शब्दार्थ
डोकरी – औरत
बेर – एक प्रकार का फल
मज़ा – उमंग
ज़मीन – धरती
चींटे – Ant
जलन – Irritation
मुफ़्त – निःशुल्क
टॉफी-बिस्किट की दुकान – Confectionary
खोपरा – गड़ी, सूखा नारियल
तेल – Oil
समझदार – अकलमंद
पिल्ले – Puppies
रज़ाई – Quilt
नासमझ – नादान
समझदार – उपाय
पोस्टकार्ड – चिट्ठी भेजने का एक माध्यम
पता – Address
बाजू – बगल Side
भाषा अभ्यास
पाठ – 18
खत पहुँचे सक्को को
पत्र लेखन
दिनांक – 00/00/0000
घर संख्या – W/418
बोलानी, ओड़िशा
प्रिय मित्र रमेश
(मधुर स्मृति)
तुम कैसे हो? आशा करता हूँ कि तुम कुशल होगे। यह पत्र मैं तुम्हें एक अति महत्त्वपूर्ण नसीहत देने के उद्देश्य से लिख रहा हूँ। यह नसीहत मुझे मेरे शिक्षक ने दिया था और यह मुझे बहुत ही अच्छा लगा। रमेश, हमें अपने जीवन में कुछ अच्छा हासिल करने के लिए अभी से ही उसमें लगना पड़ेगा। कहने का अर्थ यह है कि रातोंरात कोई भी बड़ा काम संभव नहीं है। इसके लिए हमें चाहिए कि हम अपने जीवन का एक ही लक्ष्य बनाएँ क्योंकि एक से अधिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए शायद यह जीवन छोटा पड़ जाए। उम्मीद करता हूँ तुम्हें मेरी बात अच्छी लगी होगी। चाचा-चाची को मेरा प्रणाम कहना। शेष अगले पत्र में।
तुम्हारा मित्र
अवि