Hingwala Chapter 18, Hindi Book, Class X, Tamilnadu Board, The Best Solutions

सुभद्रा कुमारी चौहान – लेखिका परिचय

उनका जन्म नागपंचमी के दिन इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक गांव में रामनाथसिंह के जमींदार परिवार में हुआ था। बाल्यकाल से ही वे कविताएँ रचने लगी थीं। उनकी रचनाएँ राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण हैं। [1] सुभद्रा कुमारी चौहान, चार बहने और दो भाई थे। उनके पिता ठाकुर रामनाथ सिंह शिक्षा के प्रेमी थे और उन्हीं की देख-रेख में उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी हुई। १९१९ में खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह के साथ विवाह के बाद वे जबलपुर आ गई थीं। १९२१ में गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाली वह प्रथम महिला थीं। वे दो बार जेल भी गई थीं। [2] सुभद्रा कुमारी चौहान की जीवनी, इनकी पुत्री, सुधा चौहान ने ‘मिला तेज से तेज’ नामक पुस्तक में लिखी है। इसे हंस प्रकाशन, इलाहाबाद ने प्रकाशित किया है। वे एक रचनाकार होने के साथ-साथ स्वाधीनता संग्राम की सेनानी भी थीं। डॉo मंगला अनुजा की पुस्तक सुभद्रा कुमारी चौहान उनके साहित्यिक व स्वाधीनता संघर्ष के जीवन पर प्रकाश डालती है। साथ ही स्वाधीनता आंदोलन में उनके कविता के जरिए नेतृत्व को भी रेखांकित करती है। [3] १५ फरवरी १९४८ को एक कार दुर्घटना में उनका आकस्मिक निधन हो गया था।

हींगवाला

लगभग 35 साल का एक खान आंगन में आकर रुक गया। हमेशा की तरह उसकी आवाज सुनाई दी – ” अम्मा… हींग लोगी?”

पीठ पर बँधे हुए पीपे को खोलकर उसने, नीचे रख दिया और मौलसिरी के नीचे बने हुए चबूतरे पर बैठ गया। भीतर बरामदे से नौ – दस वर्ष के एक बालक ने बाहर निकलकर उत्तर दिया- “अभी कुछ नहीं लेना है, जाओ!”

पर खान भला क्यों जाने लगा? जरा आराम से बैठ गया और अपने साफे के छोर से हवा करता हुआ बोला- “अम्मा, हींग ले लो, अम्मां! हम अपने देश जाता हैं, बहुत दिनों में लौटेगा।” सावित्री रसोईघर से हाथ धोकर बाहर आई और बोली – “हींग तो बहुत-सी ले रखी है खान! अभी पंद्रह दिन हुए नहीं, तुमसे ही तो ली थी।”

वह उसी स्वर में फिर बोला- “हेरा हींग है माँ, हमको तुम्हारे हाथ की बोहनी लगती है। एक ही तोला ले लो, पर लो जरूर।” इतना कहकर फौरन एक डिब्बा सावित्री के सामने सरकाते हुए कहा- “तुम और कुछ मत देखो माँ, यह हींग एक नंबर है, हम तुम्हें धोखा नहीं देगा।”

सावित्री बोली – “पर हींग लेकर करूँगी क्या? ढेर-सी तो रखी है।” खान ने कहा- “कुछ भी ले लो अम्मां ! हम देने के लिए आया है, घर में पड़ी रहेगी। हम अपने देश कूं जाता है। खुदा जाने, कब लौटेगा?” और खान बिना उत्तर की प्रतीक्षा किए हींग तोलने लगा। इस पर सावित्री के बच्चे नाराज हुए। सभी बोल उठे – ” मत लेना माँ, तुम कभी न लेना। जबरदस्ती तोले जा रहा है।” सावित्री ने किसी की बात का उत्तर न देकर, हींग की पुड़िया ले ली। पूछा – “कितने पैसे हुए खान?”

“पैंतीस पैसे अम्मां!” खान ने उत्तर दिया। सावित्री ने सात पैसे तोले के भाव से पाँच तोले का दाम, पैंतीस पैसे लाकर खान को दे दिए। खान सलाम करके चला गया। पर बच्चों को माँ की यह बात अच्छी न लगीं।

बड़े लड़के ने कहा-”माँ, तुमने खान को वैसे ही पैंतीस पैसे दे दिए। हींग की कुछ जरूरत नहीं थी।” छोटा माँ से चिढ़कर बोला- ”दो माँ, पैंतीस पैसे हमको भी दो। हम बिना लिए न रहेंगे।” लड़की जिसकी उम्र आठ साल की थी, बड़े गंभीर स्वर में बोली- “तुम माँ से पैसा न माँगो। वह तुम्हें न देंगी। उनका बेटा वही खान है।” सावित्री को बच्चों की बातों पर हँसी आ रही थी। उसने अपनी हँसी दबाकर बनावटी क्रोध से कहा- “चलो चलो, बड़ी बातें बनाने लग गए हो। खाना तैयार है, खाओ।

छोटा बोला- “पहले पैसे दो। तुमने खान को दिए हैं।”

सावित्री ने कहा- “खान ने पैसे के बदले में हींग दी है। तुम क्या दोगे?” छोटा बोला- “मिट्टी देंगे।” सावित्री हँस पड़ी- “अच्छा चलो, पहले खाना खा लो, फिर मैं रुपया तुड़वाकर तीनों को पैसे दूँगी।”

