DAV Solution, Class 7, Gyan Abhyas Sagar Chapter – 4, Batooni बातूनी

सुभीता – सुविधा

लिफ़ाफ़ा – खाम, Envelope

पोस्ट ऑफिस – डाक घर

कष्ट – पीड़ा

भुगतना – झेलना

सज्जन – Gentleman

सहर्ष – खुशी से

चिट्ठी – पत्र, ख़त

टिकट – Ticket

परेशान – चिंतित, Upset

मौका – अवसर

आकाश – नभ, गगन

पृथ्वी – भू, भूमि

साब – Sir

नज़र – झलक

मेडिकल स्टोर – औषधि दुकान 

फ़ादर – पिता

दिल का दौरा – Heart attack

बीमारी – रोग

फैशन – Fashion

यार – दोस्त

वक्त – समय

भगवान – ईश्वर

स्टेशन – Station

अचानक – सहसा

एजेंट – प्रतिनिधि, Agent

बस्ता – Bag

फर्म – Firm

बेवकूफ़ – मूर्ख

भाग्य – किस्मत

फ़ौरन – तुरंत

काहे – किस

झट – तुरंत

शामिल – सम्मिलित

मन हल्का होना – Relaxed

संक्षेप – Summing

लगभग – करीब-करीब

विवरण – ब्योरा, Detail

कसम – सौगंध

अधिकार – हक, Right

भूमिका – किरदार, Role

ख़ुफ़िया – गोपनीय, Secret

होशियारी – चालाकी

विभाग – Department

जवाब – उत्तर

सिविल – नागरिक

सर्जन – शल्य चिकित्सक

असल – Actually

पुलिस – दारोगा, Police

आमतौर – Generally

बँगला – Bungalow

गोद – अंक, Lap

पारिवारिक – Family

संबंध – Relation

प्रोफ़ेसर – Professor

ससुर – Father-in law

डाकू – Dacoit

स्वर्ग – जन्नत

दर्शन – देखना

हनुमान – बजरंगबली

काँपना – थरथराना

चेहरा खिलना – खुश होना

कर्नल – Colonel

जिम कोर्बेट – एक अंग्रेज़ शिकारी का नाम

रक्षा – Guard

प्रश्न 1. लेखक ने सज्जन को क्या काम करने के लिए कहा और क्यों?

उत्तर – लेखक ने सज्जन को एक कागज़ लिफ़ाफ़े में भरकर उस पर एक निर्दिष्ट पता लिखकर डाक घर में छोड़ देने के लिए कहा था क्योंकि वह लिफ़ाफ़ा उस दिन छोड़ा जाना ज़रूरी था और लेखक के पास समय नहीं था। 

प्रश्न 2. सज्जन ने राजू से लिफ़ाफ़ा क्यों माँगा?

उत्तर – सज्जन ने राजू से लिफ़ाफ़ा माँगा ताकि वह लेखक के कागज़ को उसमें डालकर पोस्ट ऑफिस में छोड़ सके। 

प्रश्न 3. लोग आमतौर पर दूसरों से यह प्रश्न क्यों पूछते हैं कि आप कहाँ जा रहे हैं?

उत्तर – लोग आमतौर पर दूसरों से यह प्रश्न पूछते हैं कि आप कहाँ जा रहे हैं क्योंकि ये आजकल की सामान्य प्रथा बन चुकी है कि जब लोग एक-दूसरे को कहीं जाते देखते हैं तो सामान्य अभिवादन के रूप में यह सवाल पूछ लिया जाता है और सचमुच वे उनके किसी परिचित से मिलने जा रहे हैं तो उन्हें उनके बारे में जानकारी दे सकें।

प्रश्न 4. लेखक ने घर से बाहर जाने का कौन – सा रास्ता लेने का फ़ैसला किया और क्यों?

उत्तर – लेखक ने घर से बाहर जाने के लिए मुख्य रास्ते का त्याग कर आधा मील लंबी राह को अपना लिया था ताकि वे सज्जन उन्हें मुख्य रास्ते पर न मिलें और न ही व्यर्थ में उनका समय बर्बाद हो।

प्रश्न 5. उचित उत्तर पर सही (P) का निशान लगाइए-

प्रश्न (क) साहनी मेडिकल स्टोर से लेखक ने क्या लिया?

लिफ़ाफ़ा

टिकट

पेन

काग़ज़

उत्तर – लिफ़ाफ़ा

प्रश्न (ख) सज्जन ने चिट्ठी लेटर बॉक्स में डालने का विवरण कितनी देर में दिया?

एक घंटा

पंद्रह मिनट

आधा घंटा

चालीस मिनट

उत्तर – आधा घंटा

प्रश्न (ग) सज्जन के चाचा के बड़े अच्छे दोस्त कौन थे ?

