Telangana, Class IX, Sugandha -01, Hindi Text Book, Ch. 07, Mera Jeevan, Subhadra Kumari Chouhan, The Best Solutions, मेरा जीवन

प्रश्न

  1. यह चित्र किनका है?

उत्तर – यह चित्र संत मदर तेरेसा का है।

  1. आपको समाज सेवा करना कैसा लगता है?

उत्तर – मुझे समाज सेवा करना बहुत अच्छा लगता है।

  1. मदर तेरेसा के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर – मदर तेरेसा के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें भी जितनी हो सके उतनी उतनी दीन-दुखियों व जरूरतमंदों की सेवा करनी ही चाहिए।

 

उद्देश्य

कविता के प्रति रुचि रखते काव्य सृजन का प्रयास करना।

लक्ष्य की राह में खुशहाल, सुखी जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा पाना।

सुभद्रा कुमारी चौहान कवयित्री परिचय

सुभद्रा कुमारी चौहान हिंदी साहित्य जगत में विशेष स्थान रखती हैं। इनका जन्म सन् 1904 में हुआ। इनकी प्रमुख दो काव्य रचनाएँ मुकुल और त्रिधारा हैं तथा तीन कहानी संग्रह- बिखरे मोती, उन्मादिनी और सीधे-सादे चित्र हैं। इनकी रचनाओं में राष्ट्रीयता व देशभक्तिपरक मूल्य कूट-कूट कर भरे हुए हैं। झाँसी की रानी जैसी ओजस्वी कविता लिखने वाली सुभद्रा कुमारी चौहान के सम्मान में भारतीय डाक सेवा ने उनके चित्र वाला डाक स्टैंप जारी किया। इनका निधन सन् 1948 में हुआ।

मेरा जीवन

मैं ने हँसना सीखा है, मैं नहीं जानती रोना।

बरसा करता पल-पल पर, मेरे जीवन में सोना।

मैं अब तक जान न पाई, कैसी होती है पीड़ा।

हँस-हँस जीवन में कैसे, करती हैं चिंता क्रीड़ा।

जग है असार सुनती हूँ मुझको सुख -सार दिखाता।

मेरी आँखों के आगे सुख का सागर लहराता।

उत्साह उमंग निरंतर रहते मेरे जीवन में।

उल्लास विजय का हँसता मेरे मतवाले मन से।

आशा आलोकित करती मेरे जीवन को प्रतिक्षण।

स्वर्णसूत्र से वलयित मेरी असफलता के धन।

सुख भरे सुनहरे बादल रहते हैं मुझको घेरे।

विश्वास, प्रेम, साहस हैं जीवन के साथी मेरे।

 

शब्द (हिंदी)

अर्थ (हिंदी में)

अर्थ (तेलुगु में)

अर्थ (अंग्रेज़ी में)