खाना खाते-खाते हिसाब लगाया। तीनों में बराबर पैसे कैसे बँटे? छोटा कुछ पैसे कम लेने की बात पर बिगड़ पड़ा- “कभी नहीं, मैं कम पैसे नहीं लूँगा!” दोनों में मारपीट हो चुकी होती, यदि मुन्नी थोड़े कम पैसे स्वयं लेना स्वीकार न कर लेती।

कई महीने बीत गए। सावित्री की सब हींग खत्म हो गई। इस बीच होली आई। होली के अवसर पर शहर में खासी मारपीट हो गई थी। सावित्री कभी – कभी सोचती, हींग वाला खान तो नहीं मार डाला गया? न जाने क्यों, उस हींग वाले खान की याद उसे प्राय – आ जाया करती थी। एक दिन सवेरे-सवेरे सावित्री उसी मौलसिरी के पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठी कुछ बुन रही थी। उसने सुना, उसके पति किसी से कड़े स्वर में कह रहे हैं- “क्या काम है?’ भीतर मत जाओ। यहाँ आओ।” उत्तर मिला- “हींग है, हेरा हींग।” और खान तब तक आँगन मैं सावित्री के सामने पहुँच चुका था। खान को देखते ही सावित्री ने कहा- “बहुत दिनों में आए खान! हींग तो कब की खत्म हो गई।”

खान बोला- “अपने देश गया था अम्मां, परसों ही तो लौटा हूँ। “सावित्री ने कहा- ” यहाँ तो बहुत जोरों का दंगा हो गया है।” खान बोला- “सुना, समझ नहीं है लड़ने वालों में।”

सावित्री बोली – “खान, तुम हमारे घर चले आए। तुम्हें डर नहीं लगा?”

दोनों कानों पर हाथ रखते हुए खान बोला- “ऐसी बात मत करो अम्मां। बेटे को भी क्या माँ से डर हुआ है, जो मुझे होता?” और इसके बाद ही उसने अपना डिब्बा खोला और एक छटांक हींग तोलकर सावित्री को दे दी। रेजगारी दोनों में से किसी के पास नहीं थी। खान ने कहा कि वह पैसा फिर आकर ले जाएगा। सावित्री को सलाम करके वह चला गया।

इस बार लोग दशहरा दूने उत्साह के साथ मनाने की तैयारी में थे। चार बजे शाम को माँ काली का जुलूस निकलने वाला था। पुलिस का काफी प्रबंध था। सावित्री के बच्चों ने कहा- “हम भी काली का जुलूस देखने जाएँगे।”

सावित्री के पति शहर से बाहर गए थे। सावित्री स्वभाव से भीरु थी। उसने बच्चों को पैसों का, खिलौनों का, सिनेमा का, न जाने कितने प्रलोभन दिए पर बच्चे न माने, सो न माने। नौकर रामू भी जुलूस देखने को बहुत उत्सुक हो रहा था। उसने कहा- “भेज दो न माँ जी, मैं अभी दिखाकर लिए आता हूँ।” लाचार होकर सावित्री को जुलूस देखने के लिए बच्चों को बाहर भेजना पड़ा। उसने बार-बार रामू को ताकीद की कि दिन रहते ही वह बच्चों को लेकर लौट आए।

बच्चों को भेजने के साथ ही सावित्री लौटने की प्रतीक्षा करने लगी। देखते-ही-देखते दिन ढल चला। अँधेरा भी बढ़ने लगा, पर बच्चे न लौटे अब सावित्री को न भीतर चैन था, न बाहर। इतने में उसे कुछ आदमी सड़क पर भागते हुए जान पड़े। वह दौड़कर बाहर आई, पूछा – “ऐसे भागे क्यों जा रहे हो? जुलूस तो निकल गया न।”

एक आदमी बोला- “दंगा हो गया जी, बड़ा भारी दंगा !’ सावित्री के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए। तभी कुछ लोग तेजी से आते हुए दिखे। सावित्री ने उन्हें भी रोका। उन्होंने भी कहा-“दंगा हो गया है!”

अब सावित्री क्या करे? उन्हीं में से एक से कहा- “भाई, तुम मेरे बच्चों की खबर ला दो। दो लड़के हैं, एक लड़की। मैं तुम्हें मुँह माँगा इनाम दूँगी।” एक देहाती ने जवाब दिया- “क्या हम तुम्हारे बच्चों को पहचानते हैं माँ जी?” यह कहकर वह चला गया।

सावित्री सोचने लगी, सच तो है, इतनी भीड़ में भला कोई मेरे बच्चों को खोजे भी कैसे? पर अब वह भी करें, तो क्या करें? उसे रह-रहकर अपने पर क्रोध आ रहा था। आखिर उसने बच्चों को भेजा ही क्यों? वे तो बच्चे ठहरे, जिद तो करते ही, पर भेजना उसके हाथ की बात थी। सावित्री पागल-सी हो गई। बच्चों की मंगल कामना के लिए उसने सभी देवी-देवता मना डाले। शोरगुल बढ़कर शांत हो गया। रात के साथ-साथ नीरवता बढ़ चली। पर उसके बच्चे लौटकर न आए। सावित्री हताश हो गई और फूट-फूटकर रोने लगी। उसी समय उसे वही चिरपरिचित स्वर सुनाई पड़ा- “अम्मा!”

