Telangana, Class IX, Sugandha -01, Hindi Text Book, Ch. 06, Beti Ke Naam Patra, Jawahar Lal Nehru, The Best Solutions, बेटी के नाम पत्र

प्रश्न

  1. चित्र में क्या दिखाई दे रहा है?

उत्तर – चित्र में एक छात्र दिखाई दे रहा है जिसके हाथों में कागज़ का एक टुकड़ा है और सामने ही उसका बस्ता पड़ा हुआ है। 

  1. बालक क्या कर रहा होगा?

उत्तर – बालक उस कागज़ अर्थात् उस पत्र को पढ़ रहा होगा।

  1. हमारे जीवन में पत्रों का क्या महत्त्व है?

उत्तर – हमारे जीवन में पत्रों का बहुत महत्त्व है। पत्रों के माध्यम से हम अपनी भावनाएँ और विचार दूसरों को संप्रेषित कर सकते हैं। शायद इसलिए आजकल पत्र साहित्य भी लोकप्रिय हो रहा है।

उद्देश्य

पत्र विधा से अपने विचार प्रकट करने का प्रयास करना।

अपनी भावनाएँ दूसरों तक पहुँचाने के लिए पत्र भी एक साधन है।

बेटी के नाम पत्र

नैनी जेल,

26 अक्तूबर, 1930.

प्रिय इंदिरा,

जन्मदिन पर तुम्हें कई उपहार मिलते रहे हैं। शुभकामनाएँ भी दी जाती रही हैं। पर मैं इस जेल में बैठा तुम्हें क्या उपहार भेज सकता हूँ। हाँ, मेरी शुभकामनाएँ सदा तुम्हारे साथ रहेंगी।

क्या तुम्हें याद है कि ‘जोन ऑफ आर्क’ की कहानी तुम्हें कितनी अच्छी लगी थी? तुम स्वयं भी तो उसी की तरह बनना चाहती थी। पर साधारण पुरुष तथा स्त्रियाँ इतने साहसी नहीं होते। वे तो अपने प्रतिदिन के कामों, बाल-बच्चों तथा घर की चिंताओं में ही फँसे रहते हैं। परंतु एकसमय ऐसा आ जाता है कि किसी महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी लोगों में असीम उत्साह भर जाता है। साधारण पुरुष वीर बन जाते हैं और स्त्रियाँ वीरांगनाएँ।

आजकल हमारे भारत के इतिहास का निर्माण हो रहा है। बापू ने भारतवासियों के दुखों को दूर करने के लिए आंदोलन छेड़ा है। मैं और तुम बहुत ही भाग्यशाली हैं कि यह आंदोलन हमारी आँखों के सामने हो रहा है और हम भी इसमें कुछ भाग ले रहे हैं। एक महान उद्देश्य हमारे सामने है और इसकी पूर्ति के लिए बहुत कुछ करना है।

अब सोचना यह है कि इस महान आंदोलन में हमारा कर्तव्य क्या है इसमें हम किस तरह भाग लें परंतु जो कुछ भी हम करें, हमें इतना अवश्य स्मरण रखना चाहिए कि उससे हमारे देश को हानि न पहुँचें। कई बार हम संदेह में भी पड़ जाते हैं कि हम क्या करें, क्या न करें। यह निश्चय करना कोई सरल कार्य नहीं है। जब भी तुम्हें ऐसा संदेह हो तो ठीक बात का निश्चय करने के लिए मैं तुम्हें एक छोटा-सा उपाय बताता हूँ। तुम ऐसा कोई काम न करना, जिसे दूसरों से छिपाने की इच्छा तुम्हारे मन में उठे। किसी बात को छिपाने की इच्छा तभी होती है, जब तुम कोई ग़लत काम करती हो। बहादुर बनो और सब कुछ स्वयं ही ठीक हो जाएगा। यदि तुम बहादुर बनोगी तो तुम ऐसी कोई बात नहीं करोगी, जिससे तुम्हें उरना पड़ें या जिसे करने में तुम्हें लज्जित होना पड़ें।

