DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 4, Poore Ek Hazaar पूरे एक हजार

आँगन –  घर के आगे का हिस्सा

प्रार्थना – विनती  

रोज़ –  प्रतिदिन  

दीनार – ईरान की  मुद्रा   

हज़ार –  सहस्र / Thousand

पड़ोसी – Neighbour

गधा  –  Ass

काजी –  फ़ैसला करने वाला

शुक्रिया –  धन्यवाद

सिक्का –  Coin

अदा  –  देना

शहर –  नगर

फ़ैसला –  निर्णय

अल्लाह –  ईश्वर

कमबख़्त –  जिसका भाग्य साथ न दे  

चुप-चाप –  शांति से  

थैली –  Bag

गणित – Mathematics

गिनना – Counting

अपना-सा मुँह लेकर आना –  मुहावरा- उदास वापस आना

मंज़ूर– स्वीकार

समस्या – परेशानी

ढंग – तरीका

फटेहाल – फटे कपड़ों में

पैदल –  Pedestrian

दास्तान  – कहानी  

गवाह – प्रमाण  

हुज़ूर – Sir

चीज़ – वस्तु

आदत – Habit

भोलेपन – सीधापन

नम्रता – Politely

बाज़ न आना – न सुधरना

वक्त – समय

डाँटना – Scold

गँवाना – खो देना

गुज़र – पार

संभालना – सहारा देना

आइंदा – अभी से

ध्यान – Attention

कोशिश – प्रयास

पाठ – 4

पूरे एक हज़ार

मैं प्रतिदिन ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि इस विश्व में सुख शांति बनी रही। मानवता की जड़ें हर दिन गहरी होती जाएँ। सभी सुखी और निरोगी रहें। इसके अलावा मैं अपने लिए ईश्वर से असीम शक्ति और साहस की कामना करता हूँ ताकि जीवन में आने वाली समस्याओं का हल मैं स्वयं ही कर सकूँ। मेरा पुरुषार्थ पर्वत के समान अचल रहे। काम, क्रोध, हिंसा जैसे दुर्गुणों से मैं सदा दूर रहूँ। सुख और दुख दोनों अवसरों पर मेरा ईश्वर पर विश्वास बना रहे।

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