Gujrat State Board, the Best Hindi Solutions, Class X, Ameer Khusro, Paheliyan Tatha Mukariyan, पहेलियाँ-मुकरियाँ अमीर खुसरो

(जन्म सन् 1253 ई., निधन सन् 1325 ई.)

आदिकाल की राज्याश्रय परंपरा से सर्वथा मुक्त अमीर खुसरो की कविता लोकजीवन का रंगों में रंगी हुई है। उनकी हलकी-फुलकी रचनाओं में ज्ञान के साथ-साथ मनोविनोद की सुंदर सामग्री प्रस्तुत की गई है। संकलित पहेलियाँ और मुकरियों में मानव मन की जिज्ञासा, कुतूहल और रहस्यों का विनोदपूर्ण शैली में उद्घाटन किया गया है। छोटी-छोटी रचनाओं में गहरे अर्थ अभिव्यंजित कर कवि ने अपने कला कौशल का अच्छा परिचय दिया है।

उनकी पहेलियों में किसी वस्तु का टेढ़ा-मेढ़ा लक्षण देकर अभिप्रेत वस्तु का नाम पूछा जाता है। मुकरियों में आरंभ में कहीं गई बात का खंडन करते हुए सही बात की ओर संकेत किया जाता है। इन पहेलियाँ मुकरियों में विनोद के साथ ज्ञान परोसा गया है। इनके द्वारा विद्यार्थियों के ज्ञान की कसौटी भी हो जाती है, साथ-साथ चिंतन और जिज्ञासा भी जाग्रत होते हैं।

जूता पहना नहीं?

समोसा खाया नहीं?  (क्यों?)

उत्तर : तला नहीं था।

 

अनार क्यों न चखा?

वजीर क्यों न रखा?

उत्तर : दाना न था।

 

रोटी जली क्यों?

घोड़ा अड़ा क्यों?

पान सड़ा क्यों?

उत्तर : फेरा न था।

एक नारि के हैं दो बालक, दोनों एक ही रंग।

एक फिरे एक ठाढ़ा रहै, फिर भी दोनों संग॥

उत्तर : चक्की के पाट

 

जब माँगू तब जल भरि लावे

मेरे मन की तपन बुझावे

मन का भारी तन का छोटा

ए सखि साजन? ना सखि लोटा।

उत्तर : लोटा

वो आवे तो शादी होय

उस बिना दूजा और न कोय

मीठे लागे वाके बोल

ए सखि साजन? ना सखि ढोल।

उत्तर : ढोल

 

अति सुरंग है रंग-रंगीले

है गुणवंत बहुत चटकीला

राम भजन बिन कभी न सोता

ए सखि साजन? ना सखि तोता।

उत्तर : तोता

अनार – एक दानेदार फल, दाड़म (गुज.)

वजीर – मंत्री

अड़ना – रुक जाना

ठाढ़ा – खड़ा

तपन – आग

साजन – पति

दूजा – दूसरा

गुणवंत – गुणवान

1. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए :-

(1) ‘तला’ शब्द के दो अर्थ बताइए।

उत्तर – तेल में तलना, और जूते का तलवा – ‘तला’ शब्द के दो अर्थ हैं।

(2) ‘वजीर में दाने नहीं थे’ क्या अर्थ है?

उत्तर – ‘वजीर में दाने नहीं थे’ का अर्थ है वजीर (मंत्री) में बुद्धिमानी नहीं थी।

(3) ढोल और साजन में क्या समानता है?

उत्तर – ढोल और साजन में दो समानताएँ हैं पहला ढोल और साजन के बिना शादी नहीं हो सकती और दोनों के बोल बड़े अच्छे लगते हैं।

(4) राम भजन बिना कौन नहीं सोता है?

उत्तर – राम भजन बिना तोता नहीं सोता है।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :-

(1) न फेरने पर रोटी, घोड़े और पान की क्या हालत होती है?

उत्तर – रोटी को न फेरने पर वह जल जाती है। घोड़े को न फेरने पर वह अड़ जाता है। पान को न फेरने पर वह सड़ जाता है।

(2) चक्की के दो पाटों की क्या विशेषता बताई हैं?

उत्तर – चक्की के दो पाट एक ही नारी के दो बेटे माने जाते हैं रूप रंग में भी एक जैसे ही लगते हैं पर एक स्थिर रहता है जबकि दूसरा घूमता है, फिर भी दोने साथ ही रहते हैं। 

(3) लोटा क्या-क्या करता है?

उत्तर – लोटा जब चाहे अपने में पानी भर लेता है। वह अपने मालिक की प्यास बुझाता है। आकार में छोटा होने पर भी उसका मन पानी से सदा भारी ही रहता है। 

किसी भी वस्तु को लेकर पहेलियाँ बनाने की, बुझाने की और सुलझाने की प्रवृत्ति कीजिए।

उत्तर – किसी भी वस्तु को लेकर पहेलियाँ बनाने, बुझाने और सुलझाने की प्रवृत्ति को ‘चित्तवृत्ति’ कहा जा सकता है। इसका मतलब है किसी वस्तु या स्थिति के बारे में जिज्ञासा रखना, उसे समझने की कोशिश करना और उसे हल करने के लिए मनन करना। इसके अलावा, इसे ‘बुद्धिचातुर्य’ (intellectual curiosity) या ‘चतुराई’ (cleverness) भी कहा जा सकता है, जहाँ लोग चीजों को समझने और सुलझाने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हैं। इस प्रकार की प्रवृत्ति अक्सर पहेलियाँ, समस्या-समाधान, और मस्तिष्क खेलों में देखी जाती है।

अपनी भाषा में पहेलियाँ बनाइए।

– छात्र इसे अपने स्तर पर करें।

अमीर खुसरो की कुछ अन्य पहेलियाँ ढूँढ़िए।

गोश्त क्यों न खाया?

डोम क्यों न गाया?

उत्तर— गला न था।

घर अँधियारा क्यों ?

फकीर बिगड़ा क्यों ?

उत्तर – दिया न था।

पंडित प्यासा क्यों?

गधा उदास क्यों ?

उत्तर— लोटा न था

You cannot copy content of this page