DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 14, Buddhimaan Raja बुद्धिमान राजा

निर्दयी –  कठोर / Callous    

सैकड़ों – Hundreds   

वर्ष – साल   

प्रजा – जनता

अत्याचार –  ज़ुल्म / Atrocity

महामंत्री – General Minister

सेना –  फ़ौज / Army

सैनिक –  सिपाही

भर्ती –  बहाली

प्रारंभ –  शुरूआत

विशाल –  भव्य  

इकट्ठा –  एकत्रित

आक्रमण –  हमला

आदेश –  आज्ञा

विनाश –  बरबादी

हिंसा –  Violence

धन – रुपए

विजयी – विजेता

पराजित –  हारा हुआ

समृद्धि –  संपन्नता 

कूच – March

समुद्र  – सागर

रौंदना – Ruined

पड़ाव –  ठहराव

नौका – नाव

अस्त्र-शस्त्र – हथियार

निर्माण – Construction

जानकारी – Information

विषय – Subject

दूत – Messenger

प्रशिक्षित – Trained

सैन्य – सेना से जुड़ी

सामग्री – चीज़ें

दल – समूह

तहस-नहस – बर्बाद

शूरवीर – साहसी

स्वाभिमानी – Egoistic

गुप्त – Secret

बैठक – Meeting

स्थिति – हालत

बल – ताकत

विचार-विमर्श – Discussion  

सुझाव – Suggestion

शीघ्र – जल्दी

तैनात – Deployed

बंदी – कैदी 

सवार – यात्री

भारतीय – Indian

दरबार – Royal Court

पेश – उपस्थित

सिंगापुर – Singapore

खुशी का ठिकाना न रहना- मुहावरा- बहुत खुश होना  

सिर – Head

धड़ – सिर से नीचे का हिस्सा

सिर धड़ से अलग करना- मुहावरा- मार डालना 

वृद्ध – बूढ़ा

भय – डर

आपत्ति – Objection  

जन्मभूमि – Motherland

साथी – Friend

छड़ – Rod

जवान – Young

सुइयाँ – Needles

समुद्री – समुद्र से जुड़ा

यात्रा – Journey

भेंट – उपहार

बीज – Seed

वृक्ष – पेड़

सहयोगी – Associate

बुद्धिबल – बुद्धि की शक्ति

प्रश्न 1. चीन का राजा भारत जाने की दिशा और रास्ता क्यों जानना चाहता था?

उत्तर चीन का राजा भारत जाने की दिशा और रास्ता जानना चाहता था क्योंकि वह भारत के कलिंग प्रदेश पर आक्रमण करने की योजना बना रहा था।

प्रश्न 2. चीन के राजा ने सैनिकों की भर्ती क्यों शुरू कर दी?

उत्तर चीन के राजा ने अपने महामंत्री के राज्य-विस्तार के सुझाव को हकीकत में बदलने के लिए अपनी सेना में सैनिको की भर्ती शुरू की। प्रश्न 3. वृद्ध के साथी ज़ोर-ज़ोर से क्यों रोने लगे ?

उत्तर चीन के राजा ने अपने महामंत्री के राज्य-विस्तार के सुझाव को हकीकत में बदलने के लिए अपनी सेना में सैनिको की भर्ती शुरू की। प्रश्न 4. कलिंग के राजा ने गुप्त बैठक क्यों बुलाई ?

उत्तर कलिंग के राजा को जब यह पता चला कि चीन का राजा कलिंग प्रदेश पर आक्रमण करने की योजना बना रहा है तो अपने राज्य एवं प्रजा को आक्रमण से बचाने के लिए उन्होंने बुद्धिमान दरबारियों के साथ एक गुप्त बैठक बुलाई।  5. कहानी के आधार पर बताइए, किसने कहा, किससे कहा?

(क) युद्ध सैनिक बल से नहीं बुद्धि बल से जीते जाते हैं।”

ख) भारत जाने की दिशा और सही रास्ता बताओ।”

(ग) फल भी रास्ते में सूख गए।”

उत्तर क. बुद्धिमान दरबारी ने कलिंग प्रदेश के राजा से कहा 

उत्तर ख. चीन के राजा ने भारतीय वृद्धों से कहा

उत्तर ग. भारतीय वृद्ध ने चीन के राजा से कहा

प्रश्न 1. कलिंग को किस प्रकार बचाया गया? क्या आपके पास भी कोई ऐसी योजना है जिससे कलिंग को बचाया जा सकता था?

उत्तर मैं कलिंग प्रदेश को बचाने के लिए चीन के राजा के पास यह सूचना पहुँचवाता कि कलिंग प्रदेश समृद्ध होने के साथ-साथ सैन्य सामग्री तथा युद्ध कौशल में भी बहुत निपुण है। कलिंग प्रदेश के राजा के पास करोड़ों की संख्या में सैनिक हैं। यह जानकर चीन का राजा युद्ध करने का विचार ही त्याग देता।   

प्रश्न 2. वृद्ध ने भारत की दूरी बताने के लिए क्या-क्या कहा? आप अपने घर से स्कूल की दूरी कैसे बताएँगे? उत्तर वृद्ध ने भारत की दूरी बताने के लिए वर्षों की समुद्री यात्रा का वर्णन किया जिसमें वे जवान से बूढ़े हो गए। मैं स्कूल से घर की दूरी बताने के लिए किलोमीटर का प्रयोग करूँगा।

