Blog Hindi Skit

साइबर क्राइम

हैकर – हैलो, मिस्टर घनश्याम गोसाईं स्पीकिंग।

घनश्याम – हाँ आप कौन?

हैकर – जी मैं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बोलानी ब्रांच का मैनेजर, उत्तम बक्शी बात कर रहा हूँ। 

घनश्याम – जी नमस्कार सर, बोलिए सर।

हैकर – घनश्याम जी आपका सेविंग अकाउंट कल बंद हो जाएगा क्योंकि आपने KYC पूरा नहीं किया है।

घनश्याम – KYC  मतलब

हैकर – Know Your Customer इसका मतलब हुआ कि हमारे पास ग्राहक की सारी जानकारी होनी चाहिए और आपने इस प्रोसेस को पूरा नहीं किया है।

घनश्याम – नहीं-नहीं मैं कल ब्रांच जाकर पूरा कर दूँगा।

हैकर – आपको या तो अभी ब्रांच आना होगा या ओवर टेलीफोन हमें जानकारी दे दीजिए हम अभी आपका KYC पूरा कर देंगे।

घनश्याम – ठीक है सर आपको क्या-क्या चाहिए?

हैकर – अपने अकाउंट नंबर की पुष्टि कीजिए। 

घनश्याम – जी सर लिखिए 9864575213

हैकर – जी आपका आधार कार्ड नंबर कहिए

घनश्याम – जी सर 546987453232

हैकर – जी अब आपके रेजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक SMS आया होगा उसमें कुछ नंबर होंगे वो बताइए।

घनश्याम – (टीं-टीं) जी आया है लिखिए सर 54653621

हैकर – जी अब आप आराम से रहिए आपका KYC पूरा हो हो गया है।

घनश्याम – धन्यवाद सर

दृश्य – 2

(पढ़ाई से जुड़े किसी काम के लिए घनश्याम गोसाईं के बेटे को मोबाइल की ज़रूरत पड़ती है। )

सौम्य – ओ हो ये PHISHING का क्या मतलब होता है? पिताजी आपका मोबाइल कहाँ है? ज़रा मुझे दीजिए न एक शब्द का अर्थ जानना है?

घनश्याम – वही मेज़ पर रखी हुई है बेटा, ले लो।

सौम्य – (मैसेज पढ़कर चेहरा सतर्क हो जाता है।) पिताजी आपने 45000 रुपए किसी को भेजें है क्या?

घनश्याम – नहीं तो मैंने किसी को कोई भी पैसा नहीं भेजा है?

सौम्य – पिताजी आपके सेविंग अकाउंट से 45000 रुपए किसी को ट्रांसफर किए गए हैं।

घनश्याम – (परेशानी की मुद्रा में) क्या ?

सौम्य – पिताजी आपको किसी का फोन आया था क्या?

घनश्याम – हाँ बेटा, बैंक मैनेजर का फोन आया था।

सौम्य – पिताजी, वह स्कैमर था जिसने बैंक मैनेजर बनकर आपके 45000 रुपए उड़ा लिए।

घनश्याम – बेटा अब क्या करें?

सौम्य – पिताजी हमें तो सबसे पहले www.reportfraudftc.com और www.cybercrime.com पर कम्पलेन लॉज करनी होगी।

(सौम्य कम्पलेन लोज करता है)

घनश्याम – अब क्या करे बेटा?

सौम्य – पिताजी हमें पुलिस स्टेशन में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवानी होगी।

घनश्याम – चलो बेटा अब हम पुलिस स्टेशन चलते हैं।

(रिपोर्ट दर्ज कराकर आने के बाद)

सौम्य – पिताजी पुलिस तो काम करेगी अपनी गति से। उनके पास बहुत से केसेस होंगे। हमें खुद ही हाथ-पैर मारने होंगे अगर हमें अपने पैसे वापस चाहिए तो।

घनश्याम – तो क्या करे बेटा?

सौम्य – पिताजी मेरे दोस्त के पापा सॉफ्टवेयर इंजीनीयर हैं शायद वो हमारी मदद कर सकते हैं।

घनश्याम – तब तो हमें उनके पास जाना चाहिए।

सौम्य – चलिए पिताजी।

(सौम्य और उसके पिताजी विजय अंकल के पास जाते हैं)

सौम्य – नमस्ते अंकल

विजय अंकल – नमस्ते बेटा, आज इधर आना कैसे हुआ? रवि से मिलने आए हो?

सौम्य – नहीं अंकल मुझे आपसे ही काम है।

विजय अंकल – बोलो बेटा क्या हुआ?

(सौम्य विजय अंकल को सारी बात बताता है।)

विजय अंकल – ये सब डार्क वेब, डेटा लिक और आम आदमी की लापरवाही की वजह से होता है?

घनश्याम – हमें ऐसे में क्या करना चाहिए?

विजय अंकल – देखिए भाई साहब आज ही केउंझर पुलिस के DSP, डीएवी पब्लिक स्कूल, बोलानी  में एक साइबर जागरूकता कार्यक्रम करने वाले हैं आप उसमें ज़रूर जाएँ।

घनश्याम – मैं तो ज़रूर जाऊँगा।

सौम्य – अंकल क्या उस स्कैमर का पता लगाया जा सकता है?

विजय अंकल – लेट मी सी, ज़रा वह नंबर बताना जिससे फोन आया था।

सौम्य – जी अंकल, 9898542636

विजय अंकल – अरे वो तो यहीं कहीं है, लेट मी सी हिज लोकेशन। येस वी गोट इट, लेट्स केच हिम।

(तीनों उस स्कैमर को धर दबोचते हैं।)

सौम्य – क्यों रे तूने क्या सोचा मेरे पिताजी की गाढ़ी कमाई इतनी आसानी से उड़ा लोगे।

हैकर – मुझे माफ कर दो प्लीज़

घनश्याम – माफ़ी और तुझे, इसे थाने लेकर चलते हैं।

विजय अंकल – थाने ले जाने से पहले अपने पैसे निकलवा लीजिए।

हैकर – अंकल जी मैं आपके पैसे वापस कर देता हूँ प्लीज़ मुझे पुलिस के हवाले मत कीजिए।

(यहाँ नाटक का अंत होता है और नाटककार का जागरूक उद्बोधन)

About the author

Avinash Ranjan Gupta

Leave a Comment

You cannot copy content of this page