DAV Solution, Class 3, Bhasha Madhuri Chapter – 1, Bholu Bhulakkad भोलू भुलक्कड़

भुलक्कड़ – जो किसी बात को जल्दी भूल जाए

लक्कड़  –  लकड़ी

बाल्टी – Bucket

बस्ता – School Bag

चक्कर – तेज़ी से घूमना

तमाशा – Show  

घंटा – Bell

छप्पर – छत

उपले – गोबर से बने जलावन  

मुँडेर – परछती, Copings

बाँह – Arms

धम्म – गिरने की एक आवाज़

कमीज़ – Shirt

गाँठ – Tie

टपका – गिरना

मुर्गा – Cock, Rooster

भोलू भुलक्कड़  

अगर मुझे सचमुच पंख मिल जाएँ तो मैं अपने आपको भाग्यशाली मानूँगा। मैं आकाश में उड़ूँगा और उड़कर ही मैं स्कूल जाऊँगा, बाज़ार जाऊँगा और खेलने जाऊँगा। इस दुनिया को ऊपर आसमान से देखना और हवाओं के साथ खेलने का मेरा सपना साकार हो जाएगा। पर मुझे ये भी पता है कि ऐसा कभी भी नहीं हो सकता, लेकिन हाँ, इसकी कल्पना मुझे रोमांचित ज़रूर कर देती है।  

विशेष द्रष्टव्य – लड़कियाँ क्रियाओं के यथोचित स्त्रीलिंग रूप का ही प्रयोग करें।  

You cannot copy content of this page