DAV Solution, Class 6, Gyan Sagar, Abhyas Sagar Chapter – 14, Ek Romanchak Yatra एक रोमांचक यात्रा

रोमांचक – Adventurous

विवाह – शादी

घाटी – Valley

चचेरे – चाचा का

लद्दाख – Laddakh

सफ़र – यात्रा

अमरनाथ – हिंदुओं का धर्मस्थल

हिम – बर्फ़

मील – Mile (1=Mile = 1.61 Kms.)

गुफा – Cave

जोश – उत्साह

खूब – बहुत

नदारद – गायब

तंबू – शिविर / Camp

फीट – Feet

गड़रिया – Shepherd

साँकल – गाँठ

दल – समूह / Team

समान – बराबर / Equal

सामान – चीज़

कदम – Step

कोशिश – प्रयास

रपटीली – Slippery

भयानक – खतरनाक

थक – Tired

हालाँकि – However

खेमा – तंबू

हिम-सरोवर – Ice river

पुरस्कार – इनाम

दृश्य – नज़ारा

मुकुट – ताज़ / Crown

ओझल – गायब

अर्धचंद्राकार – आधा चंद्र के आकार का / Crescent Moon

कुहरा – कुहासा / Fog

देवता – भगवान

चोटी – शिखर / पीक

शीघ्र – जल्दी

मुश्किल – समस्या

यात्रा – Journey

मंजिल – लक्ष्य

ताज़ा – Fresh

तादाद – संख्या

खिसक – Slip

हताश – निराश

अनदेखी – बिना देखी 

दरार – Crack

धोखा – Bluff  

खात्मा – अंत

प्रश्न 1. पहाड़ों पर घूमते हुए नेहरू जी किसके साथ कहाँ तक पहुँच गए?

उत्तर – पहाड़ों पर हफ्तों तक घूमते हुए नेहरू जी अपने चचेरे भाई तथा मित्रों के साथ लद्दाख पहुँच गए।

प्रश्न 2. नेहरू जी एवं उनके साथी यात्रियों ने बर्फीली नदियों को किसकी सहायता से और किस प्रकार पार किया?

उत्तर – नेहरू जी एवं उनके साथी यात्रियों ने बर्फीली नदियों को एक स्थानीय गड़रिए के दिशा निर्देश तथा अपने-आप को एक रस्सियों की साँकल में बाँधकर बड़ी सावधानी से पार किया।

प्रश्न 3. अमरनाथ की गुफा अनदेखी क्यों रह गई?

उत्तर – अमरनाथ की गुफा से लगभग आधा मील दूर बड़े-बड़े हिम-विदर थे जिन्हें पार करने के लिए न ही नेहरू जी तथा उनके साथियों के पास पर्याप्त साधन थे और न ही बिना साधनों के आगे जाने की हिम्मत क्योंकि थोड़ी देर पहले ही नेहरूजी एक बड़े-से हिम-विदर में गिर गए थे और बड़ी मुश्किलों से बाहर निकाले गए थे। इसलिए अमरनाथ की गुफा अनदेखी रह गई।

प्रश्न 4. उचित उत्तर पर सही (P) का निशान लगाइए-

(क) यात्रा में नेहरू जी को कैसा अनुभव हुआ?

दिल लुभाने वाला

दिल दहला देने वाला

दिल बहलाने वाला

दिल बुझाने वाला

उत्तर – दिल दहला देने वाला

ख) मटायन से अमरनाथ की गुफा कितनी दूर थी ?

आठ मील

दस मील

पाँच मील

सात मील

उत्तर- आठ मील

(ग) लगातार चढ़ते रहने के बाद नेहरू जी और उनके साथियों को क्या पुरस्कार मिला?

हिम- पिंड देखने का

हिम-सरोवर देखने का

हिम-वृष्टि देखने का

हिम-कुंड देखने का

उत्तर – हिम-सरोवर देखने का

प्रश्न 1. यात्रियों को साँस लेने में कठिनाई क्यों होने लगी होगी?

उत्तर – यात्रियों को साँस लेने में कठिनाई हो रही थी क्योंकि वे समुद्रतल (Altitude) से काफी ऊँचाई पर थे जिस वजह से उन्हें वहाँ पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीज़न नहीं मिल पा रहा था।

प्रश्न 2. “इस नई बर्फ ने ही मेरा करीब-करीब खात्मा कर दिया होता”-ऐसा नेहरूजी ने क्यों कहा?

