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कवि परिचय : रहीम

रहीम जी का जन्म 17 दिसम्बर 1556 को हुआ था। उनके पिता का नाम बैरम खाँ था। मुल्ला मुहम्मद अमीन ने रहीम दास जी को शिक्षा दी उन्होंने रहीम जी को तुर्की, अरबी तथा फारसी भाषा का ज्ञान दिया तथा उन्हें छंद रचना और फारसी व्याकरण का भी ज्ञान दिया है। जिसके चलते रहीम दास जी ने अनेक रचनाएँ की और उनके दोहे और रचनाएँ आज भी पढ़े जाते हैं। हिन्दी साहित्य में रहीम दास जी का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। रहीम जी ने अपने जीवनकाल में हिन्दी, फारसी, संस्कृत, अरबी जैसी कई भाषाओं का अध्ययन किया। रहीम जी अकबर के दरबार में कई पदों पर नियुक्त थे तथा वो अकबर के दरबार के नवरत्नों में भी शामिल थे।

रहीम जी के संग्रह का वर्णन कुछ इस प्रकार है- बरवै नायिका-भेद, रास पंचाध्यायी, रहिमन विनोद, रहिमन शतक (लाला भगवानदीन), शृंगार सतसई। रहीम को कई सारी भाषाओं का ज्ञान था जिसके चलते उन्होंने ‘वाकयात बाबरी’ नाम के एक तुर्की भाषा के लिखे ग्रंथ को फारसी भाषा में अनुवाद किया है तथा इसके अलावा उन्होंने फारसी भाषा में बहुत सारी कविताओं की रचना भी की है रहीम जी ने ‘खेट कौतूक जातकम्’ नाम के एक ज्योतिष ग्रन्थ की भी रचना की है, इस ग्रन्थ में इन्होंने संस्कृत शब्दों के साथ-साथ फारसी शब्दों का भी अनूठा मेल बैठाया है। 1 अक्टूबर 1627 को 70 साल की उम्र में रहीम दास जी की मृत्यु हो गई।

रहीम दास के दोहे

तासों ही कछु पाइए, कीजे जाकी आस।

रीते सरवर पर गए, कैसे बुझे पियास॥१॥

तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहिं न पान।

कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥२॥

रहिमन वे नर मर गये, जे कछु माँगन जाहि।

उनते पहिले वे मुए, जिन मुख निकसत नाहि॥३।

धनि रहीम गति मीन की जल बिछुरत जिय जाय।

जियत कंज तजि अनत वसि कहा भौरे को भाय॥४॥

ओछे को सतसंग रहिमन तजहु अंगार ज्यों।

तातो जारै अंग सीरै पै कारौ लगै॥५॥

दोनों रहिमन एक से, जो लो बोलत नाहिं।

जान परत है काक पिक, रितु बसंत के माहिं॥६॥

समय पाय फल होत है, समय पाय झरी जात।

सदा रहे नहिं एक सी, का रहीम पछितात॥७॥

रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय।

भीति आप पै डारि के, सबै पियावै तोय॥८॥

पावस देखि रहीम मन, कोइल साधे मौन।

अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछे कौन॥९॥

रहिमन ओछे नरन सो, बैर भली न प्रीत।

काटे चाटे स्वान के, दोउ भाँती विपरीत॥१०॥

खैर खून खाँसी, खुशी, बैर प्रीति मद्यपान।

रहिमन दावे ना दबे जानत सकल जहान॥११॥

रहिमन निज संपति बिना, कोउ न विपति सहाय।

बिनु पानी ज्यों जलज को नहिं रवि सकै बचाय॥१२॥

दोहा 1

तासों ही कछु पाइए, कीजे जाकी आस।

रीते सरवर पर गए, कैसे बुझे पियास॥१॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

