इटली: बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न चित्रकार
जन्म : 1452 मृत्यु : 1519
लियोनार्डो द विंसी विश्व के कला जगत के एक विलक्षण प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। में वे एक चित्रकार, मूर्तिकार तथा वास्तुकला विशेषज्ञ के रूप में छाये रहे। साथ ही एक आविष्कारक, इंजीनियर, शरीर विज्ञानी तथा प्रकृति प्रेमी के रूप में भी उन्होंने विशिष्टता प्राप्त की। लेखन, संगीत, चित्रकला, खगोल शास्त्र, विज्ञानदर्शन सभी के साथ उनका नाम जुड़ा हुआ है । वे जो कुछ भी करते थे, दूसरों से अच्छा करते थे। ऐसे बहुमुखी प्रतिभाशाली व्यक्ति संसार में बिरले ही होते हैं।
उन्हें सबसे अधिक प्रसिद्धि अपनी विख्यात कृति ‘मोना लिसा’ (Mona Lisa) के कारण मिली, यद्यपि उनकी ‘द लास्ट सपर’ (The Last Supper) ‘मेडोना ‘ द वर्जिन ऐंड चाइल्ड विद सेंट जॉन द बैपिटस्ट ऐंड सेंट ऐन’ आदि कृतियां भी विश्वविख्यात हैं। लियोनार्डो ने भूगोल शास्त्र में भी कई तथ्यों की खोज की थी। खगोल शास्त्र के अध्ययन की वैज्ञानिक विधि तैयार करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। ओडोमीटर, रेंच, मैजिक लैण्टर्न आदि के आविष्कार के अतिरिक्त उन्होंने ही सर्वप्रथम टैंक एवं पैराशूट की परिकल्पनाएँ की थीं।
लियोनार्डो का जन्म विसी (इटली) में हुआ था। वे फ्लोरेंस में निवास करते थे। उन्होंने भेरोचियो जैसे महान चित्रकार से चित्रकला की शिक्षा ली थी। मूर्तिकला पर भी उनका अच्छा अधिकार था। लियोनार्डो द विंसी एक ऐसा कृतिकार व्यक्तित्व है, जो हर युग पर छाया रहेगा। उनकी प्रतिभा का आकलन इस तथ्य से किया जा सकता है कि उस साधनविहीन युग में उन्होंने वायुयान, छापेखानों, मिलों एव अन्य यंत्रों के नमूने तैयार कर डाले थे जब इनके निर्माण की कोई संभावना ही नहीं थी और न तब तक ऐसी कल्पनाएँ ही की गई थीं।