शब्दार्थ
झंडा – केतु, पताका
विश्व – संसार
शक्ति – ताकत, बल
सुधा – अमृत
हर्ष – खुशी
मातृभूमि – Motherland
स्वतंत्रता – आज़ादी
भीषण – प्रचंड
रण – युद्ध
जोश – उमंग
काँपना – थर्राना
शत्रु – दुश्मन
संकट – विपत्ति
निर्भय – निडर
स्वराज्य – अपना राज्य
ध्येय – उद्देश्य
बलि-बलि – बलिदान होना
शान – शोहरत
प्राण – जीवन
पूर्ण – पूरा
भारत – हिंदुस्तान, आर्यावर्त
भाषा अभ्यास
पाठ – 10
झंडा ऊँचा रहे हमारा
कहानी लेखन
देशभक्ति का संदेश देने वाली एक छोटी कहानी लिखिए।
ये बात उन दिनों की है जब सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में इंडियन नेशनल आर्मी में सैनिकों की भर्ती हो रही थी। सेना में भर्ती होने के उद्देश्य से जब एक युवक अपनी माँ के साथ सुभाष चंद्र बोस के पास पहुँचा तो सुभाष बाबू के लिए यह एक अविस्मरणीय घटना बन गई क्योंकि वह युवक दृष्टिहीन था। उसके दोनों आँखों की रोशनी किसी बीमारी की वजह से जा चुकी थी। वह बिलकुल भी नहीं देख सकता था। पर फिर भी वह सेना में भर्ती होने के लिए व्याकुल था। सुभाष बाबू ने जब उससे कहा कि एक दृष्टिबधित युवक को सेना में भर्ती नहीं किया जा सकता तो उस युवक ने अपने देशभक्ति का प्रमाण देते हुए कहा कि हाँ, मैं दृष्टिबाधित हूँ, पर मेरा जीवन देशहित में लगे यही मेरी कामना है। मैं युद्ध भले ही न कर पाऊँ पर कम से कम दुश्मनों की एक गोली अपने सीने में लेकर उसे कम तो कर ही सकता हूँ। युवक के इस जज़्बे को देखकर सुभाष बाबू ने उसे गले से लगा लिया।