सावित्री दौड़कर बाहर आई उसने देखा, उसके तीनों बच्चे खान के साथ सकुशल लौट आए हैं। खान ने सावित्री को देखते ही कहा- “वक्त अच्छा नहीं हैं अम्मां ! बच्चों को ऐसी भीड़-भाड़ में बाहर न भेजा करो।” बच्चे दौड़कर माँ से लिपट गए।

सारांश

‘हींगवाला’ सुभद्रा कुमारी चौहान की एक भावनात्मक और सामाजिक कहानी है, जो सावित्री और एक हींग बेचने वाले खान के बीच मानवीय रिश्ते को दर्शाती है। खान, जो सावित्री के घर नियमित रूप से हींग बेचने आता है, सावित्री को “अम्मां” कहकर पुकारता है और उसके प्रति स्नेह प्रदर्शित करता है। सावित्री के बच्चे खान को पैसे देने के लिए माँ की आलोचना करते हैं, लेकिन सावित्री उसकी पुड़िया ले लेती है। बाद में, होली और दशहरा के समय शहर में दंगे होते हैं। दशहरा जुलूस में सावित्री के बच्चे फंस जाते हैं, और वह उनकी चिंता में पागल-सी हो जाती है। अंत में, खान ही उसके बच्चों को सुरक्षित घर लाता है, जिससे सावित्री का हृदय कृतज्ञता से भर जाता है। कहानी साम्प्रदायिक सौहार्द और मानवीयता को रेखांकित करती है।

कठिन शब्दार्थ

Hindi Word

Hindi Meaning

Tamil Meaning

English Meaning

बोहनी

पहली बिक्री

முதல் விற்பனை

First sale of the day

जबरदस्ती

बलपूर्वक

கட்டாயப்படுத்துதல்

By force

चिढ़कर

नाराज होकर

கோபமாக

Angrily

बनावटी

नकली, दिखावटी

பாசாங்கு

Pretended, artificial

चबूतरा

ऊँचा मंच

திண்ணை

Raised platform

सलाम

अभिवादन

வணக்கம்

Salutation, greeting

प्रलोभन

लालच, प्रोत्साहन

ஆசை காட்டுதல்

Temptation, inducement

ताकीद

बार-बार हिदायत

மீண்டும் மீண்டும் அறிவுறுத்தல்

Repeated instruction

नीरवता

शांति, खामोशी

அமைதி

Silence, quietness

हताश

निराश, मायूस

நம்பிக்கையற்ற

Hopeless, despondent

चिरपरिचित

बहुत जाना-पहचाना

நன்கு அறிமுகமான

Very familiar

सकुशल

सुरक्षित

பாதுகாப்பாக

Safely

भीरु

डरपोक

பயந்தவர்

Timid, fearful

खासी

काफी, बहुत

மிகவும்

Considerable, much

मुँह माँगा

मनचाहा

விரும்பிய

As desired

शोरगुल

कोलाहल

இரைச்சல்

Noise, uproar

ढल चला

समाप्त होना

முடிவடைய

Drawing to a close

पुड़िया

छोटा पैकेट

சிறு பொட்டலம்

Small packet

रेजगारी

छोटे पैसे

சில்லறை

Change (small coins)

जोरों का

बहुत तेज

மிகவும் தீவிரமான

Intense, severe

 

 

अभ्यास के लिए प्रश्न

  1. हींगवाला क्या बेचता है?

उत्तर – हींगवाला हींग बेचता है।

  1. खान की उम्र कितने वर्ष की है?

उत्तर – खान की उम्र लगभग 35 साल की है।

  1. घर के चबूतरे के पास कौन-सा पेड़ था?

उत्तर – घर के चबूतरे के पास मौलसिरी का पेड़ था।

  1. हींग बेचने के लिए वह क्या बोलता है?

उत्तर – हींग बेचने के लिए वह बोलता है – “अम्मा… हींग लोगी?” और “हेरा हींग है माँ, हमको तुम्हारे हाथ की बोहनी लगती है। एक ही तोला ले लो, पर लो जरूर।”

  1. हींग लेने मना किया तो खान ने सावित्री से क्या कहा?

उत्तर – हींग लेने मना किया तो खान ने सावित्री से कहा – “हम अपने देश जाता हैं, बहुत दिनों में लौटेगा।” और “तुम और कुछ मत देखो माँ, यह हींग एक नंबर है, हम तुम्हें धोखा नहीं देगा।”

  1. सावित्री ने कितने दिन पहले हींग खरीदा था?

उत्तर – सावित्री ने पंद्रह दिन पहले हींग खरीदा था।

  1. हींग का भाव कितना था? सावित्री ने कितने तोले खरीदी।

उत्तर – हींग का भाव सात पैसे तोले था। सावित्री ने पाँच तोले हींग खरीदी।

  1. हींग लेने के बाद बच्चों ने माँ से क्या-क्या कहा?

