Author - हिंदीभाषा

Meri Rachnayen

जाहिल से ज़हीन

चोरी सबने की थी, लेकिन मेरी चोरी पकड़ी गई। सबकी चोरी की सजा इक मुझको ही दी गई। चोरी क्या कलंक थी...

Meri Rachnayen

स्वयं से शपथ

कुछ भी अप्राप्य नहीं जगत में इसे तुम आत्मसात कर जाओ अपने सपने को पूरा करने बस जज़्बातों से भर जाओ।...

Meri Rachnayen

हम चाहे न चाहे

हम चाहे न चाहे क्या फरक पड़ता है दिल पर यादों का उसकी असर रहता है आगे बढ़ने की कोशिश हम जब भी करे...

Meri Rachnayen

तू कुछ ऐसा सोच

न भूत की सोच न भविष्य की सोच तू सोच उस दृश्य की   जिसकी कल्पना लाती है आँखों में चमक चेहरे पर...

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