DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 16, Chaand Ka Kurta चाँद का कुर्ता

चाँद –  शशि / Moon   

कुर्ता – कमीज़   

हठ – ज़िद   

ऊन – Wool

मोटा –  Fat

झिंगोला – मोटा कपड़ा

हवा –  वायु

जाड़ा–  शीत

यात्रा –  सफ़र

ठिठुरना –  ठंड से काँपना

सफ़र–  Journey 

आसमान –  आकाश

मौसम –  Season

भाड़ा –  किराया / Rent

सलोने –  प्यारे

कुशल –  Well

भगवान – God

जादू-टोना – Magic

बात –  कथन

नाप – Size

अंगुल– Finger

फूट – Foot

रोज़ – प्रतिदिन / Everyday

सी –  Stitch

बदन – शरीर, देह

प्रश्न 1. चाँद ने किस चीज़ के लिए हठ की?

उत्तर – चाँद ने अपनी माता से ऊन के एक मोटे झिंगोले के लिए हठ की। प्रश्न 2. माँ को किस बात का डर था ?

उत्तर – चाँद की माता को डर था कि किस नाप का झिंगोला सिलवाया जाए जो हर दिन चाँद के शरीर में ठीक आ सके।

प्रश्न 3. जाड़े में चाँद का क्या हाल होता है?

उत्तर – जाड़े के मौसम में चाँद आसमानी सफर करते समय ठंड से ठिठुरने लगता है जिससे उसकी हालत खराब हो जाती है। 

प्रश्न 4. नीचे दिए गए वाक्य किसने किससे कहे, लिखिए-

(क) भाड़े पर ही कुर्ता ला दो।”

उत्तर – क. चाँद ने अपनी माता से कहा। 

(ख) “किसी दिन बड़ा और किसी दिन छोटा हो जाता है। ”

उत्तर – ख. माता ने चाँद से कहा ।

प्रश्न 1. अपने शिक्षक, माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी या किसी बड़े से पता कीजिए कि चाँद-

प्रश्न (क) कब पूरा गोल हो जाता है?

उत्तर – क. चाँद पूर्णिमा के दिन पूरा गोल हो जाता है।

प्रश्न (ख) कब दिखाई ही नहीं देता?

उत्तर – ख चाँद अमावस्या के दिन पूरा गायब हो जाता है।    

प्रश्न 2. कविता की किन पंक्तियों से पता चलता है कि-

प्रश्न (क) कविता में सरदी के मौसम की बात की गई है।

उत्तर – क. सन-सन चलती हवा रात भर, जाड़े से मरता हूँ।

प्रश्न (ख) चाँद बहुत सुंदर है।

    उत्तर – ख. बच्चे की सुन बात कहा माता ने, अरे सलोने!

प्रश्न (ग) चाँद का कोई एक नाप नहीं है।

उत्तर – ग. कभी एक अंगुल भर चौड़ा, कभी एक फूट मोटा,

बड़ा किसी दिन हो जाता है और किसी दिन छोटा।  

प्रश्न 1. अगर गरमी होती तो

उत्तर – चाँद अपनी माता से किस बात के लिए हठ करता और क्यों?

अगर गरमी होती तो चाँद अपनी माता से सूती वस्त्र के लिए ज़िद करता क्योंकि गरमी के दिनों में सूती वस्त्र पहनने से गरमी कम लगती है।

प्रश्न 2. आप अपनी माता से किस चीज़ की हठ करते है और क्यों?

उत्तर – मैं अपनी माता से किताबों के लिए ज़िद करता क्योंकि किताबों में बहुत सारी ज्ञान की बातें होती हैं। 

प्रश्न 3. क्या सूरज की ये माँग होती?