उत्तर – हींग लेने के बाद बच्चों ने माँ से कहा –

  • बड़ा लड़का – “माँ, तुमने खान को वैसे ही पैंतीस पैसे दे दिए। हींग की कुछ जरूरत नहीं थी।”
  • छोटा लड़का – “दो माँ, पैंतीस पैसे हमको भी दो। हम बिना लिए न रहेंगे।”
  • लड़की – “तुम माँ से पैसा न माँगो। वह तुम्हें न देंगी। उनका बेटा वही खान है।”
  1. बच्चों की बात सुनकर सावित्री को क्यों हँसी आई?

उत्तर – बच्चों की बात सुनकर सावित्री को इसलिए हँसी आई, क्योंकि वे खान को पैसे देने पर नाराज थे और छोटी बेटी ने तो यहाँ तक कह दिया कि खान ही उसकी माँ का बेटा है, जो बच्चों की नासमझी और मासूमियत को दर्शाता था।

  1. छोटी बेटी ने क्यों कहा कि खान ही सावित्री का बेटा है?

उत्तर – छोटी बेटी ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सावित्री ने बच्चों के मना करने के बावजूद जबरदस्ती हींग तोल रहे खान को पैसे दे दिए, जबकि वह उन्हें पैसे देने से मना कर रही थी। बच्चों को लगा कि सावित्री खान का पक्ष ले रही है, जैसे कोई माँ अपने बेटे का लेती है।

  1. पैसे देने पर भी बच्चे क्यों आपस में झगड़ते हैं?

उत्तर – पैसे देने पर भी बच्चे आपस में इसलिए झगड़ते हैं, क्योंकि तीनों में बराबर पैसे बाँटना मुश्किल हो गया था और छोटा लड़का कुछ पैसे कम लेने की बात पर बिगड़ पड़ा था।

  1. सावित्री ने खान से क्यों पूछा कि हमारे घर आने के डर नहीं लगा?

उत्तर – सावित्री ने यह इसलिए पूछा क्योंकि होली के अवसर पर शहर में जोरों का दंगा हो गया था, और खान दूसरे धर्म का था। दंगे के बाद एक खान का निडर होकर उसके घर आना चिंता और आश्चर्य की बात थी।

  1. दशहरे के दिन किस देवी का जुलूस निकलने वाला था?

उत्तर – दशहरे के दिन माँ काली का जुलूस निकलने वाला था।

  1. बच्चों को क्यों सावित्री जुलूस देखने नहीं ले जाना चाहती थी?

उत्तर – सावित्री स्वभाव से डरपोक थी और शहर में हाल ही में दंगा हुआ था। वह बच्चों को इतनी भीड़-भाड़ में, खासकर शहर में दंगे की आशंका के बीच, बाहर नहीं भेजना चाहती थी।

  1. बच्चों के जुलूस जाने की जिद्द को बदलने का क्या – क्या प्रलोभन दिया?

उत्तर – बच्चों के जुलूस जाने की ज़िद को बदलने के लिए सावित्री ने उन्हें पैसों का, खिलौनों का और सिनेमा का प्रलोभन दिया।

  1. बच्चों को किसने साथ जुलूस देखने भेजा?

उत्तर – बच्चों को नौकर रामू के साथ जुलूस देखने भेजा गया।

  1. सावित्री नागिने वाले से कारण पूछा तो उन्होंने क्या कहा?

उत्तर – जब सावित्री ने भागने वाले लोगों से कारण पूछा तो उन्होंने कहा – “दंगा हो गया जी, बड़ा भारी दंगा!”

  1. सावित्री ने देहाती से क्या कहा? देहाती ने क्या जवाब दिया?

उत्तर – सावित्री ने देहाती से कहा – “भाई, तुम मेरे बच्चों की खबर ला दो। दो लड़के हैं, एक लड़की। मैं तुम्हें मुँह माँगा इनाम दूँगी।”

देहाती ने जवाब दिया – “क्या हम तुम्हारे बच्चों को पहचानते हैं माँ जी?”

  1. सावित्री को अपने पर ही क्रोध नहीं आया?

उत्तर – सावित्री को अपने पर इसलिए क्रोध आया, क्योंकि दंगे के बावजूद उसने डर को अनदेखा करके बच्चों को जुलूस देखने भेज दिया। वह सोचने लगी कि जिद तो बच्चों ने की, पर भेजना तो उसके हाथ में था।

  1. सावित्री हताश होकर क्यों रोने लगी?

उत्तर – सावित्री हताश होकर इसलिए रोने लगी क्योंकि दिन ढल चुका था, अँधेरा बढ़ चला था, दंगे की खबर आ चुकी थी, और उसके बच्चे अभी तक लौटकर नहीं आए थे।

  1. बच्चों को कौन सुरक्षित घर ले आया?

उत्तर – बच्चों को हींगवाला खान सुरक्षित घर ले आया।

  1. बच्चों को सावित्री के हाथ सौंपकर खान ने क्या कहा?

उत्तर –बच्चों को सावित्री के हाथ सौंपकर खान ने कहा – “वक्त अच्छा नहीं हैं अम्मां ! बच्चों को ऐसी भीड़-भाड़ में बाहर न भेजा करो।”

  1. इस कहानी से कौन-सी सीख मिलती है?

उत्तर – इस कहानी से यह सीख मिलती है कि मनुष्यता, प्रेम और विश्वास धार्मिक या जातीय भेदभाव से ऊपर होते हैं। सच्चे संबंध जाति या धर्म से नहीं, बल्कि मानवीयता और सद्भावना से बनते हैं।

  1. इस कहानी की लेखिका कौन हैं?

