- यह विज्ञापन किसके बारे में है।
उत्तर – यह विज्ञापन वृक्षारोपण और उसके महत्त्व के बारे में है।
- यह विज्ञापन किस समाचार-पत्र का है?
उत्तर – यह विज्ञापन दैनिक भास्कर समाचार-पत्र का है
- इससे क्या संदेश मिलता है?
उत्तर – इस विज्ञापन से हमें यह संदेश मिलता है कि इस पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए पेड़ों को बहुत आवश्यकता है।
जल हमारे जीवन का एक प्रमुख आधार है। पानी का सही उपयोग करके इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए बचा कर रखना चाहिए। इस विषय को लेकर पानी का महत्त्व व उपयोग और पानी संबंधी जानकारी दी जा रही है।
विधा विशेष
प्रस्तुत पाठ कहानी विधा में है। बालकों को सबसे प्रिय लगने वाली विधा कहानी होती है। इसमें कौतूहलता, उत्सुकता, जिज्ञासा, मनोरंजन और मूल्य छिपे होते हैं।
श्री प्रकाश हिंदी के जाने-माने लेखक हैं। इन्होंने विज्ञान विषय संबंधी ढेर सारे निबंध लिखे हैं। इनके निबंध विचारोत्तेजक हैं। प्रस्तुत रचना ‘संचार माध्यमों के लिए विज्ञान’ नामक पुस्तक से ली गई है।
विषय प्रवेश :
दुनिया की सभी भाषाओं में जल के अलग-अलग नाम हैं किंतु सबकी प्यास एक है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। जल जीवन बसता है और जीवन में जल। प्रस्तुत पाठ में इसी विषय को उजागर करने का प्रयास किया गया है।
जल ही जीवन है
इक्कीसवीं सदी का अब अंत होने वाला था और बाईसवीं सदी की शुरुआत। पृथ्वी पर मानव ने काफ़ी प्रगति कर ली थी। जनसंख्या पर नियंत्रण कर लिया था। पर्यावरण की समस्या को लगभग हल कर लिया गया था। लोग सुख-चैन से रह रहे थे। अचानक एक दिन समाचार पत्र में एक ख़बर प्रकाशित हुई, जिसे पढ़कर लोग आश्चर्यचकित हो गए। इस ख़बर के अनुसार एक सर्वेक्षण में बताया गया कि पृथ्वी पर निरंतर पानी की कमी होती जा रही है।
कुछ वैज्ञानिक और भूवैज्ञानिक अपने दोस्तों के साथ बगीचे में बैठे पानी की इस समस्या पर चर्चा कर रहे थे। कुछ देर बाद शाम ढल गई और सभी लोग अपने-अपने घर चले गए। प्रो. दीपेश वहीं लान पर बैठे आकाश की ओर देखकर कुछ सोच रहे थे कि अचानक उनकी नज़र एक तारे पर पड़ी जो नाचता हुआ पृथ्वी की ओर आ रहा था। पृथ्वी पर उतरते-उतरते वह पुनः आकाश की ओर मुड़ गया।
ओह ! यह तो कोई यान है। पर, पृथ्वी पर ऐसे यान का अभी आविष्कार ही नहीं हुआ है, फिर यह यान कहाँ से आया? इस प्रश्न का उत्तर कुछ समझ में आने पर प्रो. दीपेश के होश उड़ गए और दौड़े-दौड़े अपने कमरे में चले गए। उन्होंने अपने मित्र प्रो. विकास को फोन किया और अपने घर बुलाकर सारी बात बताई।