उत्तर – हाँ, सूरज की ये माँग होती की वह बहुत गरम हो चुका है उसे थोड़ी शीतलता मिलनी चाहिए।

प्रश्न 1. कविता में प्रयुक्त हुए कारक चिह्नों को शब्दों के साथ लिखिए-

क. माता से

ख. बच्चे की

ग. आँखों को

घ. जाड़े से

ङ. बदन में

छ. ऊन का   

प्रश्न 2. युग्म शब्दों द्वारा वाक्य पूरे कीजिए-

(क) मज़दूर रात-दिन  मेहनत करता है।

(ख) आसमान में चाँद का आकार घटता-बढ़ता रहता है।

(ग) पर्वतीय रास्ता ऊँचा-नीचा होता है।

(घ) मेरे बस्ते में मोटी-पतली सभी तरह की पुस्तकें हैं।

उत्तर – क. रात-दिन 

उत्तर – ख. घटता-बढ़ता   

उत्तर – ग. ऊँचा-नीचा 

उत्तर – घ. मोटी-पतली

हठ कर बैठा चाँद एक दिन

इस कविता में चाँद ने अपनी माँ से हठ की।

प्रश्न – क्या आप भी अपने परिवार के सदस्यों से ज़िद्द करते हैं?

उत्तर – हाँ, मैं भी अपने परिवार के सदस्यों से ज़िद करता हूँ।

प्रश्न – क्या हठ करना अच्छी आदत है? यदि हाँतो क्यों और नहीं तो क्यों?

उत्तर – हठ करना सही भी है और नहीं भी। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हठ किस चीज़ के लिए की जा रही है। अगर हठ किसी अच्छे चीज़ के लिए किया जा रहा है तो हठ करना बिलकुल सही है।

कवि रामधारी सिंह दिनकर की कोई अन्य बाल-सुलभ कविता ढूँढकर लिखिए और कक्षा में सुनाइए ।

पाठ – 16

चाँद का कुर्ता  

1.

क. इन पंक्तियों में माँ अपने बच्चे की कुशल-मंगल की कामना कर रही है।  

ख. हाँ, मेरी दादी सूखी मिर्च और काले जीरे से मेरी नज़र उतारती हैं।  

2.

क. सुंदर – आदमी, कंबल, कपड़ा

ख. चौड़ा – रास्ता, दरवाजा, कागज़  

ग. छोटा – घर, बच्चा, कद 

3.

क. भगवान – ईश्वर, प्रभु 

ख. बदन – तन, काया

ग. आसमान – नभ, गगन

घ. चाँद – शशि, चंद्रमा

ङ. धरती – वसुधा, वसुंधरा 

4

क. से

ख. का

ग. ने

घ. में

5.

क. छोटा – बड़ा

ख. पतला – मोटा

ग. रात – दिन

घ. घटता – बढ़ता

ङ. सरदी – गरमी

च. अनेक – एक

6.

क. दर्जी

ख. बढ़ई

ग. लुहार

घ. सुनार

ङ. चिकित्सक

7.

क. जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है तब चंद्रग्रहण होता है। ऐसे में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित होते हैं।     

8.

क. पूर्णिमा – इस दिन चाँद पूरा गोल दिखता है और प्रकाशमयी होता है।

ख. अमावस्या इस दिन चाँद दिखाई ही नहीं देता है और रात  अंधकारमयी होती है।

9.

पूर्णिमा                      अमावस्या

कार्तिक पूर्णिमा           वट सावित्री व्रत

गुरु पूर्णिमा              लक्ष्मी पूजा (दीवाली)

होली                    महालया अमावस्या

हनुमान जयंती            भौमवती अमावस्या

सत्यनारायण पूजा         शनि जयंती

मधु पूर्णिमा              मौनी अमावस्या

10. डायरी लेखन  

दिनांक – xx/xx/20xx

समय – 09:30 PM

आज मेरे मित्र रहमान ने मुझे ईद की दावत पर अपने घर बुलाया था। यह मेरे जीवन का पहला ईद का त्योहार था जिसे मैंने अपने मित्र के साथ मनाया। उसके घर में सारी चीज़ें बड़े अच्छे तरीके से सजाई गई थीं। उन्होंने इस त्योहार की तैयारियाँ बहुत पहले से ही शुरू कर दी थीं। उन्होंने उस दिन बड़े अच्छे-अच्छे पकवान बनाए थे। उन सभी व्यंजनों में मुझे फिरनी और सेवइयाँ बहुत अच्छी लगीं। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि रमजान के महीने में वे रोज़ा रखते हैं। इस त्योहार को सभी आपस में मिलकर मनाते हैं और ख़ुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएँ माँगते हैं।

राकेश गुप्ता

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