उत्तर –इस कहानी की लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान हैं।

  1. भारत के वसुदैवकुटुंबकम की भावना इस कहानी के द्वारा सार्थक है, क्यों?

उत्तर – उत्तर – भारत की वसुधैव कुटुंबकम् अर्थात् सारा संसार एक परिवार है की भावना इस कहानी द्वारा सार्थक होती है क्योंकि –

  1. आपसी विश्वास – मुस्लिम हींगवाला खान और हिंदू सावित्री के बीच धार्मिक भेद के बावजूद गहरा विश्वास है। सावित्री पंद्रह दिन पहले हींग खरीदने के बावजूद खान से फिर खरीदती है, और खान दंगे के बीच भी सावित्री के घर निडर होकर आता है।
  2. मानवीय संबंध – खान सावित्री को अपनी ‘माँ’ मानता है (“बेटे को भी क्या माँ से डर हुआ है”) और बच्चों की रक्षा अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी समझता है।

संकट में सहायता – दंगे के दौरान, जब भीड़ और डर का माहौल था, तब खान ने निस्वार्थ भाव से सावित्री के बच्चों को सुरक्षित घर पहुँचाया, जो यह दर्शाता है कि मानवता का रिश्ता धर्म से बड़ा है और सभी लोग एक परिवार की तरह हैं।

 

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाओं की मुख्य विशेषता क्या है?

a) रोमांटिक भावना

b) राष्ट्रीयता की भावना

c) रहस्यमयी कथानक

d) हास्य

उत्तर – b) राष्ट्रीयता की भावना 

व्याख्या – सुभद्रा की रचनाएँ राष्ट्रीयता और स्वाधीनता संग्राम की भावना से ओतप्रोत हैं।

‘हींगवाला’ कहानी में खान की उम्र कितनी थी?

a) 25 साल

b) 35 साल

c) 45 साल

d) 50 साल

उत्तर – b) 35 साल 

व्याख्या – कहानी में खान को लगभग 35 साल का बताया गया है।

सावित्री ने खान से हींग क्यों ली?

a) उसे हींग की जरूरत थी

b) खान की बोहनी के लिए

c) बच्चों के कहने पर

d) पति के आदेश पर

उत्तर – b) खान की बोहनी के लिए 

व्याख्या – सावित्री ने खान की बोहनी के लिए और उसके स्नेह के कारण हींग ली।

सावित्री के बच्चों ने खान को पैसे देने पर क्या कहा?

a) माँ को धन्यवाद दिया

b) माँ की आलोचना की

c) खान की तारीफ की

d) चुप रहे

उत्तर – b) माँ की आलोचना की 

व्याख्या – बच्चे सावित्री के पैसे देने पर नाराज हुए और उसकी आलोचना की।

सावित्री की बेटी ने खान के बारे में क्या कहा?

a) खान उनका दोस्त है

b) खान उनका बेटा है

c) खान चोर है

d) खान अच्छा आदमी है

उत्तर – b) खान उनका बेटा है 

व्याख्या – बेटी ने गंभीर स्वर में कहा कि खान माँ का बेटा है।

खान ने सावित्री को क्या कहा जब वह दंगे के बाद लौटा?

a) डरने की जरूरत नहीं

b) बेटे को माँ से डर नहीं लगता

c) हींग और लाऊँगा

d) दंगा खत्म हो गया

उत्तर – b) बेटे को माँ से डर नहीं लगता 

व्याख्या – खान ने सावित्री को स्नेह से कहा कि बेटे को माँ से डर नहीं लगता।

सावित्री ने बच्चों को जुलूस में जाने से क्यों रोका?

a) वह स्वयं डरती थी

b) पति ने मना किया था

c) दंगे का डर था

d) बच्चे छोटे थे

उत्तर – a) वह स्वयं डरती थी 

व्याख्या – सावित्री स्वभाव से भीरु थी, इसलिए बच्चों को जुलूस में जाने से रोका।

दशहरा जुलूस में क्या हुआ?

a) बच्चों ने मस्ती की

b) दंगा हो गया

c) खान ने जुलूस देखा

d) सावित्री भी गई

उत्तर – b) दंगा हो गया 

व्याख्या – दशहरा जुलूस के दौरान शहर में दंगा हो गया।

सावित्री ने बच्चों की चिंता में क्या किया?

a) पुलिस को बुलाया

b) देवी-देवताओं को मना

c) खान को खोजा

d) पड़ोसियों से मदद माँगी

उत्तर – b) देवी-देवताओं को मना 

व्याख्या – सावित्री ने बच्चों की मंगल कामना के लिए देवी-देवताओं को मना।

खान ने सावित्री के बच्चों को कैसे बचाया?

a) पुलिस की मदद से

b) दंगे में से निकालकर

c) जुलूस में साथ ले जाकर

d) घर बुलाकर

उत्तर – b) दंगे में से निकालकर 

व्याख्या – खान ने दंगे के बीच से बच्चों को सुरक्षित निकालकर घर पहुँचाया।

सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु कैसे हुई?

