DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 13, Priya Poudha प्रिय पौधा

पिछवाड़ा –  Backyard

आँगन – घर के आगे का हिस्सा   

बगीचा – उद्यान / Garden

पौधा – Sapling

क्यारी –  पंक्ति

गमला – फूलकुंड / Vass 

मौसम –  Season

सब्ज़ी–  तरकारी

बेल –  लता / Creeper  

वृक्ष –  पेड़

सहारा –  संबल  

ताई –  बुआ 

रुचि –  Interest 

काम-काज–  कार्य

देखभाल –  रख-रखाव

अधिकांश –  अधिकतर   

रसोई –  Kitchen

कार्य – काम 

हाथ बँटाना – मदद करना 

अनुपस्थिति –  Absence

लगन – सिद्दत

पीठ थपथपाना – शाबाशी देना 

सुझाव – Suggestion

उपयोगी – लाभदायक

गिटार –  Guitar

नृत्य – नाच

धुन – Tap

क्रिया – Activity 

दृष्टि – नज़र

आकर्षित – Attraction

उदास – मायूस

वैज्ञानिक –  Scientific

सिद्ध – प्रमाणित

स्पर्श –  छूअन / Touch

भाँति –  की तरह  

शक्ति –  ताकत

अक्सर – Often 

जानकारी – Information

महीना –  मास / Month

तेज़ी – Speed

आकर्षक – Attractive

पुष्प-प्रदर्शनी – Flower Exhibition

प्रदर्शित – Exhibited   

वर्ग – Section 

पुरस्कार – इनाम

सपना – Dream

निर्णय – फ़ैसला

भाग – Participate

प्रिय – Dear

खाद – Fertilizers

रक्षा – Save

शेष – बाकी

विश्वास – भरोसा

अवश्य – ज़रूर

नींद – सोना

विषय – Subject

प्रारंभ – शुरुआत

होनहार – काबिल

आयोजक – Organiser

मोहल्ला – Colony

दंग – हैरान

गायब – अदृश्य

नम्रता – Politely

वनस्पति – Botany

सर्वश्रेष्ठ – सबसे अच्छा

विद्यार्थी – छात्र

प्रश्न 1. हरित ने पौधे की देखभाल किस प्रकार की?

उत्तर –हरित पौधों को सही समय पर खाद-पानी दिया करता था। उन्हें अत्यधिक शीत और गर्मी से बचाया करता था और शाम के वक्त पौधों के पास बैठकर गिटार भी बजाया करता था। इस प्रकार हरित पौधों की देखभाल करता था।

प्रश्न 2. ताई ने हरित को पौधों के विषय में क्या जानकारी दी?

उत्तर –ताई ने हरित को पौधों के बारे में यह बताया कि भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने अपने प्रयोगों से यह सिद्ध कर दिया था कि पेड़-पौधों में भी संवेदना और सुनने की शक्ति होती है। वे भी स्पर्श का अनुभव कर सकते हैं।

प्रश्न 3. हरति क्यों उदास दिखाई दे रहा था?

उत्तर –हरित उदास दिखाई दे रहा था क्योंकि उसका प्रिय पौधा जिसे वह पुष्प प्रदर्शनी में प्रदर्शित करने वाला था, प्रदर्शनी से एक दिन पहले ही चोरी हो गया था।

प्रश्न 4. ताई ने हरित को क्या समझाया ?

उत्तर –ताई ने हरित को समझाया कि जिस किसी ने भी तुम्हारा पौधा चुराया है वह उसे पुष्प प्रदर्शनी में ज़रूर लेकर आएगा हम उसे वहाँ पकड़ लेंगे।    

प्रश्न 5. पाठ के आधार पर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) हरित अपनी ताई को ____ के विषय में सुझाव देने लगा।

(ख) पौधों ने ____ जैसी क्रिया की।

(ग) पेड़-पौधे भी मनुष्यों की भाँति ____ इत्यादि का अनुभव करते हैं।

(घ) नींद में हरित ____ पाने का सपना देखता रहा।

उत्तर –क. नए-नए  

उत्तर –ख. नृत्य

उत्तर –ग. स्पर्श

उत्तर –घ. पुरस्कार

प्रश्न 1. आप कैसे कह सकते हैं कि पौधों में जीवन है?

उत्तर –वैज्ञानिक दृष्टि से विचार करे तो यह सत्य बात है कि पेड़-पौधों में भी जीवन है क्योंकि वे आलोक संश्लेषण (Photo Synthesis) के माध्यम से अपना भोजन तैयार करते हैं और एक बीज से विशाल रूप धारण कर लेते हैं।   

प्रश्न 2. यदि हरित का प्रिय पौधा नहीं मिलता तो क्या होता? अपने सहपाठियों से चर्चा कीजिए।

उत्तर –यदि हरित का पौधा नहीं मिलता तो वह बहुत उदास हो जाता और इस कहानी में एक नया मोड़ आ जाता।

प्रश्न 1. पेड़-पौधे भी हमारी तरह ही बोल पाते और चल पाते तो क्या हो सकता था-

जब पौधा चोरी हुआ।

उत्तर –- जब पौधा चोरी हुआ तो वह चिल्ला-चिल्लाकर अपने बचाव के लिए हरित को आवाज़ लगाता।

जब वह प्रदर्शनी में रखा था।

उत्तर –जब उसे प्रदर्शनी में रखा गया था तो वह नृत्य के साथ-साथ गीत भी गाता।

प्रश्न 2. हरित के पौधे को ‘सर्वश्रेष्ठ पौधे’ का पुरस्कार मिलने के बाद क्या हुआ होगा? कल्पना करके बताइए।

