शब्दार्थ
निचली – Lower
छत – Roof
छिपकली – Lizard
छपाक – गिरने से उत्पन्न होने वाली ध्वनि
सँभल – स्थिर
क्षण – पल Moment
डाली – शाखा Branch
बंदर – मर्कट Monkey
झटपट – तुरंत
तिलचट्टा – cockroach
एकाएक – अचानक
चींटी – Ant
मकड़े – Spiders
गिरगिट – Chameleon
साहस – हिम्मत
पिछड़ना – पीछे रह जाना
पछताना – अफसोस करना
धूल – Dust
धुल – धुलना Wash
जीवन – Life सुख – Happiness
कविता में से
प्रश्न 1. गिरगिट और मकड़ी गिरने के बाद क्या करते हैं?
उत्तर – गिरगिट और मकड़ी गिरने के बाद अपने आप तुरंत संभल जाते हैं और फिर अपनी-अपनी जगह पर चले जाते हैं।
प्रश्न 2. कैसे व्यक्ति पछताते हैं?
उत्तर – जो व्यक्ति गिरने और पिछड़ने पर अपनी हिम्मत खो देते हैं और आगे बढ़ने का ख्याल अपने मन से निकाल देते हैं वैसे व्यक्ति बाद में बहुत पछताते हैं।
प्रश्न 3. कौन-से व्यक्ति सुख पाते हैं?
उत्तर – जो व्यक्ति गिरने और पिछड़ने पर अपनी हिम्मत नहीं खोते हैं बल्कि धूल झाड़कर पुनः चलने को तैयार हो जाते हैं वैसे व्यक्ति अपने जीवन में सदा सुख पाते हैं।
प्रश्न प्रश्न 4. गिरने पर हिम्मत क्यों नहीं हारनी चाहिए?
उत्तर – गिरने पर हिम्मत नहीं हारनी चाहिए क्योंकि गिरना तो जीवन का सत्य है और सफलता पाने के लिए या लक्ष्य तक पहुँचने के लिए हमें चाहिए कि हम भले ही सौ बार गिरें पर हर बार उठें और आगे बढ़ें।
बातचीत के लिए
प्रश्न 1. बंदर आँख मींचकर हँसता है। आप भी कभी-कभी आँख मींचकर हँसते हैं। क्यों?
उत्तर – जी हाँ, मैं भी कभी-कभी आँखें मींच कर हँसता हूँ क्योंकि कुछ परिस्थितियाँ ऐसी होतीं हैं कि हँसी आने पर भी लोक-लाज के भय से हँसी दबानी पड़ती है, ऐसे में आँखें मींच कर हँसने के सिवा और कोई दूसरा विकल्प शेष नहीं रह जाता है।
प्रश्न 2. चींटी, मकड़े छिपकली आदि कैसे गिर जाते होंगे?
उत्तर – चींटी, मकड़े या छिपकली जब अपने भोजन की तलाश में होते होंगे तो कभी-कभी उनकी पकड़ कमज़ोर पड़ जाती होगी और इस कारण से वे गिर जाते होंगे।
प्रश्न 3. बताइए, ये हमारे घरों में कहाँ मिलते हैं-
मकड़ी
चींटियाँ
छिपकली
तिलचट्टे
उत्तर – मकड़ी – दीवारों के कोनों में और अलमारी के पीछे।
चींटियाँ – रसोईघर के उन डिब्बों में जिनमें कुछ उनके लायक खाने का समान होता है।
छिपकली – दीवारों पर।
तिलचट्टे – रसोईघर में लगे सिंक के नीचे।
प्रश्न 4. आप कब-कब हिम्मत खोने लगते हैं? उस समय आपकी मदद कौन करता है और कैसे करता है?
उत्तर – जब मैं हिम्मत खोने लगता हूँ तो ऐसे समय में मेरी माँ तरह-तरह के प्रेरक प्रसंगों के बारे में बताकर मेरा उत्साहवर्धन करती हैं।
प्रश्न 5. कवि ने इस कविता को ‘उलटा-पुलटा’ नाम क्यों दिया होगा? आप भी कोई शीर्षक बताइए।
उत्तर – कवि ने इस कविता का नाम ‘उलटा-पुलटा’ रखा है क्योंकि इस कविता में जितने भी प्राणियों का उल्लेख हैं उनकी गतिविधियाँ उलटी-पुलटी हैं। मैं इस कविता के लिए ‘आओ इनसे सीखे’ रखना चाहूँगा क्योंकि ये सभी हमें जीवन में सफल होने के गुर सिखाते हैं।
आपकी कल्पना
प्रश्न अगर आपके पूरे घर में छिपकली, चीटें और तिलचट्टे आ जाएँ तो क्या होगा?