a) बीमारी से

b) कार दुर्घटना में

c) जेल में

d) स्वाधीनता संग्राम में

उत्तर – b) कार दुर्घटना में 

व्याख्या – सुभद्रा की मृत्यु 15 फरवरी 1948 को कार दुर्घटना में हुई।

सावित्री ने खान को पैसे क्यों नहीं दिए?

a) उसके पास पैसे नहीं थे

b) रेजगारी नहीं थी

c) खान ने मना किया

d) बच्चे नाराज थे

उत्तर – b) रेजगारी नहीं थी 

व्याख्या – सावित्री और खान के पास रेजगारी नहीं थी, इसलिए खान ने बाद में पैसे लेने को कहा।

बच्चों ने सावित्री से क्या माँगा?

a) खिलौने

b) पैसे

c) हींग

d) खाना

उत्तर – b) पैसे 

व्याख्या – बच्चों ने सावित्री से खान को दिए गए पैंतीस पैसे की तरह पैसे माँगे।

सावित्री ने बच्चों को क्या जवाब दिया?

a) खान ने हींग दी है, तुम क्या दोगे?

b) पैसे बाद में दूँगी

c) तुम्हें पैसे नहीं मिलेंगे

d) खाना खा लो

उत्तर – a) खान ने हींग दी है, तुम क्या दोगे? 

व्याख्या – सावित्री ने बच्चों से मजाक में पूछा कि खान ने हींग दी, वे क्या देंगे।

कहानी में साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक कौन है?

a) सावित्री

b) खान

c) बच्चे

d) रामू

उत्तर – b) खान 

व्याख्या – खान दंगे के बीच सावित्री के बच्चों को बचाकर साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बनता है।

सावित्री ने खान को देखकर क्या कहा?

a) तुम बहुत देर में आए

b) हींग कब की खत्म हो गई

c) तुम दंगे में बच गए

d) बच्चों को लाओ

उत्तर – b) हींग कब की खत्म हो गई 

व्याख्या – सावित्री ने खान को देखकर कहा कि उसकी हींग खत्म हो चुकी है।

कहानी का अंत कैसा है?

a) दुखद

b) सुखद और भावनात्मक

c) रहस्यमय

d) हास्यपूर्ण

उत्तर – b) सुखद और भावनात्मक 

व्याख्या – खान बच्चों को सुरक्षित लाता है, जिससे सावित्री कृतज्ञ होती है, जो सुखद और भावनात्मक है।

सुभद्रा कुमारी चौहान ने असहयोग आंदोलन में कब भाग लिया?

a) 1919

b) 1921

c) 1930

d) 1942

उत्तर – b) 1921 

व्याख्या – सुभद्रा ने 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया।

सावित्री ने बच्चों को जुलूस में जाने की अनुमति क्यों दी?

a) पति ने कहा था

b) रामू ने जिम्मेदारी ली

c) बच्चे जिद कर रहे थे

d) वह स्वयं जाना चाहती थी

उत्तर – b) रामू ने जिम्मेदारी ली 

व्याख्या – रामू ने बच्चों को दिखाकर लाने की जिम्मेदारी ली, इसलिए सावित्री ने अनुमति दी।

कहानी में खान की भूमिका क्या दर्शाती है?

a) व्यापारी की

b) मानवीयता और स्नेह की

c) धोखेबाज की

d) मजाकिया की

उत्तर – b) मानवीयता और स्नेह की 

व्याख्या – खान बच्चों को बचाकर और सावित्री के प्रति स्नेह दिखाकर मानवीयता का प्रतीक है।

 

