Path 5.1: Gramya Jeevan, Kavita, Dr. Mukutdhar Pandey, Class IX, Hindi Book, Chhattisgarh Board, The Best Solutions.

डॉ. मुकुटधर पांडेय – लेखक परिचय

डॉक्टर मुकुटधर पांडेय का जन्म 30 नवम्बर सन् 1885 ई. को छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के बालपुर नामक गाँव में हुआ था। छायावाद का आरंभ इनकी रचनाओं से माना जाता है। उनकी रचना कुररी के प्रति प्रथम छायावादी रचना है। मानद डी. लिट् की उपाधि प्राप्त श्री पांडेय को भारत सरकार द्वारा ‘पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उनकी प्रमुख रचनाएँ पूजा के फूल, शैलबाला, लच्छमा (अनूदित उपन्यास), परिश्रम (निबंध), मेघदूत (छतीसगढ़ी अनुवाद) हैं। ग्राम्य जीवन कविता में कवि ने गाँव के प्राकृतिक सौंदर्य एवं ग्रामवासियों की सहज जीवनशैली का जीवंत चित्रण किया है।

ग्राम्य जीवन – पाठ परिचय

मुकुटधर पांडेय ने ग्राम्य जीवन कविता में गाँव के नैसर्गिक सौंदर्य का मनोहारी चित्रण किया है 1 इसमें बताया गया है कि सभी तरह की समृद्धियों से पूर्ण होते हुए भी ग्रामवासी सहज जीवन जीते हैं, उनकी इस सहजता को उनकी अज्ञानता और भोलापन समझने की भूल करना उचित नहीं है।

 

ग्राम्य जीवन

छोटे-छोटे भवन स्वच्छ अति दृष्टि मनोहर आते हैं,

रत्न जड़ित प्रासादों से भी बढ़कर शोभा पाते हैं।

बट – पीपल की शीतल छाया फैली कैसी है चहुँ ओर,

द्विजगण सुंदर गान सुनाते, नृत्य कहीं दिखलाते मोर।

शांति पूर्ण लघु ग्राम बड़ा ही सुखमय होता है भाई,

देखो नगरों से भी बढ़कर इनकी शोभा अधिकाई।

कपट, द्वेष, छलहीन यहाँ के रहने वाले चतुर किसान,

दिवस बिताते हैं प्रफुल्लित चित करते हैं अतिथि का मान।

आस-पास में है फुलवारी, कहीं-कहीं पर बाग अनूप,

केले, नारंगी के तरुगण दिखलाते हैं सुंदर रूप।

नूतन मीठे फल बागों से नित खाने को मिलते हैं,

देने को फुलेल – सा सौरभ पुष्प यहाँ नित खिलते हैं।

पास जलाशय के खेतों में ईख खड़ी लहराती है,

हरी-भरी यह फसल धान की कृषकों के मन भाती है।

खेतों में आते हैं ये हिरणों के बच्चे चुप-चाप,

यहाँ नहीं है छली शिकारी जो धरते सुख से पदचाप।

कभी-कभी कृषकों के बालक उन्हें पकड़ने जाते हैं,

दौड़-दौड़ के थक जाते वे कहाँ पकड़ में आते हैं।

बहता एक सुनिर्मल झरना कल-कल शब्द सुनाता है,

मानो कृषकों को उन्नति के लिए मार्ग बतलाता है।

गोधन चरते कैसे सुंदर गलघंटी बजती सुख मूल,

चरवाहे फिरते हैं सुख से देखो ये तटनी के कूल।

ग्राम्य जनों को लभ्य सदा, सब प्रकार सुख शांति अपार,

झंझट हीन बिताते जीवन, करते दान धर्म सुखसार।

 

व्याख्या

पहला स्तंभ (अंतरा) –

छोटे-छोटे भवन स्वच्छ अति दृष्टि मनोहर आते हैं,
रत्न जड़ित प्रासादों से भी बढ़कर शोभा पाते हैं।

भावार्थ –
गांव के छोटे-छोटे घर बहुत साफ-सुथरे और मन को भाने वाले होते हैं। ये भले ही रत्नों से जड़े महलों जितने भव्य न हों, पर अपनी सादगी और सुंदरता के कारण उनसे भी अधिक आकर्षक लगते हैं।

 

दूसरा अंश –

बट-पीपल की शीतल छाया फैली कैसी है चहुँ ओर,
द्विजगण सुंदर गान सुनाते, नृत्य कहीं दिखलाते मोर।

भावार्थ –
गांव में चारों ओर बरगद और पीपल के पेड़ों की ठंडी छाया फैली रहती है। वहां ब्राह्मण (द्विजगण) मधुर भजन और गान गाते हैं और मोर अपने सुंदर नृत्य से दृश्य को और भी रमणीय बना देते हैं।