प्रश्न 1. सिंगापुर से कलिंग प्रदेश बहुत दूर था। लिखिए, ये चीजें सिंगापुर से कलिंग प्रदेश पहुँचते-पहुँचते कैसी हो जाएँगी-

(क) लोहे की छड़ कील

(ख) चादर रुमाल

(ग) तरबूज़ – अंगूर

(घ) तलवार चाकू

प्रश्न 1. कोष्ठक में सामने दिए गए शब्दों का सही रूप लिखकर वाक्य पूरा कीजिए-

(क) पड़ोसी राजाओं ने बिना लड़े ही ______ मान ली। (हारना)

(ख) राज्य के बुद्धिमान व्यक्तियों की एक बैठक ______ । (बुलाना)

(ग) उसने शीघ्र उस पर काम शुरू ______ दिया। (करना)

(घ) राजा को वह सुझाव बहुत पसंद ______ । (आना)

(ङ) फल भी रास्ते में ______ गए। (सूखना)

क. हार

ख. बुलाई

ग. कर

घ. आया

ङ. सूख   

प्रश्न 2. जो शब्दांश किसी मूल शब्द के पीछे जुड़कर नया शब्द बनाते हैं और उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, उन्हें प्रत्ययकहते हैं।

जैसे- बुद्धि + मान =बुद्धिमान

पाठ में से ऐसे चार शब्द ढूँढकर लिखिए-

क.  बुद्धि + बल = बुद्धिबल ।

ख. दिशा + ओं = दिशाओं ।  

ग. पहुँच + ते =  पहुँचते ।

घ. बंद + ई = बंदी । 

प्रश्न – किसी भी विकट परिस्थिति में यदि सोच-समझकर समस्या का हल ढूंढा जाए तो शायद आसानी से मिल जाएगा। क्या आपको भी ऐसा लगता है? यदि हाँ! तो सोचकर बताइए कि क्या कभी आपने भी ऐसे ही सोच-समझकर समस्या सुलझाई है?

उत्तर किसी भी विकट परिस्थिति में यदि सोच समझकर काम किया जाए तो समाधान निकाला जा सकता है। एक बार जब मैं सपरिवार कहीं जा रहा था तभी कार की टायर पंक्चर हो गई। टायर चेंज करने के लिए हमने उसके नट-बोल्ट खोले ही थे तभी गायों के झुंड रास्ते से गुजरने लगे और खोले हुए नट-बोल्ट कहीं खो गए। ऐसे में क्या किया जाए, तो मैंने अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए तीन चक्कों के एक-एक नट-बोल्ट खोले और चौथे चक्के में लगा दिया। इस तरह हम अपने गंतव्य तक पहुँच गए।     

1. भारत में अनेक राजा हुए हैं। भारत के कुछ राजाओं और उनके बुद्धिमान मंत्रियों के कुछ

रोचक किस्से कक्षा में सुनाइए ।

2. संसार के भौगोलिक मानचित्र पर दर्शाइए कि कलिंग प्रदेश की नौका सिंगापुर के तट तक कितनी दूरी तय करके पहुँची होगी।

छात्र स्वयं करें

पाठ – 14

बुद्धिमान राजा

1.

राजा       वर्ष          समुद्र

भारत      निर्दयी       प्रदेश

2.

क. वृद् ध  

ख. विद्वान  

ग. मिट् टी

घ. बुद् धिमान

ङ. छुट् टी  

च. लड्डू  

3. केवल पढ़ने और समझने के लिए

4.

क. परिश्रम – परिश्रम करना जीवन का अनिवार्य अंग है।

ख. ईर्ष्या – ईर्ष्या के लक्षण सभी मनुष्यों में पाए जाते हैं।  

5.

क. शीघ्र – जल्दी  

ख. शूरवीर – प्रतापी 

ग. आपत्ति – समस्या

घ. वृद्ध – बूढ़ा

ङ. पराजित – हारा हुआ

च. बुद्धिमान – चतुर

6.

क. लायक – नालायक

ख. सुना – अनसुना  

ग. आदर – अनादर

घ. गुण – अवगुण

ङ. राजा – रंक

च. आकाश – पाताल

7.

क. जी चुराना

ख. हक्का-बक्का रह जाना

ग. शेख़ी बघारना

घ. गोलमाल करना

8.

क. आजकल काम से जी चुराने वाले बहुत हो गए हैं।  

ख. सुनील को जब देखो तब वह शेख़ी बघारता रहता है।  

ग. आजकल कार्यालयों में गोलमाल होना आम बात है।  

9. अनुच्छेद

एक बार मैं सपरिवार अपनी कार में जमशेदपुर जा रहा था कि अचानक हमारी कार का एक चक्का पंक्चर हो गया। हमने चक्का बदलने के लिए चक्के को खोला और स्टेपनी लगाने की तैयारी करने लगे। यहाँ तक सब ठीक था पर जब चक्के को नट से कसने का समय आया तो हमने पाया कि मेरे छोटे भाई ने सारे नट्स गुम कर दिए है। अब हम सभी परेशान हो गए कि क्या किया जाए? तभी मैंने अपनी प्रबुद्ध बुद्धि का प्रदर्शन करते हुए तीनों चक्कों से एक-एक नट निकाल लिया और चौथे चक्के में लगा दिया। धीरे-धीरे  ही सही पर हम सही-सलामत जमशेदपुर पहुँच गए।    

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