तुम्हें यह तो मालूम ही है कि बापू जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता का जो आंदोलन चलाया जा रहा है उसमें छिपा रखने जैसी कोई बात नहीं है। हम तो सभी काम दिन के उजाले में करते हैं। अच्छा बेटी। अब विदा।

भारत की सेवा के लिए तुम बहादुर सिपाही बनो, यही मेरी शुभकामना है।

तुम्हारा पिता,

जवाहर लाल।

जोन ऑफ आर्क (1412 – 1431) –

वे फ्रांस की वीरांगना थीं। इनका जन्म पूर्वी फ्रांस के एक किसान परिवार में हुआ था। ये बचपन से ही साहसी थीं। बारह वर्ष की अल्पायु में ही इन्होंने दृढ़ निश्चय कर लिया था कि वे अपनी मातृभूमि फ्रांस को अंग्रेज़ों के चंगुल से मुक्त कराएँगी। इन्होंने अंग्रेज़ों के विरुद्ध कई लड़ाइयाँ लड़ीं। विजय प्राप्त की। आज भी इनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है।

कठिन शब्दों के सरल अर्थ

यहाँ पत्र में आए महत्त्वपूर्ण शब्दों के हिंदी, तेलुगु और अंग्रेज़ी में अर्थों की एक सारणी प्रस्तुत की गई है:

हिंदी शब्द

हिंदी अर्थ

तेलुगु अर्थ

अंग्रेज़ी अर्थ

शुभकामनाएँ

मंगलकामनाएँ, आशीर्वाद

శుభాకాంక్షలు

Best wishes

उपहार

भेंट, तोहफ़ा

కానుక

Gift

साहसी

वीर, निडर

ధైర్యవంతమైన

Brave

साधारण

सामान्य, आम

సామాన్యమైన

Ordinary

उद्देश्य

लक्ष्य, मकसद

లక్ష్యం

Purpose

असीम

अनंत, विशाल

అపరిమితమైన

Infinite

इतिहास

अतीत का लेखा-जोखा

చరిత్ర

History

निर्माण

सृजन, रचना

నిర్మాణం

Creation/Formation

आंदोलन

अभियान, क्रांति

ఉద్యమం

Movement

भाग्यशाली

सौभाग्यशाली, किस्मत वाला

అదృష్టవంతుడు

Fortunate

कर्तव्य

धर्म, उत्तरदायित्व

విధి

Duty

हानि

नुकसान, क्षति

నష్టం

Loss/Damage

संदेह

शक, आशंका

అనుమానం

Doubt

सरल

आसान, सीधा

సులభమైన

Simple/Easy

उपाय

तरीका, हल

పరిష్కారం

Solution

छिपाने

गुप्त रखने, छुपाना

దాచడం

To hide

इच्छा

चाह, आकांक्षा

కోరిక

Desire/Wish

बहादुर

निडर, वीर

ధైర్యశాలి

Courageous/Brave

लज्जित

शर्मिंदा, संकोची

అవమానంగా

Ashamed

नेतृत्व

अगुवाई, मार्गदर्शन

నాయకత్వం

Leadership

स्वतंत्रता

आज़ादी, मुक्ति

స్వాతంత్ర్యం

Freedom

उजाला

प्रकाश, रोशनी

వెలుగు

Light/Brightness

विदा

अलविदा, प्रस्थान

వీడ్కోలు

Farewell

सेवा

परोपकार, भलाई

సేవ

Service

सिपाही

सैनिक, योद्धा

సైనికుడు

Soldier

 