 

तीसरा अंश –

शांति पूर्ण लघु ग्राम बड़ा ही सुखमय होता है भाई,
देखो नगरों से भी बढ़कर इनकी शोभा अधिकाई।

भावार्थ –
छोटे-छोटे गांव बहुत शांत और सुखद होते हैं। इनकी सुंदरता और शांति नगरों (शहरों) से भी अधिक आकर्षक और आनंददायक होती है।

 

चौथा अंश –

कपट, द्वेष, छलहीन यहाँ के रहने वाले चतुर किसान,
दिवस बिताते हैं प्रफुल्लित चित करते हैं अतिथि का मान।

भावार्थ –
गांव के किसान छल, कपट और द्वेष से दूर रहते हैं। वे बहुत बुद्धिमान और प्रसन्नचित्त होते हैं। वे अतिथियों का आदर और सत्कार करना अपना कर्तव्य मानते हैं।

 

पाँचवाँ अंश –

आस-पास में है फुलवारी, कहीं-कहीं पर बाग अनूप,
केले, नारंगी के तरुगण दिखलाते हैं सुंदर रूप।

भावार्थ –
गांव के चारों ओर सुंदर फूलों की फुलवारी और अद्भुत बाग-बगीचे हैं। इन बागों में केले और नारंगी के पेड़ अपनी सुंदरता से वातावरण को मनोहर बनाते हैं।

 

छठा अंश –

नूतन मीठे फल बागों से नित खाने को मिलते हैं,
देने को फुलेल-सा सौरभ पुष्प यहाँ नित खिलते हैं।

भावार्थ –
गांव के बागों में प्रतिदिन नए-नए मीठे फल खाने को मिलते हैं। फूलों से निकलने वाली सुगंध (सौरभ) वातावरण को और भी मनभावन बना देती है।

 

सातवाँ अंश –

पास जलाशय के खेतों में ईख खड़ी लहराती है,
हरी-भरी यह फसल धान की कृषकों के मन भाती है।

भावार्थ –
तालाब (जलाशय) के पास खेतों में ऊँची-ऊँची ईखें (गन्ने) लहराती हैं। हरी-भरी धान की फसल देखकर किसानों का मन प्रसन्न हो जाता है।

 

आठवाँ अंश –

खेतों में आते हैं ये हिरणों के बच्चे चुप-चाप,
यहाँ नहीं है छली शिकारी जो धरते सुख से पदचाप।

भावार्थ –
गांव के खेतों में कभी-कभी हिरणों के बच्चे भी चुपचाप खेलने आते हैं। यहां कोई शिकारी नहीं होता, इसलिए वे बिना डर के इधर-उधर घूमते हैं।

 

नौवाँ अंश –

कभी-कभी कृषकों के बालक उन्हें पकड़ने जाते हैं,
दौड़-दौड़ के थक जाते वे कहाँ पकड़ में आते हैं।

भावार्थ –
कभी-कभी किसान के बच्चे उन हिरणों को पकड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन हिरण बहुत फुर्तीले होते हैं। बच्चे दौड़ते-दौड़ते थक जाते हैं, पर हिरण उनके हाथ नहीं आते।

 

दसवाँ अंश –

बहता एक सुनिर्मल झरना कल-कल शब्द सुनाता है,
मानो कृषकों को उन्नति के लिए मार्ग बतलाता है।

भावार्थ –
गांव के पास एक निर्मल (स्वच्छ) झरना बहता है, जो कल-कल की मधुर ध्वनि निकालता है। ऐसा लगता है जैसे वह झरना किसानों को परिश्रम और प्रगति का संदेश दे रहा हो।

 

ग्यारहवाँ अंश –

गोधन चरते कैसे सुंदर गलघंटी बजती सुख मूल,
चरवाहे फिरते हैं सुख से देखो ये तटनी के कूल।

भावार्थ –
गायें जब खेतों और तटों पर चरती हैं तो उनकी गर्दन में बँधी घंटियाँ मधुर ध्वनि करती हैं। चरवाहे बड़ी प्रसन्नता से उन्हें चराते हुए घूमते रहते हैं।

 

बारहवाँ अंश –

ग्राम्य जनों को लभ्य सदा, सब प्रकार सुख शांति अपार,
झंझट हीन बिताते जीवन, करते दान धर्म सुखसार।

भावार्थ –
गांव के लोगों को हर प्रकार का सुख और शांति प्राप्त होती है। वे बिना किसी झंझट के जीवन बिताते हैं और दान, धर्म तथा सेवा में सुख पाते हैं।

 

