प्रश्न
- ऊपर दिया गया विज्ञापन किस के बारे में है?
उत्तर – ऊपर दिया गया विज्ञापन ग्राहकों के जागरुकता के बारे में है।
- ग्राहकों को जागरूक करने के लिए विज्ञापन क्यों दिया जाता है?
उत्तर – ग्राहकों को जागरूक करने के लिए विज्ञापन दिया जाता है ताकि ग्राहक किसी भी ठगी का शिकार न हों।
- इस विज्ञापन से हमें क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर – इस विज्ञापन से हमें ग्राहकों के अधिकार तथा उनकी सहायतार्थ वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर की जानकारी मिलती है।
उद्देश्य
संवाद विधा के द्वारा वार्तालाप का अभ्यास करना। सामाजिक, औद्योगिक व वाणिज्य विषयों के प्रति जागरूक होना। क्रय-विक्रय में सावधानियों की जानकारी लेना।
जागो ग्राहक जागो
साहिती : दादाजी! दादाजी! आज अख़बार के साथ यह पीला कागज़ क्यों आया है?
दादाजी : यह तो उपभोक्ताओं के लिए संदेश है। आज 15 मार्च है, उपभोक्ता दिवस है। जिला प्रशासन ने ये परचे छपवाकर बाँटे हैं। इनसे उपभोक्ताओं को सचेत किया गया है कि वे सामान खरीदते समय सावधानी रखें।
साहिती : दादाजी, ये उपभोक्ता कौन हैं?
दादाजी : अरे वाह! तुमने बहुत अच्छा प्रश्न किया है। बैठो, मैं समझाता हूँ। किसी वस्तु या सेवाओं का उपभोग करने वाला उपभोक्ता कहलाता है, जैसे- विद्युत विभाग से बिजली, जल विभाग से जल व दूरसंचार से टेलीफोन की सुविधाएँ प्राप्त करते हैं। इन सुविधाओं के लिए हम बिल की राशि जमा कराते हैं। इसलिए हम इन विभागों के उपभोक्ता कहलाते हैं। बाज़ार से सामान लाते हैं, उसका उपभोग करते हैं तो हम उस सामान के उपभोक्ता हुए।
साहिती : अच्छा-अच्छा, अब समझे। तो फिर जिला प्रशासन हमें सावधान क्यों कर रहा है?
दादाजी : क्योंकि सामान बेचने वाले कई बार खराब सामान दे देते हैं।
गौतम : तभी माँ कहती हैं, सामान देखकर लाया करो, जो मंगवाएँ, वही लाया करो। कई बार नकली सामान भी आ जाता है।
दादाजी : हाँ बेटा, कुछ लोग अधिक धन कमाने के लालच में सामान में मिलावट करते हैं। नकली सामान बनाकर बेचते हैं। कुछ दुकानदार वस्तु पर छपी क़ीमत से ज़्यादा मूल्य ले लेते हैं। कम तोलते हैं। ये अच्छी बातें नहीं हैं। इससे उपभोक्ताओं को हानि होती है।
गौतम : ऐसा करने वालों के साथ क्या करना चाहिए?
दादाजी : जिला प्रशासन ने जो यह परचे बाँटे हैं, उनमें लिखा है कि यदि किसी व्यापारी ने कम तोला है, सामान की क़ीमत अधिक ले ली है या नकली सामान दिया है तो हमें ‘उपभोक्ता मंच’ में शिकायत करनी चाहिए।
साहिती : दादाजी, शिकायत करने से क्या होता है?
दादाजी : होता क्यों नहीं है? सरकार विक्रेता से उपभोक्ता को हुई हानि पूरी करवाती है। इसमें सामान बदला भी जा सकता है तथा राशिमय ब्याज़ लौटायी जा सकती है।
गौतम : शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या करना होता है?
दादाजी : करना क्या है? पहले संबंधित विभाग, जैसे- ग्राम पंचायत, नगरपालिका, माप-तोल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, थाना या पुलिस चौकी में शिकायत करनी चाहिए। उसके बाद उपभोक्ता स्वयं या कोई अन्य व्यक्ति उपस्थित होकर शिकायत लिखवायें या डाक से शिकायत-पत्र भेज दें। हाँ, एक बात का ध्यान रखें, उस शिकायत के साथ उस वस्तु का बिल अथवा प्रमाण लगाना ज़रूरी है।
साहिती : क्यों दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी?
