DAV Solution, Class 6, Gyan Sagar, Abhyas Sagar Chapter – 17, Yatra Aur Yatree यात्रा और यात्री

साँस – श्वास / Breathe

मुसाफ़िर – यात्री

तारकों – तारों का

दल – समूह

गगन – आकाश

गीत – Song

आकाश – नभ

शून्य – अंतरिक्ष

भ्रमता-भ्रमाता – घूमता-घुमाता

अचला – पृथ्वी

चंचला – गतिमान

कण – Particle

क्षण – पल / Moment

थल – जगह

टिक – टहराव

गति – Velocity

ओर – तरफ

और – एवं / And

स्थान – जगह

टलना – हटना

प्रश्न 1. कवि ने मुसाफ़िर किसे कहा है?

उत्तर – कवि ने इस पृथ्वी के सभी जीवधारियों को मुसाफ़िर कहा है।

प्रश्न 2. मुसाफ़िर को किस यात्रा पर चलना पड़ेगा?

उत्तर – मुसाफ़िर को अपनी जीवन यात्रा पर चलना पड़ेगा जिसमें उन्हें बहुत से कामों को अंजाम देना है।

प्रश्न 3. ‘अचला’ पृथ्वी को ‘चंचला’ क्यों कहा गया है?

उत्तर – ‘अचला’ पृथ्वी को ‘चंचला’ कहा गया है क्योंकि पृथ्वी जबसे अपने अस्तित्व में आई है तबसे बिना एक क्षण भी रुके अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य की परिक्रमा कर रही है।

प्रश्न 4. ‘ शक्तियाँ गति की तुझे’ पंक्ति में ‘तुझे’ सर्वनाम का प्रयोग किसके लिए हुआ है?

उत्तर – ‘शक्तियाँ गति की तुझे’ पंक्ति में ‘तुझे’ सर्वनाम का प्रयोग हम सभी प्राणियों के लिए किया गया है क्योंकि हम सभी सूर्य, चंद्र ग्रहों और वायुमंडल से घिरे हुए हैं।

प्रश्न 1. ‘साँस चलती है’ से कवि क्या कहना चाहता

उत्तर – ‘साँस चलती है’ से कवि यह कहना चाहते हैं कि जब तक हमारी साँसें चलती रहती हैं तब तक हमें अपने कर्म में लीन रहना ही होगा।

प्रश्न 2. मनुष्य को चारों ओर से कौन घेरे हुए है?

उत्तर – मनुष्य को चारों ओर से प्राकृतिक शक्तियाँ जैसे सूर्य, चंद्र, ग्रह और वायुमंडल से घेरे हुए हैं।

प्रश्न 3. टलना पड़ेगा ही मुसाफ़िर, चलना पड़ेगा ही मुसाफ़िर’ – इस वाक्य में ‘ही’ का प्रयोग कवि ने क्यों किया है?

उत्तर – ‘टलना पड़ेगा ही मुसाफ़िर, चलना पड़ेगा ही मुसाफ़िर’ इस वाक्य में ‘ही’ निपात का प्रयोग टलना पड़ेगा और चलना पड़ेगा पदों पर ज़ोर देने के लिए हुआ है ताकि हम समझ जाएँ कि हमें अपने जीवन में एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बढ़ना ही पड़ेगा।

प्रश्न 1. कल्पना कीजिए कि यदि नदी बहना छोड़ दे और मनुष्य चलना छोड़ दे तो क्या होगा?

उत्तर – यदि नदी बहना छोड़ दे तो जल संकट पैदा हो जाएगा। पेय जल (Drinking Water) की कमी और जल प्रदूषण (Pollution) काफी बढ़ जाएगा और आम जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। यदि मनुष्य चलना छोड़ दे तो वह मानसिक और शारीरिक रूप से पंगु हो जाएगा और अपनी अस्मिता सदा के लिए खो देगा।

प्रश्न 2. कवि ने अपने तरीके से मनुष्य को कार्य करते रहने के लिए प्रेरित किया है। आप अपने मित्र को कार्य करने की प्रेरणा कैसे देंगे?