तासों

उससे

তার থেকে

From that, from them

ही

ही, केवल

ই, শুধু

Only, indeed

कछु

कुछ

কিছু

Something

पाइए

मिलता है, प्राप्त होता है

পাওয়া যায়

Is obtained, found

कीजे

करनी चाहिए

করা উচিত

Should be done

जाकी

जिसकी

যার

Whose

आस

आशा, उम्मीद

আশা, প্রত্যাশা

Hope, expectation

रीते

खाली

খালি

Empty

सरवर

सरोवर, तालाब

সরোবর, পুকুর

Pond, lake

पर गए

पर जाने पर

উপর গেলে

Upon going to

बुझे

बुझती है, शांत होती है

নিভে যায়, শান্ত হয়

Is quenched, satisfied

पियास

प्यास

তৃষ্ণা

Thirst

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी कहते हैं कि हमें उसी व्यक्ति से कुछ मिलने की उम्मीद करनी चाहिए जो वास्तव में देने का सामर्थ्य रखता है। रहीम जी उदाहरण देते हुए समझाते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अपनी प्यास बुझाने के लिए किसी खाली तालाब के पास जाए, तो उसकी प्यास कभी नहीं बुझ सकती। इसी प्रकार, हमें अपनी आशाएँ केवल समर्थ और सक्षम व्यक्तियों से ही रखनी चाहिए, न कि निर्धन या असहाय व्यक्तियों से, जो स्वयं कुछ देने की स्थिति में न हों। यह दोहा सही व्यक्ति से उम्मीद रखने की सलाह देता है।

 

दोहा 2

तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहिं न पान।

कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥२॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

तरुवर

वृक्ष, पेड़

বৃক্ষ, গাছ

Tree

नहिं खात है

नहीं खाते हैं

খায় না

Do not eat

सरवर

सरोवर, तालाब

সরোবর, পুকুর

Pond, lake

पियहिं

पीते हैं

পান করে

Drink

न पान

न पानी

না পানি

Not water

कहि रहीम

रहीम कहते हैं

রহিম বলেন

Rahim says

पर काज हित

दूसरों के काम के लिए, परोपकार के लिए

অন্যের কাজের জন্য, পরোপকারের জন্য

For the benefit of others, for altruism

संपति

संपत्ति, धन

সম্পত্তি, ধন

Wealth, riches

सँचहि

संचय करते हैं, इकट्ठा करते हैं

সঞ্চয় করে, জমা করে

Accumulate, collect

सुजान

सज्जन, बुद्धिमान

সুজন, বুদ্ধিমান

Good person, wise

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम दास जी परोपकार की महिमा बताते हुए कहते हैं कि जिस प्रकार वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाता और सरोवर अपना पानी स्वयं नहीं पीता, उसी प्रकार सज्जन और बुद्धिमान व्यक्ति अपनी संपत्ति का संचय दूसरों के भले के लिए करते हैं। उनका धन केवल अपने स्वार्थ के लिए नहीं होता, बल्कि वे उसे दूसरों की सहायता और जनकल्याण में लगाते हैं। यह दोहा निःस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करने का महत्त्व समझाता है।

दोहा 3

रहिमन वे नर मर गये, जे कछु माँगन जाहि।

उनते पहिले वे मुए, जिन मुख निकसत नाहि॥३॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

रहिमन

रहीम

রহিম

Rahim

वे नर

वे मनुष्य

সেই মানুষরা

Those people

जे

जो

যারা

Who

कछु

कुछ

কিছু

Something

माँगन

माँगने

চাইতে

To ask for, beg

जाहि

जाते हैं

যায়

Go

उनते पहिले

उनसे भी पहले

তাদের থেকেও আগে

Even before them

वे मुए

वे मर गए

তারা মারা গেছে

They died

जिन मुख

जिनके मुँह से

যাদের মুখ থেকে

From whose mouth

निकसत

निकलता है

বের হয়

Comes out

नाहि

नहीं

না

Not

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी याचना करने और याचना पूरी न करने वाले दोनों की निंदा करते हैं। वे कहते हैं कि वे मनुष्य मरे हुए के समान हैं जो किसी से कुछ माँगने के लिए जाते हैं। लेकिन उनसे भी पहले वे लोग मरे हुए के समान हैं जिनके मुँह से ‘नाहिं’ अर्थात् नहीं शब्द निकलता है, यानी जो किसी की याचना को अस्वीकार कर देते हैं और उसकी मदद नहीं करते। रहीम यहाँ देने वाले के महत्त्व को अधिक बताते हैं और उसे श्रेष्ठ मानते हैं, जबकि याचक और अस्वीकार करने वाले दोनों को एक प्रकार से मृत समान मानते हैं।

