Class X, Hindi Vallari, Third Language, Karnataka Board, KSEEB, Chapter Koshish Karne Waalon Ki Haar Nahin Hoti, Sohan Lal Dwivedi, The Best Solutions, 17 कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती

 (सन् 1906 सन् 1988)

सोहनलाल द्विवेदी जी हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि हैं। आपका जन्म 23 फरवरी सन् 1906 को हुआ। आपने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एम. ए., एल. एल. बी. की डिग्री ली और आजीविका के लिए जमींदारी तथा बैंकिंग का काम करते रहे। सन् 1938 से सन् 1942 तक आप राष्ट्रीय पत्र ‘दैनिक अधिकार’ के संपादक थे। कुछ वर्षों तक आपने अवैतनिक (बिना वेतन के) बाल पत्रिका ‘बाल – सखा’ का संपादन भी किया। आप महात्मा गांधी से अत्यधिक प्रभावित थे।

स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए देशभक्ति व ऊर्जा से ओतप्रोत आपकी रचनाओं की विशेष सराहना हुई तथा आपको ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि से अलंकृत किया गया। सन् 1988 में राष्ट्रकवि द्विवेदी जी का देहांत हो गया। आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं- भैरवी, वासवदत्ता, कुणाल, पूजागीत, विषपान, युगाधार और जय गांधी।

बाँसुरी, झरना, बिगुल, बच्चों के बापू, दूध बताशा, बाल भारती, शिशु भारती, नेहरू चाचा, सुजाता, प्रभाती आदि आपका प्रमुख बाल-साहित्य है।

इस कविता में कोशिश करने से सफलता प्राप्त करने का संदेश मिलता है। कवि कहते हैं कि जीवन की प्रतियोगिता में असफलता से विमुख न होते हुए अपनी कमियों को खुद पहचानकर स्वप्रयत्न से लगातार आगे बढ़ने से हार कभी नहीं होती है।

इस कविता में कवि ने यह संदेश दिया है कि सतत प्रयत्नशील व्यक्ति की निश्चित रूप से जीत होती है। समस्याओं से मुँह न मोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।

कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,

कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,

चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है।

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।

आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, को

शिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।

डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है,

जा जाकर खाली हाथ लौटकर आता है।

 मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,

बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।

मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,

कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,

क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।

जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,

संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम।

कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती,

कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।

शब्दार्थ :

लहर – तरंग, बहाव

नौका- नाव

कोशिश – प्रयास, प्रयत्न

हार – पराजय, विफलता

नन्हीं – छोटी, लघु

दाना – धान्य, अनाज, कण (Grain)

दीवार – भित्ति (Wall),

विश्वास – भरोसा, यकीन

रग – नस, स्नायु, नाड़ी (Nerve)

साहस- धैर्य, हिम्मत, हौसला (Courage)

अखरना – बुरा लगना

मेहनत – परिश्रम

बेकार – व्यर्थ, निरर्थक

सिंधु- सागर, समुद्र, अंबुधि

गोताखोर – तैराक

हैरान होना – आश्चर्यचकित होना

चुनौती- दावा, ललकार

कमी -अभाव, न्यूनता

कमी – अभाव

चैन – आराम, सुख

संघर्ष – टकराव

I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :-

  1. किससे डरकर नौका पार नहीं होती?

उत्तर – लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।

  1. किनकी हार नहीं होती है?

उत्तर – कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है।

  1. दाना लेकर कौन चलती है?

उत्तर – नन्ही चींटी दाना लेकर चलती है।

  1. चींटी कहाँ चढ़ती है?

उत्तर – चींटी दीवार पर चढ़ती है।

  1. किसकी मेहनत बेकार नहीं होती?

उत्तर – चींटी की मेहनत बेकार नहीं होती है।

  1. सागर में डुबकियाँ कौन लगाता?

उत्तर – गोताखोर सागर में डुबकियाँ लगाता हैं।

  1. मोती कहाँ मिलता है?

उत्तर – मोती समुद्र के गर्भ में मिलता है।

  1. किसकी मुट्ठी खाली नहीं होती?

