भगवान के डाकिए
भगवान के डाकिए
रामधारी सिंह ‘दिनकर’
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
शब्दार्थ :
डाकिया – चिट्ठी लानेवाला,
बाँचना – पढ़ना, सस्वर पढ़ना,
आँकना – कल्पना करना, अनुमान करना,
सौरभ – खुशबू, सुगंध,
तिरता – तैरता,
पाँख – पंख, पर।
देश – मुल्क
भावबोध :
कवि रामधारी सिंह दिनकर का कहना है पक्षी और बादल दोनों भगवान के लिए डाकिए का काम करते हैं। जैसे डाकिया घर-घर में चिट्ठी पहुँचाता है और अपने से दूर रहनेवालों की कुशल मंगल की सूचना भी देता है, ठीक उसी प्रकार पक्षी भी एक महादेश से दूसरे महादेश तक उड़-उड़ कर जाते हैं। जो पानी भाप बनकर आसमान की ओर जाता है फिर बादल का रूप लेकर आसमान में घूम-घूम कर हर जगह जाता है और पानी बनकर बरसता है। ऐसा लगता है मानो पक्षी और बादल हमारे सभी सुख-दुख और आनंद उल्लास को दूर-दूर तक पहुँचाते हैं। भगवान की चिट्ठी की भाषा हम तो नहीं समझ पाते परंतु पेड़, पौधे, पानी, पहाड़ पढ़ पाते हैं।
1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
(क) पक्षी और बादल को कवि ने भगवान के डाकिया क्यों कहा?
उत्तर – पक्षी और बादल को कवि ने भगवान के डाकिए कहा है क्योंकि ये एक महादेश से दूसरे महादेश में आते हैं और इनके द्वारा लाए गए संदेश को प्रकृति के पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ समझ जाते हैं।
(ख) पक्षी और बादल भगवान के लिए क्या- क्या करते हैं?
उत्तर – पक्षी और बादल भगवान के लिए डाकिए का काम करते हैं। पक्षी एक देश की खुशबू को दूसरे देश पहुँचाते हैं और एक देश के बादल से दूसरे देश में बारिश करवाते हैं।
(ग) इस कविता के माध्यम से कवि हमें क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर – इस कविता के माध्यम से कवि हमें यह संदेश देना चाहते हैं की प्रकृति में कुछ भी अकारण नहीं होता है। सबके पीछे स्रष्टा का कुछ-न-कुछ उद्देश्य अवश्य निहित होता है।
2. निम्नलिखित पदों के अर्थ समझाइए :
(क) मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
उत्तर – कवि का यह दृढ़ विश्वास है कि इस सृष्टि की संरचना करने वाले ने प्रकृति में मौजूद हर चीजों को किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही बनाया है। प्रकृति का कोई भी तत्त्व अनावश्यक नहीं है। इसी तथ्य को पुष्ट करते हुए कवि यह कहना चाह रहे हैं कि पक्षी और बादल ईश्वर के डाकिए के समान हैं। इसकी भाषा प्रकृति के ही पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ समझते हैं।
(ख) और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता
उत्तर – कवि अपनी इन पंक्तियों के माध्यम से परस्परता के महत्त्व की ओर इशारा कर रहे हैं। एक देश का बादल दूसरे देश में बरसता है अर्थात् एक देश से दूसरे देश का परोपकार होता है। आज के युग में मनुष्यों ने भले ही पृथ्वी को सीमा और सरहदों में बाँट दिया है पर आसमान अभी भी सीमा से परे हैं। हमें पूरी दुनिया को अपना देश मानकर ही चलना चाहिए तभी जाकर इस दुनिया में अमन और शांति कायम हो सकेगी।
3. एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए :
(क) भगवान के डाकिए कहाँ से कहाँ तक जाते हैं?
उत्तर – भगवान के डाकिए एक महादेश से दूसरे महादेश तक जाते हैं।
(ख) हम क्या आँकते हैं?
उत्तर – हम तो केवल यह आँकते हैं कि एक देश की धरती से निकलने वाली खुशबू दूसरे देश तक पहुँच जाती है।
(ग) सौरभ कहाँ तिरता हैं?
उत्तर – सौरभ अर्थात् खुशबू पक्षियों की पंखों में तिरता है।
(घ) एक देश का भाप दूसरे देश में क्या बनकर गिरता है?
उत्तर – एक देश का भाप दूसरे देश में बारिश बनकर गिरता है।
4. एक शब्द में उत्तर दीजिए :
(क) पक्षी के अलावा भगवान के डाकिया और कौन है?
उत्तर – बादल
(ख) पेड़, पौधे, पानी क्या बाँचते हैं?
उत्तर – चिट्ठियाँ
(ग) भाप जमीन पर क्या बनकर गिरता है?
उत्तर – पानी
5. निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:
(क) भगवान के डाकिए हैं –
(i) पानी और आग
(ii) पक्षी और बादल
(iii) पक्षी और पानी
(iv) बादल और हवा
उत्तर – (ii) पक्षी और बादल
(ख) एक देश की धरती दूसरे देश को भेजती है-
(i) पानी
(ii) हवा
(iii) सुगंध
(iv) भाप
उत्तर – (iii) सुगंध
(ग) भगवान के डाकिए क्या लाते हैं?
(i) मिठाई
(ii) चिट्ठियाँ
(iii) पुस्तक
(iv) समाचार पत्र
उत्तर – (ii) चिट्ठियाँ
(घ) जो दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है, वह एक देश का क्या होता है?
(i) भाप
(ii) बादल
(iii) बर्फ
(iv) धुआँ
उत्तर – (i) भाप
भाषाकार्य
1.उदाहरणों के आधार पर वचन बदलिए:
चिट्ठी – चिट्ठियाँ पक्षी— पक्षी
नारी – नारियाँ भाई भाई
नदी — नदियाँ मुनि – मुनि
लीची- लीचियाँ अतिथि – अतिथि
2. खाली जगहों पर उपयुक्त परसर्ग भरिए:
(क) वह दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है।
(ख) ये भगवान के डाकिए है।
(ग) वे एक महादेश से दूसरे महादेश को जानते हैं।
(घ) एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
आपके लिए काम :
डाकिए की भूमिका पर पाँच वाक्य लिखिए।
उत्तर – डाकिया आज के समाज की बहुत बड़ी आवश्यकता बन चुका है। हमें किसी भी प्रकार के आधिकारिक पत्र डाकिए द्वारा ही अपने पते पर प्राप्त होता है। आज के ऑनलाइन दौर में बहुत सारे उत्पाद हमें पार्सल के रूप में डाकिया ही पहुँचाता है। इसके अतिरिक्त डाकघर के बहुत सारे काम भी डाकिया अपनी देखरेख में बहुत सावधानी के साथ करता है।