शब्दार्थ
पत्र – ख़त, चिट्ठी, Letter
सप्रेम – प्रेम के साथ
जीवन – ज़िंदगी
सच – हक़ीक़त
विलक्षण – अद्भुत
अनुभव – Experience
साझा – बाँटना
गणित – Mathematics
अध्यापिका – शिक्षिका, Lady Teacher
गहरा – Deep
प्रभाव – असर, Effect
मुश्किल – कठिन
सवाल – प्रश्न
हल – समाधान
मेधावी – प्रतिभावान
उत्सुक – व्याकुल
समय – वक़्त
संभव – मुमकिन
चौंकाना – आश्चर्य
विशेष – खास, Special
कठिनाई – जटिलता
सीखना – Learn
प्रज्ञाचक्षु – ज्ञान की आँखें
विषय – Topic
जिज्ञासा – जानने की इच्छा, Curiosity
कल्पना – Imagination
उदहारण – मिसाल, Example
दिव्यचक्षु – अंधा, Divine Eye
दृढ़-विश्वास – Strong-Belief
चकित – आश्चर्य
छात्र – विद्यार्थी
शिखर – चोटी, Summit
शक्ति – ऊर्जा, ताकत
उत्साह – जोश
प्रकाश – उजाला
मधुर – मीठा
संगीत – Music
प्रसिद्द – विख्यात, Famous
संगीतज्ञ – Musician
विस्तार – Detail
लेखिका – Lady Writer
महसूस – आभास
व्यक्तित्व – Personality
अद्भुत – अनूठा
प्रेरणादायी – Inspirational
अचानक – सहसा
बीमार – रोगी
चिंतित – परेशान
दृढ़-संकल्प – Strong-Determination
अवस्था – हालत
निर्मूल – Uproot
स्नातक – Graduate
आत्मदया – Self-mercy
पछताना – मलाल, Repent
प्रेरक प्रसंग – Inspirational Incident
अपराजेय – जिसे हराया न जा सके
आत्मबल – खुद की शक्ति
कथा – कहानी
उद्वेलित – सचेत होना, Cark
प्रबल – तेज़
इच्छा – चाहत
परिवर्तन – बदलाव, तब्दीली
प्रयास – कोशिश
असमर्थ – अयोग्य, Incapable
गुस्सा – क्रोध
प्राचार्या – Lady Principle
ज़िम्मा – ज़िम्मेदारी
अनुरोध – विनती
सर्वप्रथम – सबसे पहले
सिलसिला – क्रम
परिश्रम – मेहनत
दृष्टिकोण – Outlook
सकारात्मक – Positive
नकारात्मक – Negative
संतुष्टता – Satisfactory
आशा – उम्मीद, Hope
निरंतर – लगातार
प्रयत्न – कोशिश
लगन – उद्यम, Diligence
नवीन – नया
पूर्णता – Completeness
अथक – बिना थके
ईश्वरीय – Divine, Heavenly
वरदान – Boon
खुशनुमा – अच्छा
प्रकृति – Nature
अस्तित्व – पहचान, वज़ूद
परछाईं – Shadow
अवसर – मौका
लिपि – Script
पाठ में से
प्रश्न 1. रोहन ने अपना काम कम समय में करने का क्या कारण बताया?
उत्तर – रोहन ने अपना काम कम समय में करने का यह कारण बाताया कि उसका एक बड़ा भाई जो दिव्यचक्षु है, कॉलेज में गणित विशेष की पढ़ाई कर रह है। मैं उसके लिए पाठ सारे पाठ ज़ोर-ज़ोर से बोलकर पढ़ता हूँ जिस वजह से मैं भी गणित सीख जाता हूँ और जब मुझे कुछ समझ में नहीं आता तब मैं अपने भाई की मदद ले लेता हूँ।
प्रश्न 2.अध्यापिका ने लुई ब्रेल और बीथोवन के बारे में क्या बताया ?
उत्तर – अध्यापिका ने लुई ब्रेल के बारे में बताया कि वे स्वयं देख नहीं सकते थे परंतु उन्होंने दिव्यचक्षु लोगों के लिए ब्रेल-लिपि का आविष्कार किया। बीथोवन के बारे में बताते हुए अध्यापिका ने कहा कि वे स्वयं सुन नहीं सकते थे परंतु सबसे मधुर संगीत रचना करने के लिए वे जगत प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 3. बोलने की प्रबल इच्छा-शक्ति के कारण हेलेन क्या-क्या करती थीं?