दोहा 4

धनि रहीम गति मीन की जल बिछुरत जिय जाय।

जियत कंज तजि अनत वसि कहा भौरे को भाय॥४॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

धनि

धन्य, प्रशंसनीय

ধন্য, প্রশংসনীয়

Blessed, praiseworthy

गति

दशा, अवस्था

গতি, দশা

State, condition

मीन

मछली

মাছ

Fish

जल बिछुरत

जल से बिछुड़ते ही

জল থেকে বিচ্ছিন্ন হতেই

As soon as separated from water

जिय जाय

प्राण चले जाते हैं

প্রাণ চলে যায়

Life goes away, dies

जियत

जीते हुए

জীবিত থাকা অবস্থায়

While living

कंज

कमल

পদ্ম

Lotus

तजि

त्याग कर, छोड़कर

ত্যাগ করে, ছেড়ে

Abandoning, leaving

अनत वसि

अन्यत्र बसने पर

অন্যত্র বসবাস করলে

Residing elsewhere

कहा

क्या

কি

What

भौरे

भौंरे, भ्रमर

ভ্রমর

Bee, bumblebee

को भाय

को भाता है, को अच्छा लगता है

পছন্দ হয়, ভালো লাগে

Likes, finds pleasing

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी सच्चे प्रेम और लगाव का महत्त्व बताते हैं। वे कहते हैं कि मछली की गति अर्थात् जल से उसका प्रेम धन्य है, क्योंकि वह जल से बिछड़ते ही अपने प्राण त्याग देती है। उसका प्रेम इतना गहरा है कि वह जल के बिना जीवित नहीं रह सकती। इसके विपरीत, वे भौंरे पर कटाक्ष करते हैं कि कमल के जीवित रहते हुए भी, यदि वह अन्यत्र या दूसरे फूल पर जाकर बस जाए, तो ऐसे भौंरे को क्या कहा जाए? इसका अर्थ है कि भौंरे का प्रेम सच्चा नहीं है, वह अपने स्वार्थ के लिए एक फूल को छोड़कर दूसरे पर चला जाता है। रहीम जी यहाँ मछली के जल के प्रति अनन्य प्रेम को श्रेष्ठ बताते हैं और उससे तुलना कर सच्चे प्रेम की पहचान कराते हैं।

दोहा 5

ओछे को सतसंग रहिमन तजहु अंगार ज्यों।

तातो जारै अंग सीरै पै कारौ लगै॥५॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

ओछे

नीच, तुच्छ, छोटे

নিচু, তুচ্ছ, ছোট

Lowly, mean, petty

को

का, की

এর

Of

सतसंग

सत्संग, संगति

সঙ্গ, সঙ্গতি

Association, company

रहिमन

रहीम

রহিম

Rahim

तजहु

त्याग दो, छोड़ दो

ত্যাগ করো, ছেড়ে দাও

Abandon, leave

अंगार ज्यों

अंगारे के समान

অঙ্গারের মতো

Like a burning coal

तातो

गरम, जलता हुआ

গরম, জ্বলন্ত

Hot, burning

जारै

जलाए

পোড়ায়

Burns

अंग

शरीर

শরীর

Body, limb

सीरै

ठंडा होने पर

ঠাণ্ডা হলে

When cold

पै

पर, लेकिन

কিন্তু

But

कारौ

काला

কালো

Black

लगै

लगता है

লাগে

Stains, affects

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी बुरी संगति से दूर रहने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि नीच या तुच्छ प्रवृत्ति के लोगों की संगति को उसी प्रकार त्याग देना चाहिए जैसे अंगारे को। वे समझाते हैं कि यदि अंगारा गर्म हो तो वह शरीर को जला देता है, और यदि वह ठंडा हो जाए तो भी वह शरीर पर काला दाग लगा देता है। इसी प्रकार, बुरे लोगों की संगति हर हाल में हानिकारक होती है। यदि वे प्रभावशाली हों तो वे आपको नुकसान पहुँचा सकते हैं, और यदि वे कमजोर हों तो भी उनकी संगति आपके चरित्र पर बुरा प्रभाव डालती है और बदनामी का कारण बनती है।

