शब्दार्थ
नोआखली – बांग्लादेश का एक गाँव
घटना – Incident
शांति – Peace
प्रसार – फैलाना
पैदल – Pedestrian
यात्रा – सफ़र Journey
स्नान – नहाना
खुरदरा – रूखा, Rough, Rugged
बरसों पहले – सालों पहले Years ago
व्यवस्था – Arrangement
जुलाहे – तंती, बुनकर, Weaver
परेशानी – समस्या
स्वयंसेवक – Volunteer
नारियल – Coconut
सुपारी – Betelnut
जंगल – वन, अरण्य
स्वागत – Welcome
स्नेह – प्रेम
खीझ – Anger
सफ़र – यात्रा
बेचारी – Helpless
अनमोल – जिसकी कोई कीमत न हो
ठिकाना – पता Address
मील – 1.61 किलोमीटर
थककर चूर होना – बहुत थक जाना
बहाना – Excuse
साथी – दोस्त, मित्र
लापरवाही – Carelessness
उचित – ठीक, Proper
कसौटी – मापदंड, परीक्षा, Test
निडर – जो न डरे
कबूल – स्वीकार अनोखा – विचित्र, Peculiar
कहानी में से
प्रश्न 1. गाँधी जी पैदल यात्रा क्यों कर रहे थे?
उत्तर – गाँधीजी शांति का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से पैदल यात्रा कर रहे थे।
प्रश्न 2. गाँधी जी खुरदरे पत्थर का उपयोग किसके लिए करते थे?
उत्तर – गाँधीजी स्नान करते समय अपने पैरों को साफ़ करने के लिए खुरदरे पत्थर का उपयोग किया करते थे।
प्रश्न 3. गाँधी जी ने मनु को पत्थर खोजने के लिए कहाँ भेजा?
उत्तर – गाँधीजी ने मनु को पत्थर खोजने के लिए उस जुलाहे के घर भेजा जिसके यहाँ वे पिछली रात को ठहरे थे।
प्रश्न 4. मनु ने जुलाहे के घर तक पहुँचने का क्या तरीका अपनाया?
उत्तर – मनु ने जुलाहे के घर तक पहुँचने के लिए उस रास्ते का अनुकरण किया जिस रास्ते से वे पिछले दिन आए थे उसी रास्ते पर अंकित पदचिह्नों (पैरों के निशानों) को देखते-खोजते तथा उनका अनुसरण करते-करते वह जुलाहे के घर तक पहुँच गई।
प्रश्न 5. कहानी के आधार पर सही उत्तर चुनिए-
(क) गाँधी जी गाँव पहुँचकर सबसे पहले क्या करते थे?
स्नान करते थे।
भोजन करते थे।
लिखने-लिखाने का काम करते थे।
उत्तर – क. लिखने-लिखने का काम करते थे।
(ख) स्वयंसेवक कौन होता है?
जो स्वयं की सेवा करता है।
जो सेवकों की सेवा करता है।
जो दूसरों की सेवा के लिए स्वयं तैयार रहता है।
उत्तर – ख. जो दूसरों की सेवा करने के लिए स्वयं तैयार होता है।
(ग) मनु गाँव कैसे पहुँच गई?
लोगों से पता पूछते हुए।
पैरों के निशान देखते खोजते।
उसे गाँव का रास्ता याद था।
उत्तर – ग. पैरों के निशान देखते-खोजते
बातचीत के लिए
प्रश्न 1. गाँधी जी को किन-किन नामों से पुकारा जाता है?
उत्तर – अंग्रेज़ इन्हें इनके वास्तविक नाम ‘मोहनदास करमचंद गाँधी’ कहकर पुकारा करते थे। गाँधीजी को दक्षिण अफ्रीका में ‘भाई’ कहकर पुकारा जाता था। भारत में उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहते हैं और सामान्य रूप से वे ‘बापू’ के नाम से जाने जाते हैं।
प्रश्न 2. उपहार हमें क्यों अच्छे लगते हैं?
उत्तर – उपहार हमें अच्छे लगते हैं क्योंकि इससे उपहार देने वाले का हमारे प्रति निहित भावना का बोध होता है और यह भी पता चलता है कि हम दूसरों के लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 3. मनु वापस आकर क्यों रो पड़ी?
उत्तर – मनु वापस आकर रो पड़ी क्योंकि वह दिन उसके लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण था। वह उस दिन पूरी थक चुकी थी। इसके अलावा उसे लगा कि बापू को उसकी कोई चिंता नहीं। इन्हीं सभी मिश्रित भावनाओं के कारण शायद वह रो पड़ी।
प्रश्न 4. किसी अनजान जगह से वापस घर आने के लिए आप किन-किन
बातों व रास्ते में आने वाली किन-किन चीज़ों को ध्यान में रखेंगे?
