DAV Solution, Class 6, Gyan Sagar, Abhyas Sagar Chapter – 13, Anokhi Doud अनोखी दौड़

अनोखी – विचित्र

दौड़ – Race

सप्रेम – प्रेम के साथ

नमस्ते – प्रणाम

सकुशल – Well

कुशलता – Wellness

प्रसन्नता – खुशी

मंगलकामना – Benediction

पत्र – Letter

कारण – वजह / Reason

इच्छा – आकांक्षा

खेल-दिवस – Sports day

अद्भुत – विचित्र

नज़ारा – दृश्य

विषय – Topic

उपलक्ष्य – के अवसर पर

प्रतियोगिता – Competition

आयोजन – Organise

शतरंज – Chess

तैराकी – Swimming

भाग – हिस्सा

भाग – भागना

रोमांचित – Adventures

दिशा-निर्देश – Guidelines

सहायक – Assistant / Helper

बखूबी – बहुत अच्छे से

प्रोत्साहित – cheer-up

ज़ोर – तेज़

पुकार – आवाज़ लगाना

तालियाँ – Clappings

जोश – उत्साह

अमिट – Lasting impact

छाप – असर

जिज्ञासा – जानने की इच्छा / Curiocity

उत्पन्न – पैदा

विकलांग – दिव्यांग / Physically Challenged

योग्यता – काबिलियत

कविता – नज़्म / Poem

लेख – Article

मधुर – मीठा

गीत – Song

अभिन्न – जो अलग न हो

निपुण – कुशल

समाज – Society

पर्याप्त – Sufficient

अवसर – मौका

अंतर्राष्ट्रीय – International

अंतराल – के बीच में / Gap

भिन्न क्षमता – Different ability

मात्र – केवल

प्रतिस्पर्धा – Competition

प्रमाणित – Proved

प्रति – के लिए

उत्साह – जोश

विश्वास – भरोसा

प्रतीक – Symbol

समिति – Organisation

माध्यम – Medium

आत्मनिर्भरता – Self-dependence

अत्मविश्वास – Self-confidence

ज़िंदगी – जीवन

दिशा – Direction

दृष्टिकोण – Outlook

मानवता – Humanity

बगिया – बगीचा

प्रणाम – नमस्कार

शीघ्र – जल्दी

कार्यक्रम – Programme

प्रश्न 1. सिद्धार्थ अपने माता-पिता के साथ कहाँ गया और क्यों?

उत्तर – सिद्धार्थ अपने माता-पिता के साथ अपनी छोटी बहन के विद्यालय गया था क्योंकि उसे दृष्टि-बाधित (Visually Impaired) बच्चों की दौड़ प्रतियोगिता देखनी थी।

प्रश्न 2. कौन – सा दृश्य सबसे अधिक रोमांचित करने वाला था?

उत्तर – दृष्टि-बाधित (Visually Impaired) बच्चों की दौड़ प्रतियोगिता का नज़ारा सबसे रोमांचित करने वाला था।

प्रश्न 3. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पैरालंपिक खेलों का आयोजन कैसे होता है?

उत्तर – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चार वर्षों के अंतराल में ओलंपिक खेलों का आयोजन होता है उसी देश में उसी वर्ष पैरालंपिक खेलों का भी आयोजन होता है। शीत और ग्रीष्म ऋतु में खेले जाने वाले पैरालंपिक खेलों का आयोजन अलग-अलग होता है।

प्रश्न 4. पैरालंपिक खेलों का आयोजन किन खिलाड़ियों के लिए होता है?

उत्तर – पैरालंपिक खेलों का आयोजन भिन्न-भिन्न देशों के भिन्न क्षमता वाले खिलाड़ियों के लिए होता है।

प्रश्न 5. उचित उत्तर पर सही (P) का निशान लगाइए-

(क) पैरालंपिक खेलों का आयोजन कितने वर्षों के अंतराल पर होता है?

दो

तीन

चार

पाँच

उत्तर – चार

(ख) यह पत्र पढ़कर कौन नवीन स्फूर्ति का अनुभव करेगा?

मित्र

बच्चे

खिलाड़ी

माता-पिता

उत्तर – मित्र

प्रश्न 6. नीचे दिए गए रिक्त स्थान भरिए-

क. सब बच्चे अपने मित्रों प्रोत्साहित कर रहे थे।

ख. यह नज़ारा देखकर मैं आनंदित हो उठा।

ग. मेरे मन में अनेक जिज्ञासाएँ उत्पन्न हो गईं।

घ. उन बच्चों में बहुत-सी योग्यताएँ होती हैं।

ङ. भारत में भी हमारे देश की पैरालंपिक समिति है।

प्रश्न 1. आपको कौन-कौन से खेल पसंद हैं?

