मधुराणि वचनानि
संस्कृत वाक्य | संस्कृत शब्द | हिन्दी अर्थ | English Meaning |
1. विद्या ददाति विनयम्। | विद्या | ज्ञान | Knowledge |
| ददाति | देती है | Gives |
| विनयम् | विनम्रता | Humility |
2. जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। | जननी | माता | Mother |
| जन्मभूमिः | जन्म की भूमि | Birthplace |
| च | और | And |
| स्वर्गात् अपि | स्वर्ग से भी | Even than heaven |
| गरीयसी | श्रेष्ठ | Greater |
3. बुद्धिर्यस्य बलं तस्य। | बुद्धिः | बुद्धि | Intellect |
| यस्य | जिसकी | Whose |
| बलम् | बल | Strength |
| तस्य | उसका | His |
4. सर्वस्य लोचनं शास्त्रम्। | सर्वस्य | सबका | Of all |
| लोचनम् | नेत्र / आँख | Eye |
| शास्त्रम् | शास्त्र / ज्ञान | Scripture / Knowledge |
5. सत्यमेव जयते न अनृतम्। | सत्यम् | सत्य | Truth |
| एव | ही | Only |
| जयते | जीतता है | Triumphs |
| न | नहीं | Not |
| अनृतम् | असत्य | Falsehood |
6. मा भ्राता भ्रातरं द्विक्षत्। | मा | न | Don’t |
| भ्राता | भाई | Brother |
| भ्रातरम् | अपने भाई को | His brother |
| द्विक्षत् | द्वेष करे | Hate |
7. आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। | आलस्यं | आलस्य | Laziness |
| मनुष्याणाम् | मनुष्यों का | Of human beings |
| शरीरस्थः | शरीर में स्थित | Situated in the body |
| महान् | बड़ा | Great |
| रिपुः | शत्रु | Enemy |
8. शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्। | शरीरम् | शरीर | Body |
| आद्यं | पहला / मुख्य | Primary |
| खलु | निश्चय ही | Indeed |
| धर्मसाधनम् | धर्म का साधन | Instrument of righteousness |
9. न धर्मवृद्धेषु वयः समीक्ष्यते। | न | नहीं | Not |
| धर्मवृद्धेषु | धर्म में वृद्धों में | The wise in dharma |
| वयः | आयु | Age |
| समीक्ष्यते | देखी जाती है | Is considered |
10. सर्वे भवन्तु सुखिनः। | सर्वे | सब | All |
| भवन्तु | हो जाएँ | May become |
| सुखिनः | सुखी | Happy |
मधुराणि वचनानि – अध्याय का सरल हिन्दी व्याख्या / भावार्थ:
“मधुराणि वचनानि” का अर्थ है — “मधुर वचन” या अच्छे और ज्ञानवर्धक वाक्य। इस पाठ में ऐसे संस्कृत वाक्य दिए गए हैं जो हमें जीवन में श्रेष्ठ आचरण, नैतिकता और मानवता का पाठ सिखाते हैं।
- विद्या विनम्रता देती है — जो व्यक्ति विद्या प्राप्त करता है, उसमें नम्रता आनी चाहिए। ज्ञान से अहंकार नहीं, बल्कि विनय उत्पन्न होता है।
- माता और जन्मभूमि — हमारी मातृभूमि भी हमारी जननी के समान है, जो हमारा पालन करती है। उसका स्थान स्वर्ग से भी श्रेष्ठ है।
- बुद्धिमत्ता ही शक्ति है — बल शारीरिक नहीं, बल्कि बौद्धिक होना चाहिए। जो बुद्धिमान है, वही सच्चे अर्थ में शक्तिशाली है।
- ज्ञान ही नेत्र है — मनुष्य का वास्तविक नेत्र उसका ज्ञान है, जो उसे सही दिशा देता है।
