DAV Solution, Class 3, Bhasha Madhuri Chapter – 7, Dadaji दादाजी

गाँव – Village

नदी – सरिता, River

अखरोट – Walnut

कलकल – नदी के बहने की ध्वनि  

ढोल – ढोलक – एक प्रकार का वाद्य यंत्र

मस्जिद – Mosque

मीनार – बुर्ज, Tower

अज़ान – मस्जिद से आनेवाली नमाज़ की आवाज़  

हैरान – आश्चर्य

परेशान – व्याकुल

बीमार – अस्वस्थ, ILL

चिंता – Concern

खाली हाथ – Empty handed

भेंट – उपहार, तोहफ़ा

पहाड़ी – Hill

कड़ाके – बहुत ज़्यादा

सर्दी – शीत

कोट – Coat

दस्ताने – Hand gloves

कदम – Step

गिरी – दाना

छिलका  – Peel

खिलौना – Toys

माला – हार

इकट्ठा – Gather

जेब – Pocket

अचानक – सहसा, Suddenly

शोर – हल्ला

नाराज़ – रूठना

छीनना – जबरन ले लेना

झाड़ी – Bush

आदत – habit

अनुमान – अंदाज, Anticipation

बेकार – जो किसी काम का नहीं  

दूर – Far

सैर – टहलना

आलसी – Lazy  

अधिकार – हक, Right

तरफ़ – Side

शुक्रिया – धन्यवाद

हाल-चाल – Well being  

सर्दी लगना – ठंड लगना  

ज़ुकाम – Cold

बुखार – Fever

रोशनी – उजाला, प्रकाश

सलाम – नमस्कार

गले लगाना – Hug दुआ – प्रार्थना, Pray

प्रश्न 1. एक रोज़ मस्जिद से अजान की आवाज़ क्यों नहीं आई?

उत्तर – एक रोज़ मस्जिद से अज़ान की आवाज़ नहीं आई क्योंकि मस्जिद में अज़ान देने काम करनेवाले सोनाली के दादाजी की तबीयत खराब हो गई थी। 

प्रश्न 2. पहले वाला लड़का नाराज़ क्यों हो गया था?

उत्तर – पहले वाला लड़का नाराज़ हो गया क्योंकि जब वह अपने मित्रों के साथ पहाड़ी पर अखरोट चुनने के लिए पहुँचा तो वहाँ एक भी अखरोट उसे नहीं मिला क्योंकि सोनाली ने सारे अखरोट पहले ही चुन लिए थे। 

प्रश्न 3. सोनाली दादाजी के लिए क्या लेकर गई?

उत्तर – सोनाली दादाजी के लिए अखरोट लेकर गई थी।

प्रश्न 4. दादाजी किसे देखकर खुश हो गए?

उत्तर – दादाजी सोनाली और उसके दोस्तों को देखकर बहुत खुश हो गए।

5. कहानी में जो-जो हुआ, उस पर सही (ü) का निशान लगाइए-

(क) एक दिन सुबह अजान की आवाज़ न आने के कारण सोनाली परेशान हो गई। सही (ü)

(ख) सोनाली पहाड़ी पर सैर करने गई । नहीं

(ग) सोनाली ने पहाड़ी पर पहुँचकर बहुत सारे बादाम इकट्ठे किए। नहीं

(घ) वह डर के मारे एक पेड़ के पीछे छिप गई। नहीं

(ङ) वे सभी दादाजी के घर की तरफ़ चल दिए। सही (ü)

(च) सभी लड़के सोनाली से नाराज़ थे। नहीं

प्रश्न 1. सोनाली अपने दादाजी के लिए अखरोट लेकर क्यों गई?

उत्तर – सोनाली अपने दादाजी के लिए अखरोट लेकर गई क्योंकि उसे लगा कि दादाजी के पास खाली हाथ जाना ठीक नहीं होगा। दूसरी बात यह थी कि दादाजी को अखरोट खाना बहुत पसंद था।

प्रश्न 2. आलसी होने का क्या मतलब है? क्या आप आलसी हैं? कैसे?

