DAV Solution, Class 7, Gyan Abhyas Sagar Chapter – 11, Us Raat Ki Baat उस रात की बात

ज़िन्दगी – जीवन

अनहोनी – न होने वाली

आचार-विचार – व्यवहार

घटना – Incident

आराम – सुस्ताना

आहट – आवाज़

भिखारिन – Lady beggar

टुकड़ा – कतरन, Striper

सहायता – मदद

बीमार – रोगी

महँगी – कीमती

दवा – औषधि

धर्म – मज़हब, Religion

अकाल – भुखमरी, सूखा, Famine

बहाना – Excuse

अकसर – अधिकतर, Often

इलाज – चिकित्सा

तरीका – ढंग

विपदा – संकट

पत्नी – भार्या

निराश – हताश

बियाबान – बीहड़

स्थान – जगह

इंजन – Engine

कोशिश – प्रयास

बेकार – रद्दी, Waste

बस्ती – नगरी, Township

कस्बा – छोटी बस्ती

डरावने – खतरनाक

जंगली – बर्बर, Savage

टीला – स्तूप, मेड़, Mound

आशा – उम्मीद

रोशनी – प्रकाश

लालटेन – Lantern

परेशान – चिंतित, Upset

पति – स्वामी

मिस्त्री – Mechanic  

झोंपड़ी – Hut

एकमात्र – केवल एक

चारपाई – खटिया

अतिथि – मेहमान

बथुआ – एक प्राकार का साग

साग – Green Leaf

सन्न – जड़, Numb

बातचीत – वार्तालाप, Conversation

अस्पताल – चिकित्सालय, Hospital

लज्जित – शर्मिंदा

मुश्किल – कठिन

आँख लगना – नींद आना

व्यवहार – आचरण

चाय – Tea

गरीब – दरिद्र, Poor

अमल – विचार

पछतावा – अफ़सोस, Repent

मानवता – इंसानियत, Humanity

आदर – सम्मान

प्रश्न 1. बुढ़िया के पैसे माँगने पर लेखक ने क्या समझा?

उत्तर – बुढ़िया के पैसे माँगने पर लेखक ने उसे भिखारिन समझ लिया। पर जब वह बुढ़िया कागज़ का टुकड़ा दिखाने लगी जिसमें कुछ दवाइयों के नाम लिखे हुए थे तो लेखक को लगा कि ये बुढ़िया ज़्यादा पैसे ऐंठने की कोशिश कर रही है।

प्रश्न 2. रात में लेखक को डर क्यों लगने लगा?

उत्तर – लेखक की गाड़ी जहाँ खराब हुई थी वह एक बीहड़ जंगल था। वहाँ गीदड़ों की हुआ-हुआ की आवाज़ें सुनाई पड़ रही थीं। जंगली जानवरों के साथ-साथ चोर-लूटेरों का डर भी लेखक को सता रहा था इसलिए रात में लेखक को डर लगने लगा। 

प्रश्न 3. लेखक को अपने उस दिन के व्यवहार पर शर्मिंदा क्यों होना पड़ा?

उत्तर – लेखक को अपने उस दिन के व्यवहार पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी क्योंकि उसने बुढ़िया को ज़्यादा पैसे ऐंठने वाली समझकर उसकी मदद नहीं की थी और आज विपत्ति के समय उसे उसी बुढ़िया के घर में शरण मिली थी। 

प्रश्न 4. बुढ़िया के घर से लौटते समय लेखक ने क्या प्रण किया?

उत्तर – बुढ़िया के घर से लौटते समय लेखक ने यह प्रण किया कि आज के बाद वह मानवता को सबसे ऊँचा स्थान देगा और अपनी योग्यता अनुसार हर ज़रूरतमंद की मदद करेगा।

प्रश्न 5. बुढ़िया के चरित्र की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए ।

उत्तर – बुढ़िया की चारित्रिक विशेषताएँ हैं-

वह एक ईमानदार स्त्री है।

उसमें मानवीय संवेदना भरी हुई है। 

वह विपत्ति में पड़े लोगों की मदद करती है।

प्रश्न 6. नीचे दिए गए कथन, किसने कहे, किससे कहे, लिखिए-

प्रश्न  (क) मेरा बेटा बहुत बीमार है

प्रश्न (ख) कह देना कि और घरों से माँग ले।

उत्तर – क. बुढ़िया ने लेखक से कहा    

उत्तर – ख. लेखक ने अपनी बेटी से कहा     

प्रश्न 7. नीचे प्रत्येक प्रश्न के चार-चार उत्तर दिए गए हैं । उचित उत्तर पर सही ( P ) का चिह्न लगाइए-

प्रश्न (क) लेखक ने अपनी बेटी से भिखारिन को क्या देने को कहा?

दो रुपए

दो-चार पैसे

पाँच रुपये

आठ रुपये

एक रुपए

उत्तर – दो-चार पैसे प्रश्न

(ख) लेखक को कितने महीने बाद शहर से दूर जाना पड़ा?