बेटी के नाम पत्र – पाठ का सार

यह पत्र पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुत्री इंदिरा को उनके जन्मदिन के अवसर पर नैनी जेल से लिखा था। इसमें वे इंदिरा को बहादुरी, ईमानदारी और देशभक्ति की सीख देते हैं। वे ‘जोन ऑफ आर्क’ का उदाहरण देकर बताते हैं कि कैसे साधारण व्यक्ति भी किसी महान उद्देश्य के लिए वीर बन सकते हैं। नेहरू जी कहते हैं कि उस समय भारत का इतिहास बन रहा था, और वे सौभाग्यशाली थे कि स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन सके। वे इंदिरा को निडर बनने की सलाह देते हैं और बताते हैं कि जो काम छिपाने की इच्छा हो, वह गलत होता है। सत्य और ईमानदारी के मार्ग पर चलने से सब कुछ अपने आप सही हो जाता है।

अंत में, वे इंदिरा को बहादुर सिपाही बनने और भारत की सेवा करने की प्रेरणा देते हैं। यह पत्र न केवल एक पिता की बेटी के प्रति चिंता और प्रेम को दर्शाता है, बल्कि देशभक्ति और नैतिकता की महत्त्वपूर्ण शिक्षा भी देता है।

अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया

(अ) प्रश्नों के उत्तर सोचकर दीजिए।

  1. पुराने समय में पत्र कैसे भेजे जाते थे?

उत्तर – पुराने समय में पत्र डाक व्यवस्था के माध्यम से भेजे जाते थे। पत्रों को हाथ से लिखा जाता था और डाकिया उसे गंतव्य स्थान तक पहुँचाता था। इसके अलावा कई बार संदेशवाहकों तथा कबूतरों के माध्यम से भी पत्र भेजे जाते थे।

  1. विविध उत्सवों व शुभसंदर्भों पर शुभकामनाएँ कैसे दी जाती हैं?

उत्तर – विविध उत्सवों व शुभ अवसरों पर लोग एक-दूसरे को मौखिक रूप से, पत्र के माध्यम से, उपहार देकर या आजकल के युग मेन डिजिटल संदेशों द्वारा शुभकामनाएँ देते हैं।

(आ) वाक्यों को जोड़कर सही वाक्य लिखिए।

  1. बापूजी के नेतृत्व में – क) इतिहास का निर्माण हो रहा
  2. आजकल हमारे भारत के – ख) स्वतंत्रता आंदोलन चल रहा था।
  3. साधारण पुरुष वीर और – ग) उजाले में करते हैं।
  4. हम तो सभी काम दिन के – घ) स्त्रियाँ वीरांगनाएँ बन सकती हैं।

उत्तर –

  1. बापूजी के नेतृत्व में – ख) स्वतंत्रता आंदोलन चल रहा था।
  2. आजकल हमारे भारत के – क) इतिहास का निर्माण हो रहा है।
  3. साधारण पुरुष वीर और – घ) स्त्रियाँ वीरांगनाएँ बन सकती हैं।
  4. हम तो सभी काम दिन के – ग) उजाले में करते हैं।

(इ) गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

एक बार मेरे पिताजी ‘श्रवण की पितृभक्ति’ नामक पुस्तक खरीद कर लाये। मैंने उसे बड़े चाव से पढ़ा। उन दिनों बाइस्कोप में तस्वीर दिखानेवाले लोग आया करते थे। तभी मैंने अपने माता-पिता को बहंगी पर बिठाकर ले जानेवाले श्रवण कुमार का चित्र भी देखा। इन बातों का मेरे मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। मन-ही-मन मैंने ठान लिया कि मैं भी श्रवण की तरह बनूँगा। मैंने ‘सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक भी देखा था। बार-बार उसे देखने की इच्छा होती। हरिश्चंद्र के सपने आते। यह बात मेरे मन में बैठ गई। चाहे हरिश्चंद्र की भाँति कष्ट क्यों न उठाना पड़े, पर सत्य को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

  1. सेवाभाव की प्रेरणा महात्मा गाँधी को कैसे मिली?

उत्तर – महात्मा गाँधी को सेवाभाव की प्रेरणा अपने माता-पिता तथा धार्मिक ग्रंथों से मिली। उन्होंने जीवनभर दूसरों की सेवा करने और समाज के लिए कार्य करने का संकल्प लिया था।

  1. सत्य की प्रेरणा महात्मा गाँधी को किससे मिली?

