शब्दार्थ
बौना – अति छोटे कद का व्यक्ति Dwarf
लकड़हारा – लकड़ी काटने वाला
जंगल – वन, अरण्य
बेचना – विक्रय Sale
सुखी – खुश रहना
सूखी – Dried
सरदी – जाड़ा, ठंड
सख्त – कड़ा
जाड़ा – सरदी Winter
ठिठुरना – काँपना
सुन्न – संवेदनरहित
कुल्हाड़ी – Axe
फूँक मारना – हवा करना
ठुमक-ठुमक कर चलना – लुभावनी चाल से चलना
नमस्ते – प्रणाम
आश्चर्यचकित – Stunned
सुपारी – Betelnut
हरकतें – Activities
हांडी – मटका
सुलगाना – आग लगाना
गीली – नम, Moisture
गप-गप खाना – जल्दी-जल्दी खाना
मुँह पीला पड़ना – मुहावरा आश्चर्यचकित होना
बला – समस्या
भूत – Ghost
प्रेत – Phantom
कहानी में से
प्रश्न 1. लकड़हारा लकड़ियाँ काटकर क्या करता था?
उत्तर – लकड़हारा लकड़ियाँ काटा करता था और शहर में उन्हें बेचकर अपनी जीविका चलाता था।
प्रश्न 2. ठंड के कारण लकड़हारे की अँगुलियाँ कैसी हो जाती थीं?
उत्तर – ठंड के कारण लकड़हारे की अँगुलियाँ बिलकुल सुन्न (संवेदनरहित) हो जाया करती थीं।
प्रश्न 3. लकड़हारा फूँक मारकर क्या तेज़ कर रहा था?
उत्तर – लकड़हारा फूँक मारकर आग तेज़ कर रहा था।
प्रश्न 4. लकड़हारे ने बौने को आलू को फूँकने का क्या कारण बताया?
उत्तर – लकड़हारे ने बौने को आलू फूँकने का यह कारण बताया कि वह उबले हुए आलू को फूँक मारकर ठंडा कर रहा है।
प्रश्न 5. उचित उत्तर पर सही (ü) का चिह्न लगाइए-
(क) लकड़हारे को कैसी लकड़ी आसानी से नहीं मिलती थी?
सूखी
गीली
पीली
उत्तर – क. सूखी
ख) लकड़हारे ने कितने पत्थर उठाकर चूल्हा बनाया?
दो
तीन
पाँच
उत्तर – ख. दो
(ग) लकड़हारे ने हांडी में क्या उबलने के लिए रख दिया?
चावल
आलू
दाल
उत्तर – ग. आलू
प्रश्न 6. किसने कहा, किससे कहा-
(क) “नमस्ते, एक बात पूछूँ?”
क. बौने ने लकड़हारे से कहा
(ख) “बुरा क्यों मानूँगा ! पूछो !
ख. लकड़हारे ने बौने से कहा
(ग) “यह आलू बहुत गरम था।’
ग. लकड़हारे ने बौने से कहा
(घ) “उसी से ठंडा, उसी से गरम।”
घ. बौने ने खुद से
बातचीत के लिए
प्रश्न 1. लकड़हारा किसे कहते हैं?
उत्तर – जो लकड़ियाँ काटकर उसे बेचे और अपनी जीविका चलाए उसे लकड़हारा कहते हैं।
प्रश्न 2. आग बार-बार ठंडी क्यों हो जाती थी?
उत्तर – लकड़ियाँ गीली होने की वजह से आग बार-बार ठंडी पड़ जा रही थी।
प्रश्न 3. बहुत अधिक ठंड पड़ने पर आप क्या करते हैं?
उत्तर – बहुत अधिक ठंड पड़ने पर मैं गरम कपड़े पहनता हूँ और रूम हीटर ऑन कर लेता हूँ।
प्रश्न 4. खाना पकाने की तैयारी में क्या-क्या करना होता है? खीर बनाने की तैयारी में आप क्या-क्या करेंगे?
उत्तर – खाना पकाने के लिए हमें उन सभी सामग्रियों को सामने रख लेना होता है जिसकी आवश्यकता व्यंजन बनाने में होने वाली है। खीर बनाने के लिए चावल, दूध, चीनी, इलायची, घी, काजू आदि सामग्रियों को इकट्ठा करना होगा। सबसे पहले हमें चावल को घी में भुनना होगा इसके बाद खौलते हुए दूध में चावल डालकर उसमें चीनी, इलायची, काजू आदि उचित मात्रा में डालकर कुछ मिनटों का इंतज़ार करना होगा।
आपकी बात
प्रश्न 1. नीचेदी गई चीज़ों को हम कैसे खाते हैं? तालिका में दी गई श्रेणियों में लिखिए-
कच्चा | पकाकर | कच्चा और पकाकर |
खीरा, नींबू, ककड़ी | आलू, करेला, बैंगन, पत्ता गोभी | प्याज, टमाटर, मूली |
पकवान का नाम
पकवान का नाम | किन चीजों की ज़रूरत होगी |
हलवा | सूजी, घी, काजू, चीनी |
पराठा | आटा, पानी, घी |
भाषा की बात
प्रश्न 1. नीचे दिए गए शब्दों में सही जगह पर चंद्रबिंदु (ँ) लगाइए-
फूँक मुँह पाँव वहाँ
पहुँच पूछूँ हथेलियाँ लकड़ियाँ
प्रश्न 2. यदि एक की जगह हम तीन का प्रयोग करें तो शब्दों में क्या अंतर आएगा? इसे करके देखिए और उस पर चर्चा कीजिए-
क. तीन लकड़हारे
ख. तीन बौने
ग. तीन चूल्हे
घ. तीन तारे
प्रश्न 3. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों के विलोम शब्दों से रिक्त स्थान भरिए-
(क) लकड़हारे ने गरम आलू को करके खाया।
(ख) रीमा सूखे हुए कपड़े बाहर से ले गई।
(ग) राहुल रात मेहनत करता है।
(घ) राज के पास है पुस्तक है जिसमें अनेक कहानियाँ हैं।
(ङ) दूरबीन से दूर की वस्तु नज़र आती है।
क. ठंडा
ख. अंदर
ग. दिन
घ. एक
ङ. नज़दीक
जीवन मूल्य
प्रश्न 1. लकड़हारा अपनी गुजर-बसर करने के लिए बहुत मेहनत करता था। कहानी में से उन अंशों को छाँटकर बताइए, जहाँ उसकी मेहनत झलकती हो।
उत्तर – लकड़हारा मौसम की मार सहते हुए भी ठंड और गर्मी में लकड़ियाँ काटने जाया करता था। ठंड से हाथ ठिठुर जाने पर भी वह फूँक मारकर हथेलियों को गरम करता था और फिर लकड़ियाँ काटने में जुट जाया करता था।
प्रश्न 2. आप किन-किन चीजों के लिए मेहनत करते हैं, क्यों?
