DAV Solution, Class 7, Gyan Abhyas Sagar Chapter – 15, Deshbhakt Puru देशभक्त पुरु

पौ फटना – भोर होना 

ज्यों – जैसे

विहग – पक्षी

डाल – शाखा

शोर – Noise

शीतल – ठंडी

मंद – धीमी

बयार – हवा

भोर – तड़का

कांधे – Shoulder

हल – किसान का हल

हल – समाधान

वृषभ – बैल

सखा – मित्र

संग – साथ

निज – अपना

कर्मक्षेत्र – कार्य स्थल

प्रात: – सुबह

लालिमा – Redness

परिश्रम – मेहनत

दीन – धर्म

दीन – गरीब

मंदिर – देवालय

खलिहान – Barn

पूजा – Worship

वंदना – इबादत

माटी – मिट्टी

भगवान – ईश्वर

कर्मभूमि – कार्यक्षेत्र

यज्ञ – हवन

सुत – बेटा

वित – धन

वनिता – पत्नी

परिवार – Family

अन्न – Grains

बाली – फसल के दाने

दर्शन – दीदार

स्वर्ग – जन्नत

द्वार – दरवाजा

मानवता – इंसानियत

मसीहा – फरिश्ता

भूख – क्षुधा

अवतारी – Incarnation

मही – पृथ्वी

परमेश्वर – ईश्वर

अन्नदाता – अन्न देने वाला किसान

कृषक – किसान

ऋणी – Debtor

सकल – Gross

जगत – दुनिया

औरों – दूसरों

सुर – लय

संत – महात्मा, Saint

संन्यासी – Hermit

गुरु – Teacher

सम – बराबर

आराध्य – जिसकी आराधना की जाए

धन्य – महान

पंचतत्त्व – अनिल, अंबु, आकाश, अग्नि, अवनि

नर – मानव

नारायण – भगवान

नमन – प्रणाम

शत्-शत् – सौ-सौ

प्रश्न 1. सुबह की हवा कैसी होती है? वह किसान को क्या कहकर जगाती है?

उत्तर – सुबह की हवा शीतल होती है। वह किसान को यह कहकर जगाती है कि भोर हो गई है, अब उठो और अपने कर्मक्षेत्र में चलो। 

प्रश्न 2. किसान अपने कर्मक्षेत्र में किसके साथ और कब पहुँचता है?

उत्तर – किसान अपने कर्मक्षेत्र यानी खेतों में हल, अपने मित्र, बैलों के साथ सूर्य की लालिमा छाने से पहले ही पहुँच जाता है। 

प्रश्न 3. कविता में किसान को किसके समान कहा गया है?

उत्तर – कविता में किसान को मानवता का मसीहा, ईश्वर का अवतार और परमेश्वर से समान कहा गया है।

प्रश्न 4. किसान को अन्नदाता क्यों कहा जाता है?

उत्तर – किसान को अन्नदाता कहा गया है क्योंकि किसान की खेती से ही पूरे मानव को अन्न प्राप्त होता है और उनका जीवन पोषित होता है। 

प्रश्न 5. किसान स्वर्ग के द्वार कब प्राप्त करता है?

उत्तर – किसान जब महीनों की कड़ी मेहनत और लगन के बाद अपने खेतों में लहलहाते फसलों में अन्न की बाली के दर्शन करता है तब किसान को ऐसा लगता है कि उसे स्वर्ग का द्वार प्राप्त हो गया है। 

प्रश्न 6. उचित उत्तर पर सही (P) का चिह्न लगाइए-

प्रश्न (क) किसान अपने भगवान को कहाँ प्राप्त करता है?

तीर्थ स्थानों में

खेतों की मिट्टी में

खेतों की फ़सलों में

हल और बैलों में

उत्तर – खेतों की मिट्टी में

प्रश्न (ख) नर रूप में किसान को क्या कहा गया है?

भगवान

अन्नदाता

नारायण

परमात्मा

उत्तर – नारायण

प्रश्न (ग) कविता में ‘धन्य’ किसे कहा गया है?

किसान को

मानवता को

पंचतत्व को

कर्मक्षेत्र को

उत्तर – पंचतत्त्व को

प्रश्न 1. पौ फटते ही कौन शोर मचाता है?

उत्तर – पौ फटते ही पक्षी शोर मचाते हैं।

प्रश्न 2. कर्मभूमि के यज्ञ में किसान का साथ कौन – कौन देता है?