जीवन

ज़िंदगी, अस्तित्व

జీవితం, బ్రతుకు

Life, Existence

हँसी

मुस्कान, ठहाका

నవ్వు, హాస్యం

Laughter, Smile

उत्साह

उमंग, जोश

ఉత్సాహం, ప్రేరణ

Enthusiasm, Zeal

प्रेम

स्नेह, प्यार

ప్రేమ, స్నేహం

Love, Affection

विश्वास

आस्था, यकीन

నమ్మకం, విశ్వాసం

Faith, Trust

साहस

हिम्मत, धैर्य

ధైర్యం, సాహసం

Courage, Bravery

सफलता

विजय, कामयाबी

విజయం, సాఫల్యం

Success, Achievement

आशा

उम्मीद, अभिलाषा

ఆశ, ఆకాంక్ష

Hope, Expectation

संघर्ष

प्रयत्न, जद्दोजहद

పోరాటం, కష్టం

Struggle, Effort

प्रकृति

नैसर्गिकता, पर्यावरण

ప్రకృతి, స్వభావం

Nature, Environment

आनंद

खुशी, उल्लास

ఆనందం, సంతోషం

Happiness, Joy

कर्तव्य

दायित्व, जिम्मेदारी

కర్తవ్యం, బాధ్యత

Duty, Responsibility

स्वतंत्रता

आज़ादी, मुक्ति

స్వాతంత్ర్యం, విముక్తి

Freedom, Independence

परिश्रम

मेहनत, श्रम

కష్టం, శ్రమ

Hard work, Labor

धैर्य

संयम, सहनशीलता

సహనం, ఓర్పు

Patience, Endurance

सफलता

उपलब्धि, जीत

విజయము, సాధన

Success, Achievement

प्रेरणा

प्रोत्साहन, उत्प्रेरणा

ప్రేరణ, ఉత్తేజం

Inspiration, Motivation

सुख

आनंद, प्रसन्नता

సుఖం, ఆనందం

Pleasure, Happiness

दुख

पीड़ा, वेदना

దుఃఖం, బాధ

Sorrow, Pain

विजय

सफलता, जीत

విజయము, గెలుపు

Victory, Triumph

मेरा जीवन – पाठ का सार

यह कविता एक ऐसे व्यक्ति के जीवन को दर्शाती है जो हमेशा खुश रहता है और जिसने दुख और चिंता को अपने जीवन में स्थान नहीं दिया। कवयित्री कहती हैं कि उनके जीवन में हर पल सोने की तरह बहुमूल्य होता है और वे कभी दुखी नहीं होतीं। उनके मन में उत्साह, उमंग और आशा की निरंतर ज्योति जलती रहती है।

कविता में जीवन के सकारात्मक दृष्टिकोण को उजागर किया गया है, जिसमें सफलता, उल्लास और आत्मविश्वास की महत्त्वपूर्ण भूमिका बताई गई है। कवयित्री को विश्वास, प्रेम और साहस अपने सबसे अच्छे साथी लगते हैं, जो उनके जीवन को सँवारते हैं। वे कहती हैं कि उनके जीवन में हर तरफ सुख के बादल मँडराते हैं और वे हमेशा आशावादी रहती हैं।

कविता हमें यह सीख देती है कि यदि हम जीवन में सकारात्मक सोच रखें, साहस और प्रेम को अपनाएँ, तो हमारा जीवन सुखमय और सफल हो सकता है।

अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया

(अ) नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

  1. खुशहाल जीवन की क्या विशेषता होती है?

उत्तर – खुशहाल जीवन में उत्साह, उमंग, उल्लास और आत्मविश्वास होता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में हर परिस्थिति में आनंद प्राप्त होता है और वह चिंता से मुक्त रहता है और पाने साथ साथ दूसरों के जीवन में भी खुशियों का संचार करता है।

  1. प्रसन्न व्यक्ति कभी दुखी नहीं होताइस पर अपने विचार बताइए।

उत्तर – प्रसन्न व्यक्ति अपने विचारों में सकारात्मकता बनाए रखता है, जिससे वह कठिनाइयों को भी मुस्कुराते हुए स्वीकार करता है। वह समस्याओं का हल खोजने में विश्वास रखता है, इसलिए दुख उसे अधिक समय तक प्रभावित नहीं कर सकता।

(आ) कविता पढ़कर नीचे दिए गए अभ्यास पूरे कीजिए।

इन पंक्तियों का उचित क्रम बताइए।

  1. उत्साह उमंग निरंतर रहते मेरे जीवन में।

उत्तर – (3)

  1. उल्लास विजय का हँसता मेरे मतवाले मन से।

उत्तर – (4)

  1. जग है असार सुनती हूँ मुझको सुख-सार दिखाता।

उत्तर – (1)

  1. मेरी आँखों के आगे सुख का सागर लहराता

उत्तर – (2)

(इ) नीचे दी ग पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए।

  1. हँस-हँस जीवन में कैसे करती है चिंता क्रीड़ा?

उत्तर – कवयित्री कहती हैं कि उन्होंने हमेशा जीवन में खुशी को अपनाया है, इसलिए वे यह समझ नहीं पातीं कि लोग चिंता में डूबकर अपना जीवन कैसे व्यतीत करते हैं।

  1. मेरी आँखों के आगे सुख का सागर लहराता।

उत्तर – कवयित्री का जीवन खुशियों से भरा हुआ है, उन्हें हर तरफ सुख और आनंद ही दिखाई देता है। अर्थात् जो अपने विचारों और भावनाओं के स्तर पर खुश रहते हैं उन्हें हर ओर केवल खुशियाँ ही दिखाई देती हैं।

