भारत : भारतीय संविधान के निर्माता
जन्म: 1893
मृत्यु : 1956
दलितों के उद्धारक और भारतीय संविधान (Indian Constitution) के प्रमुख शिल्पी भीमराव आंबेडकर ने 1919 में ‘मूक नायक’ के माध्यम से अछूतों को जागृत करने का प्रयास किया था। 1926-34 तक वे बंबई विधान परिषद् के मनोनीत (nominated) सदस्य रहे। 1930 में नासिक में मंदिर प्रवेश के लिए सत्याग्रह करने वाले अछूतों में वे भी सम्मिलित हुए थे। 1933 तक गोलमेज सम्मेलनों (Round Table Conferences) में भाग लेने वालों में वे अग्रणी थे। 1947 से 1951 तक वे केंद्रीय कानून मंत्री रहे। डॉ. आंबेडकर ने ही ‘हिन्दू कोड बिल’ (Hindu Code Bill) का मसौदा तैयार कराया था। हिन्दू कट्टरपंथियों पर चोट करने के अभिप्राय से ही 14 अक्टूबर, 1956 को अपने 2 लाख अनुयायियों के साथ डा० आंबेडकर ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया।

भीमराव जी का जन्म 14 अप्रैल, 1893 को महू (मध्य प्रदेश) के एक अत्यंत निर्धन परिवार में हुआ था। अछूत जाति का होने के कारण उन्हें बहुधा उपेक्षा एवं अपमान सहना पड़ा था, लेकिन बड़ौदा नरेश की अनुकम्पा से वे अमेरिका से 1915 में एम.ए. तथा 1916 में पी-एच.डी. करने में सफल हुये। उन्होंने जर्मनी और इंग्लैंड में वकालत भी की। 1925 से उन्होंने मुंबई में अपनी वकालत प्रारंभ की तथा 1918-20 तक वे कानून के प्रोफेसर भी रहे। लोग सम्मान और स्नेह से उन्हें ‘बाबा साहेब’ भी पुकारते थे। 6 दिसंबर, 1956 को लगभग 63 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। 1990 में, ‘बाबा साहेब’ को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। एक राष्ट्रनायक, दलितों के शुभचिंतक तथा योग्य संविधान निर्माता के रूप में डॉ. आंबेडकर को सदा आदर से स्मरण किया जाएगा।