राजेश जोशी – कवि परिचय
राजेश जोशी का जन्म 18 जुलाई 1946 को नरसिंहगढ़, मध्यप्रदेश में हुआ। वे हिंदी के प्रमुख प्रगतिशील कवि माने जाते हैं। उन्हें वर्ष 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके प्रमुख कविता संग्रह दो पंक्तियों के बीच, नेपथ्य में हँसी, एक दिन बोलेंगे पेड़ और मिट्टी का चेहरा हैं। यह कविता उनके संग्रह नेपथ्य में हँसी से ली गई है।
बच्चे काम पर जा रहे हैं – पाठ परिचय
राजेश जोशी की कविता बच्चे काम पर जा रहे हैं आर्थिक विषमता, अधिकारों के उल्लंघन और बाल श्रम के प्रति असंवेदनशीलता की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करती है।
बच्चे काम पर जा रहे हैं
कोहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं
सुबह – सुबह।
बच्चे काम पर जा रहे हैं
हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह,
भयानक है इसे विवरण की तरह लिखा जाना
लिखा जाना चाहिए इसे सवाल की तरह
काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?
क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें?
क्या दीमकों ने खा लिया है
सारी रंग-बिरंगी किताबों को?
क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे खिलौने?
क्या किसी भूकंप में ढह गई हैं
सारे मदरसों की इमारतें?
क्या सारे मैदान, सारे बगीचे और घरों के आँगन
खत्म हो गए हैं एकाएक?
तो फिर बचा ही क्या है इस दुनियाँ में?
कितना भयानक होता अगर ऐसा होता
भयानक है, लेकिन इससे भी ज्यादा यह
कि हैं सारी चीजें हस्ब-ए-मामूल
पर दुनिया की हजारों सड़कों से गुजरते हुए
बच्चे, बहुत छोटे-छोटे बच्चे
काम पर जा रहे हैं।
कविता का सार
कविता “बच्चे काम पर जा रहे हैं” समाज की एक कटु सच्चाई को उजागर करती है, जहाँ बच्चे सुबह-सुबह कोहरे से ढँकी सड़कों पर काम पर जा रहे हैं। यह स्थिति भयावह है और इसे एक विवरण के बजाय सवाल के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कविता पूछती है कि बच्चे काम पर क्यों जा रहे हैं? क्या उनके बचपन के सभी सुख—खेल, किताबें, खिलौने—खत्म हो गए हैं? कविता यह दर्शाती है कि यद्यपि दुनिया में सब कुछ सामान्य प्रतीत होता है, फिर भी छोटे-छोटे बच्चे काम पर जा रहे हैं, जो एक गंभीर सामाजिक समस्या—बाल श्रम—की ओर इशारा करती है। यह कविता समाज से सवाल करती है कि बच्चों का बचपन क्यों छीना जा रहा है।
शब्दार्थ
विवरण – ब्यौरा देना, तथ्य की तरह बताना
हस्ब-ए-मामूल – ज्यों-की-त्यों उपलब्ध होना, यथावत
मदरसा – विद्यालय
Hindi Word | Hindi Meaning | English Meaning |
कोहरे | धुंध, धूमिका | Fog, mist |
भयानक | डरावना, भयावह | Horrible, terrifying |
विवरण | वर्णन, बयान | Description, statement |
दीमकों | कीड़े जो लकड़ी खाते हैं | Termites |
रंग-बिरंगी | विभिन्न रंगों वाली | Colourful |
मदरसों | स्कूल, विशेषकर धार्मिक शिक्षा के लिए | Religious schools (Madrasas) |
हस्ब-ए-मामूल | हमेशा की तरह, सामान्य रूप से | As usual, normally |
पाठ से
अभ्यास
- “बच्चे काम पर जा रहे हैं।” इस पंक्ति को हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति क्यों कहा गया है?
