इंग्लैंड : ‘एलिस इन वंडरलैंड’ के रचनाकार
जन्म : 1832
मृत्यु : 1898
विशेष रूप से बच्चों के लिए लिखी गई विश्वविख्यात कृति ‘एलिस इन वंडरलैंड’ की लेखिका थीं लूइस कैरोल (Luis Carroll)। उन्होंने जिस सहजता के साथ एक ‘विचित्र लोक’ का वर्णन किया है वह बच्चों तथा बड़ों सभी को विमुग्ध कर देता है । ‘एलिस इन वंडरलैंड’ 1865 में प्रकाशित हुई थी और इसकी मूल पांडुलिपि का मूल्य अब तक 20000 पौंड से काफी अधिक लगाया जा चुका है। इस पुस्तक के प्रमुख पात्र मैड हैटर (Mad Hatter), द डॉरमाउस (The Darmouse), मार्च हेयर (March Hare), ट्वीडल्डी (Tweedldee) एवं डचेज (Duches) वगैरह हास्य-व्यंग्य की दुनिया में अपना निराला स्थान रखते हैं। लूइस ने ‘एलिस’ को लेकर एक और पुस्तक लिखी थी, ‘व्हाट एलिस फांउड देयर’ जिसके ऊपर बनाए गए चित्रों ने काफी लोकप्रियता अर्जित की है। उनकी तीसरी पुस्तक ‘थ्रू द लुकिंग ग्लास’ (Through the Looking Glass) भी बहुत लोकप्रिय है।
लूइस कैरोल का वास्तविक नाम ‘चॉर्ल्स लुटविज डॉज्सन’ (Charles Lutwidgi Dodgson) था। वे इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में गणित के प्राध्याफीका थी। लूइस कैरोल आजीवन अविवाहित रहीं, फिर भी उन्हें बच्चों से अत्यधिक स्नेह था। एक बार लूइस ने एलिस नाम की बच्ची के साथ टेम्स नदी में नौका-विहार करते समय उसे एक काल्पनिक कहानी सुनाई थी, जो बाद में ‘एलिस इन वंडरलैंड’ के नाम से प्रकाशित हुई। लूइस कैरोल कुल 56 वर्ष तक जीवित रहीं। पर विश्वभर के बच्चे ‘एलिस इन वंडरलैंड’ के रचयिता के सदैव आभारी रहेंगे। लूइस कैरोल ने जैसे मनोरंजक तथा विस्मयकारी बाल-साहित्य की रचना की, वह अभी तक अतुलनीय है। उनकी अद्भुत कल्पनाशक्ति वास्तव में अप्रतिम है।