प्रो. दीपेश की बातें सुनकर प्रो. विकास को ज़्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि वे ब्रह्मांड के अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज में लगे हुए थे। उन्हें विश्वास था कि इस अनंत ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं हैं। किसी न किसी ग्रह पर जीवन ज़रूर है।
प्रो. विकास अगली शाम को प्रो. दीपेश के साथ उनके ही बाग़ में बैठकर प्रतीक्षा कर रहे थे कि शायद वह अंतरिक्ष यान दुबारा इस रास्ते से गुज़रे। उनका इंतज़ार करना व्यर्थ नहीं गया। दुबारा वह अंतरिक्ष यान उसी रास्ते से गुज़रा, लेकिन वह इस बार वापस अंतरिक्ष में नहीं गया। वह बाग में ही उतरा। प्रो. दीपेश और प्रो. विकास आश्चर्यचकित हो उस यान को देख रहे थे। दोनों सोचने लगे कि यह यान यहाँ क्यों उतरा? इस प्रकार पृथ्वी का चक्कर लगाने का क्या मतलब हो सकता है? क्या यह कोई जासूसी यान है, जो पृथ्वी पर जासूसी करने आया है, या पृथ्वी पर किसी हमले की तैयारी करने के लिए? क्या हम जैसे बुद्धिजीवियों का वे अपहरण करना चाहते हैं? ऐसे कई प्रश्न उनके दिमाग़ में बिजली की भाँति दौड़ रहे थे। तभी उस अंतरिक्ष यान का दरवाज़ा खुला और एक मानवाकृति बाहर आई जो हू-ब-हू पृथ्वी वासियों जैसी थी। लेकिन आकार में बड़ी थी।
प्रो. दीपेश और प्रो. विकास उस अंतरिक्षयात्री को देखकर आश्चर्यचकित हो गए कि अंतरिक्ष में अन्य ग्रहों पर भी हम पृथ्वीवासियों की ही भाँति लोग हैं। दोनों ने इसकी कल्पना तो दूसरे ही रूप में की थी। तभी एक आवाज़ गूँजी..
“हैलो। हम लोग इस ग्रह से एक प्रकाशवर्ष दूर के एक ग्रह के वासी हैं। हम लोग यहाँ एक मिशन के तहत आए हैं।” आवाज़ को सुन प्रो. दीपेश और प्रो. विकास के आश्चर्य की सीमा नहीं रही, क्योंकि उसकी आवाज़ भी हमारी ही तरह थी।
“मिशन। कैसा मिशन? क्या तुम्हारे और साथी भी हैं?” दोनों ने एक साथ उस अंतरिक्षयात्री से पूछा।
“हाँ, मेरे कई साथी इस संपूर्ण नीले ग्रह पर फैले थे। अब हमारा मिशन पूरा हो चुका है इसलिए अब हम अपने ग्रह पर वापस जा रहे हैं?”
“लेकिन तुम्हारा मिशन क्या है? कहीं तुम पृथ्वी पर तबाही तो नहीं मचाना चाहते हो? कहीं तुम इस पर अधिकार करना तो नहीं चाहते? प्रो. विकास ने पूछा।
“नहीं। हम यहाँ तबाही मचाने या अधिकार करने नहीं आए हैं। हम तो आपकी उस विशाल जलराशि की कुछ मात्रा अपने ग्रह पर ले जाने के लिए आए थे।
प्रो. दीपेश और प्रो. विकास को यह समझते देर नहीं लगी कि पृथ्वी का जलस्तर एकाएक क्यों कम हो गया है।
“लेकिन क्यों ले जा रहे हो यहाँ से यह जल? तुम्हें मालूम है कि हम बिना जल के जीवित नहीं रह सकते?”