मुझे हॉकी, कबड्डी, दौड़ और बैडमिंटन आदि खेल बहुत पसंद हैं।

 प्रश्न 2. भिन्न योग्यता वाले बच्चों के लिए आप कौन-से खेल का आयोजन करेंगे? खेल के नियम भी बताइए ।

उत्तर – भिन्न योग्यता वाले बच्चे के लिए मैं गोलाफेंक (Short put) प्रतियोगिता का आयोजन करूँगा क्योंकि इसमें सहायकों की मदद से उन्हें घेरे के अंदर रखा जा सकेगा और गोला फेंकने की दिशा के बारे में भी आसानी से बताया जा सकेगा।

 प्रश्न 3. आपके विद्यालय में खेल दिवस पर कौन-कौन से खेल होते हैं?

उत्तर – मेरे विद्यालय में खेल-दिवस पर विभिन्न दौड़ प्रतियोगिताएँ, ऊँची छलाँग (High jump) प्रतियोगिता, लंबी छलाँग (Long jump)  प्रतियोगिता, भाला फेंक (Javelin throw) प्रतियोगिता, गोला फेंक (Shot put) प्रतियोगिता, चक्री फेंक (Discuss throw) प्रतियोगिता कनिष्ठ (Junior) और वरिष्ठ (Senior) वर्ग में आयोजित होती हैं। शिक्षकों तथा अभिभावकों के लिए 100 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता तथा शिक्षिकाओं तथा महिला अभिभावकों (Guardians) के लिए म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है।

प्रश्न 1. भिन्न योग्यता वाले बच्चों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे, बताइए।

उत्तर – भिन्न योग्यता वाले बच्चों के लिए मैं अनेक कार्य करना चाहूँगा जैसे- उनके उत्साहवर्धन के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन, समावेशी शिक्षा (Inclusive Education) को बढ़ावा, उनके सामर्थ्य के लिए कृत्रिम अंगों तथा उपकरणों की व्यवस्था तथा उनके मानसिक विकास के लिए विभिन्न कार्यशालाओं (Workshops) का आयोजन इत्यादि।

प्रश्न 2. खेल दिवस पर आपके विद्यालय में हुई किसी अनोखी दौड़ का वर्णन आप कैसे करेंगे?

उत्तर – मेरे विद्यालय में इस बार शिक्षकों तथा अभिभावकों के लिए 100 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था इसमें लगभग 40 प्रतिभागियों (Participants) ने भाग लिया और अंत में दो शिक्षकों तथा एक अभिभावक ने  जीत हासिल की।

प्रश्न 1. पाठ में से नीचे दिए गए शब्दों के लिए विशेषण या विशेष्य छाँटकर लिखिए-

विशेषण       विशेष्य

क. पिछले     रविवार

ख. अद्भुत        नज़ारा

ग. छोटी      बहन

घ. अच्छी     कविताएँ

प्रश्न 2. जो शब्दांश शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाता है उसे ‘प्रत्यय’ कहते हैं।

जैसे, कुशल + ता = कुशलता

अब आप दिए गए शब्दों में प्रत्यय जोड़कर नया शब्द लिखिए-

मूल शब्द प्रत्यय       नया शब्द

क. प्रसन्न + ता   = प्रसन्नता

ख. विद्या +   आलय    = विद्यालय

ग. रोमांच +   इत      = रोमांचित

घ. योग्य +    ता = योग्यता

ङ. प्रमाण +   इत = प्रमाणित

ये खेल मात्र प्रतिस्पर्धा में भाग लेने जैसे नहीं थे।

यह जीवन के प्रति उनके उत्साह एवं विश्वास का प्रतीक भी है।

इन खेलों से मन, सोच व जिंदगी भी बदल जाती है।

प्रश्न 1. खेल खेलने से हमारे अंदर कौन-कौन से गुण आते हैं? विचार कीजिए।

उत्तर – खेल खेलने से हमारे अंदर समूह में कार्य करने की दक्षता, लोकव्यवहार में निपुणता, स्वस्थ शरीर, सामाजिक समायोजन, आत्मविश्वास तथा आत्मनिर्भरता जैसे अमूल्य गुणों का संचार होता है।

प्रश्न 2. खेल खेलने से भिन्न क्षमता वाले खिलाड़ियों के जीवन में परिवर्तन आना अच्छी बात है, कैसे?