- सत्य की जीत होती है — असत्य का अंत होता है, परन्तु सत्य की सदा विजय होती है। इसलिए हमेशा सत्य बोलना चाहिए।
- भाई भाई से द्वेष न करे — सबमें भाईचारा और प्रेम होना चाहिए, द्वेष और ईर्ष्या नहीं।
- आलस्य सबसे बड़ा शत्रु है — मनुष्य के शरीर में छिपा सबसे बड़ा दुश्मन है आलस्य, जिससे बचना चाहिए।
- शरीर धर्म पालन का साधन है — मनुष्य के सभी कार्य शरीर से होते हैं, अतः शरीर को स्वस्थ रखना आवश्यक है।
- ज्ञान में उम्र नहीं देखी जाती — जो व्यक्ति ज्ञान, गुण और धर्म का पालन करता है, वह चाहे छोटा हो, पूज्य होता है।
- सभी सुखी हों — हम यही कामना करते हैं कि इस संसार में सभी व्यक्ति सुखी हों, कोई दुखी न हो।
- एतानि वाक्यानि ‘शुद्धानि’ ‘अशुद्धानि’ वा वदन्तु लिखन्तु च-
क्रमांक | वाक्य | शुद्ध / अशुद्ध | सुधारित वाक्य |
(i) | यस्य समीपे बुद्धिः भवति सः बलहीनः भवति। | अशुद्ध | यस्य समीपे बुद्धिः भवति सः बलवान् भवति। |
(ii) | मानवेषु परस्परं ईर्ष्या भवेत्। | अशुद्ध | मानवेषु परस्परं भ्रातृभावः भवेत्। |
(iii) | विद्या विनम्रतां यच्छति। | शुद्ध | — |
(iv) | अस्मिन् संसारे सर्वे जनाः सुखेन वसेयुः। | शुद्ध | — |
(v) | मातुः स्थानं स्वर्गात् श्रेष्ठं भवति। | शुद्ध | — |
(vi) | नराणां महान् शत्रुः आलस्यम् अस्ति। | शुद्ध | — |
- मञ्जूषायाः उचितं विपरीतपदं चित्वा लिखन्तु –
(अधर्मः, असत्यम्, परिश्रमम्, दुःखिनः, मित्रम्)
मूल शब्द | विपरीतपदम् |
(i) आलस्यम् | परिश्रमम् |
(ii) सुखिनः | दुःखिनः |
(iii) रिपुः | मित्रम् |
(iv) धर्मः | अधर्मः |
(v) सत्यम् | असत्यम् |
- मञ्जूषायाः उचितं पर्यायपदं चित्वा लिखन्तु-
(नेत्रम्, असत्यम्, गण्यते, सन्तु, मतिः)
मूल शब्द | पर्यायपदम् |
(i) भवन्तु | सन्तु |
(ii) समीक्ष्यते | गण्यते |
(iii) अनृतम् | असत्यम् |
(iv) बुद्धिः | मतिः |
(v) लोचनम् | नेत्रम् |
- एतेषाम् प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन वदन्तु लिखन्तु च-
प्रश्न | उत्तरम् |
(i) लोके किं जयति? | सत्यम् |
(ii) वास्तविकं बलं किम् अस्ति? | बुद्धिः |
(iii) विनयं का ददाति? | विद्या |
(iv) शरीरस्य महान् रिपुः कः अस्ति? | आलस्यम् |
(v) किं सर्वस्य लोचनम्? | शास्त्रम् |
- एतेषाम् प्रश्नानाम् उत्तराणि पूर्णवाक्येन वदन्तु लिखन्तु च-
प्रश्न | उत्तरम् |
(i) केषु परस्परं द्वेषः न भवेत्? | भ्रातृषु परस्परं द्वेषः न भवेत्। |
(ii) जननी जन्मभूमिश्च कस्मात् गरीयसी? | जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। |
(iii) के सुखिनः भवन्तु? | सर्वे जनाः सुखिनः भवन्तु। |
(iv) आद्यं धर्मसाधनं किम्? | शरीरम् आद्यं धर्मसाधनं अस्ति। |
(v) केषु वयः न समीक्ष्यते? | धर्मवृद्धेषु वयः न समीक्ष्यते। |
- स्थूलपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुर्वन्तु-
वाक्य | प्रश्नम् |