उत्तर – गोताखोर की मुट्ठी खाली नहीं होती है।

  1. कहाँ से भागना नहीं चाहिए?

उत्तर – संघर्ष के मैदान से भागना नहीं चाहिए।

  1. कुछ किये बिना ही क्या नहीं होती है?

उत्तर – कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती है।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :-

  1. चींटी के बारे में कवि क्या कहते हैं?

उत्तर – चींटी के बारे में कवि यह कहते हैं कि उसमें अदम्य साहस भरा है। वह दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती हैं और अगर वह दीवारों से नीचे गिर भी जाती है तो फिर से चढ़ना शुरू करती है। यह सिलसिला उस समय तक चलता रहता है जब तब उसे सफलता नहीं मिल जाती।

  1. गोताखोर के बारे में कवि के विचार क्या हैं?

उत्तर – गोताखोर मनुष्य के साहस और निरंतर प्रयत्न को दर्शाता है। वह समुद्र में मोतियों की तलाश हेतु  डुबकियाँ लगाता है। असफलता मिलने पर भी बिना विचलित हुए वह डुबकियाँ लगाता रहता है और अंतत: उसके हाथ में मोती होता है।

  1. असफलता से सफलता की ओर जाने के बारे में कवि क्या संदेश देते हैं?

उत्तर – असफलता से सफलता की ओर जाने के बारे में कवि यह संदेश देते हैं कि विजयश्री इतनी सरलता से हमारे मस्तक की शोभा नहीं बनती है। हमें सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत् रहना चाहिए। शायद इसी कारण से कविता का शीर्षक भी ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ रखा गया है।

III. जोड़कर लिखिए :-

  1. लहर डुबकियाँ
  2. चींटी चुनौती
  3. गोताखोर सुधार
  4. असफलता दाना
  5. कमी नौका

              सहज

उत्तर –

  1. लहर नौका
  2. चींटी दाना
  3. गोताखोर डुबकियाँ
  4. असफलता चुनौती
  5. कमी सुधार

 

IV. भावार्थ लिखिए :-

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,

चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है।

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।

आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,

कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।

उत्तर – कविता की इन पंक्तियों का भाव यह है कि निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती है और बार-बार गिरने के बावजूद हार नहीं मानती और विश्वास और साहस के बूते पर अंततः अपनी मंजिल तक पहुँच जाती है। इसी तरह, जो लोग धैर्य और साहस के साथ कठिनाइयों का सामना करते हैं, उनकी मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। इसीलिए कहा भी गया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।I

V. उदाहरण के अनुसार तुकांत शब्दों को पहचानकर लिखिए :-

उदाहरण : पार हार

  1. चलती – फिसलती
  2. भरता – अखरता
  3. लगाता – आता
  4. बार – हार
  5. स्वीकार – सुधार

VI. सफलता प्राप्त करने से संबंधित शब्दों पर गोला लगाइए :-  

सार्थक परिश्रम, आत्मविश्वास, आराम से सोना, सतत अभ्यास, हैरान होना, बेकार का काम करना, पराजय का स्वीकार, सार्थक काम करना, कुछ करके देखना, शिक्षा प्राप्ति, भटकना, भाग जाना, भला करना।