उत्तर – खेल किसी भी व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है। भिन्न क्षमता वाले व्यक्ति जब खेलों में संलग्न हो जाते हैं तो उनमें आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और तथा स्फूर्ति का संचार हो जाता है। उनमें निहित प्रतिभा को प्रस्फुटित होने का पूर्ण अवसर मिलता है और वे भी अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करते हैं। 

प्रश्न 1. कोई भी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकार होने पर भी जीवन में सफल रहे किसी ऐसे व्यक्ति की कामयाबी की कहानी कक्षा में सुनाइए।

उत्तर – हेलेन केलर, लुइज़ ब्रेल

प्रश्न 2. कक्षा में अनमोल वचन पढ़कर सुनाइए।

उत्तर – छात्र स्वयं करें  

प्रश्न 3. हिंदी फ़िल्में ‘इकबाल’ और ‘तारे ज़मीन पर’ देखिए। कक्षा में चर्चा कीजिए कि इन फ़िल्मों में आपको क्या अच्छा लगा और क्यों।

उत्तर – छात्र फिल्म देखें और चर्चा करें। 

पाठ – 13  

अनोखी दौड़

उपसर्ग

1.

क. सप्रेम – स + प्रेम 

ख. सकुशल – स + कुशल

ग. संभव – सम् + भव

घ. उपलक्ष्य – उप + लक्ष्य

ङ. प्रतिस्पर्धा – प्रति + स्पर्धा

2.

क. अ + भिन्न = अभिन्न

ख. अ + भाव = अभाव

ग. अ + समान = असमान

घ. अ + दृश्य = अदृश्य

ङ. अ + पर्याप्त = अपर्याप्त

3.

क. वि + देश – विदेश

ख. सु + कन्या – सुकन्या

ग. निर् + गुण – निर्गुण

घ. सु + पुत्र – सुपुत्र

ङ. वि + योग – वियोग

च. निर् + मम – निर्मम

4.

क. आ + दान – आदान

ख. अ + ज्ञान – अज्ञान

ग. अनु + रूप – अनुरूप

घ. अव + गुण – अवगुण

ङ. अप + मान – अपमान

च. वि + कार – विकार

छ. दु + बला – दुबला

ज. प्र + देश – प्रदेश

झ. परा + जय – पराजय

ञ. बे + ईमान – बेईमान

5.

क. वि + जय – विजय

ख. प्र + भाव – प्रभाव

ग. दुर् + गुण  – दुर्गुण

घ. अभि + मान – अभिमान

ङ. अन + जान  -अनजान

च. प्र + वेश – प्रवेश

6.

क. आज़ाद – स्वतंत्र

ख. खजाना – धन-संपत्ति

ग. तोहफ़ा – उपहार

घ. शामिल – सम्मिलित

ङ. गुलामी – दासता

7.

क. झाड़ियाँ

ख. रुपए

ग. मशालें

घ. दरवाजे

8.

क. पुलिस को चोरों की भनक पड़ गई।

ख. अरुणिमा लूटेरों से भीड़ गई।

ग. रमेश ने सारा काम गुड़-गोबर कर दिया।  

घ. सैनिक ने युद्धभूमि में दम तोड़ दिया।

ङ. देशभक्त देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं। 

9.

क. नाक में दम कर दिया 

ख. हाथ बँटा रहे हैं

ग. मन में लड्डू फूटने लगे

घ. घी के दीए जलाए

ङ. आँखों में धूल झोंककर

10.

क. सोनिया, दीपा और रेशमा पार्क में खेल रही थीं। 

ख. माँ ने पूछा, “अनवर कहाँ रहता है?”

ग. वाह! तुमने तो बहुत अच्छी चित्रकारी की है।

घ. पिताजी ने कहा, “बच्चो, कल हम डायनासोर की फ़िल्म देखने जाएँगे।”

11. संवाद

हीरक – मुझे तो भूख लगी है।

भीकू – मुझे भी। मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं।

कीलू – मैंने थोड़ी देर पहले अनाज से भरा एक ट्रक देखा था।

हीरक – तो पहले क्यों नहीं बताया? 

भीकू – किस तरफ़ गया है वह ट्रक ?

कीलू – मेरे पीछे-पीछे आओ।

हीरक – वो देखो, ट्रक वहाँ खड़ा है। 

भीकू – देखो-देखो, एक बोरी से अनाज गिर रहा है।

कीलू – फिर देर किस बात की, चलो टूट पड़ते हैं।

हीरक – मुझे तो अब नींद आ रही है।

भीकू – अब हमें आराम करना चाहिए।  

कीलू – देखा मेरी नज़रों का कमाल।

हीरक – नज़र न लगे तुम्हारी नज़रों को।

भीकू – कल भी कुछ ऐसा ही कमाल करना।

कीलू – ज़रूर-ज़रूर।

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