  1. सुख भरे सुनहरे बादल रहते हैं मुझको घेरे।

उत्तर – कवयित्री के जीवन में खुशियों की भरमार है, वे हमेशा आशावादी रहती हैं और जीवन की कठिनाइयों को अनुभव नहीं करतीं।

  1. विश्वास, प्रेम, साहस जीवन के साथी मेरे।

उत्तर – कवयित्री कहती हैं कि उनके जीवन में विश्वास, प्रेम और साहस सबसे महत्त्वपूर्ण भावनाएँ हैं, जो उन्हें हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

(ई) नीचे दिया गया पद्यांश पढ़कर इसका भाव अपने शब्दों में लिखिए।

बार-बार आती है मुझको,

मधुर याद बचपन तेरी।

गया ले गया जीवन की.

सबसे मस्त खुशी मेरी॥  

उत्तर – यह पद्यांश बचपन की मधुर स्मृतियों को दर्शाता है। कवयित्री कहती हैं कि बचपन की यादें उन्हें बार-बार आती हैं और वे उस मासूम खुशी को याद करती हैं, जो अब जीवन में खो चुकी है। अर्थात् समय ने उन्हें बड़ा कर दिया और उनका बचपन तथा बचपन की खुशियाँ सब समय ने उनसे ले लिया। 

अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता

(अ) पाठ के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

  1. कवयित्री ने जीवन में हँसने को क्यों महत्त्व दिया है?

उत्तर – कवयित्री का मानना है कि हँसी और खुशी जीवन को सरल और आनंदमय बनाती हैं। उन्होंने कभी दुख को अपने जीवन में स्थान नहीं दिया, जिससे उनका जीवन उत्साह और उमंग से भरा हुआ है। जीवन में हँसने और मुसकराने से विपत्तियों को भी संदेह होने लगता है कि हमें इनके जीवन में जाना चाहिए या नहीं। 

  1. आपको यह संसार कैसा लगता है?

उत्तर – मुझे यह संसार विभिन्न अनुभवों और विचित्रताओं से भरा हुआ मालूम पड़ता है। यह कभी सुखद होता है तो कभी कठिनाइयाँ लेकर आता है, लेकिन अगर हम सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएँ, तो इसे सुंदर और खुशहाल बना सकते हैं।

  1. अपने जीवन को खुशहाल कैसे बनाया जा सकता है?

उत्तर – जीवन को खुशहाल बनाने के लिए सकारात्मक सोच अपनानी चाहिए, चिंता और नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए तथा प्रेम, विश्वास और साहस को अपनाना चाहिए।

  1. कवयित्री ने जीवन का साथी किसे बताया है और क्यों?

उत्तर – कवयित्री ने विश्वास, प्रेम और साहस को जीवन का साथी बताया है, क्योंकि ये गुण मनुष्य को हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं और जीवन को सफल बनाते हैं।

 

(आ) मेरा जीवनकविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – इस कविता में कवयित्री अपने जीवन की प्रसन्नता को व्यक्त करती हैं। वे कहती हैं कि उन्होंने जीवन में हमेशा हँसना सीखा और दुख को अपने करीब नहीं आने दिया। उनके लिए जीवन उत्साह और उमंग से भरा हुआ है, जहाँ उन्हें सुख का ही अनुभव होता है। वे विश्वास, प्रेम और साहस को अपने जीवन के महत्त्वपूर्ण तत्त्व मानती हैं, जो उन्हें हर कठिनाई से बचाते हैं।

(इ) इस कविता को आत्मकथाके रूप में लिखिए।

उत्तर – मेरा जीवन सदा ही आनंद से भरा हुआ रहा है। मैं नहीं जानती कि दुख क्या होता है, क्योंकि मैंने हमेशा जीवन के सुखद पहलुओं को अपनाया है। हर परिस्थिति में मैंने उत्साह और उमंग को बनाए रखा। मुझे विश्वास, प्रेम और साहस ने आगे बढ़ने की शक्ति दी। जीवन में आई हर चुनौती को मैंने मुस्कान के साथ स्वीकार किया और कभी हार नहीं मानी। यही मेरा जीवन है – हँसी, खुशी और उल्लास से परिपूर्ण।

(ई) विश्वास, प्रेम और साहस का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है। इस पर अपने विचार लिखिए।