शब्दार्थ –

प्रासाद – महल

द्विजगण – पक्षीगण

फुलेल-सा – इत्र के समान

लभ्य – प्राप्त, सुलभ

तटनी – नदी।

शब्द

हिंदी अर्थ

English Meaning

स्वच्छ

साफ-सुथरा

Clean

मनोहर

मन को हरने वाला, सुंदर

Charming, Beautiful

रत्न जड़ित

रत्नों से जड़े हुए

Gem-studded

प्रासाद

महल

Palace

छाया

साया, छाँव

Shadow, Shade

द्विजगण

पक्षीगण (द्विज = पक्षी)

Birds

प्रफुल्लित

प्रसन्न, खुश

Joyful, Blooming

नृत्य

नाच

Dance

शांति

शांतिपूर्ण

Peaceful

कपट

छल, धोखा

Deceit

द्वेष

वैर, दुश्मनी

Hatred

छलहीन

धोखे से रहित

Deceitless

चतुर

होशियार

Clever

किसान

कृषक

Farmer

फुलवारी

फूलों का बगीचा

Flower garden

अनूप

सुंदर, अतुलनीय

Unparalleled, Beautiful

नारंगी

संतरा

Orange (fruit)

तरुगण

वृक्ष समूह

Group of trees

सौरभ

सुगंध

Fragrance

पुष्प

फूल

Flower

जलाशय

जल का स्थान, तालाब

Reservoir, Pond

ईख

गन्ना

Sugarcane

फसल

फसल

Crop

हिरण

हिरण

Deer

छली

धोखेबाज

Deceiver

शिकारी

शिकारी

Hunter

कृषकों

किसानों

Farmers

बालक

बच्चा

Child

सुनिर्मल

पूरी तरह से शुद्ध

Absolutely pure

झरना

झरना

Waterfall

गोधन

गायों का समूह

Herd of cows

गलघंटी

गले की घंटी

Bell around neck

चरवाहे

गड़ेरिया

Shepherds

कूल

किनारा

Bank (of river)

लभ्य

प्राप्त होने योग्य

Obtainable

अपार

अनंत

Immense

झंझट

परेशानी

Trouble

दान

दान

Donation

धर्म

धर्म

Religion/Duty

सुखसार

सुख का सार

Essence of happiness

पाठ से

  1. कवि ने किसानों को छल-कपट और द्वेषहीन के साथ चतुर भी क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – कवि ने किसानों को छल-कपट और द्वेषहीन इसलिए कहा है क्योंकि वे स्वभाव से सीधे, सरल और सच्चे होते हैं। उनके मन में किसी के प्रति ईर्ष्या या बैर-भाव नहीं होता। इसके साथ ही, कवि ने उन्हें ‘चतुर’ भी कहा है क्योंकि किसान अपने काम में बहुत निपुण और होशियार होते हैं। उन्हें मौसम, मिट्टी, बीज और फसल की गहरी समझ होती है। वे अपनी मेहनत और बुद्धि से खेती करते हैं और अपनी आजीविका चलाते हैं। उनकी चतुराई किसी को धोखा देने के लिए नहीं, बल्कि अपने काम को बेहतर ढंग से करने के लिए होती है।

  1. गाँव के लोग किस प्रकार से झंझटहीन जीवन बिताते हैं?

उत्तर – गाँव के लोग प्रकृति के करीब, शांतिपूर्ण और सरल जीवन जीते हैं। वे शहरी जीवन की भाग-दौड़, प्रतिस्पर्धा और जटिलताओं से दूर रहते हैं। वे संतोषी होते हैं और छोटी-छोटी बातों में खुशियाँ ढूँढ़ लेते हैं। वे दान-धर्म जैसे कार्यों में विश्वास रखते हैं और आपसी मेल-जोल से रहते हैं, जिससे उनका जीवन चिंता और झंझट से मुक्त होता है।

  1. कविता में गाँव के बाग-बगीचों की सुंदरता का चित्रण किन पंक्तियों में किया गया है?

उत्तर – कविता में गाँव के बाग-बगीचों की सुंदरता का चित्रण निम्नलिखित पंक्तियों में किया गया है –

आस-पास में है फुलवारी, कहीं-कहीं पर बाग अनूप, केले, नारंगी के तरुगण दिखलाते हैं सुंदर रूप। नूतन मीठे फल बागों से नित खाने को मिलते हैं, देने को फुलेल – सा सौरभ पुष्प यहाँ नित खिलते हैं।

  1. बहता हुआ झरना हमें किस प्रकार से जीवन जीने का संदेश देता है?

