चोरी सबने की थी, लेकिन मेरी चोरी पकड़ी गई। सबकी चोरी की सजा इक मुझको ही दी गई। चोरी क्या कलंक थी...
Author - हिंदीभाषा
सुमित्रानंदन की कविता ‘यह धरती कितना देती है!’ का...
कविता परिचय — यह धरती कितना देती है ! इस कविता की रचना सन् 1954 में हुई थी। यह कविता पंत जी की उन...
‘सदाचार का तावीज’ हरिशंकर परसाई जी की रचना का सम्पूर्ण अध्ययन
मूल भाव सचिव वैद गुरु तीनि जो, प्रिय बोलहिं भयु आस।राज, धर्म, तन तीनि कर, होइ बेगिही नास॥ पाठ परिचय...
स्वयं से शपथ
कुछ भी अप्राप्य नहीं जगत में इसे तुम आत्मसात कर जाओ अपने सपने को पूरा करने बस जज़्बातों से भर जाओ।...
सुमित्रानंदन की कविता ‘पल्लव’ का सम्पूर्ण अध्ययन
पाठ परिचय ‘पल्लव’ आपने एक तीर से दो निशान की उक्ति तो सुनी होगी लेकिन एक तीर से तीन निशान कैसे साधा...
सही जीवन जीने की कला
क्या तुमने कभी सोचा है, की तुम्हारा जीवन कैसा हो? बड़ा महत्त्वपूर्ण प्रश्न है यह, इसी पर ही टिकी...
तुम्हारे पास तुम्हारा है।
तुम्हारे पास तुम्हारा है। मेरे पास मेरा है। तुम्हें तुम्हारा प्रिय है। मुझे मेरा पसंद है। तुम अपने...
हम चाहे न चाहे
हम चाहे न चाहे क्या फरक पड़ता है दिल पर यादों का उसकी असर रहता है आगे बढ़ने की कोशिश हम जब भी करे...
तू कुछ ऐसा सोच
न भूत की सोच न भविष्य की सोच तू सोच उस दृश्य की जिसकी कल्पना लाती है आँखों में चमक चेहरे पर...
प्रचलित मुहावरे
मुहावरे 1. अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ सिद्ध करना 2. अपनी खिचड़ी अलग पकाना –...