Prerak Prasang

संत अब्दुल्ला

saint abdullaha ki kahaniyan

एक बार संत अब्दुल्ला कपड़ा खरीदने के लिए अपने पुत्र के साथ बाज़ार गए। दुकानदार ने कपड़ा दिखाया। उन्होंने कीमत में कुछ कमी चाही, लेकिन वह न माना। दुकानदार का पड़ोसी उन्हें जानता था, कहने लगा- “जानते हो ये कौन हैं? अब्दुल्ला हैं।”

अब्दुल्ला यह सुनते ही उठ खड़े हुए और अपने बेटे का हाथ पकड़ा और कहने लगे मियाँ, चलो ! हम यहाँ कपड़ा पैसों से खरीदने आए हैं। अपने दीन से नहीं।” और वे कपड़ा लिए बिना चले गए।

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