जन्मभूमिः माता इव अस्ति। | का माता इव अस्ति? |
संसारे सत्यस्य जयः भवति। | संसारे कस्य जयः भवति? |
जना: विद्यया नम्रतां प्राप्नुवन्ति। | के विद्यया नम्रतां प्राप्नुवन्ति? |
सर्वदा सत्यम् वदन्तु। | सर्वदा किम् वदन्तु? |
जनेषु भ्रातृभावः भवेत्। | जनेषु कः भावः भवेत्? |
- उचितं भावं चित्वा (✓) इति चिह्नेन चिह्नितं कुर्वन्तु-
(क) सर्वस्य लोचनं शास्त्रम् –
✓ (ii) ज्ञानं सर्वेषां नेत्रं भवति।
(ख) वुद्धिर्यस्य वलं तस्य –
✓ (iii) यस्य समीपे बुद्धिः भवति सः एव बलवान् भवति।
- मञ्जूषायां प्रदत्तपदैः अधोलिखितं भावं पूरयत-
सर्वे भवन्तु सुखिन:।
(अस्माकम्, दुःखी, सर्वे, संसारे)
भावार्थः – अस्मिन् संसारे सर्वे सुखं प्राप्नुयुः इति एव अस्माकम् इच्छा अस्ति।
अस्मिन् संसारे कोऽपि दुःखी न भवेत्। सर्वे सुखयुक्ताः भवेयुः।
मूल्यात्मकः प्रश्नः
- “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” इति सूक्त्याः भावम् अवगत्य उत्तरम् –
उत्तरम् – मम जन्मभूमिः मम माता इव अस्ति। तस्य रक्षणं, स्वच्छता, पर्यावरणरक्षणं च मम कर्तव्यम् अस्ति। अहम् तस्य गौरवं रक्षामि, राष्ट्रसेवा अपि करोमि। - “न धर्मवृद्धेषु वयः समीक्ष्यते” इति सूक्तिम् आधृत्य उत्तरम् –
उत्तरम् – विवेकानन्दः अल्पवयसि अपि ज्ञानिनः तथा धर्मनिष्ठः आसीत्। सः विश्वे भारतस्य गौरवं वर्धितवान्। तेन सः सम्मानं प्राप्तवान्।
गतिविधि:
केषाञ्चित् पञ्चसूक्तीनाम् सङ्ग्रहं कुर्वन्तु याः पाठ्यपुस्तके मा भवन्तु।
उत्तरम् –
- अहिंसा परमो धर्मः।
- माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः।
- आत्मदीपो भव।
- धर्मो रक्षति रक्षितः।
- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
Fill in the blanks (रिक्त स्थान पूर्ति करें):
- सत्यं __________ विजयी भवति।
उत्तर: एव - आलस्यम् __________ शत्रुः अस्ति।
उत्तर: शरीरस्य - __________ जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
उत्तर: जननी - विद्या __________ यच्छति।
उत्तर: विनम्रताम् - सर्वस्य लोचनं __________।
उत्तर: शास्त्रम् - यस्य समीपे बुद्धिः अस्ति, सः एव __________ भवति।
उत्तर: बलवान्
Multiple Choice Questions (MCQ):
- “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” – इति कथं सूच्यते?
मातृभूमिः तु त्याज्या
B. मातृभूमिः स्वर्गत् अपि श्रेष्ठा
C. स्वर्ग एव श्रेष्ठः
D. विदेशे सुखं अस्ति
उत्तर: B - शरीरस्य महान् रिपुः कः अस्ति?
क्रोधः
B. आलस्यम्
C. लोभः
D. ईर्ष्या
उत्तर: B - सच्चरित्रस्य मुख्यं बलं किम्?
क्रूरता
B. सम्पत्ति
C. बुद्धिः
D. विनयः
उत्तर: D - “सर्वस्य लोचनं शास्त्रम्” इत्यस्य भावः कः?
नेत्रं सर्वस्य मुख्यं अस्ति
B. शास्त्रं दृष्टिदानं करोति
C. शास्त्रं सर्वे पश्यन्ति
D. शास्त्रज्ञानं सर्वोत्तमं दृष्टिकोणं यच्छति
उत्तर: D
One Word Questions and Answers (एक पद उत्तर):
- किं सर्वस्य लोचनम्?