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

  1. प्रश्न – कहानी “हींगवाला” की लेखिका कौन हैं?
    उत्तर – कहानी “हींगवाला” की लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान हैं।
  2. प्रश्न – सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कहाँ हुआ था?
    उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक गाँव में हुआ था।
  3. प्रश्न – सुभद्रा कुमारी चौहान का विवाह किससे हुआ था?
    उत्तर – उनका विवाह खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह से हुआ था।
  4. प्रश्न – सुभद्रा कुमारी चौहान किस आंदोलन में शामिल हुई थीं?
    उत्तर – वे 1921 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन में शामिल हुई थीं।
  5. प्रश्न – सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु कब और कैसे हुई थी?
    उत्तर – उनकी मृत्यु 15 फरवरी 1948 को एक कार दुर्घटना में हुई थी।
  6. प्रश्न – कहानी “हींगवाला” का मुख्य पात्र कौन है?
    उत्तर – कहानी का मुख्य पात्र एक हींग बेचने वाला खान है।
  7. प्रश्न – खान हींग बेचते समय क्या कहता था?
    उत्तर – खान हींग बेचते समय आवाज लगाता था – “अम्मा… हींग लोगी?”
  8. प्रश्न – सावित्री कौन थी?
    उत्तर – सावित्री एक गृहिणी थी, जो खान से हींग खरीदा करती थी।
  9. प्रश्न – जब खान पहली बार आया, तो सावित्री ने क्या कहा?
    उत्तर – सावित्री ने कहा कि उसके पास पहले से ही बहुत-सी हींग रखी हुई है।
  10. प्रश्न – खान हींग क्यों बेचने पर अड़ा रहा?
    उत्तर – खान ने कहा कि वह अपने देश जा रहा है और वह सावित्री के हाथ की “बोहनी” चाहता है।
  11. प्रश्न – सावित्री के बच्चे खान से क्यों नाराज थे?
    उत्तर – बच्चे नाराज थे क्योंकि खान जबरदस्ती हींग तोलकर पैसे ले गया।
  12. प्रश्न – सावित्री ने खान को कितने पैसे दिए?
    उत्तर – सावित्री ने खान को पैंतीस पैसे दिए।
  13. प्रश्न – बच्चों ने माँ से पैसे क्यों माँगे?
    उत्तर – बच्चों ने कहा कि जब माँ ने खान को पैसे दिए हैं तो उन्हें भी पैंतीस पैसे चाहिए।
  14. प्रश्न – सावित्री की बेटी का नाम क्या था?
    उत्तर – कहानी में सावित्री की बेटी का नाम मुन्नी बताया गया है।
  15. प्रश्न – बेटी ने अपने भाइयों से क्या कहा?
    उत्तर – बेटी ने कहा कि “माँ तुम्हें पैसे नहीं देंगी, उनका बेटा वही खान है।”
  16. प्रश्न – सावित्री को बच्चों की बात पर कैसी प्रतिक्रिया हुई?
    उत्तर – सावित्री को बच्चों की बातें सुनकर हँसी आ गई।
  17. प्रश्न – खान के जाने के बाद सावित्री को उसकी याद क्यों आने लगी?
    उत्तर – सावित्री को उसकी सादगी, अपनापन और स्नेहपूर्ण व्यवहार याद आने लगा।
  18. प्रश्न – होली के समय शहर में क्या हुआ?
    उत्तर – होली के समय शहर में भारी दंगा हो गया।
  19. प्रश्न – सावित्री क्यों चिंतित हो उठी?
    उत्तर – वह चिंतित हो गई क्योंकि उसके बच्चे जुलूस देखने गए थे और लौटे नहीं थे।
  20. प्रश्न – सावित्री ने बच्चों को बाहर क्यों भेजा था?
    उत्तर – बच्चों के बहुत आग्रह करने और नौकर रामू के साथ जाने की अनुमति माँगने पर उसने उन्हें भेज दिया था।
  21. प्रश्न – जब दंगा हुआ, तो सावित्री ने क्या किया?
    उत्तर – सावित्री घबरा गई, लोगों से बच्चों की खबर पूछने लगी और देवी-देवताओं से प्रार्थना करने लगी।
  22. प्रश्न – जब बच्चे लौटे, तो उनके साथ कौन था?
    उत्तर – उनके साथ खान था, जिसने उन्हें सुरक्षित घर पहुँचा दिया।
  23. प्रश्न – खान ने बच्चों को क्यों बचाया?
    उत्तर – खान सावित्री को माँ समान मानता था, इसलिए उसने बच्चों को दंगे से बचाया।
  24. प्रश्न – सावित्री ने खान को देखकर क्या कहा?
    उत्तर – सावित्री ने कहा, “वक्त अच्छा नहीं है खान! तुम्हें डर नहीं लगा?”
  25. प्रश्न – खान ने सावित्री को क्या उत्तर दिया?
    उत्तर – खान ने कहा, “बेटे को भी क्या माँ से डर होता है, जो मुझे होता?”
  26. प्रश्न – कहानी “हींगवाला” का मुख्य संदेश क्या है?
    उत्तर – कहानी का संदेश है कि मानवता, प्रेम और अपनापन धर्म या जाति से ऊपर होता है।
  27. प्रश्न – सावित्री और खान का संबंध किस रूप में दर्शाया गया है?
    उत्तर – उनका संबंध माँ-बेटे जैसा भावनात्मक संबंध दिखाया गया है।
  28. प्रश्न – कहानी में दंगे का उल्लेख क्यों किया गया है?
    उत्तर – दंगे का उल्लेख यह दिखाने के लिए किया गया है कि हिंसा के समय भी इंसानियत ज़िंदा रहती है।
  29. प्रश्न – खान का चरित्र कैसा है?
    उत्तर – खान दयालु, ईमानदार, स्नेही और मानवता से पूर्ण व्यक्ति है।
  30. प्रश्न – कहानी “हींगवाला” का शीर्षक क्यों सार्थक है?
    उत्तर – शीर्षक सार्थक है क्योंकि कहानी का केंद्र हींग बेचने वाला खान है, जिसके माध्यम से मानवता और प्रेम का संदेश दिया गया है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

  1. सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाओं की मुख्य विशेषता क्या थी?

उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ राष्ट्रीयता और स्वाधीनता संग्राम की भावना से परिपूर्ण थीं। उनकी कविताएँ और कहानियाँ देशभक्ति और सामाजिक सौहार्द को प्रोत्साहित करती थीं, जैसा कि “हींगवाला” में खान और सावित्री के रिश्ते में दिखता है।

  1. “हींगवाला” कहानी में खान की मुख्य विशेषता क्या थी?

उत्तर – खान एक स्नेहपूर्ण और मानवीय चरित्र है, जो सावित्री को “अम्मां” कहकर पुकारता है और दंगे में उसके बच्चों को बचाता है। उसका व्यवहार साम्प्रदायिक सौहार्द और मानवता को दर्शाता है।

  1. सावित्री ने खान से हींग क्यों खरीदी?