तीन महीने बाद

पाँच महीने बाद

दो महीने बाद

छह महीने बाद

उत्तर – तीन महीने बाद

उत्तर – तीन महीने बाद

प्रश्न (ग) मिस्त्री को कौन बुलाकर लाया?

बुढ़िया का बेटा

बुढ़िया का पति

बुढ़िया का भाई

स्वयं बुढ़िया

उत्तर – बुढ़िया का बेटा

प्रश्न (घ) बुढ़िया ने लेखक को क्या खाने को दिया?

मक्के की रोटी, सरसों का साग

गेहूँ की रोटी, पालक का साग

बाजरे की रोटी, सरसों का साग

बाजरे की रोटी, बथुए का साग

उत्तर – बाजरे की रोटी, बथुए का साग

बातचीत के लिए

प्रश्न 1. बेटी द्वारा पैसे दिए जाने पर बुढ़िया ने क्या कहा?

उत्तर – बेटी द्वारा पैसे दिए जाने पर बुढ़िया ने पैसे लेने से इंकार करते हुए कहा कि मेरे पास इतना समय नहीं है कि मैं घर-घर जाकर पैसे माँगू। विपदा में मेरी मदद करें। ऊपरवाला आपका घर भरा रखेगा।

प्रश्न 2. “सुन लिया न? नखरे भी पूरे दिखा रही है। इससे बात करना ही बेकार है। छोड़ो चली जाएगी अपने-आप।” इससे लेखक के बारे में क्या पता चलता है?

उत्तर – इन वाक्यों से लेखक की तुच्छ मानसिकता का बोध होता है। उनमें मानवीयता का ह्रास होता दिखता है और अपनी बातों को सही साबित करने के लिए वे यह भी कहते हैं कि ये सब पैसे ऐंठने के तरीके हैं।      

प्रश्न 3. रात में आपको किस-किस से डर लगता है और क्यों?

उत्तर – रात में मुझे चूहों से डर लगता है क्योंकि चूहे सामानों पर उछलते-कूदते रहते हैं जिससे न तो मुझे चैन की नींद ही आती है और न ही सामानों के खराब हो जाने के भय से मैं मुक्त हो पाता हूँ।   

प्रश्न 4. लेखक की मोटर साइकिल कहाँ खराब हो गई थी और किसने ठीक की?

उत्तर – लेखक की मोटरसाइकिल बीहड़ जंगल में खराब हो गई थी और उसे अगले दिन एक मिस्त्री ने ठीक किया।   

प्रश्न 1. बुढ़िया लेखक को रात में अपने घर ठहरने के लिए न कहती तो लेखक क्या करता?

उत्तर – यदि बुढ़िया लेखक को रात में अपने घर में ठहरने के लिए न कहती तो लेखक कहीं और शरण की तलाश करने लगता।          

प्रश्न 2. आपने अक्सर लोगों को भीख माँगते देखा होगा। कहाँ-कहाँ देखा है ? बताइए वे भीख क्यों माँगते होंगे ?

उत्तर – मैंने मंदिरों के बाहर, रेलवे स्टेशन फूटपाथ आदि जगहों पर भिखारियों को भीख माँगते देखा है। उनके भीख माँगने के पीछे उनकी मानसिक विकलांगता के साथ साथ कुछ गिरोह का हाथ भी होता है जो उनसे जबरन भीख मँगवाते हैं।

प्रश्न 3. इस कहानी का शीर्षक ‘उस रात की बात’ क्यों रखा गया है? आप इस कहानी का कोई एक अन्य शीर्षक बताइए। साथ ही यह भी बताइए कि आपने यह शीर्षक क्यों रखा?

उत्तर – इस कहानी का नाम ‘उस रात की बात’ रखा गया है क्योंकि लेखक को अपनी गलती का एहसास उसी रात को होता है जब वह शरण लेने उसी बुढ़िया के घर पहुँचता है जिसे उसने कभी कपटी समझा था। मैं इस कहानी के लिए ‘लौट आया आत्म-विवेक’ शीर्षक रखना चाहूँगा क्योंकि लेखक को अपनी गलती का एहसास हो जाने पर वह मानवता का पालन करने का प्रण लेता है।

प्रश्न 1. पाठ में आए हुए कुछ वाक्य दिए गए हैं। इनके मोटे काले शब्दों के स्थान पर उचित मुहावरे का प्रयोग कीजिए-

प्रश्न (क) बुढ़िया ने कहा यही मेरा एक मात्र सहारा है।

क. बुढ़िया ने कहा यही मेरे बुढ़ापे की लकुटी है।

प्रश्न (ख) उस दिन की बात सोचते-सोचते पता नहीं कब सो गया?