उत्तर – कविता के अनुसार, बहता हुआ झरना अपनी ‘कल-कल’ ध्वनि से निरंतर आगे बढ़ने और उन्नति के मार्ग पर चलने का संदेश देता है। जिस प्रकार झरना बिना रुके, बिना थके हमेशा आगे बढ़ता रहता है, उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में आने वाली बाधाओं से न घबराकर, हमेशा प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

 

पाठ से आगे

  1. आपके गाँव / शहर की ऐसी कौन-कौन-सी खास बातें हैं, जिसे आप सभी को बताना पसंद करेंगे? लिखिए।

उत्तर – मैं राउरकेला शहर में रहता हूँ, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और औद्योगिक विकास के लिए जाना जाता है। यहाँ की खास बातें हैं –

इस्पात संयंत्र – राउरकेला स्टील प्लांट भारत के सबसे पुराने और प्रमुख इस्पात कारखानों में से एक है।

प्राकृतिक सौंदर्य – शहर के चारों ओर घने जंगल और पहाड़ियाँ हैं। कोयल और शंख नदियों का संगम स्थल, जिसे ‘वेदव्यास’ कहा जाता है, एक प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थल है।

इंदिरा गाँधी पार्क – यह पार्क अपने सुंदर बगीचों, चिड़ियाघर और डॉल म्यूजियम के लिए प्रसिद्ध है।

विविधता में एकता – यहाँ भारत के लगभग सभी राज्यों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं, जिससे यहाँ की संस्कृति बहुत समृद्ध है।

  1. आपने या आपके मित्र ने ऐसे किसी गाँव का भ्रमण किया हो, जहाँ के प्राकृतिक परिवेश / सुंदरता ने आपको प्रभावित किया हो, तो उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर – पिछली गर्मियों में मैं अपने मित्र के गाँव गया था, जो पहाड़ों के बीच बसा एक छोटा सा गाँव था। वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता ने मेरा मन मोह लिया। सुबह की शुरुआत पक्षियों की चहचहाहट से होती थी। चारों ओर हरे-भरे खेत थे, जिनमें धान की फसलें हवा में झूम रही थीं। गाँव के पास से एक छोटी सी नदी बहती थी, जिसका पानी शीशे की तरह साफ था। हम दिनभर आम के बागों में खेलते और शाम को नदी किनारे बैठकर सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा देखते। गाँव के लोग बहुत सरल और मेहमाननवाज थे। उस गाँव की शांति और ताजगी आज भी मुझे याद है।

  1. कविता में गाँव में पाए जाने वाले पेड़-पौधों, फलों एवं फसल की बात की गई है। आपके आसपास के क्षेत्रों में कौन-कौन से पेड़-पौधों, फलों व फसल की पैदावार होती है? वर्णन कीजिए।

उत्तर – मैं ओड़िशा के राउरकेला क्षेत्र में रहता हूँ। हमारे आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, फल और फसलें होती हैं –

पेड़-पौधे – यहाँ आम, कटहल, अमरुद, जामुन, साल, सागौन, महुआ और केंदू के पेड़ बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

फल – यहाँ के प्रमुख फल आम, कटहल, केला, पपीता और अमरुद हैं।

फसल – इस क्षेत्र की मुख्य फसल धान (चावल) है। इसके अलावा मक्का, दलहन (दालें) और विभिन्न प्रकार की सब्जियों की भी खेती की जाती है।

  1. आजकल जंगली जीव-जंतु शहरों व गाँवों में क्यों घुस आते हैं? विचार कर लिखिए।

उत्तर – आजकल जंगली जीव-जंतुओं के शहरों और गाँवों में घुस आने के कई कारण हैं –

वनों की कटाई – मनुष्यों ने अपनी जरूरतों, जैसे कि खेती, घर और कारखानों के लिए, जंगलों को बड़े पैमाने पर काटा है। इससे जंगली जानवरों का घर छिन गया है।

भोजन और पानी की कमी – जंगलों के नष्ट होने से जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में भोजन और पानी की कमी हो जाती है, जिसकी तलाश में वे मानव बस्तियों की ओर आ जाते हैं।

शहरीकरण का विस्तार – शहरों का तेजी से विस्तार जंगलों की ओर हो रहा है, जिससे मानव और जानवरों के बीच का संघर्ष बढ़ रहा है।

पर्यावरणीय असंतुलन – जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण भी जानवरों के प्राकृतिक आवास पर बुरा असर पड़ा है, जो उन्हें विस्थापित होने पर मजबूर करता है।

 

भाषा के बारे में

  1. कविता में आए निम्नांकित शब्दों के क्या अर्थ हैं? कविता को ध्यानपूर्वक पढ़कर इन शब्दों के अर्थ पता करके लिखिए। आप इसमें शब्दकोश की मदद भी ले सकते हैं।