उत्तरम्: शास्त्रम् - शरीरस्य रिपुः कः?
उत्तरम्: आलस्यम् - का विनयं यच्छति?
उत्तरम्: विद्या - कः स्वर्गादपि गरीयसी?
उत्तरम्: जन्मभूमिः - वास्तविकं बलं किम्?
उत्तरम्: बुद्धिः
One to Two Sentence Questions and Answers (एक-दो वाक्य वाले प्रश्नोत्तर):
- “सर्वे भवन्तु सुखिनः” इत्यस्य भावः कः?
उत्तरम्: अस्य सूक्ते सर्वे जनाः दुःखरहिताः सुखयुक्ताः च सन्तु इति अभिलाषा दर्श्यते। - आलस्यं किमर्थं शरीरस्य रिपुः उच्यते?
उत्तरम्: आलस्यं मनुष्यं कर्महीनं करोति, अतः तस्य उन्नतिः न भवति, तेन शरीरस्य रिपुः अस्ति। - विद्या किम् फलम् ददाति?
उत्तरम्: विद्या मनुष्यं विनयी करोति, अतः तस्य सामाजिकं सम्मानं वर्धते। - बुद्धिः किमर्थं मुख्यं बलं अस्ति?
उत्तरम्: बुद्धिसंपन्नः जनः विवेकयुक्तं निर्णयं कर्तुं शक्नोति, तेन सः यथार्थे शक्तिमान् इति मन्यते। - “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” इत्यस्मिन् किं दर्श्यते?
उत्तरम्: अस्मिन सूक्ते मातृभूमेः महत्त्वं तथा देशभक्तेः भावना सूचितं भवति।
रिक्तस्थानपूर्तिप्रश्नाः उत्तरैः सह (Fill in the Blanks)
- प्रश्नः- विद्या ददाति ______।
उत्तरम् – विद्या ददाति विनयम्।
- प्रश्नः- जननी ______ स्वर्गादपि गरीयसी।
उत्तरम् – जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
- प्रश्नः- ______ यस्य बलं तस्य।
उत्तरम् – बुद्धिर् यस्य बलं तस्य।
- प्रश्नः- सर्वस्य लोचनं ______।
उत्तरम् – सर्वस्य लोचनं शास्त्रम्।
- प्रश्नः- सत्यमेव जयते न ______।
उत्तरम् – सत्यमेव जयते न अनृतम्।
- प्रश्नः- मा भ्राता भ्रातरं ______।
उत्तरम् – मा भ्राता भ्रातरं द्विक्षत्।
- प्रश्नः- आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो ______ रिपुः।
उत्तरम् – आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।
- प्रश्नः- शरीरमाद्यं खलु ______।
उत्तरम् – शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।
- प्रश्नः- न धर्मवृद्धेषु ______ समीक्ष्यते।
उत्तरम् – न धर्मवृद्धेषु वयः समीक्ष्यते।
- प्रश्नः- सर्वे भवन्तु ______।
उत्तरम् – सर्वे भवन्तु सुखिनः।
बहुविकल्पप्रश्नाः (MCQs) उत्तरैः सह
- प्रश्नः- विद्या किं ददाति?
अ) धनम्
ब) विनयम्
ग) अभिमानम्
घ) क्रोधम्
उत्तरम् – ब) विनयम्
- प्रश्नः- जन्मभूमिः किम् इव अस्ति?
अ) माता
ब) पिता
ग) मित्रम्
घ) शत्रुः
उत्तरम् – अ) माता
- प्रश्नः- बुद्धिः कस्य बलम् अस्ति?
अ) बुद्धिमतः
ब) मूर्खस्य
ग) क्रूरस्य
घ) आलस्यस्य
उत्तरम् – अ) बुद्धिमतः
- प्रश्नः- सर्वस्य लोचनं किम् अस्ति?
अ) धनम्
ब) शास्त्रम्
ग) बुद्धिः
घ) नेत्रम्
उत्तरम् – ब) शास्त्रम्
- प्रश्नः- संसारे कस्य जयः भवति?
