शब्दार्थ
पंछी – पक्षी
उन्मुक्त – आज़ाद
गगन – आकाश
पिंजरबद्ध – पिंजरे में बंद
कनक-तीलियाँ – सोने की आरे, Gold Spoke
पुलकित – खुश
पंख – Feather
जल – पानी, नीर
कटुक – कड़वा
निबौरी – नीम का फल
कटोरी – एक पात्र, Utensil
मैदा – Fine Flour
स्वर्ण – सोना, कनक
शृंखला – कड़ी
बंधन – गाँठ, Bond
गति – वेग
फुनगी – चोटी
अरमान – इच्छा
सीमा – सरहद, Border, Frontier
चोंच – Beak
तारक – तारे
अनार – एक फल, Pomegranate
क्षितिज – Horizon
डोरी – धागा
नीड़ – घोंसला
आश्रय – शरण, Shelter आकुल – व्याकुल
कविता में से
कविता में से
1. किस कारण पक्षियों के पंख टूट जाएँगे?
स्वतंत्रता की चाह में पिंजरबद्ध पक्षी सोने के पिंजरे की तीलियों से बार-बार टकराएँगे जिससे पक्षियों के पंख टूट जाएँगे।
2. पिंजरे में बंद रहकर मिलने वाले खाने व पानी की जगह पक्षियों को क्या पसंद है और क्यों?
पिंजरे में बंद रहकर मिलने वाले खाने व पानी की जगह पक्षियों को उन्मुक्त गगन में विचरण करना पसंद क्योंकि जीवन संघर्ष का ही पर्याय है। पिंजरे में बिना श्रम किए ही दाना-पानी उपलब्ध हो जाता है जो पक्षियों के नियमों के विरुद्ध है। दूसरी तरफ़ प्रकृति ने सभी को स्वतंत्र रहने के लिए बनाया है न कि पराधीनता में।
3. पक्षियों के क्या अरमान हैं?
पक्षियों के अरमान उन्मुक्त और असीम नील-गगन में उड़ना है और अपनी चोंच से तरह-तरह के फल खाने का है।
4. भावार्थ स्पष्ट कीजिए-
लेकिन पंख दिए हैं, तो
आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।
इन पंक्तियों का भाव यह है कि जब ईश्वर ने पक्षियों को पंख दिए हैं तो अपने स्वार्थ के लिए इन्हें पिंजरे में बंद करके हमें इनकी उड़ान में बाधा नहीं डालनी चाहिए।
5. उचित उत्तर पर सही (P ) का निशान लगाइए-
(क) पक्षी कहाँ गा नहीं पाएँगे?
घोंसले में
पिंजरे में
आकाश में
पेड़ों में
उत्तर – पिंजरे में
(ख) स्वर्ण – शृंखला के बंधन में पक्षी क्या भूल गए हैं?
पढ़ना
नहाना
उड़ना
सोना
उत्तर – उड़ना
(ग) पक्षियों का क्या सपना है?
स्वच्छंद रहने का
घोंसले पर रहने का
पिंजरे में रहने का
महल में रहने का
उत्तर – स्वच्छंद रहने का
6. कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए-
क. बस सपनों में देख रहे हैं
तरु की फुनगी पर झूले।
ख. या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी।
बातचीत के लिए
1. ‘कटुक निबौरी’ और ‘कनक कटोरी’ के द्वारा किस ओर संकेत किया गया है?
‘कटुक निबौरी’ और ‘कनक कटोरी’ द्वारा कवि स्वतंत्रता के महत्त्व की ओर संकेत करते हैं। कवि का मानना है कि स्वतंत्र रहने पर नीम का कड़वा फल भी हमारे लिए छप्पन भोग से कम नहीं होता और पराधीन रहने पर सोने की कटोरी में मिलने वाला भोजन भी हमारे लिए बेस्वाद होता है।
2. हमें पक्षियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। चर्चा कीजिए ।
हमें पक्षियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए क्योंकि ये उड़ने-फिरने वाले पक्षी ईश्वर के चमत्कार हैं। इनकी ध्वनियों की वजह से ही सुबह मधुर लगती है और संध्या आकर्षक। वास्तव में ये नभ के जीवंत सौंदर्य हैं।
3. पक्षियों की और हमारी दिनचर्या में क्या अंतर है?