प्रफुल्लित   

  • छली
  • अनूप
  • सुनिर्मल
  • तरुगण
  • गोधन
  • जलाशय

उत्तर – प्रफुल्लित – बहुत खुश, आनंदित

छली – धोखेबाज, कपटी

अनूप – बहुत सुंदर, जिसकी कोई उपमा न हो

सुनिर्मल – बहुत साफ, स्वच्छ

तरुगण – पेड़ों का समूह

गोधन – गायों का झुंड, पशु-धन

जलाशय – तालाब, झील या पानी इकट्ठा होने का स्थान

  1. हिंदी भाषा की विशेषता है कि इसमें शब्दों की पुनरुक्ति की जा सकती है।

(क) कल-कल‘, ‘छोटे-छोटे जैसे कई शब्दों का कविता में प्रयोग हुआ है। यहाँ एक ही तरह के शब्दों का पूर्ण रूप से दुहराव हुआ है। पाठ में आए ऐसे अन्य शब्द छाँटकर लिखिए।

उत्तर – पाठ में आए पुनरुक्त शब्द हैं –

कहीं-कहीं

दौड़-दौड़

कभी-कभी

(ख) शब्दों की पुनरुक्ति को कुछ उदाहरणों द्वारा और समझने का प्रयास करते हैं-

  • घर-घरशब्द का अर्थ हैं- हर घर। इसमें संज्ञा की पुनरुक्ति हुई है।
  • जल्दी-जल्दीशब्द में कोई क्रिया कैसे हो रही है, इसका पता चलता है। इसमें क्रियाविशेषण की पुनरुक्ति हुई है।
  • काला – कालाशब्द में काले रंग की और अधिकता का आभास होता है। यहाँ विशेषण शब्द की पुनरुक्ति हुई है।

उपर्युक्त उदाहरणों के आधार पर दी गई तालिका में ऐसे अन्य शब्दों को सोचकर लिखिए (तालिका में एक उदाहरण दिया गया है।)

संज्ञा             क्रियाविशेषण            विशेषण

घर-घर           जल्दी-जल्दी            काला – काला

उत्तर –

संज्ञा

क्रियाविशेषण

विशेषण

घर-घर

जल्दी-जल्दी

काला-काला

गाँव-गाँव

धीरे-धीरे

लाल-लाल

गली-गली

बार-बार

मीठा-मीठा

बच्चा-बच्चा

हँसते-हँसते

सुंदर-सुंदर

 

 

योग्यता विस्तार

  1. समूह गतिविधि

मनोहर, पीपल, शीतल, छाया, शोभा, मोटर, झरना, सुंदर, पुष्प, फसल।

उपर्युक्त शब्दों का प्रयोग करते हुए साथियों के समूह में मिलकर एक नई कविता बनाइए। आप इस कार्य में अपने शिक्षक की सहायता ले सकते हैं।

इन कविताओं को कक्षा / प्रार्थना सभा में प्रस्तुत करें और कक्षा में चार्ट पेपर पर प्रदर्शित कीजिए।

उत्तर – छात्र इसे पाने स्तर पर करें।

  1. सुमित्रानंदन पंत की कविता ग्राम श्रीकी कुछ पंक्तियाँ यहाँ दी जा रही हैं। यदि संभव हो तो पुस्तकालय से खोजकर पूरी कविता पढ़िए।

फैली खेतों में दूर तलक

मखमल सी कोमल हरियाली.

लिपटी जिससे रवि की किरणें

चाँदी की-सी उजली जाली।

तिनकों के हरे-हरे तन पर

हिल हरित रुधिर है रहा झलक,

श्यामल भू-तल पर झुका हुआ

नभ का चिर-निर्मल नील फलक।

रोमांचित सी लगती वसुधा आई जौ,

गेहूँ में बाली, अरहर, सनई की सोने की

किंकिणियाँ हैं शोभाशाली।

उड़ती भीनी तैलाक्त गंध

फूली सरसों पीली-पीली,

लो, हरित-धरा से झाँक रही

नीलम की कलि, तीसी नीली।

 

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

कविता में ग्राम्य जीवन की तुलना किससे की गई है?

a) प्रासाद से

b) रत्न जड़ित से

c) छोटे-छोटे भवनों से

d) महल से

   उत्तर – c) छोटे-छोटे भवनों से

 

पक्षीगण किस प्रकार का गान सुनाते हैं?

a) सुंदर

b) मीठा

c) कर्कश

d) उदास

   उत्तर – a) सुंदर

 

ग्राम्य जीवन में किसकी छाया फैली है?

a) बट-पीपल की

b) आम की

c) नीम की

d) बरगद की

   उत्तर – a) बट-पीपल की

 

ग्रामवासी किससे रहित होते हैं?

a) कपट, द्वेष, छल

b) सुख, शांति

c) धन, संपत्ति

d) ज्ञान, विज्ञान

   उत्तर – a) कपट, द्वेष, छल

 