उत्तर – महात्मा गाँधी को सत्य की प्रेरणा ‘सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक और श्रवण कुमार की कहानी से मिली। इन कहानियों से उन्होंने सीखा कि सत्य का पालन हर स्थिति में करना चाहिए।

  1. इस गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा?

उत्तर –  इस गद्यांश का उचित शीर्षक होगा, ‘सत्य और सेवा की प्रेरणा’।

(ई) पाठ में आये पात्रों के नाम ढूँढ़कर लिखिए।

उत्तर – पाठ में आये पात्रों के नाम हैं – जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, महात्मा गांधी, श्रवण कुमार, हरिश्चंद्र।

अभिव्यक्ति सृजनात्मकता

(अ) नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

  1. अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमें क्या करना चाहिए?

उत्तर – अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमें निडर, ईमानदार और परिश्रमी बनना चाहिए। हमें सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलना चाहिए तथा अपने कार्य को पूरी निष्ठा से करना चाहिए।

  1. मैं और तुम बहुत भाग्यशाली हैं।” नेहरू जी ने ऐसा क्यों कहा होगा?

उत्तर – “मैं और तुम बहुत भाग्यशाली हैं।” नेहरू जी ने ऐसा इसलिए कहा होगा क्योंकि वे और उनकी बेटी इंदिरा गांधी एक महत्त्वपूर्ण स्वतंत्रता संग्राम के साक्षी थे और उसमें योगदान देने का अवसर पा रहे थे। यह एक ऐतिहासिक काल था, जिसमें वे अपनी मातृभूमि की सेवा कर सकते थे।

(आ) पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – यह पत्र पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा उनकी पुत्री इंदिरा को लिखा गया था। इसमें नेहरू जी ने इंदिरा को साहसी बनने, सत्य के मार्ग पर चलने और देश की सेवा करने की प्रेरणा दी। उन्होंने उदाहरण के रूप में जोन ऑफ आर्क का उल्लेख किया, जो अपने देश के लिए संघर्ष करने वाली वीरांगना थीं। उन्होंने इंदिरा को बताया कि स्वतंत्रता संग्राम का यह समय बहुत महत्त्वपूर्ण है और इसमें योगदान देना उनका कर्तव्य है।

(इ) बहादुरी से संबंधित कोई छोटी सी कहानी लिखिए।

उत्तर – ‘नन्हा वीर’

एक गाँव में अर्जुन नाम का एक छोटा लड़का रहता था। एक दिन गाँव में आग लग गई और चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। सभी लोग अपनी जान बचाने में लगे थे, लेकिन अर्जुन ने देखा कि एक छोटा बच्चा घर के अंदर फँसा हुआ है। बिना डरे वह आग में घुसा और उस बच्चे को सुरक्षित बाहर ले आया। उसकी बहादुरी के लिए पूरे गाँव ने उसकी सराहना की और उसे ‘नन्हा वीर’ कहकर पुकारा।

(ई) देश की रक्षा में तत्पर बहादुर सिपाहियों के योगदान के बारे में लिखिए।

उत्तर – हमारे देश के बहादुर सिपाही सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। वे हर परिस्थिति में सतर्क रहते हैं, चाहे गर्मी हो, ठंड हो या बारिश। वे दिन-रात देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं। कारगिल युद्ध, सर्जिकल स्ट्राइक और अन्य कई अभियानों में हमारे सैनिकों ने अद्भुत पराक्रम दिखाया है। उनकी बहादुरी और बलिदान के कारण ही हम सुरक्षित जीवन जी पा रहे हैं। हमें उनके त्याग का सम्मान करना चाहिए।

