DAV Solution, Class 6, Gyan Sagar, Abhyas Sagar Chapter – 1, Saathi Haath Badhana  साथी हाथ बढ़ाना

साथी – मित्र

बोझ – भार 

कदम – Step

सागर – समुद्र

रस्ता – रास्ता 

परबत – पर्वत

सीस – शीश

फ़ौलादी – लोहे का

सीना – छाती

बाँहें – हाथ (Arms)

चट्टान – Reef

लेख की रेखा – किस्मत की रेखा

गैरों – परायों

खातिर – के लिए

मंज़िल – लक्ष्य

नेक – अच्छा

कतरा – बूँद

दरिया – नदी

ज़र्रा – कण

सेहरा – रेगिस्तान 

राई – सरसों  

इंसाँ – इंसान

विलोम

साथी # दुश्मन 

नेक – बुरा 

इंसान – हैवान

पर्यायवाची

साथी – मित्र, दोस्त, सखा, यार, बंधु 

सागर – समुद्र, समंदर, अर्णव, सिंधु 

रास्ता – राह, मार्ग, बाट  

पर्वत – पहाड़, भूधर, गिरि

शीश – सिर, मस्तक, कपाल

सीना – छाती, उर

मंज़िल – लक्ष्य, मुकाम, गंतव्य 

नेक – अच्छा, भला, उत्तम, सभ्य, सुशील, शरीफ  

कतरा – बूँद, कण, छींटा

दरिया – नदी, सरिता, तटिनी 

सेहरा – रेगिस्तान, मरुभूमि  

इंसाँ – इंसान, मनुष्य, आदमी, नर, मानव

प्रश्न 1. मेहनत करने वाले मनुष्यों के मिलकर कदम बढ़ाने से सागर और पर्वत क्या करते हैं?

उत्तर – मेहनत करने वाले मनुष्यों के मिलकर कदम बढ़ाने से सागर भी रास्ता छोड़ देता है और पर्वत भी शीश झुकाता है अर्थात् मिलित रूप से काम करने से किसी भी बड़े काम को अंजाम दिया जा सकता है।

प्रश्न 2. मेहनती व्यक्तियों का रास्ता और मंजिल कौन-सी होती है?

उत्तर – मेहनती व्यक्तियों का रास्ता नेकनामी का रास्ता होता है और मंज़िल सदैव सच की मंज़िल होती है।

प्रश्न 3. उचित उत्तर पर सही (P) का चिह्न लगाइए-

क) इंसान के अपने लेख की रेखा क्या है?

आराम

मेहनत

कोशिश

सहजता

उत्तर – मेहनत

(ख) एक से एक कतरा मिले तो क्या बन जाता है?

दरिया

रास्ता

धरती

आकाश

उत्तर – दरिया

प्रश्न 4. कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए-

(क) फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें

हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दे राहें

कल गैरों की खातिर की , आज अपनी खातिर करना

अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक

प्रश्न 1. ‘हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें’ इस पंक्ति से आप क्या समझते हैं?

उत्तर – हम चाहें तो पैदा कर दे चट्टानों में राहें इस पंक्ति से मैं यह समझता हूँ कि अगर दृढ़-प्रतिज्ञ मनुष्य किसी काम को करने का दृढ़ संकल्प ले ले तो उसे वास्तविक रूप देने के लिए वह अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा देता है।

 प्रश्न 2. आप किन्हें अपना साथी मानते हैं और क्यों?

उत्तर – मैं अपने अंतरात्मा, मस्तिष्क, कर्म और दोनों हाथों को अपना साथी मानता हूँ क्योंकि मेरा अंतर्मन मेरे मस्तिष्क को सुकर्म करने के लिए प्रेरित करता है और मेरे दोनों हाथ सुकर्मों का संपादन करते हैं।

प्रश्न 3. आप साथियों के साथ मिलकर कौन-कौन से काम कर सकते हैं?

उत्तर – मैं अपने साथियों के साथ मिलकर समूह परियोजना(Group Project), खेल-कूद, समूह परिचर्चा (Group Discussion), अपने मोहल्ले की साफ़-सफ़ाई तथा सुबह व्यायाम साथ करता हूँ।

प्रश्न 4. ‘साथी हाथ बढ़ाना’ पंक्ति का क्या भाव है? आपने कब-कब दूसरों की सहायता के लिए हाथ आगे बढ़ाया है? किसी एक घटना के बारे में बताइए।

उत्तर – साथी हाथ बढ़ाना पंक्ति का आशय है कि हमें दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। इस दुनिया में सभी को किसी न किसी की मदद की ज़रूरत पड़ती ही है, कोई भी व्यक्ति सम्पूर्ण नहीं है। मैंने भी अनेक बार विद्यालय में अनुपस्थित हुए अपने मित्रों को पढ़ाए गए विविध विषयों के नोट्स देकर उनकी तरफ़ मदद का हाथ बढ़ाया है।

प्रश्न 1. यदि कोई व्यक्ति अकेला ही सारे काम करेगा तो क्या होगा?

