DAV Solution, Class 3, Bhasha Madhuri Chapter – 4, Cheenti Ne Paath Padhaya चींटी ने पाठ पढ़ाया

हाथी – गज, Elephant  

उत्पाती –  नटखट, दुष्ट, Wicked

साथी – मित्र

जंगल – वन, कानन

मनमानी – जिद

अभिमानी – घमंडी

जानवर – पशु, Animal

परेशान – व्याकुल, Upset  

महाराज – राजाओं के राजा

हैरान – आश्चर्य

पशु – जानवर

सबक – पाठ, Lesson

उपाय – तरकीब

सौंपना – हवाले करना

छोटी मुँह बड़ी बात – मुहावरा – योग्यता से बढ़कर बातें करना

बिसात – औकात, हैसियत

कटु – कड़वा

वाणी – बोली

ठानना – तय, निश्चय करना

अक्ल के घोड़े दौड़ाना – मुहावरा – उपाय खोजना  

बुद्धि के चाबुक चलाना – मुहावरा – उपाय खोजना   

सेना – फ़ौज, Army

कथा – कहानी

बल – ताकत

काँपना – थरथराना, Shivering

धरती – भूमि

भारी – वजनदार

ललकारना – चुनौती देना

हरकत – कृत्य, दुष्टता  

धिक्कारना – बुरा-भला कहना,  भर्त्सना करना

तमाचा – थप्पड़

हल्का – Light  

करारा – कड़ा

दमादम – लगातार

दया – रहम, Kind  

धीमे धीमे – धीरे-धीरे  

सेंध – घुसने के लिए बनाया गया रास्ता

डंक – Sting

सुजाना – फुलाना

दर्द – पीड़ा, Pain

हाय! – Expression of sorrow

मैया – माँ

उत्पात – बदमाशी

अड़ंगी – पैरों से गिराना कान पकड़ना – मुहावरा – माफ़ी माँगना

चींटी ने पाठ पढ़ाया  

संवाद 

हाथी – अरे ! चींटी रानी, तुम बहुत दिनों से दिखाई नहीं दी?

चींटी – क्या करूँ दोस्त, मुझे दाना भी तो इकट्ठा करना पड़ता है।

हाथी – वो क्यों?

चींटी – बारिश के दिनों के लिए।

हाथी – बारिश के दिनों के लिए क्यों।  

चींटी – क्योंकि बरसात में हमारे लिए खाना उपलब्ध नहीं हो पाता। 

हाथी – तब तो तुम्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती होगी?

चींटी – हाँ, आराम से रहने के लिए मेहनत तो करनी ही पड़ती है।

हाथी – तुमने बिलकुल ठीक कहा। क्या मैं तुम्हारी मदद करूँ?

चींटी – नहीं, धन्यवाद !

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