उत्तर – इस पंक्ति को हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति इसलिए कहा गया है क्योंकि यह समाज की एक बहुत ही दुखद और गंभीर सच्चाई को दर्शाती है। बच्चों का काम खेलना, पढ़ना और सपने देखना होता है, न कि काम पर जाना। जब बच्चे काम पर जाते हैं, तो इसका मतलब है कि उनका बचपन उनसे छीना जा रहा है। यह स्थिति इसलिए भयानक है क्योंकि यह दिखाती है कि समाज अपने बच्चों को एक सुरक्षित और खुशहाल बचपन देने में असफल हो रहा है, जो किसी भी समाज के लिए एक बड़ी विफलता है।
- कवि ने ऐसा क्यों कहा है- “भयानक है इसे विवरण की तरह लिखा जाना, लिखा जाना चाहिए इसे सवाल की तरह।”
उत्तर – कवि ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि किसी समस्या को विवरण या सामान्य जानकारी की तरह बताने से वह एक साधारण घटना लगने लगती है और लोग उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन जब उसी बात को एक सवाल की तरह पूछा जाता है (“बच्चे काम पर क्यों जा रहे हैं?”), तो यह हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देता है। सवाल पूछने से हम उस समस्या की जड़ तक जाने की कोशिश करते हैं और उसके समाधान के बारे में सोचते हैं। यह उस स्थिति के प्रति आक्रोश और चिंता को व्यक्त करता है।
- कविता में आई इन चीज़ों के साथ क्या हो जाने का अंदेशा व्यक्त किया गया है?
उत्तर –
चीज़ों के नाम | अंदेशा |
गेंदें | क्या वे अंतरिक्ष में गिर गई हैं? |
किताबें | क्या उन्हें दीमकों ने खा लिया है? |
खिलौने | क्या वे किसी काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं? |
मदरसों की इमारतें | क्या वे किसी भूकंप में ढह गई हैं? |
मैदान | क्या वे एकाएक खत्म हो गए हैं? |
बगीचे | क्या वे एकाएक खत्म हो गए हैं? |
घरों के आँगन | क्या वे एकाएक खत्म हो गए हैं? |
पाठ से आगे
- बच्चों के काम पर जाने से उनका बचपन किस तरह प्रभावित होता है?
उत्तर – बच्चों के काम पर जाने से उनका बचपन बुरी तरह प्रभावित होता है –
शिक्षा से दूरी – वे स्कूल नहीं जा पाते, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है।
शारीरिक विकास में बाधा – भारी और खतरनाक काम करने से उनका शारीरिक विकास रुक जाता है और वे बीमार रहने लगते हैं।
मानसिक प्रभाव – बचपन की मासूमियत और खुशी खत्म हो जाती है। वे चिंता और तनाव में जीने लगते हैं।
खेलकूद से वंचित – उन्हें खेलने-कूदने का मौका नहीं मिलता, जो उनके विकास के लिए बहुत जरूरी है।
- बच्चों को काम पर जाना पड़ता है आपकी समझ से इसके क्या-क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर – मेरी समझ से बच्चों के काम पर जाने के मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं –
गरीबी – यह सबसे बड़ा कारण है। जब परिवार के पास पेट भरने के लिए पैसे नहीं होते, तो बच्चों को भी काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
अशिक्षा – माता-पिता का अशिक्षित होना भी एक कारण है, क्योंकि वे शिक्षा के महत्व को नहीं समझते।
जागरूकता की कमी – कई लोगों को बाल मजदूरी से जुड़े कानूनों और बच्चों के अधिकारों के बारे में पता नहीं होता।
पारिवारिक संकट – माता-पिता की मृत्यु या किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में भी बच्चों पर घर की जिम्मेदारी आ जाती है।
- यदि सारे मैदान, बगीचे और घरों के आँगन सचमुच खत्म हो जाएँ तो इससे हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर – यदि सारे मैदान, बगीचे और आँगन खत्म हो जाएँ तो हमारा जीवन बहुत नीरस और अस्वस्थ हो जाएगा।
बच्चों के पास खेलने की कोई जगह नहीं बचेगी।
लोगों के पास टहलने और ताजी हवा में साँस लेने की जगह नहीं होगी।
पेड़-पौधे खत्म हो जाने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा, जिससे प्रदूषण बढ़ेगा और बीमारियाँ फैलेंगी।
हमारा जीवन प्रकृति से दूर और मशीनों तक सीमित हो जाएगा।
- (क) सुबह – सुबह उठकर आप क्या-क्या करते हैं?