उत्तर – यदि मैं ऐसी कल्पना करता हूँ कि मेरे पूरे घर में छिपकली, चींटे और तिलचट्टे आ जाएँ तो सबसे पहले मेरे रोंगटे खड़े हो जाएँगे। मैं घर से बाहर निकल जाऊँगा और कोशिश करूँगा कि मेरा नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आए।
भाषा की बात
1. नीचे दिए गए शब्दों में सही जगह पर (ं) या (ँ) लगाइए-
चीटी – चींटी
आख – आँख
बदर – बंदर
हसता – हँसता
2. समान तुक वाले शब्द लिखिए-
(क) डाली माली जाली काली
(ख) चल – पल, फल, नल
(ग) झटक – पटक, लटक, अटक
(घ) जब – तब, कब, अब
प्रश्न 3. कविता में जो-जो भी जीव-जंतु आए हैं, उनमें से किसी एक पर कविता बनाइए-
उत्तर – मकड़ी देवी नाम हमारा,
तनना-बुनना काम हमारा,
बिन चरखे के बिना रुई के,
सूत कातती हूँ मैं न्यारा।
गिरगिट, चींटी और तिलचट्टे,
एक ही थाली के चट्टे- बट्टे,
चलते हैं दीवारों पर हम,
तेज़ गति से बिना अटके।
डाली पर क्या करता बंदर?
आ जा मेरे घर के अंदर,
चालाकी न दिखा चितवन में,
अपना मुख लख जा दर्पण में।
प्रश्न 4. छिपकली छत से गिर जाती है। गिरने पर छिपकली ने क्या कहा होगा? उसकी माँ ने उसे क्या समझाया होगा ? छिपकली और उसकी माँ के बीच का संवाद लिखिए-
उत्तर – छिपकली – माँ मैं निचली छत से गिर गई।
माँ – कोई बात नहीं बेटी, उठ जाओ।
छिपकली – माँ, मुझे दर्द हो रहा है।
माँ – ये दर्द तुम्हें कुछ सिखाने की कोशिश कर रहा है?
छिपकली – क्या सिखाने की कोशिश !
माँ – यही कि तुम्हें सावधान रहना चाहिए।
छिपकली – आपने बिलकुल सही कहा।
माँ – तुम्हारी माँ जो हूँ।
छिपकली – अब मैं चलते वक्त सावधान रहा करूँगी।
माँ – बहुत अच्छा मेरी बेटी।
जीवन मूल्य
प्रश्न 1. मान लीजिए कि आप पिकनिक पर जा रहे हैं और आप देखते हैं कि नेत्रहीन व्यक्ति को सड़क पार करने में मुश्किल आ रही है। ऐसी परिस्थिति में आप क्या करेंगे?
उत्तर – मैं ऐसी परिस्थिति में सब कुछ छोड़कर सबसे पहले उस दृष्टि बाधित व्यक्ति की सड़क पार करने में मदद करूँगा। उन्हें और किसी सहायता की ज़रूरत हो तो उसे भी पूरा करने की कोशिश करूँगा।
प्रश्न 2. जीवन में आई कठिनाइयों से न घबराकर बंदर, गिरगिट, चींटे, छिपकली आदि सब आगे बढ़ते हैं, क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
क्या आप इस बात से सहमत हैं? क्यों/ क्यों नहीं? बताइए।
उत्तर – मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है क्योंकि अगर हम ध्यान दें तो पाएँगे कि हम आज जितना भी आरामदायक जीवन बिता रहे हैं ये सब कोशिशों का ही परिणाम है।
कुछ करने के लिए
रंग भरिए-
उत्तर – छात्र स्वयं करें
भाषा अभ्यास
पाठ – 2
उलटा-पुलटा
1.
क. उठ
ख. चल
ग. गिर
घ. देती
2.
चींटी तिलचट्टे मकड़े
चींटे गिरगिट
3.
क. आनंद
ख. अंदर
ग. मंदिर
घ. सुंदर
4.
क. मृत्यु
ख. दुख
ग. सीधे
घ. पराए
5.
छिपकली घर गाँधीजी
2 3 1
लालकिला बस्ता मक्खी
3 4 2
6.
क. चलते-चलते – चलते-चलते मेरे पैर दुखने लगे।
ख. झटपट – मैं अपने सारे काम झटपट निपटा लेता हूँ।
ग. हिम्मत – मनुष्य को कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
7.
क. आँख = नेत्र, नयन
ख. हाथ = कर, हस्त
ग. पैर = पद , चरण
8.
लिखना – नाचना – नापना- उठना – उड़ना – गिरना
9.
चींटी – टीन – नल – लड़का – काम – मजदूर – रवि
10. ‘उलटा-पुलटा’ कविता से सीख
उलटा-पुलटा कविता से हमें यह सीख मिलती है कि हम सभी के जीवन में कई तरह की मुश्किलें आती हैं। हमें चाहिए कि हम उन मुश्किलों का डट कर सामना करें और जीवन में सफल न हो जाने तक आगे बढ़ते रहे। इस कविता के माध्यम से अनेक जीवों का उदाहरण देते हुए कवि हमें यही बताना चाहते हैं कि जब जीव हार नहीं मानते और गिरने पर पुनः उठ खड़े होते हैं तो हम मनुष्यों के लिए यह कौन-सी बड़ी बात है। हम चाहे तो कुछ भी कर सकते हैं।