदीशचंद्र बसु ने भी काफी प्रयत्न किए थे।

भारत में बम्बई और कलकत्ते के दो निजी स्वामित्व वाले ट्रांसमीटरों की सहायता से रेडियो प्रसारण 1927 में आरंभ हुआ। 1936 में सरकार ने इसे अपने हाथ में लेकर भारतीय प्रसारण सेवा की स्थापना की और इसका नाम बदल कर ऑल इण्डिया रेडियो रखा गया। 1957 से इसे ‘आकाशवाणी’ नाम से भी जाना जाने लगा।

रेडियो ध्वनि-प्रसारण का यंत्र है। एक स्थान की आवाज को दूसरे स्थान तक पहुँचाने का काम यह बिना तार के करता है। बिजली द्वारा आकाशवाणी केंद्र से ध्वनि को बिजली की लहरों में परिणत कर दिया जाता है। ये विद्युत् चुंबकीय तरंगें सारे आकाश में फैल जाती हैं। आकाश में फैली हुई उन लहरों को रेडियो एरियल द्वारा तुरंत पकड़ लेता है।

ध्वनि तरंगें तीन रूप में प्रसारित होती हैं-छोटी तरंगे, मध्य तरंगें तथा लंबी तरंगे। इसी के अनुसार रेडियो भी तीन प्रकार के होते हैं-स्थानीय (Local), अखिल भारतीय (All India) और समस्त विश्व से संबंधित (All World)। स्थानीय रेडियो पर केवल स्थान-विशेष के आकाशवाणी केंद्र द्वारा प्रसारित ध्वनि ही सुन सकते हैं, अखिल भारतीय रेडियो द्वारा संपूर्ण भारत के आकाशवाणी केंद्रों की ध्वनि सुन सकते हैं और विश्व-रेडियो द्वारा संसार-भर के प्रमुख आकाशवाणी केंद्रों की ध्वनि सुनी जा सकती है। रेडियो की मशीन में ऐसी व्यवस्था होती है कि श्रोता अपनी इच्छानुसार किसी भी आकाशवाणी-केंद्र से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम को सुन सकते हैं।

1947 में स्वाधीनता के समय देश में आकाशवाणी के छह केंद्र थे। 31 मार्च 1998 तक आकाशवाणी नेटवर्क के 197 केंद्र हो गए। इस ममय आकाशवाणी के 305 ट्रांसमीटर काम कर रहे हैं। इनमें 145 मीडियम वेव, 55 शार्ट वेव तथा 105 एफ. एम. ट्रांसमीटर हैं। इस नेटवर्क द्वारा देश के 90 प्रतिशत क्षेत्रों में कुल 97.3 प्रतिशत जनसंख्या तक आकाशवाणी-प्रसारण पहुँचते हैं।

रेडियो समाचार प्रसारण का मुख्य साधन है। इससे प्रतिदिन देश-विदेश प्रसारण सेवा में प्रतिदिन 314 समाचार बुलेटिन प्रसारित होते हैं। इनमें से 88 बुलेटिन दिल्ली से घरेलू सेवा में, 42 क्षेत्रीय समाचार सेवा में 137 समाचार बुलेटिन प्रसारित होते है 1, 15 अगस्त 1993 में अंग्रेजी के समाचार पूल के समान ही हिंदी के समाचार-पूल ने भी काम करना शुरू कर दिया है। 25 फरवरी 1998 से एम. एम. चैनल पर प्रमुख समाचार प्रसारित कर रहा है। अब ये समाचार दिन-रात पढ़े जा रहे हैं। 25 फरवरी 1998 से ही आकाशवाणी से फोन पर समाचार देने की सुविधा शुरू हो गई है। आकाशवाणी अब इंटरनेट पर भी आ गई है।

विदेश सेवा प्रभाग द्वारा 25 भाषाओं (16 विदेशी तथा 9 भारतीय भाषाओं) में लगभग 70 घंटों के कार्यक्रम प्रतिदिन प्रसारित होते हैं। यह प्रसारण जनरल ओवरसीज सर्विसेज (समुद्र पारीय सेवा) के अंतर्गत प्रसारित होते हैं। इनके द्वारा विश्व घटनाओं पर भारत का दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किया जाता है।

18 नवंबर 1988 से आकाशवाणी का राष्ट्रीय चैनल आरंभ हुआ। फिलहाल यह रात्रि सेवा के रूप में कार्य कर रहा है। यह चैनल सूचना व मनोरंजन का संतुलित प्रसारण करता है। रातभर राष्ट्रीय चैनल से हर घंटे बारी-बारी से हिंदी व अंग्रेजी में समाचारों का प्रसारण किया जाता है।

1 नवंबर 1967 से आकाशवाणी ने ‘विविध भारती’ तथा ‘विज्ञापन प्रसारण सेवा’ का श्रीगणेश किया। विविध भारती का मूल उद्देश्य है मनोरंजन। इसमें वर्तमान समय में प्रतिदिन 14 घंटे से अधिक मनोरंजन कार्यक्रमों का प्रसारण होता है।