पक्षियों और हमारी दिनचर्या में आकाश-पाताल का अंतर होता है। पक्षी सूरज के उगने से पहले ही उठकर अपनी मीठी ध्वनियों से हमें उठाते हैं। भोजन की तलाश में आकाश में विचरण करते हैं और संध्या होते ही पुनः अपने-अपने घोंसले में लौट आते हैं, जबकि हमारी दिनचर्या प्राकृतिक न होकर कृत्रिम (मानव निर्मित) होती है।
अनुमान और कल्पना
1. कल्पना कीजिए कि आप एक पक्षी हैं जिसे पिंजरे में बंद कर दिया गया है। आप उसमें से बाहर निकलने के लिए क्या प्रयास करेंगे?
अगर मैं पिंजरे में बंद पक्षी होता तो अपनी पूरी ऊर्जा स्वतंत्र होने में व्यय कर देता और उस समय तक हार नहीं मानता जब तक मैं स्वतंत्र नहीं हो जाता या मेरे प्राण नहीं निकल जाते।
2. यदि आप पंछी बनकर खुले गगन में घूमते हैं तो आपको धरती का नज़ारा कैसा लगेगा?
यदि मैं पंछी बनकर खुले गगन में घूमता तो वह पल मेरे लिए हृदय-स्पर्शी होता और पृथ्वी का नज़ारा मेरे लिए शिखर से आधार की ओर देखने वाला होता जो सचमुच अपने-आपमें अनूठा होता।
3.अगर कबूतर ने आपके घर के किसी कोने में घोंसला बनाकर उसमें अंडा दे दिया तो आप उसकी देखभाल कैसे करेंगे?
अगर कबूतर ने मेरे घर के किसी कोने में घोंसला बनाकर अंडा दे दिया है तो मैं उसे कुछ भी नहीं करूँगा बस इतना ही ख्याल रखूँगा कि वह जगह साँप, बिल्ली और चूहों से सुरक्षित रहे।
भाषा की बात
1. दिए गए विशेष्यों के लिए कविता में आए विशेषण शब्द लिखिए-
क. पुलकित – पंख ग. कनक – कटोरी
ख. उन्मुक्त – गगन घ. कटुक – निबौरी
2. नीचे लिखे क्रिया शब्दों को शब्दकोश के क्रमानुसार क्रम संख्या दीजिए-
उड़ान
चुगते
जाएँगे
डालो
दिए
देख
पाएँगे
बन
बहता
भूले
3. नीचे दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द एक कविता में से और एक अपनी ओर से लिखिए-
क. पक्षी – पंछी, खग
ख. नभ – गगन, अंबर
ग. पेड़ – तरु, वृक्ष
जीवन मूल्य
‘हम पंछी उनमुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे ‘
1. पक्षियों को पिंजरे में बंद करना उनकी आज़ादी छीनना है? कैसे?
पक्षियों को पिंजरे में बंद करना उनकी आज़ादी छीनना है क्योंकि विधाता ने उन्हें पंख उन्मुक्त गगन में उड़ने के लिए दिए हैं तो उन्हें अपने स्वार्थ के लिए कैद करके रखना उनकी आज़ादी पर प्रतिबंध लगाना है।
2. हमें किसी की भी स्वतंत्रता क्यों नहीं छीननी चाहिए?
स्वतंत्रता सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है। हमें किसी की भी स्वतंत्रता नहीं छीननी चाहिए क्योंकि यह मानव धर्म के प्रतिकूल है। ईश्वर ने सभी को स्वतंत्र रहने और अपनी रक्षा करने के लिए कुछ न कुछ दे रखा है तो हमें उस ईश्वर के बनाए नियमों का उल्लंघन कदापि नहीं करना चाहिए।
कुछ करने के लिए
1. उन पक्षियों के बारे में पता करके एक रिपोर्ट तैयार कीजिए जिनकी संख्या कम होती जा रही है, इसके क्या कारण हैं और हम इनका संरक्षण किस प्रकार कर सकते हैं?
भारत में देखी जाने वाली पक्षियों की दस प्रजातियों को गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल किया है। इनमें ग्रेट साइबेरियन क्रेन, गोडावण (Indian Bustard), सफेद पीठ वाला गिद्ध, लाल– सिर वाला गिद्ध, जंगली उल्लू और सफेद पेट वाला बगुला आदि शामिल हैं। हम इनका संरक्षण अनेक प्रकार से कर सकते हैं, जैसे लोगों में इसके बारे में जागरूकता फैलाकर और सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को मानकर।
2. पक्षियों से जुड़ी अन्य कविताएँ पढ़िए और कोई एक कविता कक्षा में सुनाइए ।
खुले नभ का सौन्दर्य है पक्षी
प्रकृति का सौन्दर्य है पक्षी
पक्षी भी हैं देवों के वाहन
पक्षी से मौसम मनभावन
खाली कर दो अपने पिंजरे
पक्षी को दे दो आकाश
मेरे कहने से न तुम मानो
पर होगा सुख का आभास
अभ्यास सागर
पाठ – 1
हम पंछी उनमुक्त गगन के
अनुस्वार, अनुनासिक, ‘र’ के रूप
नुक्ता, आपठित काव्यांश
1.