उत्तर – मैं सुबह उठकर सबसे पहले अपने बिस्तर को ठीक करता हूँ, फिर दाँत साफ करके नहाता हूँ। इसके बाद मैं नाश्ता करता हूँ और स्कूल के लिए तैयार होता हूँ। स्कूल जाने से पहले मैं थोड़ी देर पढ़ाई भी करता हूँ।
(ख) जो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, वे क्या-क्या करते होंगे?
उत्तर – जो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, वे सुबह उठकर शायद ये काम करते होंगे –
घर के कामों में माता-पिता की मदद करना।
अपने छोटे भाई-बहनों को संभालना।
चाय की दुकान, ढाबे या किसी कारखाने में काम करने के लिए जाना।
खेती के कामों में हाथ बँटाना।
भाषा के बारे में
- (क) ‘पेड़ काटे जा रहे हैं। यह विवरण की तरह लिखा गया है। इसी बात को सवाल की तरह हम लिख सकते हैं- “पेड़ क्यों काटे जा रहे हैं?”
आप भी किन्हीं पाँच पंक्तियों को विवरण की तरह लिखिए और उन्हें सवाल के रूप में बदलिए।
उत्तर – विवरण – बच्चे शोर मचा रहे हैं।
सवाल – बच्चे क्यों शोर मचा रहे हैं?
विवरण – नदी का पानी गंदा हो रहा है।
सवाल – नदी का पानी क्यों गंदा हो रहा है?
विवरण – वह आज स्कूल नहीं आया है।
सवाल – वह आज स्कूल क्यों नहीं आया है?
विवरण – सड़कें जाम हैं।
सवाल – सड़कें क्यों जाम हैं?
विवरण – लोग शहर छोड़कर जा रहे हैं।
सवाल – लोग शहर छोड़कर क्यों जा रहे हैं?
(ख) सवाल और विवरण में क्या अंतर है?
उत्तर – विवरण में हम किसी घटना या स्थिति की जानकारी देते हैं। यह एक तथ्यात्मक कथन होता है। जबकि सवाल में हम किसी घटना या स्थिति के बारे में कुछ जानने की इच्छा प्रकट करते हैं। विवरण सूचना देता है और सवाल सूचना माँगता है।
- ‘चाहिए’ के बारे में-
(क) मुझे केला चाहिए।
(ख) तुम्हें स्कूल जाना चाहिए।
उपर्युक्त दोनों वाक्यों में ‘चाहिए’ के अर्थ में क्या अंतर है? बताइए और ऐसे ही दो और वाक्य लिखिए।
उत्तर – दोनों वाक्यों में ‘चाहिए’ का अर्थ अलग-अलग है –
वाक्य (क) “मुझे केला चाहिए” में ‘चाहिए’ शब्द का प्रयोग इच्छा या आवश्यकता (want/need) प्रकट करने के लिए हुआ है।
वाक्य (ख) “तुम्हें स्कूल जाना चाहिए” में ‘चाहिए’ शब्द का प्रयोग कर्तव्य, सलाह या नैतिक जिम्मेदारी (should/ought to) बताने के लिए हुआ है।
ऐसे ही दो और वाक्य –
मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। (इच्छा)
तुम्हें बड़ों का आदर करना चाहिए। (कर्तव्य/सलाह)
- प्रायः क्या, कब, कहाँ, कैसे और कौन आदि प्रश्नसूचक शब्दों की मदद से प्रश्नों का निर्माण किया जाता है। निम्नांकित वाक्य में उत्तर सूचक शब्द के स्थान पर उपर्युक्त प्रश्नसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए प्रश्नों का निर्माण कीजिए।
“सुबह – सुबह कोहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे पैदल काम पर जा रहे हैं”
जैसे- प्रश्न – सुबह-सुबह कोहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे पैदल कहाँ जा रहे हैं?
उत्तर – सुबह-सुबह कोहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे पैदल काम पर जा रहे हैं।
उत्तर – कौन? – सुबह-सुबह कोहरे से ढँकी सड़क पर पैदल काम पर कौन जा रहे हैं?
कब? – बच्चे कोहरे से ढँकी सड़क पर पैदल काम पर कब जा रहे हैं?