उत्तर – आलसी होने का मतलब है किसी भी काम के प्रति अरुचि दिखाना या काम को बहुत ही धीमी गति से पूरा करना। मैं आलसी नहीं बल्कि उद्यमी हूँ।

प्रश्न 3. सरदी लगने पर क्या होता है? क्या आपको भी कभी सरदी लगी है? फिर आपने क्या किया?

उत्तर – सरदी लगने पर नाक बहने लगती हैं और लगातार छींकें आने लगती है। हाँ मुझे कई बार सर्दी लगी है ऐसे में मैंने कुछ दिनों का इंतज़ार किया और सरदी ठीक हो गई तो कोई बात नहीं वरना मैं डॉक्टर से सलाह लेता हूँ।

प्रश्न 4. दादाजी ने बच्चों को क्या दुआएँ दी होंगी? आपको कौन क्या दुआएँ देता है?

उत्तर – दादाजी ने बच्चों को “सदा सुखी रहो” और “चिरायु भव:” की दुआएँ दी होंगी। मुझे मेरे माता-पिता, दादा-दादी और रिश्तेदारी में बड़े लोग भी यही आशीर्वाद देते हैं। 

1. सोनाली के दादाजी को अखरोट पसंद थे।

• आपके परिवार में किसे क्या पसंद है? पता करके बताइए।

मेरे परिवार में मेरे पिताजी को भिंडी की तरकारी बहुत पसंद है, मेरी माँ को गुलाबजामुन बहुत पसंद है, मेरे दादाजी को करेले की भुजिया, मेरी दादी को ढोकला, मेरी बहन को पिज़ा और मुझे चोकलेट्स।

• आप अपने दादाजी को भेंट में क्या देना चाहेंगे? और क्यों?

मैं अपने दादाजी को भेंट में ओक्सीमीटर और बीपी डिवाइस देना चाहूँगा क्योंकि मेरे दादाजी को साँस लेने तथा रक्तचाप की शिकायत है। ये दोनों चीज़ें मेरे दादाजी के लिए उपयोगी साबित होंगी। 

2. कहानी में पूरा गाँव रोज़ सुबह तीन आवाज़ों से जगता था। पहली नदी के पानी की आवाज़, दूसरी दूर नदी पर बजते ढोल की आवाज़, तीसरी मस्जिद की मीनार से गूँजती अजान की आवाज़ ।

• आप रोज़ किसकी आवाज़ सुनकर उठते हैं?

मैं रोज़ सुबह घड़ी की आलार्म की आवाज़ सुनकर उठता हूँ और अगर कभी अलार्म की आवाज़ से मेरी नींद न टूटे तो फिर मेरी माँ की आवाज़ सुनकर तो मैं उठ ही जाता हूँ।

• सुबह किस-किसकी आवाजें सुनाई देती हैं?

सुबह-सुबह मुझे घड़ी की आलार्म की आवाज़, मेरी माँ की आवाज़, अज़ान की आवाज़, मंदिर मे बजते भक्ति गीतों की आवाज़ें, सड़कों पर दौड़ती गाड़ियों की आवाज़ें सुनाई पड़ती हैं।     

1. नीचे दी गई शब्द- लड़ी को आगे बढ़ाइए

डर – रह – हल – लय – यदि – दिन – नर – रस – सजा – जाग – गदा

2. नीचे दिए गए शब्दों को पढ़िए-

कहा  –  कहाँ

काटा  –  काँटा

बताइए, इनमें क्या अंतरहै? इन शब्दों सेएक-एक वाक्य बनाइए-

पहले वाले शब्दों में अनुनासिक (चंद्रबिंदु) का प्रयोग नहीं है जबकि दूसरे शब्दों में है।

कहा – शिक्षक ने छात्रों से किताब निकालने को कहा।   

कहाँ – तुम्हारा घर कहाँ है?