“मालूम है। इसलिए हम इसकी सिर्फ थोड़ी-सी मात्रा अपने ग्रह पर ले जा रहे हैं। हमारे ग्रह के जल में एक विशेष प्रकार के विषाणुओं के मिल जाने के कारण वह ज़हरीला हो गया है। उसके उपयोग से हमारे ग्रह पर महामारी फैल गई है, जिससे वहाँ के लोग मरने लगे हैं। हमने तो उन विषाणुओं को नष्ट कर दिया है, लेकिन जल में घुले ज़हर को अभी तक पहचान नहीं पाए हैं। जल को विषहीन बनाने में समय लगेगा। पानी के अभाव में हमारे लोग मर रहे थे। अपने अस्तित्व के लिए हमने निर्णय लिया कि हम जल्द-से-जल्द अन्य किसी ग्रह की खोज कर वहाँ का पानी अपने ग्रह पर ले जाएँगे। अपने ग्रह के लोगों का जीवन बचाएँगे। हमारी नज़र आपके नीले ग्रह पर पड़ी, जो हमसे अधिक नज़दीक था। हम यहाँ उतर गए। हम लोगों ने यहाँ पर विशाल जलभंडारों को देखा और निर्णय किया कि जब तक हमारे ग्रह पर पानी शुद्ध नहीं हो जाता, तब तक हम लोग यहीं से जल अपने ग्रह पर ले जाएँगे। हम लोग लगभग एक सप्ताह से जल विशेष यान की सहायता से ले जा रहे हैं। हम लोग अपना मिशन चुपचाप पूरा करना चाहते थे।”
वह बोला, “मैं वहाँ का राजा होने के नाते आपसे माफ़ी माँगता हूँ। हम लोगों ने बिना आपकी अनुमति के आपकी अमूल्य जलनिधि को चुराया और अपने ग्रह पर ले गए।”
अंतरिक्ष यात्री अपनी बातें समाप्त कर अपने यान में बैठकर अंतरिक्ष की ओर उड़ चले।
प्रो. दीपेश और प्रो. विकास टकटकी लगाए इस अंतरिक्ष यान के बारे में सोच रहे थे। कुछ क्षणों में वह अंतरिक्ष यान उनकी आँखों से ओझल हो गया।
अचानक प्रो. विकास की नज़र एक वस्तु पर पड़ी। उस पर लिखा था, ‘हमें आशा है कि आप लोगों ने हम अंतरिक्ष जलचोरों को माफ़ कर दिया होगा। आपसे प्रार्थना है कि आप अपने जलाशयों को साफ़ और सुरक्षित रखें ताकि आपको भी हमारी तरह जलचोर न बनना पड़े।”
आप ही का अंतरिक्ष जलचोर मित्र। (‘ संचार माध्यमों के लिए विज्ञान’ पुस्तक से संकलित)
शब्द | हिंदी अर्थ | तेलुगु अर्थ | अंग्रेज़ी अर्थ |
सदी | शताब्दी | శతాబ్దం | Century |
प्रगति | उन्नति | పురోగతి | Progress |
नियंत्रण | काबू, संयम | నియంత్రణ | Control |
पर्यावरण | वातावरण | పర్యావరణం | Environment |
समस्या | कठिनाई, परेशानी | సమస్య | Problem |
आश्चर्यचकित | हैरान, चकित | ఆశ్చర్యపోయిన | Amazed |
सर्वेक्षण | जाँच, निरीक्षण | సర్వే | Survey |
भूवैज्ञानिक | पृथ्वी विज्ञानी | భూగోళ శాస్త్రవేత్త | Geologist |
अंतरिक्ष | ब्रह्मांड | అంతరిక్షం | Space |
यान | वाहन | యానం | Spacecraft |
आविष्कार | खोज, निर्माण | ఆవిష్కరణ | Invention |
बुद्धिजीवी | विद्वान | మేధావి | Intellectual |
अपहरण | अगवा, चोरी | అపహరణ | Kidnapping |
मानवाकृति | इंसान जैसी आकृति | మానవ ఆకృతి | Humanoid |
प्रकाशवर्ष | प्रकाश की गति से दूरी | కాంతి సంవత్సరము | Light Year |
मिशन | अभियान | మిషన్ | Mission |
विशाल | बहुत बड़ा | విస్తృతమైన | Huge, Vast |
जलराशि | पानी का भंडार | నీటి నిల్వ | Water Body |
विषाणु | वायरस | వైరస్ | Virus |
महामारी | संक्रामक रोग | మహమ్మారి | Epidemic |
शुद्ध | साफ़, पवित्र | స్వచ్ఛమైన | Pure |
संचयन | संग्रह | సేకరణ | Collection |
अमूल्य | बहुमूल्य | అమూల్యమైన | Priceless |
क्षमा | माफ़ी | క్షమ | Forgiveness |
सुरक्षित | संरक्षित | భద్రమైన | Safe |
टकटकी | ध्यानपूर्वक देखना | ఏకాగ్రత | Staring |