कैसे? – सुबह-सुबह कोहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे काम पर कैसे जा रहे हैं?
कहाँ? – सुबह-सुबह कोहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे पैदल कहाँ जा रहे हैं?
कैसी सड़क पर? – बच्चे सुबह-सुबह कैसी सड़क पर काम पर जा रहे हैं?
योग्यता विस्तार
- समूह कार्य –
(क) पता करें कि आपके गाँव / मोहल्ले में आपके हमउम्र कितने बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं?
उत्तर – हमारे मोहल्ले में हमारी उम्र के लगभग 5 बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं।
(ख) वे जब स्कूल नहीं जाते, तब क्या-क्या करते हैं? उनमें लड़कियों और लड़कों की संख्या कितनी है? उनका शैक्षिक स्तर क्या है?
उत्तर – वे बच्चे सुबह घर के काम करते हैं, कुछ पास की चाय की दुकान पर काम करते हैं और कुछ कूड़ा बीनने का काम करते हैं। इन 5 बच्चों में 3 लड़के और 2 लड़कियाँ हैं। उनमें से कोई भी पढ़ना-लिखना नहीं जानता, उनका शैक्षिक स्तर शून्य है।
(ग) पता लगाने की कोशिश कीजिए कि बच्चों के स्कूल ना जाने या छोड़ने के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर – बच्चों के स्कूल न जाने के मुख्य कारण हैं –
उनके माता-पिता की अत्यधिक गरीबी।
परिवार में शिक्षा को लेकर जागरूकता की कमी।
माता-पिता को घर के कामों में मदद की जरूरत होना।
- बाल मजदूरी को रोकने के लिए हमारे संविधान में कुछ प्रावधान किए गए हैं। नीचे दिए गए इन संवैधानिक प्रावधानों को पढ़कर समूह में चर्चा कीजिए।
उत्तर – संवैधानिक प्रावधान –
अनुच्छेद 21(A) – यह 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देता है।
अनुच्छेद 24 – यह 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी कारखाने, खदान या अन्य खतरनाक काम में लगाने पर रोक लगाता है।
अनुच्छेद 39 – यह राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि बच्चों का शोषण न हो और उन्हें स्वस्थ तरीके से विकसित होने के अवसर मिलें।
संवैधानिक प्रावधान
संविधान के कुछ प्रावधान ऐसे हैं जो सीधे तौर पर “बालश्रम” के लिए संबोधित हैं।
अनुच्छेद-24
फैक्टरियों आदि में बाल श्रमिकों पर प्रतिबंध।
“चौदह वर्ष से कम आयु का कोई भी बच्चा फैक्टरी, खदान या अन्य खतरनाक कार्यस्थलों पर काम में नहीं लगाया जाएगा।”
- आपने “बच्चे काम पर जा रहे हैं” कविता पढ़ी। ऐसी ही एक रचना है, नरेश सक्सेना की कविता ‘अच्छे बच्चे’ शिक्षकों की मदद से इसे खोजिए और पढ़िए।
बालश्रम निषेध अधिनियम
बालश्रम का मतलब ऐसे कार्य से है, जिसमें कार्य करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित आयु-सीमा से छोटा है। इस प्रथा को कई देशों और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों ने शोषित करने वाली प्रथा माना है। इन्हीं बातों से संबंधित बालश्रम (निषेध एवं विनियम) अधिनियम 1986 लागू हुआ। संविधान का अनुच्छेद 24 इससे संबंधित है। यह अधिनियम 14 साल की आयु से कम के बच्चों से काम कराना गैरकानूनी मानता है साथ ही 18 साल से कम उम्र के बच्चों को कारखानो / खदानों में काम करने का निधेष करता है। इस नियम की कुछ सीमाएँ भी निर्धारित की गयी है- जैसे- पारिवारिक व्यवसायों में बच्चे स्कूल से वापस आकर या गर्मी की छुट्टियों में काम कर सकते हैं। इसी तरह फिल्मों