उत्तर – बोलने की प्रबल इच्छा शक्ति के कारण हेलेन तरह-तरह की आवाज़ें निकालती थीं और ऐसा करते हुए अपना एक हाथ गले पर और दूसरा हाथ होंठों के ऊपर रखती थी ताकि दोनों जगह होने वाले परिवर्तनों को महसूस कर सकें।
प्रश्न 4.सारह फुलर से हेलेन ने किस प्रकार बोलना सीखा?
उत्तर – होरेस मान स्कूल की प्राचार्या सारह फुलर ने हेलेन को बोलना सिखाने के लिए उसके हाथ को अपने चेहरे पर रखा ताकि हेलेन होंठों व जीभ की बनावट और उनमें आ रहे परिवर्तनों को समझ सके और ऐसा करते-करते हेलेन कड़े अभ्यास के बाद बोलना सीख गई।
प्रश्न 5. हेलेन का जीवन सबको क्या प्रेरणा देता है?
उत्तर – हेलेन का जीवन वास्तव में प्रेरणादायक है। उनके जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि चाहे मनुष्य किसी भी स्थिति में क्यों न रहें अपने जीवन को मिसाल के रूप में प्रस्तुत कर दिखाने की क्षमता उसके अंदर ही रहती है, ज़रूरत है तो सिर्फ़ प्रबल इच्छा की।
प्रश्न 6. उचित शब्द द्वारा रिक्त स्थान भरिए –
प्रश्न (क) गणित की अध्यापिका ने ______ मुश्किल सवाल हल करने के लिए दिए। रह गए।
उत्तर – क. पाँच
प्रश्न (ख) रोहन की बातें सुनकर हम सब ______ रह गए।
उत्तर – ख. चकित
प्रश्न (ग) हेलेन ने कहा कि दुनिया की सबसे अच्छी चीजें _______व छुई नहीं जा सकती हैं।
उत्तर – ग. देखी
प्रश्न (घ) अपना चेहरा सूर्य के प्रकाश की ओर रखें तो कोई ______ नज़र नहीं आएगी।
उत्तर – घ. परछाईं
प्रश्न (ङ) मेरे मन में भी कुछ करने _______का उत्साह भर गया।
उत्तर – ङ. नवीन
प्रश्न 7. नीचे दिए गए कथा अंश के वाक्यों को क्रमानुसार क्रम संख्या दीजिए-
1 – हेलेन का जन्म 27 जून, 1880 को हुआ ।
4 – उनकी इस अवस्था से सब चिंतित हो गए ।
2 – वे जब डेढ़ साल की थीं तब अचानक बहुत बीमार हो गईं।
5 – अपने परिवार व अध्यापिका सुलीवान के सहयोग से उन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की ।
6 – अपनी कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना भी की।
3 – उस बीमारी के कारण उनकी देखने व सुनने की शक्ति चली गई ।
बातचीत के लिए
प्रश्न 1. मेधावी छात्र में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
उत्तर – मेधावी छात्र में ज्ञानार्जन की प्रबल इच्छा, गुरुजनों के प्रति सम्मान, दृढ़-संकल्पशक्ति, विनीत और चरित्रवान होना जैसे गुणों की परम आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2. दृढ़ विश्वास ही वह परम शक्ति है जिससे हम अपने भीतर प्रकाश भर लेते हैं। चर्चा कीजिए।
उत्तर – दृढ़- विश्वास ही सभी सफलता की कुंजी है। यह विश्वास ही है जो हमें रुकने नहीं देता, यह विश्वास ही है जो हमें निरंतर यह कहता है कि हमें एक दिन ज़रूर सफलता मिलेगी, यह विश्वास ही है जो हममें नवीन श्वास और फुर्ती का संचार करता रहता है और इसी विश्वास की वजह से हम एक दिन अपने भीतर प्रकाश भर लेते हैं।
प्रश्न 3. हम सीमाओं को अच्छे अवसरों में किस प्रकार बदल सकते हैं?