उत्तर – मैं अपनी पढ़ाई-लिखाई में बहुत मेहनत करता हूँ। इसके अलावा स्कूल में होने वाली प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने के उद्देश्य से भी मैं बहुत मेहनत करता हूँ।
प्रश्न 3. अगर हम मेहनत न करें तो क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
उत्तर – अगर हम मेहनत न करें तो सबसे बड़ा नुकसान हमारे अस्तित्व और अस्मिता का होगा क्योंकि मनुष्य सभी प्राणियों में से श्रेष्ठ माना जाता है, मेहनत न करने की दशा में हम पशुतुल्य हो जाएँगे। इसके अतिरिक्त हम सुख-समृद्धि से युक्त जीवन भी नहीं बिता पाएँगे।
कुछ करने के लिए
प्रश्न जिस प्रकार लकड़हारे और बौने में बातचीत हुई है। उसी प्रकार अब नीचे लिखी सोनू और माली की बातचीत पर सोचिए और उसे आगे बढ़ाइए। फिर इस बातचीत को कक्षा में नाटकीय रूप से प्रस्तुत कीजिए ।
सोनू – माली काका, नमस्ते।
माली – नमस्ते, बेटा।
सोनू – काका, क्या मैं यह फूल तोड़ सकता हूँ?
माली – पहले यह बताओं कि तुम्हें यह फूल क्यों चाहिए?
सोनू – मैं यह फूल अपने मित्र को दूँगा।
माली – मित्र को फूल देने की कोई खास वजह।
सोनू – आज उसका जन्मदिन है।
माली – ठीक है, तुम यह फूल तोड़ सकते हो।
सोनू – धन्यवाद काका, आप बहुत अच्छे हैं।
माली – मेरी तरफ से भी अपने मित्र को जन्मदिन की बधाइयाँ देना।
भाषा अभ्यास
पाठ – 10
एक बौना और एक लकड़हारा
1.
क. आप
ख. मैं
ग. तुम
घ. वह
2.
क. तेज़
ख. रोज़
ग. ज़ोर
घ. काफी
3.
क. एकवचन (दिया गया है)
ख. बहुवचन
ग. एकवचन
घ. बहुवचन
ङ. एकवचन
4.
क. हाथ – पैर
ख. कंकड़ – पत्थर
ग. दिन – रात
घ. रुपए – पैसे
5.
क. सेनापति
ख. लेखक
ग. अनपढ़
घ. रेलगाड़ी
6.
क. उधर – उधर कुछ बच्चे खड़े हैं।
उधार – मुझे न उधार लेना पसंद है न उधार देना।
ख. समान – राम और श्याम का कद एक समान है।
सामान – मेरे घर में बहुत सामान है।
ग. सूखी – सूखी लकड़ियों में जल्दी आग लग जाती है।
सुखी – संतुष्ट लोग सुखी रहते हैं।
7.
क. कड़ी
ख. हैरान
ग. खुद
घ. प्रतिदिन
ङ. समझ
8.
उत्तर
छि | कॉ | फी | अ | ना | र |
प | पी | ता | ज | क | स्सी |
क | रे | ला | ग | धा | म |
ली | ची | गि | र | गि | ट |
न | ल | ड़ | की | ल | का |
थ | ट्टू | ज | ल | ना | न |
9. संवाद
बौना – अरे बच्चे! तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
बच्चा – मैं यहाँ खेलने आया हूँ।
बौना – क्या तुम्हें पता है, यहाँ खतरा है?
बच्चा – कैसा खतरा?
बौना – इस पेड़ में एक पेड़ में भूत है।
बच्चा – ये किसने कहा आपसे?
बौना – मुझे पता है और यह सच बात है।
बच्चा – मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करता।
बौना – तुम्हें जब भूत पकड़ेगा तब पता चलेगा।
बच्चा – मैं उसी पेड़ पर खेलने जा रहा हूँ।
बौना – मैं तुम्हें सावधान कर रहा हूँ।
बच्चा – आपको पता नहीं मैं यहाँ …
बौना – तो क्या हुआ?
बच्चा – भूत को पकड़ना होता तो पकड़ चुका होता।
बौना – बच्चे की बात में दम तो है।