उत्तर – सावित्री ने खान से हींग उसकी बोहनी के लिए और उसके स्नेहपूर्ण व्यवहार के कारण खरीदी। हालाँकि उसे हींग की जरूरत नहीं थी, फिर भी वह खान की भावनाओं का सम्मान करती थी।

  1. सावित्री के बच्चों ने खान को पैसे देने पर क्या प्रतिक्रिया दी?

उत्तर – सावित्री के बच्चों ने माँ के खान को पैसे देने की आलोचना की। छोटा बेटा चिढ़कर पैसे माँगा, और बेटी ने मजाक में कहा कि खान माँ का बेटा है।

  1. खान ने सावित्री को क्या कहा जब वह दंगे के बाद लौटा?

उत्तर – खान ने सावित्री को कहा कि वह अपने देश गया था और परसों लौटा। उसने दंगे की निंदा की और कहा कि बेटे को माँ से डर नहीं लगता, जो उसके स्नेह को दर्शाता है।

  1. सावित्री ने बच्चों को जुलूस में जाने से क्यों रोका?

उत्तर – सावित्री स्वभाव से भीरु थी और दंगे का डर था। उसने बच्चों को पैसों, खिलौनों और सिनेमा का लालच दिया, लेकिन उनकी जिद और रामू की जिम्मेदारी के कारण अनुमति दे दी।

  1. दशहरा जुलूस में क्या हुआ और सावित्री की प्रतिक्रिया क्या थी?

उत्तर – दशहरा जुलूस में दंगा हो गया, जिससे सावित्री अपने बच्चों की चिंता में पागल-सी हो गई। उसने देवी-देवताओं को मना और लोगों से बच्चों की खबर लाने की गुहार लगाई।

  1. खान ने सावित्री के बच्चों को कैसे बचाया?

उत्तर – खान ने दंगे के बीच सावित्री के तीनों बच्चों को सुरक्षित निकालकर उनके घर पहुँचाया। उसने सावित्री को सलाह दी कि बच्चों को ऐसी भीड़ में न भेजे।

  1. कहानी का अंत सुखद क्यों है?

उत्तर – कहानी का अंत सुखद है क्योंकि खान सावित्री के बच्चों को दंगे से सुरक्षित लाता है। यह सावित्री के हृदय को कृतज्ञता से भर देता है और साम्प्रदायिक सौहार्द को दर्शाता है।

  1. सुभद्रा कुमारी चौहान का स्वाधीनता संग्राम में क्या योगदान था?

उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान ने 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और प्रथम महिला के रूप में जेल गईं। उनकी कविताओं ने स्वाधीनता संग्राम में नेतृत्व और प्रेरणा प्रदान की।

 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

  1. “हींगवाला” कहानी में सुभद्रा कुमारी चौहान ने साम्प्रदायिक सौहार्द को कैसे दर्शाया है?

उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान ने “हींगवाला” में खान और सावित्री के रिश्ते के माध्यम से साम्प्रदायिक सौहार्द दर्शाया है। खान, एक मुस्लिम हींगवाला, सावित्री को “अम्मां” कहता है और दंगे में उसके बच्चों को बचाता है। यह दर्शाता है कि मानवीयता और स्नेह धर्म की सीमाओं से परे हैं, जो सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करता है।

  1. सावित्री का चरित्र “हींगवाला” में किस तरह उभरता है?

उत्तर – सावित्री एक स्नेहपूर्ण, संवेदनशील और भीरु माँ के रूप में उभरती है, जो खान के प्रति दयालुता दिखाती है और उसके बच्चों की सुरक्षा की चिंता करती है। वह खान की बोहनी के लिए हींग खरीदती है और दंगे में बच्चों के न लौटने पर हताश होकर रोती है, जो उसकी ममता को दर्शाता है।

  1. खान की भूमिका कहानी में क्या महत्त्व रखती है?

उत्तर – खान कहानी में मानवीयता और स्नेह का प्रतीक है। वह सावित्री को “अम्मां” कहकर स्नेह दर्शाता है और दंगे में उसके बच्चों को बचाकर साम्प्रदायिक सौहार्द को मजबूत करता है। उसका चरित्र धर्म और समुदाय की दीवारों को तोड़कर मानवता की मिसाल प्रस्तुत करता है।

  1. कहानी में सुभद्रा कुमारी चौहान ने सामाजिक समस्या को कैसे उठाया है?

उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान ने “हींगवाला” में साम्प्रदायिक दंगों की समस्या को उठाया है। होली और दशहरा के दौरान दंगे समाज में तनाव को दर्शाते हैं, लेकिन खान का बच्चों को बचाना साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश देता है। कहानी मानवता और एकता को बढ़ावा देकर सामाजिक सद्भाव की आवश्यकता पर जोर देती है।

  1. कहानी का अंत पाठकों पर क्या प्रभाव डालता है?

उत्तर – कहानी का अंत, जिसमें खान सावित्री के बच्चों को दंगे से सुरक्षित लाता है, पाठकों पर भावनात्मक और प्रेरणादायक प्रभाव डालता है। यह साम्प्रदायिक सौहार्द और मानवीयता का संदेश देता है, जो पाठकों को धर्म और समुदाय से परे मानवता को महत्त्व देने के लिए प्रेरित करता है। सावित्री की कृतज्ञता इस संदेश को और गहरा करती है।

 

 

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