भाषा की बात

(अ) नीचे दिए गए एकवचन और बहुवचन के रूप समझिए।

उपहार – उपहार

कवि –  कवि

पक्षी – पक्षी

गुरु – गुरु

पुस्तक – पुस्तकें

लड़का – लड़के

शुभकामना – शुभकामनाएँ

समिति – समितियाँ

कहानी – कहानियाँ

ऋतु – ऋतुएँ

बहू – बहुएँ

(आ) ऊपर दिए गए वचन के उदाहरण पढ़िए। किन्हीं दो के वाक्य प्रयोग कीजिए।

पुस्तक – पुस्तकें –

रमा के पास प्रेमचंद की एक ही पुस्तक है जबकि मेरे प्रेमचंद जी की तीन पुस्तकें हैं।

लड़का – लड़के –

दुकान के अंदर दो लड़के समान ले रहे और और बाहर खड़ा एक लड़का गाड़ी की रखवाली कर रहा है।

(इ) रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्दों से कीजिए।

(खेद, बधाई, शुभकामनाएँ, आशीर्वाद)

  1. नानी ने अपनी नवासी को जीती रहो बेटी कहकर आशीर्वाद दिया।
  2. आपको जन्मदिन की शुभकामनाएँ
  3. खेल में आपकी जीत हुई इसके लिए आपको बधाई हो।
  4. रुकावट के लिए खेद है।

 

परियोजना कार्य

बाल अधिकार के बारे में जानकारी प्राप्त करके एक सूची बनाइए।

उत्तर – बाल अधिकारों की सूची

बाल अधिकारों का उद्देश्य बच्चों को उनके जीवन, सुरक्षा, शिक्षा और विकास से जुड़े बुनियादी अधिकार प्रदान करना है। संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि (UNCRC) के अनुसार, बच्चों के निम्नलिखित मुख्य अधिकार होते हैं:

जीवन का अधिकार (Right to Life) – प्रत्येक बच्चे को जीने और विकास करने का अधिकार है।

पहचान का अधिकार (Right to Identity) – प्रत्येक बच्चे को नाम, राष्ट्रीयता और पारिवारिक पहचान प्राप्त करने का अधिकार है।

शिक्षा का अधिकार (Right to Education) – हर बच्चे को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।

स्वास्थ्य का अधिकार (Right to Health) – बच्चों को उचित स्वास्थ्य सेवाएँ, पोषण और स्वच्छता का अधिकार है।

सुरक्षा का अधिकार (Right to Protection) – बच्चों को शारीरिक, मानसिक, यौन और भावनात्मक शोषण से सुरक्षित रहने का अधिकार है।

खेल और मनोरंजन का अधिकार (Right to Play and Recreation) – बच्चों को खेलने, मनोरंजन करने और अपनी रुचियों को विकसित करने का अधिकार है।

स्वतंत्र विचार व्यक्त करने का अधिकार (Right to Express Opinion) – बच्चों को अपनी बात कहने और स्वतंत्र रूप से सोचने का अधिकार है।

समानता का अधिकार (Right to Equality) – सभी बच्चों को जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक स्थिति के भेदभाव से मुक्त समान अवसर मिलने चाहिए।

परिवार और देखभाल का अधिकार (Right to Family and Care) – बच्चों को अपने माता-पिता या देखभाल करने वालों के साथ सुरक्षित वातावरण में रहने का अधिकार है।

बाल श्रम से सुरक्षा (Right to Protection from Child Labour) – बच्चों को मजदूरी करने और शोषणकारी कार्यों से बचाने का अधिकार है।

बाल विवाह से सुरक्षा (Right to Protection from Child Marriage) – बच्चों को कम उम्र में शादी से बचाने का अधिकार है।

बच्चों की विशेष आवश्यकता का अधिकार (Right to Special Care for Disabled Children) – विकलांग बच्चों को विशेष देखभाल और सहायता मिलने का अधिकार है।

शरण और सहायता का अधिकार (Right to Refuge and Assistance) – संकटग्रस्त या युद्ध प्रभावित बच्चों को सुरक्षित स्थान और सहायता प्राप्त करने का अधिकार है।

सूचना का अधिकार (Right to Information) – बच्चों को अपने अधिकारों और उनके विकास से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है।

महत्त्व –

बाल अधिकार बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक हैं और उन्हें एक सुरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने का अवसर प्रदान करते हैं। इन अधिकारों की रक्षा सरकारों, समाज और परिवारों की जिम्मेदारी है।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए –

प्रश्न – जवाहरलाल नेहरू ने यह पत्र कहाँ से लिखा था?

