DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 12, Agar Na Nabh Me Baadal अगर न नभ में बादल होते

नभ – आकाश

बादल – मेघ, Cloud

सिंधु – सागर, Sea

जल – पानी

जग – दुनिया

गरमी – ताप

तप – तपना

खप – परेशान होना

बिजली – विद्युत

दमक – चमक

झरने  – Waterfall

सोते – जल स्रोत

मोर – Peacock

मेंढक – Frog  

तान – सूर, tune

शोर – आवाज़

चिड़िया – पक्षी

तोते – Parrots

नदियाँ – Rivers

नहरें – Canals

लहरें – Waves

फुलवारी – बगिया

खेती-बारी – कृषि-कार्य

किसान – कृषक, Farmer

बीज – Seed

आँसू – अश्रु

जाड़ा – शीत

वर्षा – बारिश, Rain घटाएँ – काले बादल

प्रश्न 1. बादल कहाँ से जल भरकर लाते हैं?

उत्तर – बादल सिंधु अर्थात् सागर से से जल भरकर लाते हैं

प्रश्न 2. नभ में बादल आने पर मोर और मेंढक क्या करते हैं?

उत्तर – नभ में बादल आने पर मोर खुशी से शोर मचाना शुरू कर देते हैं और मेंढक टर्र-टर्र की मीठी तान से वातावरण को गुंजित कर देते हैं।

प्रश्न 3. नभ में बादलों के न आने के कारण किसान क्या नहीं कर पाएँगे?

उत्तर – नभ में बादलों के न आने के कारण किसान खेती-बाड़ी नहीं कर पाएँगे और संपूर्ण प्राणिजगत भूखा ही रह जाएगा।

प्रश्न 4. कौन-सी ऋतु न आने पर हम रिमझिम बूँदों के लिए रोते हैं? सही उत्तर पर गोला लगाइए-

वर्षा ऋतु   ग्रीष्म ऋतु  बसंत ऋतु

उत्तर – वर्षा ऋतु

प्रश्न 5. रिक्त स्थान भरिए-

नहीं घटाएँ फिर घहरातीं,

नहीं छटाएँ फिर छहरातीं।

सब आँसू से गाल भिगोते,

अगर न नभ में बादल होते।

प्रश्न 1. वर्षा होने पर आपको सबसे अच्छा क्या लगता है?

उत्तर – वर्षा होने पर मुझे बारिश की बूँदों को देखना, उसे स्पर्श करना, कागज की कश्ती बनाकर पानी में बहाना तथा माँ से गरमा-गरम पकौड़े बनवाकर खाना बहुत अच्छा लगता है।

प्रश्न 2. बादल सिंधु से किस प्रकार जल भरकर लाते हैं?

उत्तर – गर्मी के मौसम में समुद्र का जाल भाँप बनकर ऊपर उठने लगता है और ऊपर पहुँचकर घनीभूत हो जाता है। यही भाँप बर्फ का रूप धारण कर लेते हैं और अधिक भारी हो जाने के कारण मेघों के रूप में पृथ्वी पर गिरने लगते हैं। इसी प्रकार बादल सिंधु से जल भरकर लाते हैं।

प्रश्न 3. आपको किस मौसम की कौन-सी बात बादल सिंधु से किस प्रकार जल भरकर लाते हैं सबसे अच्छी लगती है और क्यों?

उत्तर – मुझे शीत ऋतु की बहुत सारी बातें अच्छी लगती हैं, जैसे- इस मौसम में हम ऊनी कपड़े पहनते हैं, गरम-गरम कॉफी पीते हैं, रातें लंबी होती हैं तथा बीमारियों के फैलने का खतरा भी न के बराबर होता है।

प्रश्न 1. यदि साल भर वर्षा नहीं होगी तो क्या होगा?

उत्तर – यदि साल भर वर्षा नहीं होगी तो इसके बहुत सारे दुष्परिणाम सामने आएँगे जैसे-

– सूखे/अकाल की स्थिति आ जाएगी।

– खाद्य संकट पैदा हो जाएगा।

– जंगली जीवों और जलीय जीवन के प्राण संकट में आ जाएँगे।

– पेय पानी की समस्या भी बढ़ जाएगी।

प्रश्न 2. नभ में बादल छा रहे हैं, बिजली चमक रही है, मोर नाच रहा है, मेंढक टर्रा रहे हैं तथा आप और आपके मित्र/सखियाँ मैदान में खेल रहे हैं। इस दृश्य की कल्पना कीजिए और वर्णन कीजिए।

उत्तर – ऐसे मनोरम दृश्य में खुद को अपने मित्रों के साथ खेलते हुए पाना किसी वरदान से कम नहीं होगा। हरी-हरी घास पर नंगे पैर दौड़ना। ठंडी-ठंडी हवाओं में उछलना-कूदना। बारिश की बूँदों में भीगना सचमुच बड़ा ही अद्भुत अनुभव होगा।

1. नीचे दिए गए शब्दों में उचित स्थान पर चंद्रबिंदु (*) लगाइए-

(क) नदियाँ

(घ) कहाँ

(ख) घटाएँ

(ङ) छटाएँ

(ग) आसूँ

(च) बूँदों

2. नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द कविता में से ढूँढकर लिखिए-

(क) रात – दिन

(ख) उदास – खुश

(ग) सरदी – गरमी

(घ) हँसते – रोते

प्रश्न 1. मौसम और ऋतुओं का चक्र बदलने से हमारे पर्यावरण में असंतुलन आ जाएगा। ऐसा होने पर हमें किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा?