उत्तर –

सार्थक परिश्रम,

आत्मविश्वास,

सतत अभ्यास,

पराजय का स्वीकार,

सार्थक काम करना,

कुछ करके देखना,

शिक्षा प्राप्ति,

भला करना

VII. दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर ‘परिश्रम’ पर लघु लेख तैयार कीजिए:-

कोशिश

मेहनत

उत्साह

साहस

गिरना-चढ़ना

सहजता

खाली हाथ

चुनौती

संघर्ष

नींद

चैन

उत्तर – परिश्रम: सफलता की कुंजी

परिश्रम जीवन में सफलता प्राप्त करने का मूल मंत्र है। कोई भी उपलब्धि बिना कोशिश और मेहनत के संभव नहीं होती। यदि व्यक्ति में आगे बढ़ने का उत्साह और साहस है, तो वह हर कठिनाई को पार कर सकता है। जीवन में कई बार गिरना-चढ़ना पड़ता है, लेकिन इन उतार-चढ़ावों को सहजता से स्वीकार करने वाला व्यक्ति ही आगे बढ़ता है। जो परिश्रम से बचते हैं, वे अंत में खाली हाथ रह जाते हैं। हर सफलता के पीछे कई चुनौतियाँ और कठिन संघर्ष होते हैं, जिन्हें पार करना ही असली परिश्रम और जीवन का लक्ष्य है। जो लोग मेहनत से घबराते हैं, वे अक्सर नींद और चैन के मोह जाल में फँसे रहते हैं, लेकिन असली शांति और संतोष उसी को मिलता है जो मेहनत का मूल्य समझता है। परिश्रम ही वह दीपक है, जो जीवन को उजाले की ओर ले जाता है और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। “परिश्रम का कोई विकल्प नहीं, यह सफलता की अनमोल चाबी है!”

VIII. कविता की अंतिम पंक्तियों को कंठस्थ करके लिखिए :-

उत्तर – असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,

क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।

जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,

संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम।

कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती,

कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।

उत्तर – छात्र इसे अपने स्तर पर करें।

IX. अनुरूपता :-

  1. मेहनत : परिश्रम :: कोशिश : प्रयास
  2. चढ़ना : उतरना :: हारना : जीतना
  3. स्वीकार : इनकार :: चैन : बेचैन
  4. सिंधु : समुद्र : हाथ : हस्त

कविता से आगे

प्रस्तुत कविता की निम्नलिखित कविता की पंक्तियों से तुलना कीजिए :-

पर्वत की चोटी छूने को

पर्वत पर चढ़ना पड़ता है।

सागर से मोती लाने को

गोता लगाना ही पड़ता है॥

उद्यम किए बिना तो चींटी

भी अपना घर बना न पाती।

उद्यम किए बिना तो सिंह को

भी अपना शिकार मिल न पाता॥

उत्तर – इस कविता का सार यह है कि किसी भी ऊँचाई को छूने या किसी मूल्यवान वस्तु को पाने के लिए परिश्रम करना आवश्यक होता है। सफलता आसानी से नहीं मिलती, इसके लिए कठिन प्रयास और दृढ़ संकल्प जरूरी होता है। जैसे पर्वत की चोटी पर पहुँचने के लिए पर्वतारोहण करना पड़ता है और समुद्र से मोती लाने के लिए गहरे गोता लगाना पड़ता है, वैसे ही जीवन में भी बिना परिश्रम के कुछ नहीं मिलता। यहाँ तक कि छोटी-सी चींटी भी मेहनत किए बिना अपना घर नहीं बना सकती और शेर को भी अपने शिकार के लिए प्रयास करना पड़ता है। इस प्रकार, उद्यम (मेहनत) ही सफलता की कुंजी है।

मूलरूप से अगर देखा जाए तो कविता के ये अंश और कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’  पूर्णरूप से एक ही सत्य को उद्घाटित कर रही हैं वह है मेहनत की आवश्यकता। इस दुनिया में सभी जीवों को मेहनत तो करना ही पड़ता है। 

* खेल, कला, सिनेमा, चिकित्सा, विज्ञान इत्यादि कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त किए हुए व्यक्तियों की सूची तैयार कीजिए :-

  1. कार्यक्षेत्र – खेल (Sports)

सचिन तेंदुलकर – क्रिकेट (भारत)

एम. एस. धोनी – क्रिकेट (भारत)

विराट कोहली – क्रिकेट (भारत)

मैरी कॉम – बॉक्सिंग (भारत)

पी. वी. सिंधु – बैडमिंटन (भारत)

साइना नेहवाल – बैडमिंटन (भारत)

मेजर ध्यानचंद – हॉकी (भारत)

लियोनेल मेसी – फुटबॉल (अर्जेंटीना)

क्रिस्टियानो रोनाल्डो – फुटबॉल (पुर्तगाल)