उत्तर – जवाहरलाल नेहरू ने यह पत्र नैनी जेल से लिखा था।

प्रश्न – पत्र में इंदिरा को कौन-सा उपहार दिया गया?

उत्तर – पत्र में इंदिरा को शुभकामनाएँ और प्रेरणादायक बातें उपहार के रूप में दी गईं थीं।

प्रश्न – नेहरू जी ने किस वीरांगना का उदाहरण दिया?

उत्तर – नेहरू जी ने फ्रांस देश की वीरांगना जोन ऑफ आर्क का उदाहरण दिया था।

प्रश्न – स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किसने किया?

उत्तर – स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व महात्मा गाँधी जी ने किया।

प्रश्न – नेहरू जी ने इंदिरा को क्या बनने की प्रेरणा दी?

उत्तर – नेहरू जी ने इंदिरा को बहादुर सिपाही बनने की प्रेरणा दी।

प्रश्न – गलत काम को पहचानने का क्या तरीका बताया गया?

उत्तर – गलत काम को पहचानने का यह तरीका बताया गया कि जो काम छिपाने की इच्छा हो, वह गलत होता है।

प्रश्न – पत्र किस उद्देश्य से लिखा गया था?

उत्तर – यह पत्र इंदिरा को देशभक्ति और ईमानदारी की सीख देने के उद्देश्य से लिखा गया था।

प्रश्न – स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कौन जेल में थे?

उत्तर – स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जवाहरलाल नेहरू जेल में थे।

प्रश्न – नेहरू जी के अनुसार भाग्यशाली कौन हैं?

उत्तर – नेहरू जी के अनुसार भाग्यशाली वे जो स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा हैं, भाग्यशाली हैं।

प्रश्न – बापूजी कौन थे?

उत्तर – महात्मा गाँधी ही बापूजी थे।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए –

प्रश्न – नेहरू जी ने इंदिरा को ‘जोन ऑफ आर्क’ की कहानी क्यों याद दिलाई?

उत्तर – उन्होंने जोन ऑफ आर्क का उदाहरण देकर इंदिरा को साहसी बनने और देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी, ताकि वह भी एक वीरांगना की तरह कार्य कर सके।

प्रश्न – पत्र में नेहरू जी ने स्वतंत्रता संग्राम को कैसे बताया है?

उत्तर – उन्होंने इसे भारत के इतिहास के निर्माण का महत्त्वपूर्ण समय बताया, जिसमें हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह पूरी ईमानदारी से इसमें योगदान दे।

प्रश्न – इंदिरा को बहादुर बनने की सलाह क्यों दी गई?

उत्तर – क्योंकि बहादुरी से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है और ऐसे कोई कार्य नहीं करता जिससे उसे शर्मिंदगी महसूस हो या कुछ छिपाने की जरूरत पड़े।

प्रश्न – नेहरू जी ने इंदिरा को कौन-सा मूल्यवान पाठ पढ़ाया?

उत्तर – उन्होंने सत्य, ईमानदारी, बहादुरी और देशभक्ति का महत्त्व समझाया, जिससे इंदिरा अपने जीवन में सही निर्णय ले सके।

प्रश्न – नेहरू जी ने देश सेवा को क्यों महत्त्वपूर्ण बताया?

उत्तर – उन्होंने बताया कि अपने देश की सेवा करना सबसे बड़ा कर्तव्य है, और हर व्यक्ति को राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए।

You cannot copy content of this page