उत्तर – यदि कोई व्यक्ति अकेला ही सारे काम करेगा तो उसे किसी भी काम को करने में बहुत ज़्यादा समय लग जाएगा साथ ही साथ उसके काम में उत्कृष्टता (Qualitative) और सृजनात्मकता (Creativity) का आभाव भी देखने को मिलेगा ।

प्रश्न 2. किन अवसरों पर लगता है कि सबका सुख-दुख एक हो गया है, बताइए ।

उत्तर – जब कभी प्राकृतिक आपदाएँ (Natural Disasters) जैसी त्रासदी आ जाती है तो लगता है कि सबका दुख एक हो गया है और जब होली-दीवाली, ईद-क्रिसमस जैसे त्योहार आते हैं तो लगता है कि सबका सुख एक हो गया है।

1. ‘मिल’ ‘कर’ जोड़ने से मिलकर’ शब्द बना है। अब आप भी तीन शब्दों में ‘कर’ जोड़कर नए शब्द बनाइए-

क. खा+कर=खाकर

ख. धो+कर=धोकर

ग. देख+कर=देखकर

2. ‘हाथों के तोते उड़ना’ – हाथ से संबंधित मुहावरा है। अब आप ‘हाथ’ पर तीन मुहावरे ढूँढकर लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए-

क. मुहावरा – हाथ धोकर पीछे पड़ना

वाक्य – पुलिस चोर के पीछे हाथ धोकर पड़ी है।

ख. मुहावरा – हाथ उठाना

वाक्य – रमेश ने इस काम से अपना हाथ उठा लिया है।

ग. मुहावरा – हाथ पर हाथ धरे रहना

वाक्य – आलसी लोग हाथ पर हाथ धरे रहते हैं।

साथी हाथ बढ़ाना

एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना। मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना

• एक से एक मिले तो इंसाँ बस में कर ले किस्मत

?

प्रश्न 1. क्या कवि ने सबको मिलकर मेहनत करके किस्मत बदलने की बात कही है?

उत्तर – हाँ, कवि ने सबको मिलकर मेहनत करके किस्मत बदलने की बात कही है।

प्रश्न 2. क्या कवि का ऐसा संदेश देना उचित है? उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर – हाँ, कवि का ऐसा संदेश देना शत-प्रतिशत सही है क्योंकि आज तक इस दुनिया में जितने भी आविष्कार, खोज, निर्माण कार्य, सभ्यता और संस्कृति की प्रगति हुई है वो सब एकल या सामूहिक मेहनत का ही नतीजा है। 

1. फ़िल्म ‘नया दौर’ व उसमें इस गीत के फ़िल्मांकन को देखिए ।

2. कक्षा में इस गीत को मिलकर गाइए।

छात्र स्वयं करें

पाठ – 1

साथी हाथ बढ़ाना

उच्चारण एवं तुकांत शब्द

1.

क. बढ़ाना – उठाना

ख. बढ़ाया – झुकाया

ग. बाहें – राहें

2.

क. डरना – करना

ख. एक – नेक

ग. ज़र्रा – सेहरा

घ. परबत – किस्मत

3.

क. जाएगा – आएगा, लाएगा, पाएगा

ख. कल – पल, चल, नल

ग. छोड़ा – जोड़ा, घोड़ा, मोड़ा

घ. चहक – महक, बहक, दहक

ङ. बजाना – सजाना, खजाना, लजाना

4.

क. आविष्कार (2)

ख. अभिलाषा (3)

ग. व्यक्ति (2)

घ. परिणाम (3)

ङ. मुनि (1)

5.

क. पत्ता

ख. मक्खी 

ग. रसगुल्ले  

घ. पच्चीस

ङ. पुस्तक

6.

क. रस्ता – रास्ता  

ख. परबत – पर्वत

ग. लेख – किस्मत

घ. दरिया – सागर

ङ. सीस – शीश

7.

क. एक – अनेक

ख. अपने – पराए 

ग. सच – झूठ

घ. दुख – सुख

8.

क. साथी – राकेश मेरा प्रिय साथी है। 

ख. मेहनत – मेहनत का फल मीठा होता है।

ग. नेक – दुनिया में नेक लोगों की संख्या कम होती जा रही है।

घ. अकेला – कुछ लोग अकेला रहना पसंद करते हैं।

9.

क. पता – मुझे इस सवाल का जवाब पता है। 

पत्ता – इस पेड़ में एक भी पत्ता नहीं है।

ख. बचा – आज मैं एक दुर्घटना से बाल-बाल बचा।

बच्चा – बच्चा माँ की गोद में सोया हुआ है।  

ग. समान – कानून की नज़र में सब एक समान हैं।

सामान – मेरे घर में बहुत सारा सामान है।

सम्मान – हमें बड़ों का सम्मान करना चाहिए।

(जो शब्द आपके अभ्यास पुस्तक में हो उसे ही लिखें।)

10.

मेहनत और मिल-जुलकर काम करने के महत्त्व

दुनिया में आज तक जितनी भी प्रगति हुई है, ये सब एकल और सामूहिक मेहनत का ही नतीजा है। मेहनत से ही हमारा दैनिक जीवन अच्छा से बेहतर और बेहतर से बेहतरीन की ओर जाता है। मिल-जुलकर काम करने से इस प्रक्रिया को तीव्र गति मिलने के साथ-साथ कामों में उत्कृष्टता (Excellence) और रचनात्मकता (Creativity) भी आती है। इतना ही नहीं मिल-जुलकर काम करने से समाज में एकता, भाईचारा, पारस्परिक संबंधों में माधुर्य भाव की सृष्टि होती है जो सभ्य समाज के लिए बहुत आवश्यक है। अतः, मेहनत और मिल-जुलकर किया जाने वाला काम किसी भी व्यक्ति के जीवन को सार्थक (Meaningful) बनाता है।

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