किसान क्या करते हैं?

a) अतिथि का मान

b) शिकार

c) व्यापार

d) युद्ध

   उत्तर – a) अतिथि का मान

 

फुलवारी में क्या होता है?

a) फूल खिलते हैं

b) फल लगते हैं

c) पक्षी गाते हैं

d) मोर नाचते हैं

   उत्तर – a) फूल खिलते हैं

 

नारंगी के तरुगण कैसे दिखते हैं?

a) सुंदर रूप

b) हरे-भरे

c) मीठे फल

d) लाल रंग

   उत्तर – a) सुंदर रूप

 

झरना क्या शब्द सुनाता है?

a) कल-कल

b) चुप-चाप

c) गर्जन

d) रोना

   उत्तर – a) कल-कल

 

गोधन क्या चरते हैं?

a) सुंदर

b) मीठा घास

c) हरी घास

d) सूखी घास

   उत्तर – a) सुंदर

 

ग्राम्य जन क्या बिताते हैं?

a) जीवन

b) सुख

c) दुःख

d) युद्ध

उत्तर – a) जीवन

 

कविता में किस फसल का उल्लेख है?

a) धान

b) गेहूँ

c) बाजरा

d) ज्वार

उत्तर – a) धान

 

हिरणों के बच्चे कहाँ आते हैं?

a) खेतों में

b) जंगल में

c) नदी में

d) घर में

उत्तर – a) खेतों में

 

किसान उन्नति के लिए क्या करता है?

a) मेहनत

b) शिकार

c) नाच

d) गान

उत्तर – a) मेहनत

 

चरवाहे कहाँ फिरते हैं?

a) नदी किनारे

b) जंगल में

c) खेत में

d) शहर में

उत्तर – a) नदी किनारे

 

ग्राम्य जीवन में क्या हीन है?

a) झंझट

b) सुख

c) शांति

d) दान

उत्तर – a) झंझट

 

कविता का मुख्य विषय क्या है?

a) ग्राम्य जीवन की शोभा

b) शहर की सुंदरता

c) जंगल का जीवन

d) नदी का बहाव

उत्तर – a) ग्राम्य जीवन की शोभा

 

मोर क्या करते हैं?

a) नृत्य

b) गान

c) दौड़

d) उड़ान

उत्तर – a) नृत्य

 

किसान के मन को क्या भाता है?

a) फसल

b) हिरण

c) झरना

d) पक्षी

उत्तर – a) फसल

 

झरना किसकी उन्नति के लिए मार्ग बतलाता है?

a) किसानों की

b) पक्षियों की

c) हिरणों की

d) मोरों की

उत्तर – a) किसानों की

 

कविता में किसका सुख अपार है?

a) ग्राम्य जनों का

b) शहरवासियों का

c) जंगलवासियों का

d) नदीवासियों का

उत्तर -a) ग्राम्य जनों का

 