उत्तर – ऐसा होने पर हमें तरह-तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, जैसे –

– हमारा स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा।

– अतिवृष्टि और अनावृष्टि से कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ आ सकती है।

– कृषिकार्य बाधित होगा तथा खाद्य संकट पैदा हो जाएगा।

– जंगली जीवों की संख्या भी कम होने लगेगी। 

प्रश्न 2. पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

उत्तर – पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए हमें निम्नलिखित कार्य करने चाहिए, – जैसे

– हमें कार्बन उत्सर्जन कक से कम करना चाहिए।

– बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण लाना चाहिए।

– जंगलों की सुरक्षा करनी चाहिए तथा अत्यधिक पेड़ लगाने चाहिए।

– वन्य जीवों के शिकार पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

– कचरा प्रबंधन करना चाहिए ताकि जलाशय और जलीय जीव सुरक्षित रह सकें।

प्रश्न 3. वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है?

उत्तर – वर्षा जल संचयन आवश्यक है क्योंकि बारिश का जल बिलकुल शुद्ध होता है। राजस्थान जैसे राज्यों में जहाँ बारिश का जल तुरंत ही रेत में समा जाता है वहाँ जल संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। वर्षा का जल संरक्षण करने से मृदा अपरदन (Soil erosion)तथा भू-स्खलन (Land sliding) भी नहीं होता है। साथ ही साथ अकृतिम रूप से नदियों का जल स्तर भी नहीं बढ़ता है और बाढ़ नहीं आती है।  

सावन में घर में कौन-कौन सी विशेष चीजें बनती हैं? उनकी सूची बनाइए। अपनी पसंद की किसी एक चीज को बनाने की विधि भी लिखिए-

छात्र स्वयं करें

पाठ – 12

अगर न नभ में बादल होते

1.

लाता- बरसाता,     नहरें – लहरें

मचाते – सुनाते,     घहरातीं – छहरातीं

2.

अश्रु – आँसू        दामिनी – बिजली

संसार – दुनिया      मेघ – बादल

नीर – जल         अंबर – नभ

पाठ – 12

अगर न नभ में बादल होते

1.

लाता- बरसाता,     नहरें – लहरें

मचाते – सुनाते,     घहरातीं – छहरातीं

2.

अश्रु – आँसू        दामिनी – बिजली

संसार – दुनिया      मेघ – बादल

नीर – जल         अंबर – नभ

3.

क. केला – भूतकाल  

ख. सीताफल – वर्तमान काल  

ग. लीची – वर्तमान काल   

घ. कटहल – भविष्यत् काल   

ङ. संतरा  – वर्तमान काल (संदिग्ध वर्तमान)

च. सेब – वर्तमान काल

छ. पपीता – वर्तमान काल  

4.

क. विशेष – साधारण

ख. सुविधा – असुविधा

ग. शक्तिहीन – शक्तिशाली

घ. जय – पराजय

5.

क. उछल – कूद 

ख. लपक – झपक

ग. कूद – फाँद

घ. उलट – पलट

क. छत पर बच्चे उछल – कूद कर रहे हैं।   

ख. अमिताभ जी को देखने के लिए लोग लपक–झपक कर रहे हैं।

ग. बच्चे मैदान में कूद – फाँद वाले खेल खेल रहे हैं।

घ. चीजों को खरीदने से पहले उसे उलट-पलट कर देखना चाहिए।  

6.

क. कक्षा में प्रथम आने पर मीरा के मन ही मन में लड्डू फूटने लगे।  

ख. गौरव के आई ए एस की परीक्षा पास कर लेने पर उसकी माँ ने घी के दीए जलाए।

ग. लॉटरी में प्रथम पुरस्कार पाने के बाद सुधीर फूला न समा रहा है।

7.

क. युग्म शब्द – उमड़-घुमड़, तप-खप, नदियाँ-नहरें खेती-बारी

ख.संज्ञा – सिंधु, जल, बादल, नभ  

ग. सर्वनाम – कौन, क्या, हम, सब

घ. क्रिया – सोते, खोते, बोते, भिगोते  

8.

ऋतुराज वसंत अपने साथ कई खुशियाँ लेकर आता है। इस मौसम में तरह-तरह के फूल खिलते हैं, मौसम खुशनुमा होता है। सभी प्राणी अपने में नवीन स्फूर्ति का अनुभव करते हैं। घूमने-फिरने के लिए यह मौसम श्रेष्ठ माना जाता है। इस मौसम में प्रकृति की शोभा अपने चरम पर होती है। विद्यादेवी, माता सरस्वती की पूजा भी वसंत पंचमी के दिन की जाती है जिसके कारण इस मौसम में चार चाँद लग जाते हैं।

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