उत्तर – कर्मभूमि के यज्ञ में किसान का साथ पुत्र, पत्नी, परिवार, बैल, हल और धन देता है।

प्रश्न 3. किसान को मानवता का मसीहा क्यों कहा जाता है?

उत्तर – किसान को मानवता का मसीहा कहा गया है क्योंकि संपूर्ण मानवता के  भरण-पोषण करने का काम किसान ही करता है।

प्रश्न 4. ‘तुझे नमन शत्-शत् मेरा’ में कौन किसे प्रणाम कर रहा है?

उत्तर – ‘तुझे शत्-शत् नमन मेरा’ में कवि कृषक को प्रणाम कर रहे हैं।

प्रश्न 5. ‘आराध्य’ से क्या तात्पर्य है? किसान को जगत का आराध्य क्यों कहा गया?

उत्तर – ‘आराध्य’ से तात्पर्य है जिसकी आराधना की जाए। यहाँ किसान को जगत का आराध्य कहा गया है क्योंकि किसान कड़ी मेहनत करके संपूर्ण मानवता के लिए अन्न उगाता है।

प्रश्न 1. यदि किसान अन्न, बीज न बोता तो क्या होता?

उत्तर – यदि किसान अन्न, बीज न बोता तो खेती संभव न हो पाती और न ही मानवता पोषित हो पाती।

प्रश्न 2. ‘चल उठ हो गई भोर’, यह कहकर ‘हवा’ किसान को जगाती है। यदि आपको अपने छोटे भाई या बहन को जगाना हो तो कैसे जगाएँगे?

उत्तर – यदि मुझे अपने छोटे भाई या बहन को सुबह जगाना हो तो मैं उन्हें प्यार से एक छोटी-सी कविता कहूँगा जिसे सुनकर मेरे भाई-बहन प्रफुल्लित होकर उठेंगे।

प्रश्न 1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को ध्यान से पढ़कर इन्हें उदाहरण के अनुसार हिंदी की वाक्य-रचना के अनुसार लिखिए-

उदाहरण- मानवता का तू है मसीहा

तू मानवता का मसीहा है।’

(क) कांधे रख हल चल पड़ा वह

(ख) जा पहुँचा निज कर्मक्षेत्र में

(ग) यदि न बोता अन्न बीज लू

(घ) तुझे नमन शत्-शत् मेरा।

उत्तर – क. वह कांधे पर हल रख कर चल पड़ा।

उत्तर – ख. मैं निज कर्मक्षेत्र में जा पहुँचा।

उत्तर – ग. तू यदि अन्न बीज न बोता।

उत्तर – घ. तुझे मेरा शत्-शत् नमन। 

प्रश्न 2. कविता में से ऐसी पाँच पंक्तियाँ छाँटिए जिनमें एक ही वर्ण की आवृत्ति के कारण विशेष प्रकार का सौंदर्य उत्पन्न हुआ है। यह भी बताइए कि किस वर्ण की आवृत्ति हुई है?

क. सुर, संत, संन्यासी, गुरु सम। ‘स’ वर्ण की आवृत्ति 

ख. तुझे नमन शत्-शत् मेरा। ‘श’ वर्ण की आवृत्ति

ग. मंदिर हैं मेरे खलिहान। ‘म’ वर्ण की आवृत्ति

घ. सुत, वित, वनिता और परिवार। ‘त’ वर्ण की आवृत्ति

ङ. वृषभ सखा संग ले अपने। ‘स’ वर्ण की आवृत्ति

• किसान का कर्मक्षेत्र उसके खेत हैं और वह परिश्रम कर सबकी भूख मिटाता है ।

प्रश्न 1. किसान देश के लिए अन्न उगाता है। आप अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं?

उत्तर – मैं अपने देश के लिए अनेक कार्य कर सकता हूँ, जैसे- अपने मौलिक कर्त्तव्यों का निर्वाह करके, अपने आस-पास स्वच्छता फैलाकर, समाज के उत्थान में अपनी सक्रिय भूमिका अदा करके इत्यादि।    

प्रश्न 2. किसान का कर्मक्षेत्र है- उसके खेत। आपका कर्मक्षेत्र क्या है?