में बाल कलाकारों को काम करने की अनुमति है। खेल से जुड़ी गतिविधियों में भी वे सहभागिता निभा सकते हैं। इसी प्रकार 14-18 वर्ष की आयु के बच्चों को काम पर रखा जा सकता है, बशर्ते वह कार्य / कार्यस्थल सूची में शामिल खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया से न जुड़ा हो। इस नियम का उल्लंघन करने पर दण्ड का भी प्रावधान है। यदि कोई नागरिक इस कानून की अवमानना होते हुए देखता है तो वह इसकी शिकायत पुलिस / मजिस्ट्रेट से कर सकता है, या बच्चों के अधिकारों पर काम करने वाली सामाजिक संस्थाओं की संज्ञान में ला सकता है।
उक्त कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर वारंट की गैर मौजूदगी में गिरफ्तारी या जाँच की जा सकती है। अपराध सिद्ध होने पर संबंधित व्यक्ति / मालिक को माह 6 माह 2 साल की जेल और 20,000/- 50,000/- रूपये तक जुर्माना हो सकता है। यदि बच्चों के माता पिता भी व्यावसायिक उद्देश्य से निर्धारित से कम उम्र के बच्चों द्वारा काम कारवाते हैं या इसकी अनुमति देते हैं तो उन्हें सजा दी जा सकती है। कानून उन्हें अपनी मूल सुधारने का एक अवसर देता है और इसे समाधान / समझौते की प्रक्रिया से सुलझाया जा सकता है पर यदि वे (माता-पिता) पुनः अपने बच्चें को निर्धारित आयु सीमा से पूर्व काम करवाते है तो उन्हें 10,000 /- तक का जुर्माना हो सकता है।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
- कविता का मुख्य विषय क्या है?
a) बच्चों का खेल
b) बाल श्रम
c) कोहरे का वर्णन
d) स्कूल की इमारतें
उत्तर – b) बाल श्रम - कविता में कोहरे से ढँकी सड़क का उल्लेख किस समय के लिए किया गया है?
a) दोपहर
b) सुबह-सुबह
c) रात
d) शाम
उत्तर – b) सुबह-सुबह - कविता के अनुसार बच्चों के काम पर जाने को किस रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए?
a) विवरण
b) कहानी
c) सवाल
d) गीत
उत्तर – c) सवाल - कविता में “सारी गेंदें” किसका प्रतीक हैं?
a) बच्चों का खेल
b) स्कूल की किताबें
c) काम का बोझ
d) कोहरा
उत्तर – a) बच्चों का खेल - “दीमकों ने खा लिया” में दीमकों का क्या अर्थ है?
a) कीड़े जो किताबें नष्ट करते हैं
b) बच्चों के सपने
c) खिलौने
d) स्कूल
उत्तर – a) कीड़े जो किताबें नष्ट करते हैं - कविता में “काले पहाड़” का उल्लेख किसके लिए किया गया है?
a) खिलौनों के दबने का प्रतीक
b) कोहरे का वर्णन
c) स्कूल की इमारतें
d) बच्चों का काम
उत्तर – a) खिलौनों के दबने का प्रतीक - कविता में “हस्ब-ए-मामूल” का अर्थ क्या है?
a) असामान्य
b) हमेशा की तरह
c) अचानक
d) भयानक
उत्तर – b) हमेशा की तरह - कविता में बच्चों के काम पर जाने को क्यों भयानक कहा गया है?
a) क्योंकि कोहरा है
b) क्योंकि बच्चे छोटे हैं
c) क्योंकि स्कूल बंद हैं
d) क्योंकि खिलौने खत्म हो गए
उत्तर – b) क्योंकि बच्चे छोटे हैं - कविता में “मदरसों” का अर्थ क्या है?
a) खेल के मैदान
b) धार्मिक स्कूल
c) घर के आँगन
d) किताबों की दुकान
उत्तर – b) धार्मिक स्कूल - कविता में बच्चों के बचपन के प्रतीक के रूप में क्या-क्या उल्लेखित है?
a) गेंदें, किताबें, खिलौने
b) सड़कें, कोहरा
c) पहाड़, भूकंप
d) काम, स्कूल
उत्तर – a) गेंदें, किताबें, खिलौने - कविता में “भूकंप” का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?