दोहा 6

दोनों रहिमन एक से, जो लो बोलत नाहिं।

जान परत है काक पिक, रितु बसंत के माहिं॥६॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

रहिमन

रहीम

রহিম

Rahim

जो लो

जब तक

যতক্ষণ না

Until

बोलत

बोलते हैं

কথা বলে

Speak

नाहिं

नहीं

না

Not

जान परत है

पता चलता है

বোঝা যায়

Is known, revealed

काक

कौआ

কাক

Crow

पिक

कोयल

কোকিল

Cuckoo

रितु बसंत

वसंत ऋतु

বসন্ত ঋতু

Spring season

के माहिं

के अंदर, में

এর মধ্যে

Within, in

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी व्यक्ति के गुणों को परखने के लिए उसकी वाणी के महत्त्व पर जोर देते हैं। वे कहते हैं कि कौआ और कोयल, दोनों रंग में एक जैसे काले होते हैं और जब तक वे बोलते नहीं, तब तक उन्हें पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन जैसे ही वसंत ऋतु आती है और कोयल अपनी मीठी बोली में गाती है, तब उनकी पहचान हो जाती है कि कौन कौआ है और कौन कोयल। इसी प्रकार, किसी भी व्यक्ति का असली स्वभाव और गुण उसकी वाणी या उसके बोलने के तरीके से ही प्रकट होते हैं। जब तक कोई व्यक्ति बोलता नहीं, तब तक उसके अच्छे या बुरे होने का पता नहीं चलता।

दोहा 7

समय पाय फल होत है, समय पाय झरी जात।

सदा रहे नहिं एक सी, का रहीम पछितात॥ ७॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

समय पाय

समय पाकर, सही समय आने पर

সময় পেয়ে

Getting the right time

होत है

होता है

হয়

Happens, becomes

झरी जात

झड़ जाते हैं, गिर जाते हैं

ঝরে যায়, পড়ে যায়

Fall off, drop

सदा रहे

हमेशा रहती है

সর্বদা থাকে

Always remains

नहिं एक सी

एक जैसी नहीं

একই রকম নয়

Not the same

का

क्यों

কেন

Why

रहीम

रहीम

রহিম

Rahim

पछितात

पछताते हो, खेद करते हो

অনুতাপ করছ, দুঃখ করছ

Regret, lament

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी धैर्य रखने और समय के महत्त्व को समझने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि फल भी सही समय आने पर ही लगते हैं, और समय आने पर वे झड़ भी जाते हैं। अर्थात्, हर चीज़ का एक उचित समय होता है। किसी भी व्यक्ति की स्थिति या परिस्थितियाँ हमेशा एक जैसी नहीं रहतीं; वे समय के साथ बदलती रहती हैं। इसलिए, रहीम जी कहते हैं कि हे मनुष्य, तुम क्यों पछताते हो या क्यों चिंतित होते हो? तुम्हें धैर्य रखना चाहिए और समय के चक्र को समझना चाहिए। यह दोहा बताता है कि हमें सुख-दुख दोनों में समभाव रखना चाहिए क्योंकि समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता।

दोहा 8

रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय।

भीति आप पै डारि के, सबै पियावै तोय॥ ८॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

रहिमन

रहीम

রহিম

Rahim

रीति

रीति, तरीका, स्वभाव

রীতি, পদ্ধতি, স্বভাব

Custom, manner, nature

सराहिए

सराहना करनी चाहिए

প্রশংসা করা উচিত

Should be praised

जो

जो

যা

Which, that

घट

घड़ा

কলস

Pitcher, pot

गुन

गुण (यहाँ रस्सी के लिए भी)

গুণ (এখানে দড়ির জন্যও)

Quality (also for rope here)

सम होय

के समान हो, से भरा हो

সমান হয়, পরিপূর্ণ হয়

Is equal to, full of

भीति

भीत, दीवार (यहाँ कुएँ की)

প্রাচীর (এখানে কুয়ার)

Wall (here of a well)