यूसैन बोल्ट – एथलेटिक्स (जमैका)

  1. कार्यक्षेत्र – कला (Arts)

रवींद्रनाथ टैगोर – साहित्य (भारत)

एम. एफ. हुसैन – चित्रकला (भारत)

राजा रवि वर्मा – चित्रकला (भारत)

पाब्लो पिकासो – चित्रकला (स्पेन)

लियोनार्डो दा विंची – चित्रकला एवं मूर्तिकला (इटली)

विन्सेंट वान गॉग – चित्रकला (नीदरलैंड)

सत्यजीत रे – फिल्म निर्देशन (भारत)

विलियम शेक्सपियर – साहित्य (इंग्लैंड)

मुंशी प्रेमचंद – साहित्य (भारत)

हरिवंश राय बच्चन – साहित्य (भारत)

  1. कार्यक्षेत्र – सिनेमा (Cinema)

अमिताभ बच्चन – बॉलीवुड अभिनेता (भारत)

शाहरुख खान – बॉलीवुड अभिनेता (भारत)

दीपिका पादुकोण – बॉलीवुड अभिनेत्री (भारत)

रजनीकांत – दक्षिण भारतीय सिनेमा (भारत)

कमल हासन – दक्षिण भारतीय सिनेमा (भारत)

क्रिस्टोफर नोलन – हॉलीवुड फिल्म निर्देशक (अमेरिका)

मार्टिन स्कॉर्सेसी – हॉलीवुड फिल्म निर्देशक (अमेरिका)

लता मंगेशकर – पार्श्व गायिका (भारत)

ए. आर. रहमान – संगीतकार (भारत)

एस. एस. राजामौली – फिल्म निर्देशक (भारत)

  1. कार्यक्षेत्र – चिकित्सा (Medical Science)

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम – मिसाइल वैज्ञानिक एवं वैज्ञानिक अनुसंधान (भारत)

डॉ. क्रिस्चियन बार्नार्ड – पहला हृदय प्रत्यारोपण (दक्षिण अफ्रीका)

डॉ. देवी शेट्टी – प्रसिद्ध हृदय सर्जन (भारत)

डॉ. अल्बर्ट श्वाइट्जर – नोबेल पुरस्कार विजेता चिकित्सक (जर्मनी)

फ्लोरेन्स नाइटिंगेल – नर्सिंग की जननी (इंग्लैंड)

डॉ. जोनास साल्क – पोलियो वैक्सीन विकसित करने वाले (अमेरिका)

डॉ. एलेक्जेंडर फ्लेमिंग – पेनिसिलिन की खोज (स्कॉटलैंड)

डॉ. आर. पी. सेनगुप्ता – न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ (भारत)

डॉ. प्रणब मुखर्जी – कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ (भारत)

डॉ. हेनरी ग्रे – ग्रे’ज़ एनाटॉमी पुस्तक के लेखक (इंग्लैंड)

  1. कार्यक्षेत्र – विज्ञान (Science & Technology)

अल्बर्ट आइंस्टीन – सापेक्षता का सिद्धांत (जर्मनी)

आईजैक न्यूटन – गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत (इंग्लैंड)

सी. वी. रमण – भौतिकी में नोबेल पुरस्कार विजेता (भारत)

होमी भाभा – परमाणु ऊर्जा अनुसंधान (भारत)

डॉ. विक्रम साराभाई – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के संस्थापक (भारत)

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम – मिसाइल मैन (भारत)

थॉमस एडिसन – बल्ब और अन्य आविष्कार (अमेरिका)

चार्ल्स डार्विन – विकासवाद का सिद्धांत (इंग्लैंड)

मार्क जुकरबर्ग – फेसबुक के सह-संस्थापक (अमेरिका)

एलन ट्यूरिंग – आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान के जनक (इंग्लैंड)

 

 

* सफलता, अच्छे काम, उत्साह बढ़ानेवाली प्रेरक सूक्तियों का संग्रह करके लिखिए :-

जैसे : “हमारी सबसे बड़ी शान कभी गिरने में नहीं है, अपितु जब हम गिरे, हर बार उठने में है।” कनफ्यूशियस