अ) अनृतस्य
ब) सत्यस्य
ग) क्रोधस्य
घ) आलस्यस्य
उत्तरम् – ब) सत्यस्य
- प्रश्नः- भ्राता भ्रातरं किं न करोतु?
अ) प्रीतिम्
ब) द्विक्षत्
ग) साहाय्यम्
घ) सम्मानम्
उत्तरम् – ब) द्विक्षत्
- प्रश्नः- मनुष्याणां शरीरस्थः महान् रिपुः कः?
अ) आलस्यम्
ब) बुद्धिः
ग) सत्यम्
घ) विनयः
उत्तरम् – अ) आलस्यम्
- प्रश्नः- शरीरम् किम् अस्ति?
अ) धर्मसाधनम्
ब) धनसाधनम्
ग) क्रोधसाधनम्
घ) आलस्यसाधनम्
उत्तरम् – अ) धर्मसाधनम्
- प्रश्नः- धर्मवृद्धेषु किं न समीक्ष्यते?
अ) ज्ञानम्
ब) वयः
ग) गुणाः
घ) कर्तव्यम्
उत्तरम् – ब) वयः
- प्रश्नः- सर्वे कथं भवन्तु?
अ) सुखिनः
ब) दुःखिनः
ग) क्रुद्धः
घ) आलसी
उत्तरम् – अ) सुखिनः
- प्रश्नः- विद्या केन न करणीयम्?
अ) विनयेन
ब) अभिमानेन
ग) सत्येन
घ) शास्त्रेन
उत्तरम् – ब) अभिमानेन
- प्रश्नः- जन्मभूमेः स्थानं किम् अस्ति?
अ) स्वर्गात् निम्नम्
ब) स्वर्गात् उच्चतरम्
ग) स्वर्गेन समम्
घ) पाताले
उत्तरम् – ब) स्वर्गात् उच्चतरम्
- प्रश्नः- बुद्ध्या मनुष्यः किं प्राप्नोति?
अ) शक्तिम्
ब) आलस्यम्
ग) दुःखम्
घ) अभिमानम्
उत्तरम् – अ) शक्तिम्
- प्रश्नः- शास्त्राणां ज्ञानं किम् अस्ति?
अ) नेत्रम्
ब) शत्रुः
ग) आलस्यम्
घ) अभिमानः
उत्तरम् – अ) नेत्रम्
- प्रश्नः- सर्वदा किं वदन्तु?
अ) अनृतम्
ब) सत्यम्
ग) क्रोधम्
घ) ईर्ष्याम्
उत्तरम् – ब) सत्यम्
- प्रश्नः- जनेषु कः भवेत्?
अ) भ्रातृभावः
ब) द्वेषः
ग) आलस्यम्
घ) अभिमानः
उत्तरम् – अ) भ्रातृभावः
- प्रश्नः- आलस्यं किम् न करणीयम्?
अ) करणीयम्
ब) मा करणीयम्
ग) सदा करणीयम्
घ) कदाचित् करणीयम्
उत्तरम् – ब) मा करणीयम्
- प्रश्नः- शरीरेण कथं भवेयुः?
अ) स्वस्थाः
ब) अस्वस्थाः
ग) आलसी
घ) दुःखी
उत्तरम् – अ) स्वस्थाः
- प्रश्नः- धर्मवृद्धाः के पूजायोग्याः?
अ) ज्ञानिनः
ब) आलसी
ग) क्रूरः
घ) अभिमानी
उत्तरम् – अ) ज्ञानिनः
- प्रश्नः- अस्माकम् इच्छा किम् अस्ति?
अ) सर्वं दुःखम्
ब) सर्वे सुखिनः
ग) सर्वं क्रोधः
घ) सर्वं आलस्यम्
उत्तरम् – ब) सर्वे सुखिनः
एकपदप्रश्नाः उत्तरैः सह (One-Word Questions and Answers)
- प्रश्नः- विद्या किम्?
उत्तरम् – विनयम्।
- प्रश्नः- जन्मभूमिः का?
उत्तरम् – माता।
- प्रश्नः- बलं कस्य?