ओझल | अदृश्य | కనిపించకుండా పోయిన | Disappear |
पाठ का सार
बाईसवीं सदी की शुरुआत में पृथ्वी पर जनसंख्या और पर्यावरण से जुड़ी समस्याएँ लगभग हल हो चुकी थीं, लेकिन जल संकट गंभीर होता जा रहा था। वैज्ञानिक इस समस्या पर चर्चा कर रहे थे कि तभी प्रो. दीपेश ने एक रहस्यमय अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की ओर आते देखा। उन्होंने अपने मित्र प्रो. विकास को इसकी जानकारी दी। अगली रात दोनों वैज्ञानिकों ने उसी स्थान पर यान का इंतजार किया और यह यान इस बार पृथ्वी पर उतर गया।
इस यान से एक अंतरिक्ष यात्री बाहर आया, जो आकार में बड़ा था लेकिन पृथ्वीवासियों जैसा ही दिखता था। उसने बताया कि वे एक प्रकाशवर्ष दूर स्थित ग्रह के निवासी हैं और वहाँ के जलस्रोत विषाक्त हो जाने के कारण संकट में हैं। अपने ग्रह के लोगों की जान बचाने के लिए वे पृथ्वी से पानी चुरा रहे थे। अंतरिक्ष यात्री ने बिना अनुमति जल चुराने के लिए माफी माँगी और सभी को अपने जल स्रोतों को सुरक्षित रखने की सलाह दी ताकि भविष्य में पृथ्वीवासियों को भी जल चोर न बनना पड़े। इसके बाद वे अपने ग्रह लौट गए, और प्रो. दीपेश व प्रो. विकास इस घटना पर विचार करने लगे।
प्रश्न
- सर्वेक्षण में क्या बताया गया?
उत्तर – सर्वेक्षण में बताया गया कि पृथ्वी पर निरंतर पानी की कमी होती जा रही है।
- प्रो. दीपेश के होश क्यों उड़ गए?
उत्तर – प्रो. दीपेश के होश उस समय उड़ गए जब उन्होंने देखा कि एक अज्ञात अंतरिक्ष यान पृथ्वी की ओर आ रहा है और फिर अचानक मुड़ गया।
3 जासूसी यान से क्या तात्पर्य है?
उत्तर – जासूसी यान से तात्पर्य ऐसे अंतरिक्ष यान से है, जो किसी गुप्त उद्देश्य से पृथ्वी पर जानकारी एकत्र करने के लिए आया हो।
- मानवाकृति अंतरिक्षयात्री कहाँ से आए थे?
उत्तर – मानवाकृति अंतरिक्षयात्री एक ऐसे ग्रह से आए थे, जो पृथ्वी से एक प्रकाशवर्ष दूर स्थित था।
- वे पृथ्वी पर क्यों आए थे?
उत्तर – वे अपने ग्रह के दूषित जल के कारण वहाँ फैली महामारी से बचने के लिए पृथ्वी से जल लेने आए थे।
- उनकी प्रार्थना क्या थी?
उत्तर – उन्होंने पृथ्वीवासियों से अनुरोध किया कि वे अपने जलाशयों को स्वच्छ और सुरक्षित रखें ताकि उन्हें भी कभी जलचोर न बनना पड़े।
(अ) प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- हमारे जीवन में जल का क्या महत्त्व है?
उत्तर – हमारे जीवन में जल का अत्यंत महत्त्व है क्योंकि इसके बिना जीवन संभव नहीं है। कहानी के अनुसार, जल की कमी से न केवल पृथ्वी पर बल्कि अन्य ग्रहों पर भी जीवन संकट में पड़ सकता है। इसलिए हमें जल संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में जल संकट का सामना न करना पड़े।
- धरती पर हर हिस्से में जल है, किंतु स्वच्छ जल की मात्रा बहुत कम है। ऐसी स्थिति में जल का सदुपयोग कैसे करेंगे?
उत्तर – स्वच्छ जल की सीमित मात्रा को बचाने के लिए हमें जल का सदुपयोग करना चाहिए। कहानी के अनुसार, जल संकट से बचने के लिए हमें जलाशयों को साफ़ और सुरक्षित रखना चाहिए, जल का अपव्यय रोकना चाहिए, वर्षा जल संचयन करना चाहिए और जल संरक्षण की तकनीकों को अपनाना चाहिए ताकि हमें भविष्य में जलचोरी जैसी स्थिति का सामना न करना पड़े।
(आ) पाठ पढ़िए। अभ्यास कार्य कीजिए।
- हमारे घर पहुँचने वाले जल का उपयोग हम किसके लिए कर रहे हैं?