उत्तर –हरित के पौधे को सर्वश्रेष्ठ पौधे का पुरस्कार मिलने के बाद उसकी पेड़-पौधों में रुचि और भी बढ़ गई होगी और वह और भी गहन तरीके से पेड़-पौधों की क्रियाओं के अध्ययन के प्रति इच्छुक हुआ होगा।   

प्रश्न 1. नीचे लिखे शब्दों में र’ का प्रयोग हुआ है। उनके अनुसार आप दो-दो शब्द और लिखिए-

र् + उ = रु  रुचि

र् +  ऊ = रू

र् + अ – र

रुचि, गुरु, रुकना

ज़रूर, रूप, डमरू

तरह, दरवाजा, कमर    

प्रश्न 2. जो शब्दांश किसी मूल शब्द के आगे जुड़कर नया शब्द बनाते हैं और अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं उन्हें ‘उपसर्ग’ कहते हैं।

जैसे- वि + नम = विनम्र

अब आप ऐसे पाँच शब्द और बनाइए-

क. वि + देश = विदेश ।

ख. अ + सत्य = असत्य ।  

ग. बे + ईमान = बेईमान ।

घ. स + परिवार = सपरिवार ।

ङ. सु + पुत्र = सुपुत्र ।

प्रश्न – हरित ने अपनी सच्चाई सिद्ध करने के लिए संगीत बजाया। यह आवश्यक नहीं कि सदा ही हम सच का प्रमाण अपने पास रखें, लेकिन हाँ, अपनी बात पर दृढ़ रहना चाहिए। इसके लिए हमारे भीतर विश्वास होना ही चाहिए। आप इसके लिए कैसे प्रयास कर सकते हैं?

उत्तर –मैं सच को सिद्ध करने की ज़रूरत तो समझता हूँ पर सबके सामने सच को सिद्ध करने की कोशिश नहीं करता और हाँ सच को साबित करने के लिए मुश्किलें भले ही आ सकती हैं पर अंत में सच साबित हो ही जाता है। मैं इसके लिए आत्म-विश्वास और दृढ़-निश्चय पर भरोसा करता हूँ।   

1. एक गमले में सुंदर सा पौधा लगाइए। हरित की तरह ही उसकी देखभाल कीजिए।

उस अनुभव को अपनी डायरी में लिखिए।

2. अलग-अलग पेड़-पौधों की पत्तियों को ध्यान से देखिए ।

उनमें क्या अंतर नज़र आता है? किन्हीं तीन पत्तियों के चित्र बनाकर उनके बारे में बताइए ।

छात्र स्वयं करें

पाठ – 13  

प्रिय पौधा

1.

कार्य         प्रसन्न       वृक्ष

आकर्षित     प्रयोग        दृष्टि

प्रदर्शन       क्रिया        नृत्य

2.

क. सरल

ख. प्रसन्न

ग. सुखी

घ. दयालु, दयावान

3.

भरपेट           मिलावट   

हरघड़ी           मोरनी

प्रतिदिन          चाँदनी

कपूत            मधुरता

अपमान          दवाखाना

बदहाल           गाड़ीवान 

4.

क. मुझे बुखार था इसलिए मैं स्कूल नहीं गया।  

ख. सुधीर ने चाय पी और राजेश ने कॉफी।  

ग. राम तथा कृष्ण दोनों ही विष्णु के अवतार हैं।

घ. सुरेश मेले में जाना चाहता था किंतु जा नहीं पाया।   

5.

क. हरित प्रतिदिन पौधे की देखभाल करता है।  

ख. प्रदर्शनी से एक दिन पहले उसका पौधा चोरी हो गया।

ग. हरित ने संयोजक को बताया कि उसका पौधा संगीत पर झूमता है।

घ. सर्वश्रेष्ठ पौधे का पुरस्कार हरित को मिला।

6.

क. असहयोग

ख. अनिश्चय

ग. अशांत

घ. अधर्म

ङ. असहयोग

च. अस्वीकार

7.

क. भूतकाल

ख. वर्तमान काल

ग. भविष्यत् काल

घ. भूतकाल

ङ. भविष्यत् काल

च. वर्तमान काल

छ. भूतकाल

8.

क. वि

ख. स

ग. वि   

घ. वि

ङ. स

च. स   

9.

क. हमें असबाब (Furniture) खरीदते समय लकड़ी का विकल्प चुनना चाहिए।     

ख. हमें कागजों का अपव्यय रोकना चाहिए।  

ग. हमें पेपर प्लेट, टिस्यू पेपर या मुफ़्त में मिलने वाले पत्रक को नहीं लेना चाहिए।

10. अनुच्छेद   

अगर पेड़ हमसे कह पाते तो अपनी करुण कथा सुनाते हुए यही कहते कि अनादिकाल से हम पेड़ों ने तुम सभी मानवों का तरह-तरह से उपकार किया है। तुम्हारे खाने-पीने, रहने-जीने का खयाल हमने सदा से रखा है। गर्मी में छाया और नीरोगी काया देने के साथ साथ हमने शुद्ध वायु और मृदा संरक्षण करते हुए तुम्हारा कल्याण किया है। तुम्हारे अलावा हमने अन्य प्राणियों को भी जीवन दिया है पर बदले में तुम तथाकथित मानव हम पर घोर अत्याचार करते आ रहे हो। अब समय आ गया है कि तुम समझो और पेड़ों की कटाई को बंद करो क्योंकि तुम पेड़ नहीं बल्कि अपने आने वाली पीढ़ियों का भविष्य काट रहे हो।   

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