ताइवान : ‘चीनी राष्ट्रवाद’ के प्रणेता
जन्म : 1887 मृत्यु : 1975
पहले चीन और बाद में फारमोसा (अब ताइवान) के महान राजनेता रहे
च्यांग काई शेक (Chang Kai Shek) ने चीन में गणतंत्रात्मक राष्ट्रवादी (Democratic Nationalist) सरकार की स्थापना में महत्त्वपूर्ण योग दिया था। च्यांग, डॉ. सनयात सेन के एक योग्य सहयोगी भी रहे थे। 1911 से चीनी राजनीति के आकाश में च्यांग का उदय हुआ। एक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना करके उन्होंने अपना स्वतन्त्रता संग्राम तेज किया और 1928 में चीन को आजाद करा लिया। चीन के स्वतंत्र होने पर राष्ट्रवादी सरकार के वे प्रथम राष्ट्रपति बने।1938 तक उन्होंने चीन के एकीकरण के लिए बड़ी निष्ठा से काम किया। 1943 में भी वे राष्ट्रपति के रूप में काफी लोकप्रिय रहे लेकिन ‘माओवाद’ के कारण वे 21 जनवरी, 1949 को ताइवान (फारमोसा) आ गए। यहाँ पर उन्होंने लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना की। उस समय वे अत्यधिक वृद्ध होने पर भी एक परिश्रमी व्यक्ति थे । विश्व की महान विभूतियों में उनकी गणना जाती है।

च्यांग काई शेक का जन्म सीक्यांग (चीन) के एक निर्धन कृषक परिवार में हुआ था। प्रारंभ में उनके सामने रोजगार की समस्या थी इसलिए वे सेना में भर्ती हो गए। साहस और अनुशासन उनके प्रमुख गुण थे। चीन की पीपुल्स पार्टी में उनका महत्त्वपूर्ण स्थान रहा। वे सनयात सेन के योग्य उत्तराधिकारी भी थे। 5 अप्रैल, 1975 को उनका देहांत हो गया।
च्यांग काई शेक 20वीं सदी के शीर्षस्थ क्रांतिकारी एवं राजनेता माने जाते हैं। ताइवान को एक विकसित और समृद्ध देश बनाने का श्रेय भी च्यांग काई शेक को ही जाता है।