आप पै

अपने ऊपर

নিজের উপর

On oneself

डारि के

डालकर, झेलकर

ফেলে, সহ্য করে

Casting, enduring

सबै

सभी

সবাই

All

पियावै

पिलाता है

পান করায়

Makes drink

तोय

पानी

জল

Water

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी परोपकारी स्वभाव की सराहना करते हैं। वे कहते हैं कि उस रीति (स्वभाव) की प्रशंसा करनी चाहिए, जो घड़े के गुणों के समान हो। जिस प्रकार घड़ा स्वयं कुएँ में नीचे जाकर, कुएँ की भीत अर्थात् दीवार पर अपने आपको रगड़कर और सारा भार अपने ऊपर डालकर सभी को पानी पिलाता है, उसी प्रकार सच्चा परोपकारी व्यक्ति दूसरों की भलाई के लिए स्वयं कष्ट सहता है और अपनी परेशानियों को झेलकर भी दूसरों को लाभ पहुँचाता है। यह दोहा निःस्वार्थ सेवा और दूसरों के लिए बलिदान के महत्त्व को दर्शाता है।

 

दोहा 9

पावस देखि रहीम मन, कोइल साधे मौन।

अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछे कौन॥९॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

पावस

वर्षा ऋतु

বর্ষা ঋতু

Rainy season

देखि

देखकर

দেখে

Seeing

कोइल

कोयल

কোকিল

Cuckoo

साधे

साध लिया, धारण कर लिया

পালন করল, গ্রহণ করল

Adopted, took up

मौन

मौन, चुप्पी

নীরবতা, চুপচাপ

Silence

दादुर

मेंढक

ব্যাঙ

Frog

वक्ता भए

वक्ता हो गए, बोलने वाले हो गए

বক্তা হল, কথা বলার মত হল

Became speakers, became vocal

पूछे कौन

कौन पूछेगा

কে জিজ্ঞাসা করবে

Who will ask (about us)

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी कहते हैं कि जब वर्षा ऋतु आती है, तो कोयल मौन धारण कर लेती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वर्षा के मौसम में मेंढक टर्र-टर्र करके बोलने लगते हैं और उनकी आवाज बहुत कर्कश होती है। कोयल यह सोचती है कि जब मेंढक जैसे तुच्छ और निरर्थक बोलने वाले व्यक्ति ही वक्ता बन गए हैं, तो उसकी मीठी आवाज को कौन पूछेगा? यह दोहा यह दर्शाता है कि जब अज्ञानी या अयोग्य लोग बोलने लगें, और उनकी तादाद बढ़ जाए तो ज्ञानी और गुणी व्यक्ति चुप हो जाते हैं, क्योंकि ऐसे समय में उनके ज्ञान और मधुर वाणी का कोई महत्त्व नहीं रहता।

 

दोहा 10

रहिमन ओछे नरन सो, बैर भली न प्रीत।

काटे चाटे स्वान के, दोउ भाँती विपरीत॥१०॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

रहिमन

रहीम

রহিম

Rahim

ओछे नरन

नीच मनुष्यों से

নিচু মানুষদের থেকে

From lowly people

सो

से

থেকে

From

बैर

दुश्मनी

শত্রুতা

Enmity, hostility

भली न

अच्छी नहीं

ভালো নয়

Not good

प्रीत

प्रेम, दोस्ती

ভালোবাসা, বন্ধুত্ব

Love, friendship

काटे

काटने पर

কামড়ালে

Upon biting

चाटे

चाटने पर

চাটলে

Upon licking

स्वान

कुत्ता

কুকুর

Dog

के

के

এর

Of

दोउ भाँती

दोनों प्रकार से

উভয় প্রকারেই

In both ways

विपरीत

विपरीत, बुरा, हानिकारक

বিপরীত, খারাপ, ক্ষতিকারক

Adverse, bad, harmful

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी नीच स्वभाव के व्यक्तियों से संबंध रखने के खतरों के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं कि नीच या ओछे व्यक्तियों से न तो दुश्मनी अच्छी होती है और न ही दोस्ती। वे इसकी तुलना कुत्ते के काटने और चाटने से करते हैं। जिस प्रकार कुत्ते के काटने पर घाव हो जाता है और चाटने पर गंदगी लगती है, उसी तरह नीच व्यक्ति से दुश्मनी करने पर वह नुकसान पहुँचा सकता है और दोस्ती करने पर वह आपको अपने समान बनाकर बदनाम कर सकता है। दोनों ही स्थितियों में हानि होती है। इसलिए, ऐसे लोगों से दूर रहना ही उचित है।