a) प्राकृतिक आपदा
b) बच्चों के बचपन का नष्ट होना
c) कोहरे का बढ़ना
d) स्कूल का निर्माण
उत्तर – b) बच्चों के बचपन का नष्ट होना - कविता का अंतिम संदेश क्या है?
a) कोहरे से बचना चाहिए
b) बच्चों को काम पर नहीं जाना चाहिए
c) स्कूल बनाए जाने चाहिए
d) खिलौने बांटे जाने चाहिए
उत्तर – b) बच्चों को काम पर नहीं जाना चाहिए - कविता में “रंग-बिरंगी किताबें” किसका प्रतीक हैं?
a) बच्चों की शिक्षा
b) काम का बोझ
c) कोहरे का रंग
d) खिलौनों का रंग
उत्तर – a) बच्चों की शिक्षा - कविता में बच्चों के काम पर जाने की स्थिति को किस शब्द से वर्णित किया गया है?
a) खुशी
b) भयानक
c) सामान्य
d) रोमांचक
उत्तर – b) भयानक - कविता में “सारे मैदान, सारे बगीचे और घरों के आँगन” किसका प्रतीक हैं?
a) बच्चों के खेलने की जगह
b) काम करने की जगह
c) स्कूल की इमारतें
d) कोहरे से ढँकी सड़कें
उत्तर – a) बच्चों के खेलने की जगह - कविता में “सवाल की तरह” लिखने का क्या अर्थ है?
a) बच्चों को प्रश्न पूछने चाहिए
b) समाज को इस स्थिति पर सवाल उठाना चाहिए
c) कविता को प्रश्नों में लिखना चाहिए
d) बच्चों को पढ़ाना चाहिए
उत्तर – b) समाज को इस स्थिति पर सवाल उठाना चाहिए - कविता में बच्चों के काम पर जाने का कारण क्या हो सकता है?
a) स्कूल की कमी
b) आर्थिक मजबूरी
c) कोहरे का प्रभाव
d) खिलौनों की कमी
उत्तर – b) आर्थिक मजबूरी - कविता में “अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें” का क्या अर्थ है?
a) बच्चों के खेल खत्म हो गए
b) गेंदें चोरी हो गईं
c) अंतरिक्ष में खेल हो रहा है
d) गेंदें बिक गईं
उत्तर – a) बच्चों के खेल खत्म हो गए - कविता में “हजारों सड़कों” का उल्लेख किसके लिए किया गया है?
a) कोहरे से ढँकी सड़कें
b) दुनिया भर में बच्चों का काम पर जाना
c) स्कूल जाने वाली सड़कें
d) खेल के मैदान
उत्तर – b) दुनिया भर में बच्चों का काम पर जाना - कविता का स्वर कैसा है?
a) उत्साहपूर्ण
b) व्यंग्यात्मक और चिंतनशील
c) खुशहाल
d) रोमांचक
उत्तर – b) व्यंग्यात्मक और चिंतनशील
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 – बच्चे किस समय और कैसी सड़क पर काम के लिए जा रहे हैं?
उत्तर – बच्चे सुबह-सुबह कोहरे से ढँकी हुई सड़क पर काम के लिए जा रहे हैं।
प्रश्न 2 – कवि के अनुसार हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति क्या है?
उत्तर – कवि के अनुसार, “बच्चे काम पर जा रहे हैं” यह पंक्ति हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है।
प्रश्न 3 – कवि इस तथ्य को एक विवरण के बजाय किस रूप में लिखे जाने की बात करते हैं?
उत्तर – कवि इस तथ्य को एक विवरण के बजाय एक सवाल, “काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?” के रूप में लिखे जाने की बात करते हैं।
प्रश्न 4 – कविता में बच्चों की रंग-बिरंगी किताबों के साथ क्या हो जाने की आशंका व्यक्त की गई है?
उत्तर – कविता में यह आशंका व्यक्त की गई है कि शायद बच्चों की सारी रंग-बिरंगी किताबों को दीमकों ने खा लिया है।
प्रश्न 5 – कवि के लिए क्या बात अधिक भयानक है?