उत्तर – हमारे घर पहुँचने वाले जल का उपयोग पीने, खाना बनाने, सफाई, नहाने, कपड़े धोने, बागवानी और अन्य दैनिक आवश्यकताओं के लिए किया जाता है। कहानी के अनुसार, जल एक अमूल्य संसाधन है, इसलिए हमें इसे संरक्षित और स्वच्छ बनाए रखना चाहिए।
- जल की समस्या भविष्य में क्या आपदाएँ ला सकती हैं?
उत्तर – भविष्य में जल की समस्या भयंकर आपदाएँ ला सकती है, जैसे – सूखा, कृषि उत्पादन में कमी, पेयजल संकट, जलाभावजनित बीमारियाँ, पर्यावरणीय असंतुलन और पानी के लिए युद्ध। कहानी के अनुसार, यदि जल की सुरक्षा नहीं की गई, तो पृथ्वीवासी भी जलचोर बनने को मजबूर हो सकते हैं।
- जल की समस्या का समाधान क्या है?
उत्तर – जल की समस्या का समाधान जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, जलाशयों की सफाई, पानी के सदुपयोग, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण और वृक्षारोपण से हो सकता है। पाठ के अनुसार, यदि जलाशयों को सुरक्षित और स्वच्छ रखा जाए, तो जल संकट से बचा जा सकता है।
(इ) निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए।
- इस प्रकार पृथ्वी का चक्कर लगाने का क्या मतलब हो सकता है?
उत्तर – यह पंक्ति प्रो. दीपेश और प्रो. विकास की जिज्ञासा को दर्शाती है कि अंतरिक्ष यान बार-बार पृथ्वी के चारों ओर क्यों घूम रहा है। उन्हें संदेह होता है कि यह कोई जासूसी यान या किसी विशेष उद्देश्य से आया होगा।
- हम लोग यहाँ एक मिशन के तहत आए हैं।
उत्तर – इस पंक्ति में अंतरिक्ष यात्री यह स्पष्ट कर रहे हैं कि वे पृथ्वी पर किसी विशेष कार्य के लिए आए हैं। बाद में पता चलता है कि उनका मिशन पृथ्वी से जल लेना था ताकि वे अपने ग्रह के लोगों को जल संकट से बचा सकें।
- आप अपने जलाशयों को साफ़ और सुरक्षित रखें ताकि आपको भी हमारी तरह जलचोर न बनना पड़े।
उत्तर – इस पंक्ति में अंतरिक्ष यात्री पृथ्वीवासियों को जल संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। वे चेतावनी दे रहे हैं कि यदि पृथ्वीवासी अपने जल स्रोतों को सुरक्षित नहीं रखेंगे, तो भविष्य में उन्हें भी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
(ई) विज्ञापन पढ़कर कोई चार प्रश्न बनाइए।
भारत सरकार लांच करती है
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम
भारत सरकार का राष्ट्रीय किशोर कार्यक्रम वर्तमान चिकित्सालय आधारित संभाल से समुदाय आधारित स्वास्थ्य वर्धन एवं रोकथाम की ओर एक नई शुरुआत का संकेत है।
जिसका उद्देश्य किशोर जहाँ हैं, वहाँ तक उनके पास पहुँचना यानी कि स्कूलों और समुदायों में। यह कार्यक्रम छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में क्रियाशीलता पर लक्षित है : प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य, न्यूट्रीशन, मानसिक स्वास्थ्य, घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा सहित चोटें एवं हिंसा, नशीले पदार्थों का सेवन एवं असंक्रमणशील बीमारियाँ।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग चौबीस करोड़ किशोरों तक पहुँच की जाएगी। वर्तमान में किशोर स्वास्थ्य पर निवेश करके हम भविष्य में श्रम शक्ति, अभिभावकों एवं नेताओं पर निवेश कर रहे होंगे और इस प्रकार पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली घटिया स्वास्थ्य के कुचक्र को तोड़ देंगे।
उत्तर – प्रश्न 1- राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
प्रश्न 2- यह कार्यक्रम किन छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर केंद्रित है?