उत्तर – मैं अपने मित्र को वर्तमान समाज की आवश्यकताओं के बारे में बताऊँगा और उसे उदाहरण देते हुए यह कहूँगा कि आज समाज में उन्हीं लोगों की अहमियत होती है जो काम करते हैं। इसलिए तुम्हें भी काम अवश्य करना चाहिए और अपने कर्म से ही महान बनना चाहिए।

प्रश्न 1. कविता ‘यात्रा और यात्री’ में से तीन संज्ञा शब्द छाँटकर लिखिए-

क. यात्री     

ख. साँस     

ग. मुसाफ़िर

प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्तियों को उदाहरण की तरह लिखिए-

उदाहरण- चल रहा आकाश भी है शून्य में में भ्रमता-भ्रमाता

आकाश भी शून्य में भ्रमता भ्रमाता चल रहा है।

क. तारकों का दल गगन में गीत गाता चल रहा है।

ख. मुसाफ़िर तुझे अपने स्थान से टलना ही पड़ेगा।

• संसार में पृथ्वी, चाँद तारे सभी नियमानुसार चलते हैं।

प्रश्न 1. इससे आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर – इनसे मुझे यह प्रेरणा मिलती है कि हमें भी अपने जीवन में सदा कर्म करते रहना चाहिए।

प्रश्न 2. जीवन में नियमों का पालन करने का क्या महत्त्व है?

उत्तर – जीवन में नियमों का पालन करने से हम अनुशासित बनते हैं। सामाजिक और प्राकृतिक नियमों के पालन से हमारा व्यक्तित्व निखरता है और हम अपने जीवन को सदा के लिए स्मरणीय बना लेते हैं। 

प्रश्न 3. प्रकृति का अनुसरण कर आप जीवन में क्या प्राप्त कर सकते हैं?

उत्तर – प्रकृति का अनुसरण कर हम अपने जीवन को शांत, मन को स्थिरचित्त और विचार को परोपयोगी बना सकते हैं।

1. कवि ‘हरिवंशराय बच्चन’ की कोई एक कविता कक्षा में सुनाइए।

वृक्ष हों भले खड़े,

हों घने हों बड़े,

एक पत्र छाँह भी,

माँग मत, माँग मत, माँग मत,

अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

तू न थकेगा कभी,

तू न रुकेगा कभी,

तू न मुड़ेगा कभी,

कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,

अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

यह महान दृश्य है,

चल रहा मनुष्य है,

अश्रु श्वेद रक्त से,

लथपथ लथपथ लथपथ,

अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

~ हरिवंशराय बच्चन

2. कोई एक प्रेरणादायक ‘स्वरचित कविता लिखिए।

उत्तर – छात्र स्वयं लिखें।

पाठ – 17

यात्रा और यात्री

प्रत्यय

1.

क. चलना

ख. टलना

2.

डरना     करना       देखना       सुनना  

3.

क. चल

ख. चल

ग. चल

घ. चल

ङ. चल

4.

क. शब्दांश

ख. अंत

5.

क. पढ़ + ना – पढ़ना

ख. हँस + ना – हँसना

ग. बाँध + ना – बाँधना

घ. बह + ना – बहना

ङ. पी + ना – पीना

6.

क. चाय + वाला– चायवाला  

ख. दुकान + दार – दुकानदार

ग. बीमार + – बीमारी

घ. शान + दार – शानदार  

ङ. धन + वान – धनवान

च. पहाड़ + – पहाड़ी

7.

क. दोस्ती – दोस्त + ई   

ख. मालदार – माल + दार   

ग. गुणवती – गुण + वती

घ. भ्रमता – भ्रम + ता

ङ. बंगाली –  बंगाल  + ई

च. चमकीला – चमक + ईला

8.

क. सफल + ता – सफलता

ख. हिंदुस्तान  + ई – हिंदुस्तानी  

ग. ज़ोर + दार – ज़ोरदार

घ. दया + आलु – दयालु

ङ. पुष्प + इत – पुष्पित

9.

क. अस्थिर

ख. पाताल

ग. अपयश

घ. पश्चिम 

10.

क. शक्तियाँ

ख. झरने

ग. मुसाफ़िरों ने

घ. तिथियाँ

11.

क. अन + जान – अनजान

ख. प्र + भाव – प्रभाव

ग. बे + कार – बेकार

घ. अन + पढ़ – अनपढ़

ङ. बे + चैन – बेचैन

12.

क. परिश्रम – मेहनत

ख. पुष्प – फूल

ग. पथ – रास्ता 

घ. सिंधु – सागर

13.

क. घर

ख. केले

ग. कॉपी

घ. तोता

ङ. कक्षा

14.

क. वह

ख. मैंने

ग. वे, हम 

घ. उसकी

ङ. उनकी, उनके

15. शिक्षक के दिशानिर्देश में छात्रों को बताया जाएगा। 

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