तिवारी जी

डॉ. गुप्ता

राजू

डाकिया

उत्तर – डॉ. गुप्ता

प्रश्न 6. पाठ में से सही शब्द छाँटकर रिक्त स्थान भरिए-

(क) वे दस-पंद्रह मिनट तक डॉ. गुप्ता से अपने _____ संबंध बताते।

(ख) कभी मैं कहता – प्रोफेसर _____ से मिलने जा रहा हूँ।

(ग) मुझे तो भगवान ने _____ में खिलाया है।

(घ) एक दिन वे _____ में मिल गए।

(ङ) अच्छा,तो फिर घर पर ही _____ करूँगा।

क. पारिवारिक              

ख. तिवारी                 

ग. गोद

घ. बाज़ार

ङ. दर्शन

प्रश्न 1. लेखक उस सज्जन से क्यों नहीं मिलना चाहता था?

उत्तर – लेखक उस सज्जन से नहीं मिलना चाहता था क्योंकि वह बहुत ही बातूनी था और वह केवल अपनी ही बातें किया करता था। उसे इस बात का भी इल्म (बोध) न होता था कि सामने वाला उसकी बातों में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। लेखक को उससे मिलना अपने समय की बरबादी लगता था।

प्रश्न 2. अपना काम किसी और से करवाने का क्या-क्या परिणाम हो सकता है, विचार कीजिए ।

उत्तर – अपना काम किसी और से करवाने पर उस काम में त्रुटि की संभावना बनी रहती हैं। इसके अतिरिक्त हम उस व्यक्ति के ऋणी हो जाते हैं और हो सकता है कि भविष्य में वे हमें उलाहना भी दे।

प्रश्न 3. कोई ऐसा किस्सा सुनाइए जब आपकी किसी से लंबी बातचीत हुई हो?

उत्तर – बहुत दिनों के बाद जब मैं अपने पहले विद्यालय के सहपाठी से मिला तो पुरानी यादों को ताज़ा करने में हमारी बातचीत बहुत लंबी चली। 

प्रश्न 1. यदि आप लेखक की जगह होते तो सज्जन से किस प्रकार बातें करते?

उत्तर – यदि मैं लेखक की जगह होता तो सज्जन से पहले तो बहुत ही आदर भाव के साथ बातें करता फिर उसकी आदत से परिचित हो जाने के बाद धीरे-धीरे उससे दूरी बना लेता।  

प्रश्न 2. मान लीजिए कि सज्जन लेखक का काम नहीं कर पाते तो कहानी में क्या बदलाव आता?

उत्तर – यदि सज्जन लेखक का काम नहीं कर पाते तो लेखक से मिलने पर सज्जन काम के न कर पाने का लंबा-चौड़ा विवरण प्रस्तुत करते और यदा-कदा लेखक के किसी काम को पूरा करने की कोशिश करते ताकि वे अपनी योग्यता सिद्ध कर सकें।    

प्रश्न 1. पाठ में से कोई दस संयुक्त अक्षरों को ढूँढकर उन्हें शब्द-कोश के क्रमानुसार लिखिए-

अच्छा

क्या 

गुप्ता

चिट्ठी

दोस्त

पोस्ट

बॉक्स

रास्ता

सज्जन

स्टेशन

प्रश्न 2. नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द पाठ में से ढूँढकर लिखिए-

(क) अंदर – बाहर

(ख) पाताल – आकाश

(ग) विस्तार – संक्षेप

(घ) पुण्य – पाप

प्रश्न 3. नीचे दिए गए शब्द समूहों में से विशेषण व विशेष्य शब्द अलग-अलग करके लिखिए-

               विशेषण       विशेष्य

क. अच्छे दोस्त  अच्छे         दोस्त

ख. आपकी चिट्ठी   आपकी        चिट्ठी

ग. हमारे चाचा        हमारे         चाचा

घ. इतनी बात         इतनी         बात

ङ. भला आदमी    भला      आदमी

• यह मैंने बहुत संक्षेप में लिखा है। उन्होंने लगभग आधा घंटा इस विवरण में लिया।

प्रश्न 1. ज़रूरत ये ज़्यादा बोलने के क्या परिणाम हो सकते हैं? बताइए।

उत्तर – ज़रूरत से ज़्यादा बोलने पर आपकी अहमियत कम हो जाती  है। लोग आपको हल्के में लेने लगते हैं और साथ ही साथ आपको अप्रभावी व्यक्तित्व वाला निठल्ला व्यक्ति मानने  लगते हैं।    

प्रश्न 2. बातचीत या बोलना भी एक कला है – इस विषय पर अपने विचार बताइए ।

उत्तर – बातचीत या बोलना वास्तव में एक कला है। जिसमें बातचीत या बोलने के गुण होते हैं वे लोगों को अपनी तरफ खींच लेते हैं। उनके सान्निध्य में लोगों को बहुत अच्छा लगता है। आजकल के बाबा, गुरु, प्रवक्ता, विदूषक (Comedian) ये सभी अपने बातचीत की कला के करण लोगों के हृदय पर छाए हुए हैं। 

1. कहानी ‘बातूनी’ को नाटक रूप में लिखकर उसका कक्षा में मंचन कीजिए।

उत्तर – शिक्षक के दिशानिर्देश में करवाया जाएगा।

2. व्यंग्य कथाएँ पढ़िए और अपनी मनपसंद व्यंग्य कथा कक्षा में सुनाइए।

उत्तर – शिक्षक के दिशानिर्देश में करवाया जाएगा।

पाठ – 4

बातूनी

उपसर्ग और प्रत्यय

1.