आकाशवाणी के 80 से भी अधिक केंद्रों मे विभिन्न भाषाओं में ‘रूपक’ प्रसारित किए जाते हैं। मूल नाटकों के साथ ही लोकप्रिय और उत्कृष्ट उपन्यास, लघुकथाएँ और मंच-नाटक भी प्रसारित करता है। अनेक केंद्र बेरोजगारी, निरक्षरता, पर्यावरण प्रदूषण, नारी समस्या जैसी सामयिक-सामाजिक-आर्थिक विषयों को नाटक के माध्यम से प्रसारित करते हैं।

कृषि और गृह कार्यक्रम के अंतर्गत यूनीसेफ और राज्य सरकारों के सहयोग से प्रसव से लेकर माँ-बच्चे की देखभाल, बच्चों के अधिकार, बच्चे-बच्ची में अभेद तथा बच्चों के शोषण आदि मुद्दों पर जोर रहता है। कृषि कार्यक्रम संचार विधि के रूप में ‘फार्म स्कूल ऑन एअर’ कार्यक्रम कई आकाशवाणी केंद्र चलाते हैं। जिसमें खेती बाड़ी की संपूर्ण जानकारी के अतिरिक्त ग्रामपंचायतों, ग्राम सेवकों, जवाहर रोजगार योजना, इंदिरा आवासं योजना, एम. एस.वाई. जैसे विभिन्न आर्थिक उपायों पर भी जोर दिया जाता है।

परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत 8500 से अधिक कार्यक्रम देश की सभी भाषाओं तथा बोलियों में प्रतिमास प्रसारित होते हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत एड्स, तपेदिक, डेंगू, यौन रोग, पानी से फैलने वाले रोगों, मलेरिया, उन्मूलन कार्यक्रम, बाल-सुरक्षा तथा सुरक्षित मातृत्व, नसबंदी और बंध्याकरण जैसे राष्ट्रीय महत्त्व के कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।

राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और विश्व में आयोजित खेल प्रतियोगिताओं का आँखों देखा हाल प्रस्तुत करता है तथा युवकों की प्रतिभा विकसित करने के अनेक कार्यक्रम प्रसारित करता है।

रेडियो अर्थात् मनोरंजन। रेडियो मनोरंजन का भी सशक्त और प्रमुख साधन है। शास्त्रीय और सुगम संगीत के बहुत अधिक कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। सिनेमा गीत-श्रवण में जनता मंत्रमुग्ध हो इन गानों के संगीत, स्वरलहरी तथा बोलों में खो जाती है। इतना ही नहीं सैनिकों के लिए यह कार्यक्रम ‘जयमाला’ के अंतर्गत प्रतिदिन उनके अनुरोध गीत सुनाता है।

रेडियो ज्ञानवर्धन का सबल साधन है। समाचारों द्वारा रेडियो हमें विश्व की नवीनतम घटनाओं की जानकारी देता है। विश्व की प्रमुख घटनाओं तथा संसद की कार्यवाही की समीक्षा हमारे ज्ञान को बढ़ाती है। बच्चों के कार्यक्रम में बच्चों के लिए तथा महिलाओं के कार्यक्रम में महिलाओं के लिए पाक-विज्ञान, कढ़ाई, बुनाई, घर की देख-भाल, शिशु-पालन आदि के रोचक तथा ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। समय-समय पर विशेषज्ञों द्वारा राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, साहित्यिक एवं जीवन और जगत की समस्याओं पर विद्वत्तापूर्ण भाषण हमारे ज्ञान को विस्तृत करते हैं। शासन की सूचनाओं की जानकारी देते हैं और शासकीय कर्तव्य के प्रति जागरूक रखते हैं। नवीन पुस्तकों की समीक्षा प्रसारित कर हमारी साहित्यिक रुचि में अभिवृद्धि करते हैं। स्वास्थ्य संबंधी चर्चा बीमारियों से बचाव के उपायों में ज्ञानवृद्धि करती है।

व्यापार-वर्द्धन के लिए रेडियो वर्तमान जगत का एक सशक्त साधन है। विविध-भारती से व्यापारिक विज्ञापन और प्रायोजित कार्यक्रम व्यापार की श्रीवृद्धि करते हैं। वस्तु-विशेष के प्रति आकर्षण उत्पन्न कर नए-नए ग्राहक पैदा करते हैं। निष्कर्षतः आकाशवाणी जन-जन की आशाओं का केंद्र है। शिक्षा-संस्कृति के प्रसार का सशक्त माध्यम है। स्वस्थ मनोरंजन और विशिष्ट ज्ञानार्जन का प्रमुख साधन है। बौद्धिक विकास और मानसिक परिष्कार का वैज्ञानिक यंत्र है और है व्यापार-वर्द्धन की कुंजी।

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