प्रश्न 3- इस कार्यक्रम के अंतर्गत कितने किशोरों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है?
प्रश्न 4- राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम से भविष्य में समाज को क्या लाभ होगा?
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता
(अ) जल स्रोतों के रखरखाव के बारे में आप क्या सुझाव देना चाहेंगे?
उत्तर – जल स्रोतों के रखरखाव के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं –
जल संरक्षण – नदियों, झीलों, तालाबों और भूमिगत जल को बचाने के लिए जल का सदुपयोग करें और व्यर्थ बहने से रोकें।
वृक्षारोपण – अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ, जिससे जल स्तर संतुलित रहे और भूजल का पुनर्भरण हो सके।
जल प्रदूषण की रोकथाम – जलाशयों में कचरा, प्लास्टिक, औद्योगिक कचरा एवं रसायन नहीं डालें।
वर्षा जल संचयन – वर्षा के जल को संग्रहित करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली अपनाएँ।
सामुदायिक भागीदारी – जल स्रोतों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए स्थानीय लोगों को जागरूक करें और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें।
सरकारी योजनाओं का पालन – जल संरक्षण एवं प्रबंधन से संबंधित सरकारी योजनाओं को अपनाएँ और उनके प्रति जागरूक रहें।
सिंचाई में सुधार – अधिक जल खपत वाली पारंपरिक सिंचाई पद्धतियों के स्थान पर टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करें।
गंदे पानी का पुनः उपयोग – घरेलू और औद्योगिक जल को शोधित करके पुनः उपयोग करने की व्यवस्था करें।
(आ) आज दुनिया के सभी देशों में जल की समस्या बनी हुई है। इसके समाधान में हम सब की क्या ज़िम्मेदारी है?
उत्तर – जल समस्या के समाधान में हम सभी की ज़िम्मेदारी है कि हम जल का विवेकपूर्ण उपयोग करें, इसे व्यर्थ न बहाएँ और जल संरक्षण के उपाय अपनाएँ। वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों की स्वच्छता बनाए रखना, जल प्रदूषण रोकना और वृक्षारोपण करना हमारी जिम्मेदारी है। साथ ही, लोगों को जागरूक करना और सरकारी योजनाओं का समर्थन करना भी आवश्यक है ताकि जल संकट से बचा जा सके।
(इ) ‘जल ही जीवन है।’ इस विषय पर एक पोस्टर बनाइए।
उत्तर –

Chapter 11 jal hee jeevan hai
(ई) आपके गाँव में जल संरक्षण कैसे किया जा रहा है? इसके बारे में बताते हुए कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर – मेरे गाँव में जल संरक्षण के प्रयास और सुझाव कुछ इस प्रकार हैं-
गाँव में जल संरक्षण के उपाय –
वर्षा जल संचयन – बारिश के पानी को तालाबों, कुओं और टैंकों में संग्रहित किया जाता है।
चेक डैम निर्माण – पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए छोटे बाँध बनाए गए हैं।
पुनर्भरण कुएँ (Recharge Well) – भूजल स्तर बढ़ाने के लिए पानी को जमीन में भेजने के विशेष कुएँ बनाए गए हैं।
ड्रिप सिंचाई – फसलों को कम पानी में उगाने के लिए टपक सिंचाई तकनीक अपनाई गई है।
पानी की बर्बादी पर रोक – गाँव के लोग नल और हैंडपंप से अनावश्यक पानी बहाने से बचते हैं।
जल संरक्षण के लिए सुझाव –
✔ घर-घर में वर्षा जल संचयन अपनाया जाए।
✔ गाँव में जागरूकता अभियान चलाया जाए।
✔ पेड़-पौधे अधिक लगाए जाएँ ताकि जलस्तर बना रहे।
✔ पाइपलाइन की लीकेज को ठीक किया जाए।
✔ गंदे जल को पुनः उपयोग (Recycle) किया जाए।
(अ) ‘जल’ शब्द से कई शब्द बने हैं। जैसे: जलचर। इसी तरह के तीन उदाहरण दीजिए।