क. सहर्ष            स           हर्ष

ख. संयोग       सम्         योग

ग. विभाग       वि          भाग

घ. अधिकार     अधि        कार

ङ. सज्जन       सत्         जन

2.

क. लिखकर      लिख        कर 

ख. घबराहट      घबरा    आहट

ग. पारिवारिक    परिवार       इक

घ. उठता        उठ          ता

ङ. बीमारी       बीमार       ई 

3.

क. आरंभ, उपसर्ग

ख. अंत, प्रत्यय

4.

क. अभि + मान – अभिमान

ख. नि + वास – निवास 

ग. दुर् + गुण – दुर्गुण

घ. परा + जय – पराजय 

ङ. बहु + मूल्य – बहुमूल्य

5.

क. खेल + औना – खिलौना 

ख. चढ़  + आई – चढ़ाई

ग. बच्चा + पन – बचपन

घ. मीठा + आस – मिठास

ङ. गरम + आहट– गरमाहट

6.

क. अति + रिक्त – अतिरिक्त 

ख. स + सपरिवार – सपरिवार

ग. प्र + सन्न – प्रसन्न

घ. अ + ज्ञात – अज्ञात

ङ. अन + पढ़ – अनपढ़

7.

क. ओढ़ + नी – ओढ़नी

ख. दिख + आवा – दिखावा

ग. साँप + एरा – सँपेरा

घ. बूढ़ा + पा – बुढ़ापा

ङ. मनुष्य + ता – मनुष्यता

च. दुकान + दार – दुकानदार 

8.

क. उप + क्रम – उपक्रम

ख. प्रति + कूल – प्रतिकूल

ग. अप + यश – अपयश

घ. आ + जीवन  – आजीवन

ङ. ना + समझ  – नासमझ

च. अन + देखा – अनदेखा

9.

क. चट + नी – चटनी

ख. झाड़ + ई – झाड़ी

ग. सज + आवट– सजावट

घ. हँस + ई – हँसी

ङ. मोटा + आपा – मोटापा

10.

क. सप्ताह + इक – साप्ताहिक

ख. संसार + इक – सांसारिक

ग. धर्म + इक – धार्मिक

घ. अर्थ + इक – आर्थिक

ङ. मास + इक – मासिक

11.

क. जीव + इक – जैविक

ख. नीति + इक – नैतिक

ग. शिक्षा + इक – शैक्षिक

घ. विचार + इक – वैचारिक

ङ. विज्ञान + इक – वैज्ञानिक

12.

क. प्र + सन्न + ता – प्रसन्नता

ख. अ + स्वच्छ  + ता – अस्वच्छता

ग. निर् + बल + ता – निर्बलता

घ. प्र + भाव + इत – प्रभावित

13.

क. अस्वच्छता

ख. गाँव

ग. विदेश

घ. दुर्गंध

ङ. संध्या

च. अपकर्ष

14.

क. विद्यार्थी

ख. सुंदर

ग. द्वारा

घ. उत तर

ङ. उद्यान

च. बुद्धिमान

15.

क. वृक्ष – पेड़, तरु, जलधर  

ख. बादल – मेघ, घन, जलधर  

ग. पर्वत – पहाड़, गिरि, अचल

घ. पक्षी – खग, विहग, नभचर

ङ. निर्मल – साफ़, स्वच्छ, पवित्र

16.

मित्र – अभि, मैंने तुम्हारा काम कर दिया।

आप – कुछ परेशानी हुई थी क्या?

मित्र – नहीं यार, बल्कि मज़ा आया।

आप – वो कैसे?

मित्र – तुम्हारे चाचाजी तो बड़े अच्छे आदमी निकले।

आप – तुम्हारा मतलब!

मित्र – अरे यार, उन्होंने अच्छी-अच्छी मिठाइयाँ खिलाईं।

आप – वे कुछ और पूछ रहे थे क्या?

मित्र – हाँ, तुम्हारे पढ़ाई के बारे में।

आप – तुमने क्या कहा?

मित्र – मैंने कह दिया कि तुम अच्छी पढ़ाई करते हो।

आप – ठीक कहा।

मित्र – और कुछ समान तुम्हारे चाचाजी को देना हो तो बताना।

आप – क्यों फिर से मिठाइयाँ खानी हैं क्या?

मित्र – ठीक पकड़ा।

आप – ठीक है बताऊँगा।

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