उत्तर – मेरा कर्मक्षेत्र मेरी पढ़ाई है। इस क्षेत्र में मुझे बेहतरीन प्रदर्शन करके अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाना है और साथ ही साथ समाज के विकास में अपनी भूमिका अदा करनी है।

प्रश्न 1. फसल उगाने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है? क्रम से बताइए।

उत्तर – फसल उगाने के लिए सबसे पहले खेतों की जुताई करनी पड़ती है फिर बीज छींटने पड़ते हैं। इसके बाद सिंचाई की जाती है और बीज के अंकुरित होने पर खाद और कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। 

प्रश्न 2. ‘किसान’ पर आधारित कविताओं का संकलन कीजिए तथा उनमें से कोई एक कक्षा में सुनाइए।

उत्तर – छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3. निम्नलिखित फ़सलें किन-किन राज्यों में बहुत अधिक मात्रा में होती हैं? लिखिए-

उत्तर –

फसल       राज्यों के नाम

धान        उत्तर प्रदेश

गेहूँ         पंजाब

गन्ना       उत्तर प्रदेश

पाठ – 15

अन्नदाता कृषक  

रूढ़, यौगिक, योगरूढ़ शब्द

1.

क. परिश्रम

ख. संन्यासी

ग. मानवता

घ. अन्नदाता

ङ. परमेश्वर

2.

क. परिश्रम – श्रम + परि + –  

ख. संन्यासी – न्यास + सम् + ई

ग. मानवता – मानव + – + ता

घ. अन्नदाता – अन्न + – + दाता

ङ. परमेश्वर – ईश्वर + परम + – 

3.

क. मसीहा

ख. सुर

ग. संत

घ. गुरु

ङ. दीन

4.

क. जलज – जल     ज/-     कमल

ख. जलद – जल         द/-      बादल

ग. दशानन – आनन      -/दश    रावण

घ. लंबोदर – उदर        -/लंबा    गणेश

ङ. पीतांबर – अंबर   -/पीत    विष्णु

5.

क. रूढ़ शब्द – रात, कक्षा, गाय, जल, पेड़

ख. यौगिक शब्द – सफल, प्रवेश, पाठक, मित्रता, सुपुत्र

ग. योगरूढ़ शब्द – नीलकंठ, जलज, चिड़ियाघर, गिरिधर, गजानन  

6.

क. देशभक्ति – देश + भक्ति (शब्द+शब्द)

ख. निर्बल – निर् + बल (शब्दांश+शब्द)

ग. मानवीय – मानव + ईय (शब्द+शब्दांश)

घ. शांतिप्रिय – शांति + प्रिय (शब्द+शब्द)

ङ. सुकन्या – सु + कन्या (शब्दांश+शब्द)

च. गाड़ीवाला – गाड़ी + वाला (शब्द+शब्दांश)

7.

क. आशीर्वाद

ख. निर्मल

ग. दर्शन

घ. धर्म

ङ. स्वर्ग

च. वर्षा

8.

 हल      मैं           शीतल

मंदिर      अपना       पंच

9.

क. सुलभ – दुर्लभ  

ख. भूत- भविष्य

ग. मौखिक – लिखित

घ. विरोध – समर्थन

ङ. संचय – त्याग

10.

क. स्त्री-पुरुष – स्त्री और पुरुष

ख. गुण-दोष – गुण और दोष

ग. पाप-पुण्य – पाप और पुण्य

घ. सुख-दुख – सुख और दुख

ङ. हानि-लाभ – हानि और लाभ

च. राधा-कृष्ण – राधा और कृष्ण

11.

क. संन्यासी – संन्यासी को भौतिक चीज़ों की चाह नहीं होती।

ख. धन्य – बाबा रामदेव के दर्शन पाकर मैं धन्य हो गया।

ग. खलिहान – खलिहान में फसलों को रखा जाता है।

घ. भोर – भोर होते ही किसान उठ जाते हैं।

12. अनुच्छेद लेखन  

यह दृश्य किसी बाज़ार के व्यस्त सड़क का है जहाँ धीमी-धीमी  बारिश हो रही है। आइसक्रीम विक्रेता व्यापार करता हुआ दिख रहा है। एक दंपति बेबी ट्रॉली में अपने शिशु को लेकर सड़क पार कर रहे हैं। एक छोटा बालक फुटबॉल उठा रहा है। एक सज्जन दूसरे व्यक्ति को कहीं का पता बता रहे हैं। एक व्यक्ति कार की डिक्की से कुछ निकाल रहा है। एक वृद्ध व्यक्ति का पैर फिसल जाने की वजह से वे गिर पड़े हैं। उसे देखकर एक कार चालक व्यथित हो उठा है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि लगभग सभी ने छाते लगा रखे हैं।  

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