उत्तर – विश्वास, प्रेम, साहस और सकारात्मकता किसी भी व्यक्ति के जीवन को सफल और खुशहाल बनाने के चार मुख्य स्तंभ हैं। विश्वास हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने का आत्मबल देता है, प्रेम जीवन में स्नेह और सौहार्द्र बनाए रखता है, और साहस कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है और सकारात्मकता हममें नवीन स्फूर्ति का संचार करता है।  इन गुणों के बिना जीवन अधूरा और संकटों से भरा लग सकता है। जो व्यक्ति इन चार गुणों को अपनाता है, वह न केवल स्वयं आनंदित रहता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मकता फैलाता है।

 

भाषा की बात

(अ) निम्न शब्दों पर ध्यान दीजिए।

सुख का सार – सुखसार

बिना किसी अंतर के – निरंतर

हर एक क्षण – प्रतिक्षण

सुख और दुख – सुख-दुख

जो कानों को मधुर लगें – कर्णमधुर

इस तरह दो या उससे अधिक शब्दों के मेल से बने शब्द को समास कहते हैं।

समास के प्रकार

अव्ययीभाव समास –  प्रतिक्षण, निरंतर

कर्मधारय समास – स्वर्णसूत्र, नीलकमल

तत्पुरुष समास – सुखसार, सुखसागर

द्वंद्व समास – सुख-दुख, आशा-निराशा

द्विगु समास – चौराहा, त्रिभुज

बहुब्रीहि समास – गोपाल, पंकज

(आ) नीचे दिए गए शब्दों को सामासिक रूप में बताइए।

माता और पिता – माता- पिता – द्वंद्व समास

कीचड़ में जन्म लेने वाला – पंकज – तत्पुरुष समास

घर-घर – हरघर – अव्ययीभाव समास

तीन भुजाएँ – त्रिभुज – द्विगु समास

राजा का भवन – राजभवन – तत्पुरुष समास

अग्नि जैसा क्रोध – क्रोधाग्नि – कर्मधारय समास

(इ) विश्वास, साहस, निरंतर इन शब्दों के वाक्य प्रयोग कीजिए।

विश्वास – खुद पर विश्वास करना सफलता की पहली सीढ़ी चढ़ने का समान है।

साहस – जिस व्यक्ति में साहस होता है विपत्ति भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।

निरंतर – लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते रहने से एक दिन लक्ष्य की प्राप्ति होती ही है।

(ई) ऊपर दिए गए शब्दों के विग्रह कीजिए।

प्रतिक्षण – हर क्षण  

स्वर्णसूत्र – स्वर्ण जैसा सूत्र

नीलकमल – नीला है जो कमल

सुखसागर – सुख का सागर

आशा-निराशा – आशा और निराशा

चौराहा – चार राहों का समूह

त्रिभुज – चार भुजाओं का समूह

गोपाल – गायों को पालने वाले हैं जो वह (कृष्ण)

पंकज – पंक (कीचड़) में जन्म लेने वाला है जो वह (कमल)

 

 

 

परियोजना कार्य

उत्तर – साहस की है राह जहाँ

चलो जलाएँ दीप वहाँ,

जहाँ अभी भी है अँधेरा,

जहाँ मुश्किलों का है बसेरा

लाएँ वहाँ एक नया सवेरा,

लाएँ वहाँ एक नया सवेरा।

हर मुश्किल में हिम्मत रखना,

डर को मन में न आने देना।

सपनों की ऊँचाई को छूकर,

अपना उत्साह बढ़ाते रहना।

पथ में काँटे मिलें अगर,

तो भी चलना उनको सहकर।

हर बाधाओं को करके पार,

अपना सपना करना साकार।

विश्वास, प्रेम और साहस से,

हर कठिनाई मिट जाती है।

जो खुद पर भरोसा रखते हैं,

दुनिया उनकी बन जाती है।

 

विचार – विमर्श

विश्वास, प्रेम, साहस आदि गुण हैं, जो किसी न किसी हद तक हम सबमें मौजूद है। आप में कौन-कौन से गुण ज्यादा विकसित हैं?