ख. उस दिन की बात सोचते-सोचते पता नहीं कब आँख लग गई।

प्रश्न (ग) गीदड़ों की हुआ हुआ सुनकर मैं डर गया।

ग. गीदड़ों की हुआ-हुआ सुनकर मेरे प्राण सूखने लगे।

प्रश्न (घ) बुढ़िया की शक्ल पहचानकर मैं बहुत लज्जित हुआ।

घ. बुढ़िया की शक्ल पहचानकर मैं शर्मिंदा हो गया।

प्रश्न 2. पाठ में आए हुए उपसर्ग तथा प्रत्यय लगे कोई तीन-तीन शब्द लिखिए-

उपसर्ग                प्रत्यय

क. अतिथि             घ. परेशानी

ख. अनहोनी            ङ. ऊपरवाला

ग. बेकार          च. दिखाई

प्रश्न 3. नीचे दिए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

(क) अतिथि – हमें अतिथि का अच्छे से सत्कार करना चाहिए।

(ख) विपदा – विपदा सबके जीवन में एक समान नहीं आता है।

(ग) अनहोनी मेरे साथ हमेशा कोई-न-कोई अनहोनी होती है।

प्रश्न 1. बुढ़िया, उसके पति और बेटे के व्यवहार ने लेखक को मानवता का पाठ पढ़ाया। किसी ऐसी घटना के बारे में बताइए जब आपको किसी से कुछ सीखने को मिला हो ।

उत्तर – एक बार मैं अपने घर में टीवी देख रहा था कि तभी दरवाज़े पर एक भिखारी आया। मैंने उसे टालने के लिए खिड़की से ही कह दिया, “घर पर कोई भी आदमी नहीं है।” भिखारी ने कहा, “थोड़ी देर के लिए आप ही आदमी बन जाइए और मुझे थोड़ा पानी पिला दीजिए।” इस घटना से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।      

प्रश्न 2. प्रस्तुत पाठ हमें अपने जीवन में किन-किन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है? यदि हम उन मूल्यों को अपनाते हैं तो हमें क्या लाभ होगा?

उत्तर – प्रस्तुत पाठ हमें मानवता जैसे अमूल्य जीवन मूल्य को अपनाने के लिए प्रेरित करती है। यदि हम ऐसे जीवन मूल्यों को अपनाएँगे तो सही अर्थों में हम मनुष्य कहलाएँगे और हमारी कीर्ति सदा के लिए अमर हो जाएगी। 

प्रश्न 1. कहानी ‘उस रात की बात’ को नाटक के रूप में लिखिए। तथा उस नाटक का कक्षा में मंचन कीजिए।

उत्तर – शिक्षक के दिशानिर्देश में करवाया जाएगा।

प्रश्न 2. यदि आपको अपने परिवार के साथ रात को यात्रा करनी पड़े तो आप क्या-क्या सावधानियाँ बरतेंगे? और क्यों ?

उत्तर – मैं सबसे पहले अपने वाहन की फिटनेस की जाँच कर लूँगा। अपने परिवारवालों को रात में होने वाली घटनाओं और वारदातों से अवगत करवा दूँगा और विपरीत परिस्थितियों से कैसे निकाला जाए इसके बारे में भी फले से बता दूँगा।

पाठ – 11

उस रात की बात

क्रिया विशेषण व भेद

1.

सुबह  

शहर में

घूम-घूमकर, नज़र दौड़ाकर, धीरे-धीरे

थोड़ा 

2.

क. कब

ख. कैसे

ग. कहाँ

घ. कितना

ङ. कैसा  

3.

क. अंदर

ख. वहाँ

ग. ऊपर

घ. यहाँ

ङ. नीचे

4.

क. अभी

ख. कल

ग. अब

घ. आज

ङ. रात भर

5.

क. तेज़

ख. ज़ोर-ज़ोर

ग. धीरे-धीरे

घ. भली-भाँति

ङ. ध्यानपूर्वक  

6.

क. बहुत

ख. कम

ग. बहुत

घ. अधिक, कम 

ङ. उतना, जितना

7.

क. ज़ोर – रीतिवाचक क्रियाविशेषण

ख. कल – काल/समयवाचक क्रियाविशेषण

ग. धीरे-धीरे – रीतिवाचक क्रियाविशेषण

घ. ऊपर – स्थानवाचक क्रियाविशेषण

ङ. अभी – काल/समयवाचक क्रियाविशेषण

8.

क. हमने बुढ़िया को रुपए देने से मना कर दिया।  

ख. हम पढ़कर सो जाते हैं।

ग. वे नानी से कहानियाँ सुनते हैं।   

घ. हमें लूटेरों का डर था।

ङ. पतंगें हवा में उड़तीं चली गईं।

9.

क. माँगूँ

ख. इंजन

ग. लूटेरों

घ. बँधी

ङ. पतंगें

च. माँगने

10.

सूचना  

डीएवी पब्लिक स्कूल, राँची

साइकिल चोरी होने के संदर्भ में

दिनांक – 00/00/0000

इस विद्यालय के सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि कक्षा सातवीं के श्रेय शर्मा की नीले रंग की हीरो रेंजर साइकिल स्कूल प्रांगण से दिनांक – 00/00/0000 को चोरी हो गई है। इससे जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के पास हो तो यथाशीघ्र खेल-कूद शिक्षक रामेश्वर सिन्हा से संपर्क करें।

प्रधानाचार्या

श्रीमती लेहा     

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