दादाजी : हाँ बेटी, तुमने सही कहा। जागरूक उपभोक्ता वह है जो सामान खरीदते या सेवा प्राप्त करते समय रसीद या बिल लें। वस्तुओं के पैकेट पर लिखे विवरण ध्यान से पढ़ें। हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आई. एस. आई. (ISI) या एग मार्क अंकित वस्तुओं का चुनाव करें। ये मार्क सरकार द्वारा प्रामाणित होते हैं। ये चिह्न सरकार द्वारा जाँची परखी वस्तुओं पर ही लगाते हैं।
साहिती : आपने बहुत अच्छी जानकारी दी दादाजी।
दादाजी : तुम यह भी जान लो कि सुरक्षा, सूचना, वस्तु का चुनाव, सुविधा न मिलने पर सुनवाई, क्षतिपूर्ति तथा अधिकारों के लिए जागरूक शिक्षित होना हर उपभोक्ता का कर्त्तव्य एवं अधिकार है।
गौतम : हाँ दादाजी, इस पीले कागज़ पर भी तो उपभोक्ता के अधिकार छपे हैं।
दादाजी : देखो, पढ़ो, क्या लिखा है? अच्छी वस्तु उचित दाम, उपभोक्ता संरक्षण का पैग़ाम।
शब्द (हिंदी) | अर्थ (हिंदी में) | తెలుగు అర్థం | Meaning in English |
उपभोक्ता | जो वस्तु या सेवा का उपयोग करता है | వినియోగదారు | Consumer |
सावधानी | सतर्कता, चौकसी | జాగ్రత్త | Caution |
सुविधा | सहूलियत, लाभ | సౌలభ్యం | Facility |
शिकायत | असंतोष व्यक्त करना | ఫిర్యాదు | Complaint |
प्रमाण | सबूत, साक्ष्य | సాక్ష్యం | Proof |
हानि | नुकसान | నష్టం | Loss |
मिलावट | अशुद्धि मिलाना | కల్తీ | Adulteration |
नकली | असली न होना | నకిలీ | Fake |
जागरूक | सचेत, सतर्क | అప్రమత్తం | Aware |
संरक्षण | रक्षा, बचाव | పరిరక్షణ | Protection |
विक्रेता | जो सामान बेचता है | విక్రేత | Seller |
राशि | धन, पैसा | మొత్తం | Amount |
वस्तु | चीज़, सामान | వస్తువు | Product |
प्रशासन | सरकार द्वारा व्यवस्था | పరిపాలన | Administration |
ग्राम पंचायत | गाँव की प्रशासनिक इकाई | గ్రామపంచాయతీ | Village Council |
नगरपालिका | शहर की स्थानीय सरकार | పురపాలక సంఘం | Municipality |
अधिकार | हक, विशेष लाभ | హక్కు | Right |
उचित | सही, उचित मूल्य | తగిన | Fair |
सुनवाई | समस्या की जाँच | విచారణ | Hearing |
क्षतिपूर्ति | हानि की भरपाई | పరిహారం | Compensation |
रसीद | भुगतान का प्रमाण | రసీదు | Receipt |
मूल्य | कीमत | ధర | Price |
वजन | भार | బరువు | Weight |
परचे | सूचना पत्र | పత్రికలు | Leaflets |
प्रमाणित | स्वीकृत, मान्य | ధృవీకరించబడిన | Certified |
जाँची-परखी | अच्छी तरह से परीक्षण की गई | పరిశీలించబడిన | Tested |
अंकित | चिह्नित, मुद्रित | ముద్రించబడిన | Marked |
शिक्षित | पढ़ा-लिखा | విద్యావంతుడు | Educated |
हक | अधिकार | హక్కు | Entitlement |
प्रचार | जानकारी फैलाना | ప్రచారం | Promotion |
सतर्कता | सावधानी | అప్రమత్తత | Vigilance |
उपभोक्ता मंच | उपभोक्ताओं की समस्या सुनने का स्थान | వినియోగదారుల ఫోరం | Consumer Forum |
जागो ग्राहक जागो – पाठ का सार
साहिती और गौतम अपने दादाजी से अख़बार के साथ आए पीले कागज़ के बारे में पूछते हैं। दादाजी बताते हैं कि यह उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वितरित किया गया परचा है, क्योंकि 15 मार्च को उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। दादाजी समझाते हैं कि उपभोक्ता वह होता है जो किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करता है, जैसे बिजली, पानी, टेलीफोन या बाज़ार से खरीदे गए सामान। वे बताते हैं कि कई बार दुकानदार मिलावटी या नकली सामान बेचते हैं, अधिक मूल्य वसूलते हैं या कम तौलते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को हानि होती है।
यदि कोई व्यापारी उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी करता है, तो इसकी शिकायत ‘उपभोक्ता मंच’ में की जा सकती है। सरकार उपभोक्ताओं की हानि की भरपाई करवाने, सामान बदलवाने या पैसे लौटवाने की व्यवस्था करती है। शिकायत दर्ज कराने के लिए संबंधित विभाग में लिखित शिकायत और बिल या प्रमाण जमा करना आवश्यक होता है।
दादाजी यह भी बताते हैं कि जागरूक उपभोक्ताओं को खरीदारी के समय रसीद लेनी चाहिए, वस्तुओं के पैकेट पर विवरण पढ़ना चाहिए और गुणवत्ता की पहचान के लिए ISI या एग मार्क लगे उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए। अंत में, वे बताते हैं कि सुरक्षा, सही जानकारी, उचित वस्तु का चुनाव और अपने अधिकारों की जानकारी रखना हर उपभोक्ता का कर्तव्य है।
अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया
(अ) प्रश्नों के उत्तर सोचकर लिखिए।
- क्रय-विक्रय में उपभोक्ता का क्या महत्त्व है?
