पहेलियाँ : बूझें बुझाएँ

पहेलियाँ : बूझें बुझाएँ

संकलित

धनुष मैं कहलाऊँ

पर तीर न चलाऊँ

पहने सतरंगी कपड़े

दूर गगन में इठलाऊँ

कहो तो मैं कौन हूँ?

इन्द्रधनुष

एक थाल मोती से भरा,

सबके ऊपर औंधा धरा।

झर झर झरे जल की धारा,

पर एक मोती न नीचे गिरा।

आसमान

दोनों बहनें रहतीं साथ,

आपस में न करतीं बात।

एक दूसरे को तब देखें,

जब हो आईने के साथ।  

कहो ये कौन हैं?

प्रतिबिंब

जल की मैं हूँ रानी,

तैरूँ गहरे पानी।

पकड़ में कभी न आऊँ

जो मिले सो खा जाऊँ

कहो मैं कौन हूँ?

मछली

नीचे पटको ऊपर जाती,

ऊपर फेंको नीचे आती

उछल – कूद है सदा मचाती,

हमको कितने खेल खिलाती।

गेंद

बड़े बड़े पेड़ लहकती डालियाँ,

भरपूर हरियाली छोटी छोटी पत्तियाँ।

रसीले फल झूमे जैसे छीमियाँ

बिके तो मिले पैसे भर भर थैलियाँ।

कहो ये क्या हैं?

इमली

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