शब्दार्थ
कोशिश – प्रयास / Try
हार – पराजय / Defeat
लहरों – Waves
नौका – नाव
डर – भय
पार – Cross
नन्हीं – छोटी
चींटी – Ant
दाना – अन्न कण
दीवार – Wall
फिसलना – Slip
मन – हृदय
विश्वास – भरोसा
रगों – नसों / Vein
साहस – हिम्मत
अखरता – पछताना
आखिर – अंत / Last
बेकार – व्यर्थ
डुबकी – Dip
सिंधु – सागर
गोताखोर – Sea Diver
खाली हाथ – Empty Hand
सहज – आसान
मोती – Pearl
गहरा – Deep
दूना – Double
हैरानी – आश्चर्य
मुट्ठी – Fist
खाली – रिक्त
असफलता – हार
चुनौती – Challenge
कमी – Deficiency
सुधार – Reform
सफल – Success
नींद – निद्रा
चैन – शांति
त्याग – बलिदान / Sacrifice
संघर्ष – युद्ध
मैदान – Field
भाग – छोड़ देना जय-जयकार – Victory
कविता में से
प्रश्न 1. कैसा व्यक्ति कभी हार नहीं सकता:
उत्तर – वो व्यक्ति कभी भी हार नहीं सकता जो बार-बार हारने पर भी कोशिश करना नहीं छोड़ता।
प्रश्न 2. नन्हीं चींटी से मनुष्य क्या सीख सकता
उत्तर – नन्हीं चींटी से मनुष्य बार-बार असफल होकर भी हिम्मत से काम लेना सीख सकता है।
प्रश्न 3. सफलता प्राप्त करने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर – सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ़-संकल्प, आत्मविश्वास, कला, कौशल और जुझारू प्रवृत्ति (Cope-up Tendency) की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 4. गोताखोर कब सफल होता है?
उत्तर – गोताखोर उस समय सफल हो जाता है जब वह अनेक बार समुद्र में गोते लगाने के बाद भी मोती न मिलने पर निराश नहीं होता और तब तक हार नहीं मानता जब तक उसे मोती मिल न जाए।
प्रश्न 5. कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए-
उत्तर – डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर
लगाता है.
जा-जाकर खाली हाथ
लौट आता है।
मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी मेंI’
गोताखोर
जा-जाकर खाली हाथ
मोती गहरे पानी में
इसी हैरानी में
बातचीत के लिए
प्रश्न 1. चींटी से हम क्या सीख सकते हैं? सोचकर बताइए।
उत्तर – चींटी अपने वजन से कई गुना अधिक भार उठाती है, हमेशा व्यस्त रहती है, दीवारों पर चढ़ते समय बार-बार गिरने पर भी वह हार नहीं मानती है। इसलिए हम चींटी से मेहनत करना, व्यस्त रहना और संघर्ष करना सीख सकते हैं।
प्रश्न 2. नन्हीं सी चींटी भी इतनी मेहनत क्यों करती हेगी?
उत्तर – नन्हीं चींटी इतनी मेहनत करती है क्योंकि उसे बारिश के मौसम के लिए अपना खाद्य सामग्री संचय करना होता है।
प्रश्न 3. क्या मनुष्य असफल होकर ही सीख सकता है? कैसे?
उत्तर – नहीं, मनुष्य असफल होकर ही नहीं सीख सकता है। वह सफल होकर भी सीख सकता है कि सफल होने के लिए क्या-क्या आवश्यक हैं।
प्रश्न 4. मोती गहरे पानी में ही मिलता है? इस पंक्ति के माध्यम से क्या कहने की कोशिश की गई है?
उत्तर – “मोती गहरे पानी में ही मिलता है” इस पंक्ति के माध्यम से कवि हमें यह बताना चाहते हैं कि सफलता प्राप्त करने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जिस प्रकार मोती समुद्र की तलहटी में होता है उसी प्रकार सफलता भी मेहनत की आखिरी छोर से बँधी होती है।
आपकी कल्पना
प्रश्न 1. यदि आप मकड़ी होते तो अपने लिए घर कैसे बनाते?
उत्तर – यदि मैं मकड़ी होता तो मैं अपने लिए प्लास्टिक के धागों से एक मजबूत घर बनाता ताकि बारिश और बिजली से मेरा घर सुरक्षित रह सके।
प्रश्न 2. यदि आप गोताखोर होते तो आपका अनुभव कैसा होता?
उत्तर – यदि मैं गोताखोर होता तो मुझे बहुत ही रोमांचित करने वाले अनुभव होते जैसे मैं समुद्र के भीतर की दुनिया से रू-ब-रू हो पाता। जलीय जीवों (Aquatic Animals) की जीवन शैली से भी परिचित हो पाता।
प्रश्न 3. यदि चींटी बोल सकती तो आप उससे क्या क्या पूछते ? वह क्या क्या जवाब देती?