पंछी
पिंजरबद्ध
शृंखला
बंधन
पाएँगे
2.
क. अंगूर
ख. चाँद
ग. आँगन
घ. संवाद
ङ. जाऊँगा
च. भावनाएँ
छ. साँप
ज. मंजिल
झ. पसंद
3. केवल समझने के लिए
4.
क. धर्म
ख. विद्यार्थी
ग. राष्ट्र
घ. शर्म
ङ. ग्रह
च. कर्म
छ. ड्रामा
ज. आशीर्वाद
झ. व्रत
5. केवल समझने के लिए
क. ज़रा
ख. गज़
ग. फ़िल्म
घ. अंग्रेज़
ङ. ज़ुल्म
च. दर्ज़ी
छ. बर्फ़
ज. रोज़ा
झ. शराफ़त
ञ. फ़र्क
ट. कर्ज़
ठ. इज़्ज़त
6.
क. प्रथम पंक्ति में ‘लहर’ शब्द का अर्थ ‘बाधा’ है।
ख. मंजिल के दीवाने संकल्पों के सागर और साहस के ध्रुवतारे हैं।
ग. ‘तूफ़ानों को तौल चुके हम’ का आशय है कि हमें सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों का बोध है।
घ. किसी के आँखों से आँसू नहीं छलकने चाहिए क्योंकि ये दुख और कमज़ोरी की निशानी होती है।
ङ. भाग्य को मुट्ठी में करने के लिए हमें दृढ़ संकल्पित होते हुए लक्ष्य के न प्राप्त हो जाने तक प्रयासरत रहना होगा।
7.
क. गगन – नभ, गगन
ख. जल – पानी, नीर
ग. तरु – वृक्ष, पेड़
घ. अरमान – इच्छा, अभिलाषा
ङ. किरण – अंशु, रश्मि
च. विघ्न – बाधा, कठिनाई
8.
क. पुरस्कार
ख. निंदा
ग. सदुपयोग
घ. हर्ष
9.
क. चिह्न – चिह्न
ख. ब्रह्मा – ब्रह्मा
ग. गड्ढा – गड्ढा
घ. मिट्टी – मिट्टी
ङ. विद्यालय – विद्यालय
च. विद्वान – विद्वान
10.
क. माला – नेताजी की मूर्ति को फूलों की माला पहनाई गई।
हारना – खेल में हारना-जीतना लगा रहता है।
ख. एक दिशा – दिल्ली उत्तर दिशा में है।
जवाब – मुझे इस सवाल का जवाब पता है।
ग. गोद – बच्चा माँ की गोद में सोया हुआ है।
संख्या – मेरी स्कूल की क्रम संख्या 13 है।
11.
क. धोए सकर्मक
ख. दौड़ अकर्मक
ग. पढ़ी सकर्मक
घ. बाँटें सकर्मक
ङ. आए सकर्मक
12. आदर्श\प्रेरक व्यक्ति
प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन के कुछ सिद्धांत तय करते हैं। ये सिद्धांत या तो उसके अपने बनाए हुए होते हैं या फिर अपने किसी आदर्श व्यक्ति के होते हैं। मेरे आदर्श व्यक्ति हैं ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’। इनका व्यक्तित्व सदा मुझे प्रेरित करता है। शत्रुओं के साथ उग्र और मित्रों के साथ सौम्य बने रहना मैंने इन्हीं से सीखा है। इनके आचरण और व्यवहार को अपने जीवन में उतार लेना, सफलता के द्वार स्वतः ही खोल देता है। इनका अंग्रेजों की नज़रबंदी से निकलकर इंडियन नेशनल आर्मी के गठन तक का सफ़र इनके अद्वीतीय नेतृत्व शक्ति का ही प्रमाण है। मैं इनकी काबिलियत, शिक्षा-दीक्षा, आचरण, व्यवहार, जुझारू प्रवृत्ति का कायल और बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ।