Prerak Prasang

सच्चा देशभक्त

gopalkrishnagokhale hindi short story

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के काटलुक गाँव में एक प्राईमरी स्कूल था। कक्षा चल रही थी। अध्यापक ने बच्चों से एक प्रश्न किया यदि तुम्हें रास्ते में एक हीरा मिल जाए तो तुम उसका क्या करोगे?

मैं इसे बेच कर कार खरीदूँगा एक बालक ने कहा। एक ने कहा, मैं उसे बेच कर धनवान बन जाऊँगा। किसी ने कहा कि वह उसे बेच विदेश यात्रा करेगा।

चौथे बालक का उत्तर था कि, मैं उस हीरे के मालिक का पता लगा कर लौटा दूँगा। अध्यापक चकित थे, फिर उन्होंने कहा कि, मानो खूब पता लगाने पर भी उसका मालिक न मिला तो बालक बोला, तब मैं हीरे को बेचूँगा और इससे मिले पैसे को देश की सेवा में लगा दूँगा। शिक्षक बालक का उत्तर सुन कर गद्गद् हो गए और बोले, शाबाश तुम बड़े होकर सचमुच देशभक्त बनोगे। शिक्षक का कहा सत्य हुआ और वह बालक बड़ा होकर सचमुच देशभक्त बना, उसका नाम था, गोपाल कृष्ण गोखले।

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