दोहा 11

खैर खून खाँसी, खुशी, बैर प्रीति मद्यपान।

रहिमन दावे ना दबे जानत सकल जहान॥११॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

खैर

कुशलक्षेम, सलामती (यहाँ छिपानी मुश्किल)

কুশল, মঙ্গল (এখানে লুকানো কঠিন)

Well-being, safety (here difficult to hide)

बैर

दुश्मनी

শত্রুতা

Enmity, hostility

प्रीति

प्रेम, दोस्ती

ভালোবাসা, বন্ধুত্ব

Love, friendship

मद्यपान

शराब पीना

মদ্যপান

Drinking alcohol

रहिमन

रहीम

রহিম

Rahim

दावे ना दबे

दबाने से नहीं दबता

চাপালে চাপে না

Cannot be suppressed by pressing

जानत

जानता है

জানে

Knows

सकल जहान

सारा संसार, पूरी दुनिया

সমস্ত দুনিয়া, সমগ্র বিশ্ব

The whole world

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी कुछ ऐसी बातें बताते हैं जिन्हें छिपाना बहुत मुश्किल होता है और वे प्रकट होकर ही रहती हैं। वे कहते हैं कि खैर अर्थात् कुशलक्षेम या पान का कत्था, खून, खाँसी, खुशी, दुश्मनी, प्रेम और मद्यपान – ये सात बातें ऐसी हैं जो दबाने से नहीं दबतीं। सारा संसार इन बातों को जानता है, क्योंकि ये किसी न किसी रूप में प्रकट हो ही जाती हैं। आप इन्हें कितना भी छिपाने की कोशिश करें, ये अंततः सामने आ ही जाती हैं। यह दोहा मानव स्वभाव और कुछ विशेष परिस्थितियों की सच्चाई को दर्शाता है।

 

दोहा 12

रहिमन निज संपति बिना, कोउ न विपति सहाय।

बिनु पानी ज्यों जलज को नहिं रवि सकै बचाय॥१२॥

Word (Original)

Hindi Meaning (हिंदी अर्थ)

Bengali Meaning (বাংলা অর্থ)

English Meaning

निज

अपनी

নিজের

Own

संपति

संपत्ति, धन

সম্পত্তি, ধন

Wealth, riches

बिना

बिना

ছাড়া

Without

कोउ

कोई भी

কেউ না

No one

नहीं

না

Not

विपति

विपत्ति, संकट

বিপদ, সংকট

Adversity, crisis

सहाय

सहायक, मददगार

সাহায্যকারী

Helper, supporter

बिनु पानी

बिना पानी के

জল ছাড়া

Without water

ज्यों

जैसे

যেমন

As, just as

जलज

कमल (जो जल में जन्म लेता है)

পদ্ম (যা জলে জন্ম নেয়)

Lotus (born in water)

को

को

কে

To

नहिं

नहीं

না

Not

रवि

सूर्य

সূর্য

Sun

सकै

सकता है

পারে

Can

बचाय

बचाना

বাঁচাতে

To save

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम जी आत्म-निर्भरता के महत्त्व पर जोर देते हैं। वे कहते हैं कि अपनी स्वयं की संपत्ति के बिना विपत्ति के समय कोई भी आपका सहायक नहीं होता। वे इसका उदाहरण देते हुए समझाते हैं कि जिस प्रकार कमल को यदि पानी न मिले, तो सूर्य भी उसे नहीं बचा सकता, भले ही सूर्य कमल को खिलने में मदद करता हो और उसे जीवन देता हो। कमल का अस्तित्व पानी पर निर्भर करता है। ठीक इसी तरह, जब आपके पास अपना सामर्थ्य या धन नहीं होता, तो कोई भी दूसरा व्यक्ति, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, आपकी संकट में मदद नहीं कर पाता। यह दोहा हमें आत्मनिर्भर होने और अपने लिए स्वयं संचय करने की प्रेरणा देता है।

 

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