शब्दार्थ
आँख मिचौनी – Hide and Seek
मोहल्ला – Colony
गिल्ली-डंडा – एक प्रकार का खेल
पतंगबाजी – पतंग उड़ाना
कंचे – काँच की गोलियाँ
लट्टू – लकड़ी का एक गोल खिलौना
चचेरी – चाचा की लड़की
धोखा – Cheat
दरार – Crack
बरामदे – Verandah
ठट्ठा – हँसना
चारपाई – खटिया
झाँकना – Peep
वाकई – Actually
खोज-पड़ताल – छान-बीन करना
चतुराई – चालाकी
जज – न्याय करने वाला
मींचना – बंद करना
अक्सर – Often
काबिल – योग्य , लायक
चालबाज़ी – साज़िश
ग्वाल-ग्वालिन – अहीर जाति के लोग
उत्साह – जोश
भाषा अभ्यास
आँख-मिचौनी
अनुच्छेद ‘खेलों का महत्त्व’
खेल-कूद हम सभी के जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इससे हमारे मन-मस्तिष्क को ताज़गी मिलने के साथ-साथ हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है। खेल-कूद में महारत हासिल करने अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति प्राप्त हो सकती है। ध्यान चंद, मिलखा सिंह, पी.टी. ऊषा इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। एक समय था जब कहा जाता था, “पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे होगे खराब” परंतु आज की स्थ्ति को देखकर यही लगता है कि “पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे होगे नायाब”