उत्तर – उपभोक्ता क्रय-विक्रय प्रक्रिया का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है, क्योंकि वस्तुओं और सेवाओं की माँग उपभोक्ता ही उत्पन्न करता है। यदि उपभोक्ता न हों, तो उत्पादन और व्यापार का कोई औचित्य नहीं रहेगा।
- उपभोक्ताओं को जागरूक करने में आप क्या योगदान दे सकते हैं?
उत्तर – मैं उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए पोस्टर, सोशल मीडिया और जनचेतना अभियान चला सकता हूँ। मैं अपने परिवार और दोस्तों को नकली एवं मिलावटी सामान से बचने की सलाह दे सकता हूँ।
- सरकार ग्राहकों की भलाई के लिए क्या करती है?
उत्तर – सरकार उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू करती है, उपभोक्ता मंचों की स्थापना करती है, जागरूकता अभियान चलाती है, और यदि किसी उपभोक्ता के साथ धोखा होता है, तो उसे न्याय दिलाने की व्यवस्था करती है।
(आ) इन प्रश्नों के लिए दादाजी ने क्या उत्तर दिए हैं, उन्हें ढूँढकर लिखिए।
- क्यों दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी?
उत्तर – हाँ बेटी, तुमने सही कहा। जागरूक उपभोक्ता वह है जो सामान खरीदते या सेवा प्राप्त करते समय रसीद या बिल लें।
- दादाजी. उपभोक्ता कौन होते हैं?
उत्तर – किसी वस्तु या सेवाओं का उपभोग करने वाला उपभोक्ता कहलाता है, जैसे- बिजली, जल, टेलीफोन सेवाएँ आदि का उपयोग करने वाले लोग।
- अख़बार के साथ यह पीला कागज़ क्यों आया है?
उत्तर – यह उपभोक्ताओं के लिए संदेश है, क्योंकि आज 15 मार्च उपभोक्ता दिवस है। जिला प्रशासन ने यह परचे उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए बाँटे हैं।
- तो फिर जिला प्रशासन हमें सावधान क्यों कर रहा है?
उत्तर – क्योंकि सामान बेचने वाले कई बार खराब, नकली या मिलावटी सामान बेच देते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान होता है।
(इ) पाठ में बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्न लिखिए।
जैसे- साहिती : दादाजी, शिकायत करने से क्या होता है?
उत्तर – प्रश्न 01 – दादाजी, उपभोक्ता कौन होते हैं?
प्रश्न 02 – दादाजी, शिकायत करने से क्या होता है?
प्रश्न 03 – क्यों दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी?
प्रश्न 04 – तो फिर जिला प्रशासन हमें सावधान क्यों कर रहा है?
(ई) अनुच्छेद पढ़िए। इसके आधार पर तीन प्रश्न बनाइए।
भूकंप के विषय में शिक्षित करने की अधिक आवश्यकता है ताकि लोग जान सकें कि आपात स्थिति में क्या करना चाहिए। भूकंप के समय शीशे की खिड़कियों, दरवाज़ों, अलमारियों तथा आइनों से दूर रहना चाहिए तथा गिरने वाली चीज़ों से बचने के लिए आपको मेज़ के नीचे अथवा मज़बूत चारपाई के नीचे चले जाना चाहिए। खुली जगह में जाने की कोशिश में आप दरवाज़ों अथवा सीढ़ियों की ओर दौड़ेंगे तो पाएंगे कि वे या तो टूट चुके हैं अथवा टूटकर गिरी हुई चीज़ों से अवरुद्ध हो चुके हैं। आपके सभी विद्युत उपकरण तथा खाना बनाने की गैस के सिलेंडर बंद होना बिलकुल अनिवार्य है। उदाहरण के लिए जापान और कैलिफोर्निया में भूकंप – ड्रिल, रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा होती है। बच्चे अपनी चारपाई के समीप टॉर्च और मज़बूत जूते रखने की आदत डाल लेते हैं ताकि रात के समय भूकंप आने पर वे सुरक्षित जगह पर पहुँच सकें।
प्रश्न – 01- भूकंप के समय शीशे और आइनों से दूर रहने की सलाह क्यों दी जाती है?