काटा – राजू ने अपने जन्मदिन पर केक काटा।

काँटा – गुलाब के पौधे में काँटे भी होते हैं।

3. नीचे दिए गए वाक्यों में से कामवाले शब्द छाँटिए-

(क) गाँव में एक नदी बहती थी।

(ख) सोनाली पहाड़ी की ओर चल दी।

(ग) सोनाली ने दादाजी को अखरोट दिए।

क. बहती थी                                     

ख. चल दी

ग. दिए   

प्रश्न 1. जब आपके दादा-दादी या नाना-नानी का स्वास्थ्य ठीक नहीं होता तो आप उनकी देख-भाल और मदद किस प्रकार करते हैं?

उत्तर – जब मेरे दादा-दादी या नाना-नानी की तबीयत ठीक नहीं होती है तो मैं अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी सेवा समय पर दवा देकर, उनके खाने-पीने का ध्यान रखकर, उनके साथ समय बिताकर करता हूँ।     

प्रश्न 2. सोनाली सुबह उठती थी और समय पर काम करती थी। क्या आपको भी लगता है सुबह समय पर उठना चाहिए, क्यों? उससे क्या लाभ हो सकते हैं?

उत्तर – हाँ, मेरा भी यही मानना है कि हमें सुबह ही उठना चाहिए। सुबह उठने के बहुत-से लाभ हैं जैसे हमें सैर के वक्त ताज़ी हवा मिलती है, सैर से हमारा तन-मन चुस्त-तंदरुस्त रहता है। सारे काम समय से शुरू और समय पर समाप्त हो जाते हैं। स्कूल जाने के लिए भी कोई हड़बड़ी नहीं होती है। 

अखरोट केछिलके लीजिए और उसे रंगकर अलग-अलग तरह से सजाइए

छात्र स्वयं करें   

पाठ – 7

दादाजी

1.

क. नदी    

ख. कड़ाके  

ग. खुश

2.

क. वह हमारी तरह उद्यमी नहीं है।

ख. दादाजी को गर्मी लग गई थी।   

ग. सोनाली धीरे-धीरे पहाड़ी की तरफ़ चल दी।

3.

क. दादा – दादी

ख. ऊँट – ऊँटनी

ग. लेखक – लेखिका

घ. पंडित – पंडिताइन

4.

क. सोनाली ने अखरोट उठाए।

ख. पेड़ पर कबूतर बैठे थे।

ग. झरने पहाड़ों से गिरते हैं।     

5.

क. खिलौने – छोटे बच्चों को खिलौने अच्छे लगते हैं।     

ख. आलसी – आलसी व्यक्ति जीवन में असफल होते हैं।   

ग. शुक्रिया – शुक्रिया कहने से रिश्ते मज़बूत होते हैं।   

घ. दोस्त – उमेश मेरा पक्का दोस्त है।

6.

क. को  

ख. की  

ग. के  

7.

रट्टू – लट्टू – लटका – मटका – मटर – मोटर  

8.

 मैं जब अपने दादाजी के घर जाता हूँ तो सबसे पहले उनके चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लेता हूँ। उनसे उनके कुशल-क्षेम के बारे में पूछता हूँ और अपने बारे में भी बताता हूँ। मैं जितने दिन भी अपने दादाजी के पास रहता हूँ अपना अधिकतर समय उन्हीं के साथ बिताने की कोशिश करता हूँ। उनके साथ बाज़ार जाना, घूमने जाना, क्लब जाना मुझे बेहद पसंद है। इसके अलावा मेरे दादाजी को नैतिक मूल्यों वाली बहुत-सी कहानियाँ आती हैं, मैं हर रात उनसे कहानियाँ सुनता हूँ। अगर मैं यह कहूँ कि मेरे दादाजी मेरे सबसे बुजुर्ग दोस्त हैं तो कोई गलती नहीं होगी।

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