उत्तर – नेहरुजी ने ऐसा कहा है क्योंकि नई गिरने वाली बर्फ ने हिम-विदर को ढँक दिया था और रास्ता भी रपटीला (Slippery) हो गया था जिस वजह से भूलवशत: नेहरूजी हिम-विदर में गिर पड़े और बड़ी मुश्किलों के बाद उन्हें बाहर निकाला गया।

प्रश्न 3. क्या कारण होगा कि थके होने पर भी सभी ने यात्रा तय करनी शुरू की?

उत्तर – सभी यात्रियों में अमरनाथ की गुफा देखने की लालसा थी जिस वजह से थके होने पर भी सभी यात्री पूरे जोश से यात्रा कर रहे थे।

प्रश्न 4. हिम – सरोवर का दृश्य कैसा था?

उत्तर – हिम-सरोवर का दृश्य बहुत सुंदर था मानो देवताओं का मुकुट या अर्धचंद्र हो।

प्रश्न 1. यदि आपको पहाड़ पर रहना पड़ता तो किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता?

उत्तर – यदि मुझे पहाड़ पर रहना होता तो मुझे यातायात संबंधी समस्याओं के साथ-साथ खेल-कूद के समतल जमीन का अभाव, वर्षा के दिनों में शिलाओं के स्खलन का भय तथा खेती-बाड़ी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

प्रश्न 2. क्या होता अगर यात्रियों ने एक दूसरे को रस्सियों से न बाँधा होता?

उत्तर – यदि यात्रियों ने एक-दूसरे को रस्सी से नहीं बाँधा होता तो नहरू जी के हिम-विदर में गिरने के बाद उन्हें बचा पाना बहुत ही कठिन हो जाता और शायद नेहरू जी जीवित भी न बचते।

प्रश्न 1. नीचे दिए गए उदाहरण के अनुसार वाक्य बनाइए-

उदाहरण – हिम-सरोवर के चारों ओर बर्फ से ढकी पर्वत चोटियाँ थीं, मानों देवताओं का मुकुट अथवा अर्धचंद्र हो।

क. उपवन में चारों तरफ रंग-बिरंगे फूल खिले थे मानो प्रकृति ने सोलह शृंगार किया हो।

ख. आकाश में काले-काले बादल छाए हुए थे मानो चंद्र का दाग हो।

ग. गहरे काले आसमान में अनेक तारे चमक रहे थे मानो अँधेरे में जुगनू उड़ रहे हों।

घ. तेज़ ठंडी हवा के कारण पेड़ ऐसे हिल रहे  थे मानो डर से काँप रहे हो।

प्रश्न 2. नीचे दिए गए वाक्यों को दिए गए मुहावरों द्वारा पूरा कीजिए-

आँखों से ओझल होना, होश उड़ना दिल दहलना,

  क. जब मैंने अपनी खाली जेब देखी तो मेरे होश उड़ गए।

ख. पहाड़ के ऊपर से नीचे गहरी खाई को देखा तो मेरा दिल दहल गया।

ग. बगीचे से आम तोड़कर अनिल माली के आँखों से ओझल हो गया।

प्रश्न 1. किसी भी कार्य को करने के लिए जोश भी जरूरी है और अनुभव भी अपने विचार बताइए ।

उत्तर – किसी भी कार्य को करने के लिए जोश के साथ साथ अनुभव भी ज़रूरी होता है क्योंकि जोश और अनुभव एक ही सिक्के को दो पहलू हैं और सफलतापूर्वक  किसी भी कार्य को करने के लिए ये दोनों चीजों का होना अति आवश्यक है। अनुभव से हम उस कार्य को करने की रणनीति का निर्धारण करते हैं और जोश से उस कार्य को यथाशीघ्र पूरा करते हैं।

प्रश्न 2. सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। आप क्या सोचते हैं?