जैसे- कोई पोस्टर, बोर्ड, दुकान, अस्पताल, स्कूल आदि। उत्तर – किसी अनजान जगह से वापस आते समय सबसे पहले मैं सड़क संख्या का ध्यान रखूँगा, इसके बाद सड़क के किनारे स्थित दुकानें, स्कूल, अस्पताल आदि चीजों का। ताकि, मैं किसी भी दशा में मैं रास्ता न भटकूँ।
आपकी कल्पना
प्रश्न 1. इतनी दूर जाने के बाद भी मनु को पत्थर न मिलता तो क्या होता?
उत्तर – इतनी दूर जाने के बाद भी अगर मनु को पत्थर वापस न मिलता तो वह बहुत निराश हो जाती, पत्थर न मिलने की बात जब वह गाँधीजी से साझा करती तो शायद बड़प्पन दिखाते हुए गाँधीजी मनु से यही कहते कि अब से और ज़्यादा सजग रहा करो।
प्रश्न 2. बापू ने अगर किसी को मनु के साथ भेज दिया होता तो क्या वह इतनी परेशान होती? क्यों?
उत्तर – अगर बापू ने मनु के साथ किसी को भेज दिया होता तो मनु को इतनी परेशानी नहीं हुई होती क्योंकि साथ रहने वाला व्यक्ति मनु की रास्ता खोजने में मदद करता और अकेलेपन तथा जंगल के डर से भी मनु मुक्त रहती।
प्रश्न 3. अगर मनु रास्ता भटक जाती तो?
उत्तर – अगर मनु रास्ता भटक जाती तो शायद वह उस दिन गाँधीजी के पास नहीं पहुँच पाती पर अगले दिन वह किसी से रास्ता पूछकर गाँधीजी के पास पहुँच ही जाती।
आपकी बात
प्रश्न गाँधी जी को अपने खुरदरे पत्थर से बहुत लगाव था। आप अपनी किन्हीं चार चीजों के बारे में लिखिए जो आपके किसी प्रिय व्यक्ति ने आपको दी हों और आपने उन्हें सँभालकर रखा हो-
साइकिल पिताजी जन्मदिन का उपहार
थरमस मामाजी मामाजी का पहला उपहार
बाल रामायण दादाजी धार्मिक ग्रंथ
कंप्यूटर मौसीजी बहुत कीमती होना
भाषा की बात
प्रश्न 1. दिए गए शब्दों के अन्य नाम चुनकर लिखिए-
क. स्कूल – विद्यालय, पाठशाला
ख. वन – कानन, अरण्य
ग. पिता – जनक, बापू
घ. रात – निशा, रजनी
प्रश्न 2. दिए गए जोड़े वाले शब्दों से वाक्य बनाइए-
सुबह-सुबह – हमें सुबह–सुबह टहलना चाहिए।
बजते-बजते – गाना बजते-बजते मोबाइल गरम हो जाता है। लिखने-लिखाने – गाँधीजी प्रतिदिन लिखने-लिखाने का काम किया करते थे।
जीवन मूल्य
प्रश्न 1. ये गाँधी जी के तीन बंदर हैं। इनके चित्रों को देखकर बताइए कि ये हमें क्या संदेश दे रहे हैं।
उत्तर – बुरा मत देखो
बुरा मत सुनो
बुरा मत कहो
प्रश्न 2. बुरी बातों से हम कैसे बच सकते हैं?
उत्तर – बुरी बातों से बचने के लिए हमें सबसे पहले अपने आस-पास के लोगों के विषयों एवं क्षेत्र के बारे में पता लगा लेना चाहिए। दूसरा, हमें अपने जीवन में ऐसे ही मित्र बनाने चाहिए जो मन, कर्म और वचन से अच्छे हों।
कुछ करने के लिए
गाँधी जी से जुड़ी किन्हीं तीन चीजों के चित्र बनाकर उनके नाम लिखिए-
भाषा अभ्यास
पाठ – 3
अनोखा ढंग
1.
क. सुबह-सुबह
ख. बजते-बजते
ग. लिखने-लिखाने
घ. देखती-खोजती
2.
नोआखली, गाँधीजी, जंगल, पत्थर, नारियल
3.
पढ़ने और समझने के लिए-
4.
साँप पाँव
गाँव बाँस
चाँद काँटा
5.
अनार मटर मकान बटन बकरी सुपारी
कलम कलश बारिश बादल पैदल
6.
क. शिक्षक
ख. डॉक्टर
ग. सुनार
घ. जुलाहा
ङ. बढ़ई
7.
क. अफसर बनने के बाद रवि के पैर ज़मीन पर नहीं पड़ रहे हैं।
ख. तीन साल के बाद बेटे के लौटने की खुशी में माँ ने घी के दीए जलाए।
ग. लॉटरी लगने के बाद राम के बाँछें खिलने लगे।
घ. पिता बनने पर दक्ष शर्मा गद्गद् हो उठा।
8.
जी हाँ, मैंने अपने पिताजी की दी हुई घड़ी आज तक सँभाल कर रखी है क्योंकि इस घड़ी के साथ मेरी बहुत सारी अच्छी-अच्छी यादें जुड़ी हुई हैं। इसके साथ ही यह मुझे याद दिलाता है कि जीवन में मुकाम हासिल करने पर स्नेह और उपहार दोनों प्राप्त होते हैं।