प्रश्न – 01- खुले स्थान में जाने की कोशिश करने से क्या समस्या आ सकती है?
प्रश्न – 01- जापान और कैलिफोर्निया में भूकंप-ड्रिल क्यों की जाती है?
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता
(अ) प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
- किसी भी सामान को खरीदते समय रसीद या बिल लेना क्यों आवश्यक है?
उत्तर – रसीद या बिल होने से उपभोक्ता के पास खरीदारी का प्रमाण रहता है, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी की स्थिति में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
- बच्चों के पूछे गए प्रश्नों में आपको सबसे अच्छा प्रश्न कौन-सा लगा और क्यों?
उत्तर – क्यों दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी?” यह प्रश्न सबसे अच्छा लगा, क्योंकि यह उपभोक्ता जागरूकता का एक महत्वपूर्ण पहलू दर्शाता है कि किसी भी समस्या की शिकायत करने के लिए प्रमाण आवश्यक होता है।
(आ) ‘उपभोक्ता दिवस‘ के बारे में आप क्या जानते हैं? लिखिए।
उत्तर – 15 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। सरकार और विभिन्न संगठन इस दिन जागरूकता अभियान चलाते हैं और उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की जानकारी देते हैं।
(इ) ग्राहकों को जागरूक करने के कुछ नारे बनाइए।
उत्तर – “जागो ग्राहक जागो, अपने हक़ को पहचानो!”
“अच्छी वस्तु उचित दाम, उपभोक्ता संरक्षण का पैग़ाम!”
“मिलावट से बचो, नकली सामान मत खरीदो!”
“सही वजन, सही दाम – उपभोक्ता का है अधिकार!”
(ई) सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएँ हमारे लिए किस प्रकार लाभकारी हैं? बताइए।
उत्तर – सरकार बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, सड़कें, और सार्वजनिक परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराती है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत सरकार उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कानून लागू करती है।
सरकार उपभोक्ता मंचों और हेल्पलाइन सेवाओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकार दिलाने में सहायता करती है।
भाषा की बात
(अ) नीचे दी गयी संख्याएँ पढ़िए। दैनिक जीवन में इन संख्याओं का इस्तेमाल कैसे करते हैं?
51 इकावन 52 बावन 53- तिरपन 54- चौपन 55-पचपन 56- छप्पन 57- सत्तावन 58- अट्ठावन 59-उनसठ 60-साठ
61- इक्सठ 62 बासठ 63- तिरसठ 64-चौंसठ 65-पैंसठ 66-छासठ 67 सड़सठ 68- अड़सठ 69- उनहत्तर 70-सत्तर
71 इकहत्तर 72- बहत्तर 73- तिहत्तर 74 चौहत्तर 75- पचहत्तर 76- छिहत्तर 77- सतहत्तर 78 अठत्तर
79 उनासी 80- अस्सी
81 इकासी 82 बयासी 83 – तिरासी 84 -चौरासी 85 पचासी 86- छियासी 87- सत्तासी 88 अटासी
89-नवासी 90 नब्बे
91 इकानवे 92- बानवे 93- तिरानवे 94-चौरानवे 95 पंचानवे 96-छियानवे 97 सत्तानवे 98- अट्ठानवे 99 निन्यानवे 100-सौ
(आ) 1. इन शब्दों पर ध्यान दीजिए।
हिंसा-अहिंसा, चेत-सचेत, रक्षा-सुरक्षा, उपस्थित-अनुपस्थित
इस तरह जो शब्दांश किसी शब्द के पहले जुड़कर उसका अर्थ बदल दें, वे उपसर्ग कहलाते हैं। अहिंसा में अ, सचेत में स, सुरक्षा में सु, अनुपस्थित में अन् उपसर्ग हैं। अब नीचे दिए गए शब्दों को समझकर उपसर्ग पहचानिए।
अपमान लापरवाह परदेश विदेश
अपमान = अप + मान
लापरवाह = ला + परवाह
परदेश = पर + देश
विदेश = वि + देश
- इन शब्दों पर ध्यान दीजिए।
स्वतंत्र – स्वतंत्रता, भारत – भारतीय, इतिहास – ऐतिहासिक, ईमान – ईमानदार, दूध – दूधवाला, साहस – साहसी