उत्तर – यदि चींटी बोल पाती तो मैं उससे कितने सारे सवाल पूछता जैसे, क्या तुम देख सकती हो?, तुम इतना व्यस्त क्यों रहती हो? क्या तुम्हें ठंड और गर्मी का एहसास होता है? वगैरह-वगैरह। और मुझे यकीन है कि चींटी इन प्रश्नों का उत्तर अपने तरीके से देती।
भाषा की बात
प्रश्न 1. समान अर्थ वाले शब्दों का मिलान कीजिए-
कोशिश प्रयास
नौका नाव
मोती माणिक
रगों नसों
प्रश्न 2. ध्यानपूर्वक पढ़िए-
• स् + व = स्व
ट + ठ = ट्ठ
कविता में ऐसे शब्द छाँटकर लिखिए जहाँ ‘स्व‘, ‘ट्ठ‘ संयुक्त व्यजनों का प्रयोग हुआ है-
मुट्ठी ।
स्वीकार ।
प्रश्न 3. चार-चार शब्द लिखिए-
संज्ञा सर्वनाम क्रिया विशेषण
नौका उसकी पार गहरा
पानी तुम डर सहज
सिंधु इसी करो सौ
चींटी कुछ चलती खाली
मोती क्या भागो दूना
जीवन मूल्य
प्रश्न 1. कविता में कहा गया है कि असफलताओं को चुनौती की तरह स्वीकार करना चाहिए। इससे क्या लाभ होगा?
उत्तर – असफलताओं को चुनौतियों की तरह स्वीकार करने से हमारे अंदर जोश और उत्साह बना रहेगा। हम ये भी जान पाएँगे कि हममें ऐसी क्या कमी है जिसकी वजह से हम सफलता से वंचित रह गए।
प्रश्न 2. आप अपनी किस असफलता को चुनौती की तरह स्वीकार करेंगे?
उत्तर – मैं अपने छात्र जीवन में अपनी परीक्षा में आए कम अंकों को चुनौती की तरह स्वीकार करूँगा।
प्रश्न 3. ऐसा करने से आपको क्या लाभ होगा ?
उत्तर – ऐसा करने से मुझे ये पता चल जाएगा कि मुझमें ऐसी क्या कमी है जिस वजह से मेरे अंक कम आ रहे हैं और मैं यह जानकर अपनी कमी को दूर करने का प्रयास करूँगा।
कुछ करने के लिए
1. ऐसी ही कोई अन्य प्रेरणा देने वाली कविता याद करके कक्षा में सुनाइए ।
2. अँगूठे या अंगुलियों के निशान, काला पैन आदि की सहायता से कुछ चीटियाँ बनाइए ।
भाषा अभ्यास
पाठ – 20
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
1.
क. दशरथ के कहने पर सुमंत्र राम, लक्ष्मण और सीता को वापस लाने के लिए वन गए परंतु उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
ख. सुधीर नौकरी की तलाश में सुबह से ही घर से निकला था पर शाम को उसे खाली हाथ ही लौटना पड़ा।
2.
क. असफलता – हार
ख. सिंधु – सागर
ग. उत्साह – उमंग
घ. संघर्ष – युद्ध
3.
क. सिंधु – सागर, समुद्र, अर्नव (अर्णव)
ख. नौका – नाव, डोंगी, नैया
ग. संघर्ष – रण, समर, युद्ध
4.
क. खाली – खाली दिमाग शैतान का घर होता है।
ख. सहज – जीवन सहज है पर हम अपनी मूर्खता से उसे कठिन बना देते हैं।
ग. गहरे – एवरेस्ट पर्वत पर बड़े-बड़े और गहरे हिम विदर हैं।
घ. सौ – मेरे पास तीन सौ रुपए हैं।
5.
क. उत्साही
ख. साहसी
ग. बलिदानी
घ. पराक्रमी
ङ. परिश्रमी
च. उद्यमी
6.
मेहनत
नादानी
बात
परेशानी
7.
क. गोताखोर
ख. विमानचालक
ग. नाविक
घ. संगीतज्ञ
क. दिया गया है
8.
ख. वृक्ष – हमें परोपकार करना सिखाता है।
ग. नदी – हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने की प्रेरणा देती है।
घ. पर्वत – हमें बलिष्ठ बनने का संदेश देता है।
9. अनुच्छेद
मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है कि मैं खेल में हार गया हूँ। जब मैं हारता हूँ तो स्वाभाविक-सी बात है कि मुझे दुख होता है और मेरे मित्र मुझे चिढ़ाकर मेरे दुख को और बढ़ा देते हैं। पर मैं यह जानता हूँ कि मेरे जीत पर शाबाशी देने वाले भी हैं जो मुझसे यह कहते हैं कि तुम और भी बेहतर कर सकते हो। अब मेरे पास दो ही रास्ते हैं- एक, मैं निंदा सुनकर खेलना छोड़ दूँ या दूसरा, शाबाशी सुनकर अपने खेल में महारत हासिल करूँ। मैं दूसरा रास्ता चुनता हूँ क्योंकि मुझे यह बहुत अच्छे से पता है कि मेरे मन में जो है वह मेरे लक्ष्य के रास्ते में आने वाली समस्याओं से कहीं ज़्यादा मज़बूत है।