उत्तर – मुझमें विश्वास, साहस और आत्मनिर्भरता सबसे अधिक विकसित हैं।

विश्वास – मुझे अपने निर्णयों और कार्यों पर पूरा विश्वास रहता है, जिससे मैं जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा पाता हूँ।

साहस – चुनौतियों का सामना करने में मैं हिम्मत और धैर्य बनाए रखता हूँ, जिससे कठिनाइयाँ भी आसान लगती हैं।

आत्मनिर्भरता – मैं दूसरों पर अधिक निर्भर न रहकर स्वयं अपनी समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास करता हूँ।

इसके अलावा, दृढ़ निश्चय और सकारात्मक सोच भी मेरे व्यक्तित्व के महत्त्वपूर्ण पहलू हैं, जो मुझे आत्मविश्वास से भर देते हैं।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए-

प्रश्न – कविता में कवयित्री ने क्या सीखने की बात कही है?

उत्तर – कवयित्री ने जीवन में हँसना सीखने की बात कही है।

प्रश्न – कवयित्री अपने जीवन को कैसा बताती है?

उत्तर – वह अपने जीवन को सुखमय और आनंदित बताती है।

प्रश्न – कवयित्री को अपने जीवन में क्या अनुभव नहीं हुआ?

उत्तर – उसे जीवन में कभी पीड़ा का अनुभव नहीं हुआ।

प्रश्न – कौन-से तत्त्व कवयित्री के जीवन में हमेशा रहते हैं?

उत्तर – उत्साह, उमंग और उल्लास उसके जीवन में निरंतर रहते हैं।

प्रश्न – कवयित्री के अनुसार सुख का सागर कहाँ लहराता है?

उत्तर – उसकी आँखों के आगे सुख का सागर लहराता है।

प्रश्न – कविता में किसे जीवन का साथी बताया गया है?

उत्तर – विश्वास, प्रेम और साहस को जीवन का साथी बताया गया है।

प्रश्न – कवयित्री असफलता को किससे वलयित (गूँथा हुआ) मानती है?

उत्तर – वह असफलता को स्वर्णसूत्र से वलयित मानती है।

प्रश्न – कवयित्री के मतवाले मन में क्या हँसता है?

उत्तर – उल्लास और विजय उसके मतवाले मन में हँसते हैं।

प्रश्न – आशा कवयित्री के जीवन को किस प्रकार प्रभावित करती है?

उत्तर – आशा उसके जीवन को हर क्षण आलोकित (प्रकाशमान) करती है।

प्रश्न – कविता में कौन-से बादल कवयित्री को घेरे रहते हैं?

उत्तर – सुख भरे सुनहरे बादल कवयित्री को घेरे रहते हैं।

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए-

प्रश्न – कवयित्री ने जीवन में हँसने को क्यों महत्त्व दिया है?

उत्तर – कवयित्री का मानना है कि जीवन को आनंद से जीना चाहिए और दुःख को महत्व नहीं देना चाहिए। वह कहती है कि उसने जीवन में कभी रोना नहीं सीखा और हर पल खुशियों से भरा हुआ पाया है।

प्रश्न – कवयित्री का संसार के प्रति क्या दृष्टिकोण है?

उत्तर – कवयित्री कहती है कि वह संसार को असार (क्षणभंगुर) मानती है, लेकिन उसे अपने जीवन में सुख ही सुख दिखाई देता है। उसके लिए यह दुनिया एक आनंदमय अनुभव से भरी हुई है।

प्रश्न – कवयित्री अपने जीवन को खुशहाल कैसे मानती है?

उत्तर – वह कहती है कि उसके जीवन में उत्साह, उमंग, उल्लास और आशा हमेशा बने रहते हैं। वह नकारात्मकता से दूर रहती है और जीवन को स्वर्णसूत्र से गूँथा हुआ मानती है।

प्रश्न – विश्वास, प्रेम और साहस को जीवन का साथी क्यों कहा गया है?

उत्तर – कवयित्री मानती है कि ये तीनों तत्त्व जीवन को सार्थक और सुखमय बनाते हैं। विश्वास से आत्मबल बढ़ता है, प्रेम से स्नेह और अपनापन मिलता है, और साहस कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देता है।

प्रश्न – कविता में सुख का सागर और सुनहरे बादल किसका प्रतीक हैं?

उत्तर – ‘सुख का सागर’ आनंद और संतोष का प्रतीक है, जबकि ‘सुनहरे बादल’ जीवन में आने वाले सकारात्मक अनुभवों और खुशियों को दर्शाते हैं। ये दोनों ही जीवन की खुशहाल स्थिति को प्रकट करते हैं।

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