उत्तर – जी हाँ, सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी ही पड़ती है। इस दुनिया में जितने भी जीवधारी हैं वे भी जीवित रहने के लिए मेहनत करते ही हैं। बिना मेहनत के तो एक निवाला भी हम अपने मुँह तक नहीं ले जा सकते। इसलिए यह पूर्णतः सत्य कथन है कि सफल होने के लिए मेहनत करनी ही पड़ती है। 

प्रश्न 1. पहाड़ी यात्रा पर जाने से पहले क्या-क्या तैयारियाँ करनी चाहिए? उनकी एक सूची बनाइए।

उत्तर – पहाड़ी यात्रा पर जाने से पहले हमें उचित प्रशिक्षण लेनी होगी, हमारा स्वास्थ्य सही होना आवश्यक है। इसके अलावा ट्रैकिंग जूते, रस्सियाँ, कील, दवाइयाँ, तंबू आदि की तैयारी करनी पड़ती है।   

प्रश्न 2. धीरे-धीरे धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है, जिसे हम ‘ग्लोबल वार्मिंग’ कहते हैं। विज्ञान, सामाजिक विज्ञान की शिक्षिका या किसी अन्य व्यक्ति की सहायता से पता कीजिए कि तापमान क्यों बढ़ रहा है? तापमान न बढ़े इसके लिए हम क्या कर सकते हैं?

उत्तर – अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन ‘ग्लोबल वार्मिंग’ का मुख्य कारण है। वैश्विक तापमान न बढ़े इसके लिए अत्यधिक पेड़ लगाने होने और कार्बन उत्सर्जन कम करना होगा।

पाठ – 14

एक रोमांचक यात्रा

कारक

1.

क. के लिए

ख. पर

ग. को

घ. ने , को

2.

क. ने

ख. को

ग. के लिए

घ. से

ङ. पर

च. से

छ. की

ज. में

3.

क. संजीव ने कक्षा में कहानी सुनाई। – कर्ता कारक

ख. चूहों ने घर में तूफ़ान मचा रखा है। – अधिकरण कारक

ग. पेड़ से पत्ते गिर रहे हैं। – अपादान कारक

घ. शीला सेब खा रही है। –  कर्म कारक

ङ. माँ चाँदनी के लिए फ्रॉक लाई थी। – संप्रदान कारक

च. अनुराग ने घायल चिड़िया को उठाया। – कर्म कारक

छ. उसके बगीचे में बहुत सुंदर फूल खिले थे। – संबंध कारक

ज. अरे! इधर तो आओ। संबोधन कारक

4.

क. रमेश ने कहा कि यह पुस्तक रजत की है।

ख. सीमा की बहन ने देखा कि एक मोर पंख फैलाकर नाच रहा था।

ग. दादी माँ ने सपना से पूछा कि अलमारी की चाबी कहाँ है?

5.

क. कर्ता – बस चल रही है।

ख. कर्म – ड्राइवर बस चला रहा है।

ग. करण – मैं बस से दिल्ली जाऊँगा।

घ. संप्रदान – बस के लिए तीस लीटर डीज़ल चाहिए।

ङ. अपादान – बस से तीन यात्री उतर गए।

च. संबंध – बस की सीट आरामदायक है।

छ. अधिकरण – बस में चालीस यात्री बैठे हुए हैं।    

6.

क. सूर्य – रवि, दिनकर

ख. रात्रि – निशा, रजनी

ग. यात्री – पथिक, राहगीर

घ. नदी – सरिता, तटिनी

7.

क. भूतकाल

ख. वर्तमान काल

ग. भविष्यत् काल

घ. भूतकाल

ङ. वर्तमान काल

8.

क. आँख-नेत्र – समानार्थी

ख. पाप-पुण्य – विलोम

ग. घर-आलय – समानार्थी  

घ. सरल-कठिन – विलोम

ङ. शांति-अशांति – विलोम

च. अग्नि-आग – समानार्थी 

9.

क. जान से हाथ धो बैठता   

ख. टेढ़ी खीर है

ग. उलटे पाँव लौट आया

घ. कमर सीधी करने का मन कर रहा है।

ङ. एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया

10.  

सूचना

डीएवी पब्लिक स्कूल, राँची

ट्रैकिंग अभियान के संदर्भ में

छठी कक्षा के सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि इस गर्मी की छुट्टियों में 12 दिनों का ट्रैकिंग अभियान, रूप कुंड, उत्तराखंड में होगा। जो भी छात्र इस ट्रैकिंग अभियान में जाना चाहते हैं, वे सहमति फॉर्म पर अपने अभिभावक के हस्ताक्षर करवाकर 20/03/20XX तक अपने-अपने कक्षाध्यापक को दे दें। अधिक जानकारी के लिए खेल-कूद शिक्षक रामेश्वर त्यागी से संपर्क करें।

श्रीमती लेहा

प्रधानाचार्या

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