सफलता पर प्रेरक विचार

“सफलता एक दिन में नहीं मिलती, लेकिन लगातार प्रयास से जरूर मिलती है।”

“अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखें।” – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

“आपकी मेहनत ही आपकी पहचान बनाएगी, वरना दुनिया में नाम के हजारों हमनाम हैं।”

“सफलता उन्हीं को मिलती है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।”

“हर असफलता एक नया पाठ सिखाती है, हार मानना नहीं, बल्कि आगे बढ़ना ही असली जीत है।”

अच्छे कार्य और मेहनत पर प्रेरक विचार

“मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे।”

“अपने लक्ष्य को ऊँचा रखो और तब तक मत रुको जब तक इसे प्राप्त न कर लो।” – स्वामी विवेकानंद

“सच्ची सफलता वही है जो दूसरों के जीवन में भी खुशियाँ ला सके।”

“जो व्यक्ति कठिनाइयों से लड़ता है, वही इतिहास रचता है।”

“कर्म अच्छे करो, क्योंकि भाग्य से ज्यादा मेहनत पर भरोसा करना चाहिए।”

उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ाने वाली सूक्तियाँ

“जो लोग खुद पर विश्वास रखते हैं, वही दुनिया में कुछ बड़ा कर सकते हैं।”

“अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाओ, फिर दुनिया तुम्हें कभी कमजोर नहीं समझेगी।”

“आत्मविश्वास सफलता की पहली सीढ़ी है।”

“बड़ा सोचो, बड़ा करो, और हमेशा आगे बढ़ते रहो।”

“यदि आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं, तो निश्चित रूप से आप कर सकते हैं।” – हेनरी फोर्ड

सकारात्मकता और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरक बातें

“बदलाव से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि बदलाव ही सफलता की कुंजी है।”

“हर नया दिन एक नया अवसर लेकर आता है, बस उसे पहचानने की जरूरत होती है।”

“अगर तुम उड़ नहीं सकते तो दौड़ो, अगर दौड़ नहीं सकते तो चलो, और अगर चल भी नहीं सकते तो रेंगो, लेकिन आगे बढ़ते रहो।” – मार्टिन लूथर किंग जूनियर

“सपने देखो, उन पर काम करो, और उन्हें पूरा करके दिखाओ।”

“दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं, हम वो सब कर सकते हैं जो हम सोच सकते हैं।”

* निम्नलिखित शब्दों की सहायता से अपने सहपाठियों से, अध्यापकों से चर्चा करके कविता रचने की कोशिश कीजिए :-

नाम, धाम, मान, शान, राग, त्याग, योग, शोक, रोक, साहस, प्रयास, दूर, कसूर, बुद्धि, सिद्धि, ध्यान, सम्मान

उत्तर – सफलता का मंत्र

नाम कमाना है तो प्रयास कर,
मेहनत से नाता का तू अभ्यास कर।
मान और शान की राह वही,
जो खड़ा रहे मुश्किलों में भी साहस धर।

जिसका धाम हो सच्चाई का,
वह पाएगा जग में सम्मान
जो राग से ऊपर उठ जाएगा,
लोग उसी का करेंगे ध्यान।

योग से जो मन को जीते,
शोक उसका क्या करेगा?
विश्वास जो खुद पर करे

कौन उसको रोक सकेगा।  

जो बुद्धि के दीप जलाए,
सिद्धि के फल वे ही पाए।
दुख, आलस्य करे जो त्याग,
वही जीवन में नाम कमाए।

रहे छल-कपट जो से दूर,
नहीं होगा उसका कोई कसूर
सच्ची मेहनत जिसने की है,
सफलता मिलेगी उसे ज़रूर!

* यूट्यूब में 10 से भी अधिक इस कविता से संबंधित चित्र सहित उदाहरण मिलेंगे। उनका संग्रह कीजिए और कक्षा में इस विषय पर चर्चा कीजिए।

उत्तर – छात्र इसे अपने स्तर पर करें।

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