इस तरह जो शब्दांश किसी शब्द के पीछे जुड़कर उसका अर्थ बदल दें, वे प्रत्यय कहलाते हैं। स्वतंत्रता में ता, भारतीय में ईय, ऐतिहासिक में इक, ईमादार में दार, दूधवाला में वाला, साहसी में ई प्रत्यय हैं। अब नीचे दिए गए शब्दों को समझकर प्रत्यय पहचानिए।
धनी = धन + ई
सामाजिक = समाज + इक
मानवता = मानव + ता
प्रशंसनीय = प्रशंसा + नीय
परियोजना कार्य
जल संरक्षण के उपाय के विषय में दिए जाने वाले विज्ञापनों का संग्रह कीजिए।
उत्तर – छात्र इसे अपने स्तर पर शिक्षक की सहायता लेकर करें।
विचार-विमर्श
बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार ने POCSO क़ानून बनाया। जिसमें बच्चों को तंग करने, शारीरिक और व्यक्तिगत नियम तोड़ने पर कई साल की सज़ा है। यदि कोई जानबूझकर इन्हें तोड़े तो हमारा दोष नहीं। उसे हम ‘नहीं’, ‘रुको’ कह सकते हैं। मौका मिलने पर दूर जाकर किसी भरोसेमंद बड़े व्यक्ति की सहायता से असुरक्षित व्यक्ति से बच सकते हैं। ऐसे असुरक्षित व्यक्ति को उसके व्यवहार पर शर्मिंदगी होनी चाहिए। इन्हें रोकें।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न – उपभोक्ता किसे कहते हैं?
उत्तर – जो किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करता है, उसे उपभोक्ता कहते हैं।
प्रश्न – उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर – उपभोक्ता दिवस 15 मार्च को मनाया जाता है।
प्रश्न – जिला प्रशासन ने उपभोक्ताओं के लिए क्या किया?
उत्तर – जिला प्रशासन ने उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए परचे बाँटे।
प्रश्न – नकली सामान से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर – आई.एस.आई. या एग मार्क अंकित वस्तुओं को खरीदना चाहिए।
प्रश्न – उपभोक्ताओं को ठगने के कौन-कौन से तरीके अपनाए जाते हैं?
उत्तर – नकली सामान बेचना, कम तोलना और अधिक मूल्य लेना।
प्रश्न – अगर कोई दुकानदार कम तौलता है तो क्या करना चाहिए?
उत्तर – अगर कोई दुकानदार कम तौलता है तो उपभोक्ता को उपभोक्ता मंच में उसकी शिकायत करनी चाहिए।
प्रश्न – शिकायत करने के लिए क्या आवश्यक होता है?
उत्तर – शिकायत के साथ बिल या प्रमाण लगाना आवश्यक होता है।
प्रश्न – बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज हो सकती है क्या?
उत्तर – नहीं, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होती।
प्रश्न – सरकार उपभोक्ताओं के लिए क्या करती है?
उत्तर – सरकार हानि की भरपाई करवाती है और दोषियों पर कार्रवाई करती है।
प्रश्न – बाज़ार से सामान खरीदते समय क्या सावधानी रखनी चाहिए?
उत्तर – सामान की गुणवत्ता, कीमत और रसीद जरूर लेनी चाहिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन पंक्तियों में दीजिए –
प्रश्न – दादाजी ने अख़बार के साथ आए पीले कागज़ के बारे में क्या बताया?
उत्तर – दादाजी ने बताया कि यह उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वितरित किया गया परचा है क्योंकि 15 मार्च को उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।
प्रश्न – अगर कोई दुकानदार उपभोक्ताओं के साथ धोखा करता है तो क्या किया जाना चाहिए?
उत्तर – यदि कोई दुकानदार अधिक कीमत लेता है, कम तौलता है या नकली सामान देता है, तो उपभोक्ता को ‘उपभोक्ता मंच’ में शिकायत करनी चाहिए ताकि उचित कार्रवाई हो सके।
प्रश्न – उपभोक्ताओं को जागरूक रहने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर – उपभोक्ताओं को हमेशा सामान खरीदते समय रसीद लेनी चाहिए, आई.एस.आई. या एग मार्क वाले उत्पाद खरीदने चाहिए, वस्तुओं के पैकेट पर लिखे विवरण को पढ़ना चाहिए और यदि कोई दुकानदार धोखाधड़ी करता है, तो उसकी शिकायत करनी चाहिए।