उत्तर – सीमा हमें प्रतिबंधित कर देती है। हमें आगे बढ़ने से रोकती है परंतु जब हम यह मान बैठते हैं कि हमारे अंदर असीम शक्ति है, ऊर्जा का पुंज हमारे भीतर ही है तो उस विश्वास से ओत-प्रोत होकर हमारा किया गया कार्य प्रशंसनीय और शिरोधार्य हो जाता है, फलस्वरूप हम सीमाओं से मुक्त हो जाते हैं।
प्रश्न 4. आपको कब-कब लगता है कि आपके आस-पास सारी प्रकृति खुशनुमा है?
उत्तर – आप-पास की प्रकृति का खुशनुमा लगना एक प्रकार की मानसिक स्थिति होती है। मुझे हमेशा यही लगता है कि मेरे आप-पास की सारी प्रकृति का खुशनुमा है।
प्रश्न 5. हेलेन में बोलने की प्रबल इच्छा थी। आप में क्या करने की प्रबल इच्छा है?
उत्तर – मुझे कुछ ऐसा करने की प्रबल इच्छा है जैसा पहले किसी ने न किया हो। इसका निर्णय अभी कर पाना मेरे लिए संभव नहीं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. यदि आपका कोई मित्र दिव्यांग बच्चा है तो आप उसके लिए क्या करेंगे?
उत्तर – मेरे कुछ मित्र हक़ीक़त में दिव्यांग हैं और वे भविष्य में अपनी मदद खुद कर सकें इसके लिए मैं उन्हें कुछ-कुछ कौशल (Skill) सिखाता हूँ, उनकी पढ़ाई-लिखाई में उनकी मदद करता हूँ और आवश्यकतानुसार आर्थिक मदद भी करता हूँ।
प्रश्न 2. अगर आप हेलेन केलर से मिलते तो आप उनसे क्या बातचीत करते?
उत्तर – अगर हेलेन केलर से मिलने का सौभाग्य मुझे प्राप्त होता तो मैं उनके संघर्षमयी जीवन के बारे में पूछता और उनके अनुभवों से अपने जीवन को दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनाने का अथक प्रयास करता।
भाषा की बात
प्रश्न 1. नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग – अलग करके लिखिए-
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
क. कठिनाई कठिन आई
ख़. सफलता सफल ता
ग. व्यक्तित्व व्यक्ति त्व
घ. बोलकर बोल कर
ङ. प्रेरणादायी प्रेरणा दायी
2. दिए गए शब्दों के सामने उचित विशेषण या विशेष्य भरिए
विशेषण विशेष्य
क. मेधावी छात्र
ख़. मुश्किल परिस्थिति
ग. मधुर संगीत
घ. अद्भुत प्रतिभा
प्रश्न 1. नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग – अलग करके लिखिए-
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
क. कठिनाई कठिन आई
ख़. सफलता सफल ता
ग. व्यक्तित्व व्यक्ति त्व
घ. बोलकर बोल कर
ङ. प्रेरणादायी प्रेरणा दायी
2. दिए गए शब्दों के सामने उचित विशेषण या विशेष्य भरिए
विशेषण विशेष्य
क. मेधावी छात्र
ख़. मुश्किल परिस्थिति
ग. मधुर संगीत
घ. अद्भुत प्रतिभा
जीवन मूल्य
प्रश्न 1.क्या आपको भी लगता है कि आत्मदया हमारी सबसे बड़ी शत्रु है? कैसे?
उत्तर – आत्मदया वास्तव में स्वयं के लिए सबसे बड़ा शत्रु साबित होता है क्योंकि जब हम खुद पर दया करने लगते हैं तो विपत्ति में अपने-आपको समस्या के समक्ष घुटने टेक देने के लिए मज़बूर कर देते हैं। आत्मदया के कारण ही हम आम बनकर रह जाते हैं खास बनने की लीक से खुद को च्युत कर देते हैं।
प्रश्न 2. जीवन के प्रति उत्साह बनाए रखना और स्वयं को मिली खुशियों को पहचानना ज़रूरी है? क्यों?