उत्तरम् – बुद्धिः।
- प्रश्नः- लोचनं किम्?
उत्तरम् – शास्त्रम्।
- प्रश्नः- जयते किम्?
उत्तरम् – सत्यम्।
- प्रश्नः- भ्राता किम्?
उत्तरम् – द्विक्षत्।
- प्रश्नः- रिपुः कः?
उत्तरम् – आलस्यम्।
- प्रश्नः- शरीरं किम्?
उत्तरम् – धर्मसाधनम्।
- प्रश्नः- धर्मवृद्धेषु किम्?
उत्तरम् – वयः।
- प्रश्नः- सर्वे कथम्?
उत्तरम् – सुखिनः।
- प्रश्नः- विद्या केन?
उत्तरम् – अभिमानम्।
- प्रश्नः- जन्मभूमिः किम्?
उत्तरम् – स्वर्गात्।
- प्रश्नः- बुद्ध्या किम्?
उत्तरम् – शक्तिम्।
- प्रश्नः- शास्त्रं किम्?
उत्तरम् – नेत्रम्।
- प्रश्नः- सर्वदा किम्?
उत्तरम् – सत्यम्।
- प्रश्नः- जनेषु कः?
उत्तरम् – भ्रातृभावः।
- प्रश्नः- आलस्यं किम्?
उत्तरम् – शत्रुः।
- प्रश्नः- शरीरेण कथम्?
उत्तरम् – स्वस्थाः।
- प्रश्नः- धर्मवृद्धाः के?
उत्तरम् – ज्ञानिनः।
- प्रश्नः- इच्छा किम्?
उत्तरम् – सुखिनः।
एकद्विवाक्यप्रश्नाः उत्तरैः सह (One to Two Sentence Questions and Answers)
- प्रश्नः- विद्या किं ददाति किम् च न करणीयम्?
उत्तरम् – विद्या विनयं ददाति। अभिमानं मा कुरुत।
- प्रश्नः- जन्मभूमिः किम् इव अस्ति किम् च तस्य स्थानम्?
उत्तरम् – जन्मभूमिः माता इव अस्ति। अस्याः स्थानं स्वर्गात् अपि उच्चतरम् अस्ति।
- प्रश्नः- बुद्धिः कस्य बलं कः च शक्तियुक्तः?
उत्तरम् – बुद्धिः एव मनुष्यस्य बलम् अस्ति। यः बुद्धिमान् सः शक्तियुक्तः अस्ति।
- प्रश्नः- सर्वस्य लोचनं किम् किम् च प्राप्तुं तत्पराः?
उत्तरम् – सर्वस्य लोचनं शास्त्रम् अस्ति। शास्त्राणां ज्ञानं प्राप्तुं तत्पराः भवेयुः।
- प्रश्नः- संसारे कस्य जयः सर्वदा किं वदन्तु?
उत्तरम् – संसारे सत्यस्य जयः भवति। सर्वदा सत्यम् वदन्तु।
- प्रश्नः- जनेषु कः भवेत् किम् च न करणीयम्?
उत्तरम् – जनेषु भ्रातृभावः भवेत्। ईर्ष्या मा कुरुत।
- प्रश्नः- आलस्यं कः शत्रुः किम् च न करणीयम्?
उत्तरम् – आलस्यं मनुष्याणां शरीरस्थः शत्रुः अस्ति। आलस्यं मा कुरुत।
- प्रश्नः- शरीरं किम् अस्ति कथं च भवेयुः?
उत्तरम् – शरीरमाद्यं धर्मसाधनम् अस्ति। शरीरेण सदा स्वस्थाः भवेयुः।
- प्रश्नः- धर्मवृद्धेषु किं न समीक्ष्यते के च पूजायोग्याः?
उत्तरम् – न धर्मवृद्धेषु वयः समीक्ष्यते। ज्ञानिनः पूजायोग्याः सम्मानयोग्याः च।
- प्रश्नः- सर्वे कथं भवन्तु कोऽपि च कथम्?
उत्तरम् – सर्वे सुखिनः भवन्तु। कोऽपि दुःखी न भवेत्।