जलज – कमल
जलाशय – पोखर, नदी या समुद्र
जलयान – जल या पानी पर चले वाला यान
(आ) नीचे दिए गए वाक्य पढ़िए। कोष्ठक में दी गई सूचना के अनुसार वाक्य बदलिए।
- यह तो कोई यान है। (भूत काल में बदलिए।)
उत्तर – वह तो कोई यान था।
- मेरे कई साथी इस संपूर्ण नीले ग्रह पर फैले थे। (भविष्य काल में बदलिए।)
उत्तर – मेरे कई साथी इस संपूर्ण नीले ग्रह पर फैलेंगे।
- पानी के अभाव में हमारे लोग मर रहे थे। (वर्तमान काल में बदलिए।)
उत्तर – पानी के अभाव में हमारे लोग मर रहे हैं।
- हम लोग अपना मिशन चुपचाप पूरा करना चाहते थे। (भविष्य काल में बदलिए।)
उत्तर – हम लोग अपना मिशन चुपचाप पूरा करना चाहेंगे।
(इ) नीचे दिया गया उदाहरण पढ़िए। उसके अनुसार एक वाक्य बनाइए।
उदाहरण : पृथ्वी पर मानव ने काफ़ी प्रगति कर ली थी।
पृथ्वी पर किसने काफ़ी प्रगति कर ली थी?
उत्तर – अंतरिक्ष के क्षेत्र में मानव ने काफ़ी प्रगति कर ली थी।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में किसने काफ़ी प्रगति कर ली थी?
(ई) अर्थ के आधार पर वाक्य पहचानिए।
- ओह! यह तो कोई यान है।
उत्तर – विस्मयादिबोधक वाक्य
- यह यान कहाँ से आया?
उत्तर – प्रश्नवाचक वाक्य
- दोनों ने एक साथ उस अंतरिक्ष यात्री से पूछा।
उत्तर – विधानवाचक वाक्य
- यहाँ का जल शुद्ध होगा।
उत्तर – संदेहवाचक वाक्य
- हमारे यहाँ जल होता तो हम पृथ्वी पर न आते।
उत्तर – निषेधवाचक वाक्य
- हमें शुद्ध जल चाहिए।
उत्तर – इच्छवाचक वाक्य
- आप भी कभी हमारे यहाँ आइए।
उत्तर – इच्छवाचक वाक्य
- नदी-नालों में कचरा बहाना मना है।
उत्तर – आज्ञावाचक वाक्य
‘जल संरक्षण’ संबंधी जानकारी का संकलन कर कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर – जल संरक्षण संबंधी जानकारी का संकलन
जल संरक्षण का अर्थ पानी को बचाने और उसके उचित उपयोग को सुनिश्चित करने से है। वर्तमान समय में जल संकट एक गंभीर समस्या बन चुका है, इसलिए जल संरक्षण आवश्यक हो गया है।
जल संरक्षण के कारण
जल की कमी – विश्व में पीने योग्य पानी की मात्रा सीमित है।
बढ़ती जनसंख्या – अधिक जनसंख्या के कारण जल की माँग बढ़ रही है।
विषाक्त जल स्रोत – प्रदूषण के कारण जल स्रोत दूषित हो रहे हैं।
कृषि और उद्योगों में अधिक जल खपत – बेतहाशा जल दोहन से भूजल स्तर गिर रहा है।
जलवायु परिवर्तन – अनियमित वर्षा और सूखे की समस्या बढ़ रही है।
जल संरक्षण के उपाय
वर्षा जल संचयन – वर्षा के जल को संग्रह कर उसका उपयोग किया जा सकता है।
बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति – खेती में कम पानी का उपयोग करने के लिए ड्रिप इरिगेशन अपनाना चाहिए।
पानी की बर्बादी रोकना – नल खुला न छोड़ें, पानी का पुनः उपयोग करें।
वनों की रक्षा – अधिक वृक्षारोपण से वर्षा होगी और जल स्रोत संरक्षित रहेंगे।
गंदे पानी का पुनः चक्रण – औद्योगिक और घरेलू जल को साफ करके पुनः प्रयोग करें।
समुद्री जल का शुद्धिकरण – समुद्री जल को शुद्ध करके पीने योग्य बनाया जाए।
जन जागरूकता अभियान – लोगों को जल संरक्षण के प्रति शिक्षित किया जाए।
निष्कर्ष
जल संरक्षण केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। यदि हमने समय रहते जल को संरक्षित नहीं किया, तो भविष्य में गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ेगा। इसलिए, हमें जल बचाने के लिए तत्पर रहना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
“बूँद-बूँद पानी कीमती है, इसे व्यर्थ न गवाएँ!”