उत्तर – जीवन को काटना नहीं जीना चाहिए और जीवन को जीने के लिए हमें एक-एक पल को खुशी से बिताना चाहिए, चाहे स्थिति जैसी भी हो। जीवन के प्रति उत्साह और खुशी को पहचाना भी बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि खुशियाँ किसी बाहरी वस्तु पर नहीं बल्कि हमारी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। जो अपने जीवन से प्रेम करता है, उत्साही रहता है उसे सभी पसंद करते हैं और उसके सान्निध्य में रहना भी चाहते हैं।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1. हेलेन केलर की आत्मकथा – ‘द स्टोरी ऑफ माइ लाइफ’ पढ़िए।
उत्तर – छात्र स्वयं करें
प्रश्न 2. हिंदी फ़िल्म ‘ब्लैक’ देखिए।
उत्तर – छात्र स्वयं करें
अभ्यास सागर
पाठ – 19
जीवन का सच
व्यंजन संधि,
अपठित गद्यांश
1. केवल पढ़ने और समझने के लिए।
2. केवल पढ़ने और समझने के लिए।
3.
क. छत्रच्छाया
ख. विच्छेद
ग. परिच्छेद
घ. संधिच्छेद
4. केवल पढ़ने और समझने के लिए।
5.
क. अहंकार
ख. संघात
ग. संभव
घ. संरक्षण
ङ. संवाद
6.
क. सम् + वाद
ख. सम् + पूर्ण
ग. सम् + जीवन
घ. सम् + सार
ङ. सम् + शय
7. केवल पढ़ने और समझने के लिए।
8.
क. सम्मति
ख. सम्मोहन
9. केवल पढ़ने और समझने के लिए।
10.
क. परिणाम
ख. तृष्णा
ग. प्रमाण
घ. शोषण
ङ. हरण
11. केवल पढ़ने और समझने के लिए।
12.
क. निषेध
ख. परिषद
ग. सुषुप्त
घ. विषम
ङ. अभिषिक्त
13.
क. जो लोग जीवन में सही चुनाव नहीं करते हैं वे असफल हो जाते हैं क्योंकि वे जीवन को बस जीते हैं।
ख. क्योंकि पेटू व्यक्ति बिना सोचे-समझे अनाप-शनाप चीज़ें खाता जाता है और अपना स्वास्थ्य खराब कर लेता है।
ग. ठीक दिनचर्या के लिए हमें सही समय पर उठना-सोना, कब, कहाँ क्या और कितना करना है इसका भी ध्यान रखना ज़रूरी है।
घ. हमें मित्र उन्हें ही बनाना चाहिए जो हमारे दुख में हमारे साथ रहे और हमारे उन्नति में हमारे सच्चे सहायक हों।
ङ. जीवन का सफल कलाकार उसे कहा गया है जो अपने काम में सावधानीपूर्वक चुनाव करता है।
14.
क. स्वागत
ख. परिषद
ग. गणेश
घ. धनैषना
ङ. उन्नति
च. शरदोल्लास
15.
क. अपने पैर पर स्वयं कुल्हाड़ी मारना
ख. हाथों के तोते उड़ना
ग. बुढ़ापे की लाठी
घ. रफूचक्कर होना
ङ. दाँतों तले उँगली दबाना
16.
क. वीर
ख. शुद्ध
ग. हर्षित
घ. तर्कित
ङ. मर्यादित
च. श्रद्धेय
17. संवाद
सुधीर – अरे! रमेश बधाई हो।
रमेश – बधाई, किसलिए?
सुधीर – तुम तो प्रसिद्ध हो गए, भई।
रमेश – वो कैसे?
सुधीर – तुम्हारा नाम कुछ दिनों पहले अख़बार में छपा था।
रमेश – ओहो, तो ये बात है।
सुधीर – रमेश, आखिर हुआ क्या था?
रमेश – कुछ लूटेरे बस के यात्रियों से पैसे लूट रहे थे।
सुधीर – पर तुमने उन लूटेरों का मुकाबला किया कैसे?
रमेश – मित्र, मैंने जूडो और कराटे सीखा है।
सुधीर – क्या तुम्हें डर नहीं लगा।
रमेश – लगा तो था पर लूटेरे अगर मेरे पैसे भी ले लेते तो पिताजी का इलाज न हो पाता।
सुधीर – तो तुमने क्या किया?
रमेश – मैंने उन्हें मना किया पर जब वे नहीं माने तो मैं उनसे भिड़ गया।
सुधीर – फिर क्या हुआ?
रमेश – फिर मेरे साथ और भी यात्री मिल गए और बाकी तुम्हें पता ही है।