उत्तर – कवि के लिए यह बात अधिक भयानक है कि दुनिया में बच्चों के खेलने-पढ़ने की सारी चीजें (हस्ब-ए-मामूल) मौजूद हैं, फिर भी बच्चों को काम पर जाना पड़ रहा है।
प्रश्न 6 – कविता में किन-किन जगहों के एकाएक खत्म हो जाने का प्रश्न उठाया गया है?
उत्तर – कविता में सारे मैदान, सारे बगीचे और घरों के आँगनों के एकाएक खत्म हो जाने का प्रश्न उठाया गया है।
प्रश्न 7 – कवि के अनुसार अगर बच्चों के खेलने और पढ़ने की चीजें सच में खत्म हो जातीं तो क्या होता?
उत्तर – कवि के अनुसार अगर बच्चों के खेलने और पढ़ने की चीजें सच में खत्म हो जातीं तो यह स्थिति बहुत भयानक होती।
प्रश्न 8 – यह कविता समाज की किस गंभीर समस्या को दर्शाती है?
उत्तर – यह कविता समाज में व्याप्त बाल मजदूरी की गंभीर समस्या को दर्शाती है।
प्रश्न 9 – कवि बच्चों के खिलौनों के बारे में क्या कल्पना करते हैं?
उत्तर – कवि कल्पना करते हैं कि शायद सारे खिलौने किसी काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं, इसीलिए बच्चे खेल नहीं पा रहे हैं।
प्रश्न 10 – कविता के अंत में कवि किस दर्दनाक दृश्य का पुनः उल्लेख करते हैं?
उत्तर – कविता के अंत में कवि इस दर्दनाक दृश्य का पुनः उल्लेख करते हैं कि दुनिया की हजारों सड़कों से गुजरते हुए बहुत छोटे-छोटे बच्चे काम पर जा रहे हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- कविता में बच्चों के काम पर जाने को भयानक क्यों कहा गया है?
उत्तर – बच्चों के काम पर जाने को भयानक कहा गया है क्योंकि यह उनके बचपन को छीन लेता है। बच्चे जो खेलने, पढ़ने और आनंद लेने के लिए हैं, वे मजबूरी में काम कर रहे हैं, जो सामाजिक अन्याय को दर्शाता है। - कविता में कोहरे का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?
उत्तर – कोहरे का प्रतीकात्मक अर्थ समाज की अस्पष्टता और उदासीनता है। यह दर्शाता है कि बच्चों की दयनीय स्थिति को लोग स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते या अनदेखा करते हैं, जिससे बाल श्रम की समस्या और गहरी होती है। - कविता में “सारी गेंदें अंतरिक्ष में गिर गई हैं” का क्या अर्थ है?
उत्तर – यह पंक्ति बच्चों के खेल और बचपन के खो जाने का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि बच्चों के लिए खेलने की खुशी और स्वतंत्रता अब उपलब्ध नहीं है, जैसे कि गेंदें हमेशा के लिए खो गई हों। - कविता में “हस्ब-ए-मामूल” का उपयोग किस संदर्भ में किया गया है?
उत्तर – “हस्ब-ए-मामूल” का उपयोग यह दर्शाने के लिए किया गया है कि दुनिया में सब कुछ सामान्य प्रतीत होता है, लेकिन इसके बावजूद बच्चे काम पर जा रहे हैं। यह समाज की उदासीनता और विडंबना को उजागर करता है। - कविता में बच्चों के बचपन के प्रतीक क्या-क्या हैं?
उत्तर – कविता में बच्चों के बचपन के प्रतीक हैं—गेंदें, रंग-बिरंगी किताबें, खिलौने, मैदान, बगीचे और घरों के आँगन। ये सभी बच्चों की मासूमियत, खेल और शिक्षा के अवसरों का प्रतीक हैं, जो खो रहे हैं। - कविता में “काले पहाड़” का क्या अर्थ है?
उत्तर – “काले पहाड़” का प्रतीकात्मक अर्थ उन बाधाओं से है जो बच्चों के बचपन को दबा रही हैं। यह सामाजिक और आर्थिक समस्याओं जैसे गरीबी और शोषण को दर्शाता है, जो बच्चों के खिलौनों (खुशियों) को नष्ट कर रहे हैं। - कविता में भूकंप का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?