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

  1. प्रश्न – कवि ने ग्राम्य जीवन के भवनों का वर्णन कैसे किया है?
    उत्तर – कवि ने कहा है कि गाँव के छोटे-छोटे स्वच्छ भवन रत्न-जड़ित महलों से भी अधिक सुंदर लगते हैं।
  2. प्रश्न – गाँव में बट और पीपल के वृक्ष किस प्रकार दिखाई देते हैं?
    उत्तर – गाँव में बट और पीपल के वृक्ष अपनी शीतल छाया चारों ओर फैलाए हुए अत्यंत मनोहर लगते हैं।
  3. प्रश्न – गाँव में द्विजगण क्या करते हैं?
    उत्तर – गाँव में द्विजगण सुंदर गान सुनाते हैं और कहीं-कहीं मोर नृत्य करते हैं।
  4. प्रश्न – कवि के अनुसार छोटा गाँव कैसा होता है?
    उत्तर – कवि के अनुसार छोटा गाँव शांति से पूर्ण और बहुत सुखदायक होता है।
  5. प्रश्न – कवि ने गाँव की शोभा की तुलना किससे की है?
    उत्तर – कवि ने गाँव की शोभा की तुलना नगरों से की है और कहा है कि यह उनसे भी बढ़कर है।
  6. प्रश्न – गाँव के किसान कैसे लोग हैं?
    उत्तर – गाँव के किसान कपट, द्वेष और छल से रहित, चतुर और सच्चे होते हैं।
  7. प्रश्न – ग्रामीण लोग अपने अतिथियों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?
    उत्तर – ग्रामीण लोग अपने अतिथियों का बहुत आदर और सम्मान करते हैं।
  8. प्रश्न – गाँव के आस-पास क्या दिखाई देता है?
    उत्तर – गाँव के आस-पास सुंदर फुलवारियाँ और बाग-बगीचे दिखाई देते हैं।
  9. प्रश्न – गाँव के बागों में कौन-कौन से पेड़ हैं?
    उत्तर – गाँव के बागों में केले और नारंगी के पेड़ हैं जो बहुत सुंदर लगते हैं।
  10. प्रश्न – गाँव के लोग किस प्रकार के फल खाते हैं?
    उत्तर – गाँव के लोग बागों से मिलने वाले नए और मीठे फलों का आनंद लेते हैं।
  11. प्रश्न – गाँव में फूलों की क्या विशेषता बताई गई है?
    उत्तर – गाँव में फूल प्रतिदिन खिलते हैं और वे फुलेल जैसी सुगंध फैलाते हैं।
  12. प्रश्न – जलाशय के पास के खेतों में कौन-सी फसलें हैं?
    उत्तर – जलाशय के पास के खेतों में ईख और धान की हरी-भरी फसलें लहराती हैं।
  13. प्रश्न – किसानों के मन को कौन-सी फसल भाती है?
    उत्तर – किसानों के मन को धान की हरी-भरी फसल बहुत भाती है।
  14. प्रश्न – खेतों में कौन-कौन आते हैं?
    उत्तर – खेतों में हिरणों के बच्चे चुपचाप खेलने के लिए आते हैं।
  15. प्रश्न – कवि ने ग्राम जीवन को शहर के जीवन से कैसे श्रेष्ठ बताया है?
    उत्तर – कवि ने बताया है कि गाँव का जीवन शांति, प्रेम और सादगी से भरा है, जबकि शहरों में झंझट और अशांति होती है।
  16. प्रश्न – गाँव में शिकारी क्यों नहीं होते?
    उत्तर – गाँव में शिकारी नहीं होते क्योंकि वहाँ छल और हिंसा से लोग दूर रहते हैं।
  17. प्रश्न – कृषकों के बालक क्या करने जाते हैं?
    उत्तर – कृषकों के बालक हिरणों के बच्चों को पकड़ने जाते हैं, लेकिन वे कभी पकड़ में नहीं आते।
  18. प्रश्न – झरने का जल किस प्रकार बहता है?
    उत्तर – झरने का जल निर्मल होकर कल-कल ध्वनि करता हुआ बहता है।
  19. प्रश्न – कवि ने झरने के बहाव से क्या संकेत दिया है?
    उत्तर – कवि ने संकेत दिया है कि झरना मानो कृषकों को उन्नति का मार्ग दिखा रहा हो।
  20. प्रश्न – ग्राम्य जन किस प्रकार का जीवन व्यतीत करते हैं?
    उत्तर – ग्राम्य जन झंझटहीन, शांतिपूर्ण और दान-धर्म से परिपूर्ण सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं।

 

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न कविता में ग्राम्य भवनों की क्या विशेषता बताई गई है?

उत्तर – कविता में ग्राम्य जीवन के छोटे-छोटे भवन स्वच्छ और मनोहर बताए गए हैं। ये रत्न जड़ित प्रासादों से भी अधिक शोभा पाते हैं। यह सादगी और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है, जो शहरों की भव्यता से श्रेष्ठ है।

प्रश्न – पक्षी और मोर ग्राम्य जीवन में क्या भूमिका निभाते हैं?

उत्तर – पक्षी सुंदर गान सुनाते हैं और मोर नृत्य करते हैं। ये बट-पीपल की छाया में ग्राम्य जीवन को आनंदमय बनाते हैं। यह शांति और सौंदर्य को बढ़ाता है, जो ग्रामवासियों को सुख देता है।

प्रश्न – ग्रामवासियों के गुण क्या हैं?

ग्रामवासी कपट, द्वेष, छल से रहित चतुर किसान हैं। वे अतिथि का मान करते हैं और प्रफुल्लित चित्त से जीवन बिताते हैं। यह ग्राम्य जीवन की नैतिकता और सादगी को दिखाता है।

प्रश्न – फुलवारी और बाग की क्या विशेषताएँ हैं?

उत्तर – फुलवारी में फूल खिलते हैं और बाग में केले, नारंगी के वृक्ष सुंदर रूप दिखाते हैं। नूतन मीठे फल और सौरभ पुष्प मिलते हैं, जो ग्राम्य जीवन की प्राकृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं।

प्रश्न – खेतों में क्या दृश्य दिखाई देता है?

उत्तर – खेतों में ईख लहराती है और धान की हरी-भरी फसल है। हिरणों के बच्चे चुप-चाप आते हैं। शिकारी न होने से शांति रहती है, जो ग्राम्य जीवन की स्वतंत्रता को दिखाता है।

प्रश्न – झरना ग्राम्य जीवन में क्या प्रतीक है?

