अमेरिका : प्रसिद्ध मोटर कार निर्माता
जन्म : 1863
मृत्यु : 1947
हैनरी फोर्ड (Henry Ford) को विश्व में ‘कार उद्योग’ को अभूतपूर्व आयाम देने का श्रेय प्राप्त है। 1896 में उन्होंने अपनी पहली कार का निर्माण किया जो पेट्रोल से चलती थी। उसके इस कार्य ने उद्योग जगत में क्रांतिकारी हलचल ला दी। उनकी ‘टीनलीजी’ बहुत ही लोकप्रिय हुई। अपने संघर्ष के दिनों में उन्होंने 1891 में डिट्रायट में आकर ‘एडिसन कंपनी’ में नौकरी की और वाहन निर्माण के लिए तरह-तरह के प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया। उन्होंने एक कारखाना भी खोला जिसने 1903 से उत्पादन करना प्रारंभ कर दिया। इस उद्योग ने उन्हें सफलता और समृद्धि के शिखर पर पहुँचा दिया और फोर्ड संसार के सबसे बड़े उद्योगपति बन गए। फोर्ड सदैव आत्मप्रशंसा से दर और मानवता के अधिक निकट रहे। फोर्ड’एडीसन संस्थान’ की भी स्थापना की और अपने धन का एक बड़ा भाग उन्होंने समाज सेवा में लगा दिया। आज भी उनकी ‘फोर्ड कार’ (Ford Car) प्रतिष्ठा का चिह्न मानी जाती है।

हैनरी फोर्ड का जन्म 30 जुलाई को मिशिगन (सं.रा.अ.) में हुआ था। फोर्ड वास्तव में किसान थे लेकिन बाद में वे इलेक्ट्रिक मैकेनिक बन गए। अप्रैल 1887 में उन्होंने क्लारा ब्रायंट से विवाह किया। उसी वर्ष उन्होंने गैस इंजन और खेतों पर भारी काम करने वाली मशीन बनाने की एक योजना बनाई । यंत्रों की ओर विशेष आकर्षण के कारण वे डिट्रायट आ गए। 1891 में उन्होंने डिट्रायट एडिसन इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करना आरंभ किया तथा 1893 में पेट्रोल से चलने वाली पहली गाड़ी बनाई जिसमें चार अश्वशक्ति (horse power) के इंजन थे और गति 25 मील प्रति घंटा थी। 1903 में उन्होंने अपनी फोर्ड मोटर कंपनी (Ford Motor Company) की स्थापना कर ली और अपने परिश्रम और लगन के बल पर शीघ्र ही कार उद्योग पर छा गए। 7 अप्रैल, 1947 को उनका देहावसान हो गया।
हैनरी फोर्ड ने कार निर्माण के क्षेत्र में जो योगदान दिया, वह आज भी दुनियाभर के राजमार्गों पर देखा जा सकता है।