उत्तर – भूकंप बच्चों के बचपन के नष्ट होने का प्रतीक है। यह उन सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है जो बच्चों की शिक्षा और खेल के अवसरों को नष्ट कर रही हैं, जिससे वे काम करने को मजबूर हैं। - कविता में सवाल उठाने का उद्देश्य क्या है?
उत्तर – कविता में सवाल उठाने का उद्देश्य समाज को बाल श्रम की समस्या पर विचार करने और उसका समाधान खोजने के लिए प्रेरित करना है। यह समाज की उदासीनता को चुनौती देता है और बच्चों के अधिकारों पर ध्यान दिलाता है। - कविता में “रंग-बिरंगी किताबें” किसका प्रतीक हैं?
उत्तर – “रंग-बिरंगी किताबें” बच्चों की शिक्षा और ज्ञान के प्रतीक हैं। यह दर्शाता है कि बच्चों को पढ़ने और सीखने का अवसर मिलना चाहिए, लेकिन बाल श्रम के कारण उनकी शिक्षा छिन रही है। - कविता का अंतिम पंक्ति का क्या संदेश है?
उत्तर – अंतिम पंक्ति यह दर्शाती है कि बच्चों का काम पर जाना एक वैश्विक समस्या है। यह समाज से सवाल करती है कि जब सब कुछ सामान्य प्रतीत होता है, तब भी बच्चे क्यों काम कर रहे हैं, जो उनके बचपन के शोषण को उजागर करता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- कविता “बच्चे काम पर जा रहे हैं” समाज को क्या संदेश देती है?
उत्तर – कविता समाज को बाल श्रम की गंभीर समस्या पर ध्यान देने का संदेश देती है। यह पूछती है कि बच्चे, जो खेलने और पढ़ने के हकदार हैं, काम पर क्यों जा रहे हैं। यह समाज की उदासीनता और आर्थिक असमानता को उजागर करती है, जो बच्चों के बचपन को छीन रही है। कविता हमें बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने की प्रेरणा देती है। - कविता में प्रतीकात्मकता का उपयोग कैसे किया गया है?
उत्तर – कविता में प्रतीकात्मकता का उपयोग प्रभावी ढंग से किया गया है। कोहरा समाज की उदासीनता, गेंदें और खिलौने बच्चों की मासूमियत, रंग-बिरंगी किताबें शिक्षा, और काला पहाड़ आर्थिक बाधाओं का प्रतीक हैं। भूकंप बच्चों के बचपन के नष्ट होने को दर्शाता है। ये प्रतीक कविता को गहराई प्रदान करते हैं और बाल श्रम की भयावहता को उजागर करते हैं। - कविता में बच्चों के बचपन के खोने का चित्रण कैसे किया गया है?
उत्तर – कविता बच्चों के बचपन के खोने को गेंदों, खिलौनों, किताबों, और खेल के मैदानों के नष्ट होने के प्रतीकों के माध्यम से चित्रित करती है। यह सवाल उठाती है कि क्या ये सभी खुशियाँ और अवसर बच्चों से छिन गए हैं। बच्चों का काम पर जाना उनके बचपन के शोषण और सामाजिक अन्याय को दर्शाता है, जो कविता को मार्मिक बनाता है। - कविता में “हस्ब-ए-मामूल” के उपयोग का क्या महत्व है?
उत्तर – “हस्ब-ए-मामूल” (हमेशा की तरह) का उपयोग समाज की विडंबना को दर्शाता है। यह बताता है कि दुनिया में सब कुछ सामान्य प्रतीत होता है, लेकिन बच्चों का काम पर जाना असामान्य और भयावह है। यह समाज की उदासीनता पर कटाक्ष करता है और हमें इस सामाजिक समस्या पर सवाल उठाने और समाधान खोजने के लिए प्रेरित करता है। - कविता में सवालों का उपयोग किस उद्देश्य से किया गया है?
उत्तर – कविता में सवालों का उपयोग समाज को झकझोरने और बाल श्रम की समस्या पर विचार करने के लिए किया गया है। सवाल जैसे “काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?” और “क्या सारी गेंदें अंतरिक्ष में गिर गई हैं?” समाज की उदासीनता को चुनौती देते हैं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्रवाई करने की माँग करते हैं।