उत्तर – झरना कल-कल शब्द से बहता है और किसानों को उन्नति का मार्ग बतलाता है। यह प्राकृतिक सौंदर्य और प्रगति का प्रतीक है, जो ग्राम्य जीवन की शांति और विकास को दर्शाता है।

प्रश्न – गोधन और चरवाहों का वर्णन कैसे है?

उत्तर – गोधन सुंदर चरते हैं, गलघंटी बजती है। चरवाहे नदी किनारे सुख से फिरते हैं। यह ग्राम्य जीवन की सरलता और शांति को दर्शाता है, जहाँ सुख अपार है।

प्रश्न – ग्राम्य जीवन शहर से कैसे भिन्न है?

उत्तर – ग्राम्य जीवन शांति पूर्ण और झंझट हीन है, जबकि शहर में परेशानी है। ग्रामवासी दान-धर्म करते हैं, जो सुखमय है। यह प्रकृति से जुड़ा जीवन शहर की जटिलता से श्रेष्ठ है।

प्रश्न – किसान की मेहनत का क्या परिणाम है?

उत्तर – किसान की मेहनत से खेतों में धान और ईख लहराते हैं। यह फसल उनके मन को भाती है और उन्नति का मार्ग बनाती है। झरना भी उनकी प्रगति को प्रेरित करता है।

प्रश्न – कविता का संदेश क्या है?

उत्तर – कविता ग्राम्य जीवन की शांति, सौंदर्य और सादगी को दर्शाती है। यह प्रकृति से जुड़े जीवन को शहर से श्रेष्ठ बताती है, जहाँ सुख, शांति और दान-धर्म अपार हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न – कविता में ग्राम्य भवनों और प्रासादों की तुलना कैसे की गई है और इसका क्या महत्व है?

उत्तर – कविता में छोटे-छोटे स्वच्छ भवन रत्न जड़ित प्रासादों से अधिक शोभा पाते हैं। यह दर्शाता है कि ग्राम्य जीवन की सादगी और स्वच्छता शहर की भव्यता से श्रेष्ठ है। इसका महत्व यह है कि यह प्राकृतिक सौंदर्य और शांति को बढ़ावा देता है, जो आधुनिक जीवन की जटिलता से मुक्त है और सरल जीवन की महिमा को रेखांकित करता है।

प्रश्न – पक्षी, मोर और प्रकृति का ग्राम्य जीवन में क्या योगदान है?

उत्तर – पक्षी सुंदर गान और मोर नृत्य ग्राम्य जीवन को आनंदमय बनाते हैं। बट-पीपल की छाया शीतलता देती है। प्रकृति का यह योगदान शांति और सौंदर्य को बढ़ाता है, जो ग्रामवासियों को सुख और प्रेरणा देता है। यह शहर की हलचल से अलग जीवन को दर्शाता है, जहाँ प्रकृति से जुड़ाव उन्नति का आधार है।

प्रश्न – ग्रामवासियों के गुणों का वर्णन कविता में कैसे किया गया है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर – ग्रामवासी कपट, द्वेष, छल से रहित चतुर किसान हैं, जो अतिथि का मान करते हैं और प्रफुल्लित चित्त से जीवन बिताते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नैतिकता, सादगी और भाईचारे को दर्शाता है, जो आधुनिक समाज में कम हो गया है। यह ग्राम्य जीवन की श्रेष्ठता को उजागर करता है और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का संदेश देता है।

प्रश्न – फुलवारी, बाग और फसलों का वर्णन कविता में किस प्रकार है और इसका क्या संदेश है?

उत्तर – फुलवारी में फूल और बाग में केले, नारंगी के वृक्ष सुंदर रूप दिखाते हैं। ईख लहराती है और धान की फसल हरी-भरी है। यह संदेश देता है कि ग्राम्य जीवन प्रकृति से समृद्ध है, जो सुख और उन्नति प्रदान करता है। यह शहर की कृत्रिमता से विपरीत प्राकृतिक जीवन की महिमा को बताता है और मेहनत के फल को दर्शाता है।

प्रश्न – झरना और गोधन का वर्णन कविता में किस प्रकार है और यह ग्राम्य जीवन की क्या विशेषता दर्शाता है?

उत्तर – झरना कल-कल शब्द से बहता है और किसानों को उन्नति का मार्ग बतलाता है। गोधन सुंदर चरते हैं, गलघंटी बजती है, चरवाहे सुख से नदी किनारे फिरते हैं। यह ग्राम्य जीवन की शांति, सौंदर्य और झंझट हीनता को दर्शाता है। दान-धर्म और प्राकृतिक सुख इसकी विशेषता हैं, जो आध्यात्मिक उन्नति को प्रोत्साहित करते हैं।

 

 

 

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