विचार-विमर्श
बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार ने POCSO क़ानून बनाया। जिसमें बच्चों को तंग करने, शारीरिक और व्यक्तिगत नियम तोड़ने पर कई सालों की सज़ा है। यदि कोई जानबूझकर इन्हें तोड़े तो उसे हम ‘नहीं’ या ‘रुको’ कह सकते हैं। मौका मिलने पर दूर जाकर किसी भरोसेमंद बड़े व्यक्ति की सहायता से असुरक्षित व्यक्ति से बच सकते हैं। ऐसे असुरक्षित व्यक्ति को उसके व्यवहार पर शर्मिंदगी होनी चाहिए। इन्हें रोकें।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए –
प्रश्न – पृथ्वी पर जल संकट क्यों बढ़ रहा था?
उत्तर – पृथ्वी पर जल की मात्रा धीरे-धीरे कम हो रही थी, जिससे जल संकट गहराता जा रहा था।
प्रश्न – वैज्ञानिक किस समस्या पर चर्चा कर रहे थे?
उत्तर – वैज्ञानिक जल संकट और उसके समाधान पर चर्चा कर रहे थे।
प्रश्न – प्रो. दीपेश ने आकाश में क्या देखा?
उत्तर – उन्होंने एक नाचता हुआ तारा देखा, जो वास्तव में एक अंतरिक्ष यान था।
प्रश्न – अंतरिक्ष यात्री कौन थे और वे क्यों आए थे?
उत्तर – वे एक अन्य ग्रह के निवासी थे और अपने ग्रह के जल संकट के समाधान के लिए पृथ्वी से जल लेने आए थे।
प्रश्न – अंतरिक्ष यात्री ने क्या संदेश दिया?
उत्तर – उन्होंने पृथ्वीवासियों को अपने जल स्रोतों को साफ़ और सुरक्षित रखने की सलाह दी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन पंक्तियों में दीजिए –
प्रश्न – वैज्ञानिकों को कैसे पता चला कि जल संकट गंभीर हो रहा है?
उत्तर – वैज्ञानिकों को एक सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला कि पृथ्वी पर जल की मात्रा लगातार कम हो रही है, जिससे लोग चिंतित हो गए।
प्रश्न – अंतरिक्ष यात्री ने जल क्यों चुराया और उन्होंने क्या सफाई दी?
उत्तर – उनके ग्रह का जल विषाक्त हो गया था और लोग मरने लगे थे, इसलिए वे पृथ्वी से कुछ जल लेकर अपने ग्रह पर गए ताकि अपने लोगों को बचा सकें।
प्रश्न – प्रो. दीपेश और प्रो. विकास को अंतरिक्ष यात्री देखकर कैसा महसूस हुआ?
उत्तर – वे पहले घबरा गए कि यह कोई जासूसी मिशन या हमला न हो, लेकिन बाद में समझ गए कि वे सिर्फ जल संकट से बचने के लिए आए थे।
प्रश्न – अंतरिक्ष यात्री ने पृथ्वीवासियों को क्या चेतावनी दी?
उत्तर – उन्होंने कहा कि अगर पृथ्वीवासियों ने अपने जल स्रोतों को सुरक्षित नहीं रखा, तो उन्हें भी एक दिन जल चोर बनना पड़ेगा।
प्रश्न – इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर – हमें जल संरक्षण का महत्त्व समझना चाहिए और अपने जल स्रोतों को स्वच्छ और सुरक्षित रखना चाहिए ताकि भविष्य में जल संकट न हो।