DAV Solutions Class – VIII Chapter -5 Akash Ko Saat Sidhiyan आकाश को साथ सीढ़ियाँ 

सीढ़ियाँ – Ladder

विज्ञापन – Advertisement

पायलट – चालक

कॉलेज – महाविद्यालय

महाकाश – अंतरिक्ष/ Space

प्रार्थी – Candidate

परीक्षण – test

प्रतीक्षा – इंतज़ार

प्रकोष्ठ – Cabin

प्रशिक्षण – Training

एकांत – अकेला

किवाड़ – दरवाजा

रंचमात्र – थोड़ा भी

तंग – छोटा/ Narrow

संदूक – Box

नेत्रहीन – अंधा व्यक्ति

अक्षर – Letter

एकाएक – अचानक

पुलकित – खुश

अन्यथा – नहीं तो

माँसपेशियाँ – Muscles

खून – लहू

भार – वजन 

इशारा – संकेत

वायुमंडल – Atmosphere

धुआँ – Smoke

तापमान – Temperature

गर्जना – तीखी आवाज़

नाद – ध्वनि

भार-शून्य – Zero weight

वास्तविक – Real

फ़ौरन – तुरंत

पोशाक – वस्त्र, वसन

यंत्र – मशीन

ग्लव – Gloves

अचंभा – आश्चर्य

लघुचाप – Low pressure

दुसाध्य – जो बहुत मुश्किल हो

विलोम

तंग # विस्तृत

नेत्रहीन # नेत्रवान 

अक्षर # क्षर

वास्तविक # अवास्तविक

पर्याय

प्रतीक्षा – इंतज़ार, अपेक्षा 

नेत्रहीन – अंधा, सूरदास, अक्षहीन 

खून – लहू, रक्त 

फ़ौरन – तुरंत, शीघ्र, जल्दी 

पोशाक – वस्त्र, वसन, अंबर

उपसर्ग / प्रत्यय

सीढ़ियाँ – सीढ़ी + याँ

पुलकित – पुलक + इत

गर्जना – गर्जन + आ

माँसपेशियाँ – माँसपेशी + याँ

वास्तविक – वास्तव + इक

प्रत्यय

विज्ञापन – वि + ज्ञापन

महाकाश – महा + आकाश

प्रकोष्ठ – प्र + कोष्ठ

प्रशिक्षण – प्र + शिक्षण

एकांत – एक + अंत

अक्षर – अ + क्षर

दुसाध्य – दु + साध्य

पाठ – 5

आकाश को सात सीढ़ियाँ

कहानी लेखन

बारिश हो रही थी, मैं बारिश का मज़ा लेते हुए जा रहा था। तभी सामने भीड़ दिखी। मैं रुक गया। मैंने देखा कि एक बुजुर्ग व्यक्ति सड़क पर गिरे पड़े हैं। वे अपनी स्कूटर से गिर पड़े थे क्योंकि सड़क के गड्ढे बारिश के पानी से भर चुके थे और उन्हें इस बात का अंदाज़ा न था। उनके कंधे पर गहरी चोटें आईं थी और रक्तस्राव भी हो रहा था। वे पूरे होश में थे और अपने घर के किसी सदस्य का मोबाइल नंबर बता रहे थे ताकि वे उनकी मदद के लिए पहुँच सकें। मैंने इस नाजुक समय में उनकी मदद करने की सोची और तुरंत ही उन्हें ऑटो में नज़दीकी अस्पताल में ले गया। कुछ देर बाद जब उनके परिवार के सदस्य वहाँ पहुँचे तो उन्होंने मुझे धन्यवाद दिया। बारिश तब भी हो ही रही थी। मैं फिर बारिश में भीगते-भीगते निकल पड़ा। अबकी बार मैं मज़ा लेने के साथ-साथ मानवता की सेवा के उद्देश्य से भी आगे बढ़ने लगा।  

You cannot copy content of this page